एग़्जिट पोल; MP सरकार को ख़तरा नहीं & Bihar महागठबंधन को साफ बढ़त
बिहार : NDA की विदाई? टाइम्स नाऊ-सी वोटर के एग्जिट पोल के अनुसार एनडीए को राज्य की 243 विधानसभा सीटों में से 116 सीटें मिल सकती हैं. वहीं महागठबंधन के खाते में 120 सीटें जा सकती हैं. चिराग पासवान की पार्टी एलजीपी को केवल एक सीट से संतोष करना पड़ सकता है जबकि अन्य को 6 सीटें मिल सकती हैं.
आज तक- एक्सिस माइ इंडिया के एग़्जिट पोल का अनुमान है कि मध्य प्रदेश में बीजेपी को 16-18 सीटें मिल सकती हैं, जबकि कांग्रेस को 10-12 सीटें हासिल हो सकती हैं। बीएसपी को एक सीट मिलने की संभावना है।
मध्य प्रदेश विधानसभा की 28 सीटों के लिए हुए उपचुनाव के नतीजे तो 10 नवंबर को आएंगे लेकिन शनिवार को आया इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया का एग्जिट पोल बताता है कि शिवराज सिंह चौहान की सरकार को ख़तरा नहीं है। लेकिन जिस तरह के प्रदर्शन की उम्मीद बीजेपी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से लगाई है, वैसा होता नहीं दिख रहा है।
मध्य प्रदेश विधानसभा की 28 सीटों पर उपचुनाव हुए हैं। आज तक एक्सिस माइ इंडिया का अनुमान सही साबित हुआ तो मध्य प्रदेश की सरकार को सहारा मिलेगा। एग़्जिट पोल का यह अनुमान भी है कि बीजेपी के 46 प्रतिशत और कांग्रेस को 43 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए मतदान ख़त्म हो चुका है और इन वोटों की गिनती 10 नवंबर को होगी। लेकिन कई टेलीविज़न चैनलों ने अलग-अलग एजेन्सियों के साथ मिल कर एग़्जिट पोल किए हैं। इनके नतीजे दिलचस्प हैं।
तेजस्वी की रैलियों में उमड़ी भीड़, युवाओं का समर्थन, 10 लाख नौकरियों का वादा और चुनावी जातीय कार्ड ने रंग दिखाया तो उनके लिए एक अन्ने मार्ग (सीएम हाउस) का रास्ता प्रशस्त है ?
एबीपी-सी वोटर एग़्जिट पोल का अनुमान है कि बिहार विधानसभा चुनावों में बीजेपी की अगुआई वाले गठबंधन को 104-128 सीटें मिल सकती हैं। दूसरी ओर राष्ट्रीय जनता दल के महागठबंधन को 108-131 सीटें हासिल हो सकती हैं। इसके अलावा यह अनुमान भी है कि लोक जनशक्ति पार्टी को 1-2 सीटें मिल सकती हैं, अन्य को 4-8 सीटें मिल सकती हैं।
एबीपी न्यूज़-सीवोटर के एग्जिट पोल के मुताबिक, नीतीश कुमार की जेडीयू को 38-46 सीटें मिल सकती हैं और बीजेपी को 66-74 सीटें मिलती दिख रही है। वीआईपी को 0-4 सीटें और हम को 0-4 सीटें मिलने का अनुमान है।
इस चुनाव में नीतीश कुमार की जेडीयू ने 115 सीटों पर बीजेपी ने 110, विकासशील इन्सान पार्टी ने 11 और जीतनराम मांझी की हम (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) ने 7 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं।राष्ट्रीय जनता दल 144 सीटों पर चुनाव लड़ रहा है और इसके सहयोगियों में कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव मैदान में है। इसके अलावा सीपीआईएमएल 19, सीपीआई 6 सीटों पर और सीपीआईएम 4 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं।
टाइम्स नाउ- सी वोटर के एग़्जिट पोल का नतीजा थोड़ा अलग है। इस एग़्जिट पोल में पाया गया है कि महागठबंधन को 120 सीटें मिल सकती हैं जबकि एनडीए को 116 सीटें हासिल हो सकती हैं। एलजेपी को सिर्फ एक सीट मिल सकती है जबकि अन्य को 6 सीटें मिल सकती हैं।
बिहार में बीजेपी ने पूरी ताकत लगाई, घोषणा पत्र की लॉन्चिंग के लिए सीधे देश की खजाना मंत्री को उतार दिया.पीएम मोदी को अंतिम चुनावी रैलियों में हिन्दूवादी एजेंडे को आत्मसाथ करना पड़ा और सहरसा की रैली में जयश्री राम और भारत माता की जयकारे लगवाए.बीजेपी ने आखिरी दौर में ध्रुवीकरण के लिए योगी आदित्यनाथ को भी उतारा, जिन्होंने राम मंदिर निर्माण का श्रेय पीएम मोदी को देकर हिन्दू अस्मिता को जगाने की कोशिश की. साथ ही नागरिकता संशोधन कानून पर बयान देकर हिन्दू वोटरों को लुभाने की कोशिश की. सीएम नीतीश कुमार को भी पूर्णिया के धमदाहा में अपनी अंतिम चुनावी सभा में इमोशनल कार्ड फेंकना पड़ा और उन्होंने इसे अपने जीवन का अंतिम चुनाव करार दिया.
31 साल के नौसिखिया नेता ने नीतीश और मोदी को नाको चने चबवा दिएमहागठबंधन की तरफ से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और राज्य के बड़े नेता लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने चुनावों में न केवल युवाओं के बीच अपनी पैठ बनाई और पूरे चुनाव आकर्षण का केंद्र बने रहे बल्कि उन्होंने विपक्षी स्टार प्रचारकों- आकर्षक और दमदार छवि वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विकासपुरुष की छवि गढ़ने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार- को विकास के मुद्दों से हटाकर व्यक्तिगत आरोपों का तीर चलाने और कीड़ उछालने पर मजबूर कर दिया.तेजस्वी की चुनावी रैलियों में उमड़ती भीड़ और राज्य के युवाओं में बेरोजगारी पर उपजा नीतीश सरकार के खिलाफ असंतोष देखकर ही चुनाव के पहले चरण के दिन अपनी चुनावी सभा में पीएम मोदी ने तेजस्वी को ‘जंगलराज का युवराज’ कह डाला. पीएम मोदी ने लालू-राबड़ी शासनकाल को जंगलराज कहकर मतदाताओं को एक तरह से तेजस्वी के खिलाफ भड़काने की कोशिश की. एक तरह से कहें तो पीएम ने तेजस्वी के सामने अपने विकास रूपी हथियार का समर्पण कर दिया.
आज तक- एक्सिस माइ इंडिया ने अपने एग़्जिट पोल में पाया है कि बिहार में 42 प्रतिशत लोगों ने विकास के मुद्दे पर वोट किया जबकि 30 प्रतिशत लोगों ने बेरोज़गारी और 11 फीसदी लोगों ने महंगाई के मुद्दे पर मतदान किया।
इसके अनुसार, 44 प्रतिशत लोगों ने तेजस्वी यादव को बिहार के अगले मुख्यमंत्री के रूप में देखा है। दूसरी ओर, 35 प्रतिशत मतदाताओं ने नीतीश कुमार को और सिर्फ 3 फीसदी लोगों ने सुशील कुमार मोदी को अगला सीएम माना है। इसके अलावा 7 फीसदी लोगों ने एलजेपी के प्रमुख चिराग पासवान को अगला मुख्यमंत्री माना है। आज तक- एक्सिस माइ इंडिया के एग़्जिट पोल के अनुसार, बिहार में 42 फीसदी लोगों ने विकास के मुद्दे पर वोट किया। वहीं, 30 फीसदी बेरोजगारी और 11 फीसदी लोगों ने महंगाई के मुद्दे पर वोट डाला है।
टीवी9 भारतवर्ष ने अपने एग़्जिट पोल में पाया है कि महागठबंधन और एनडीए के बीच ज़ोरदार टक्कर होगी। महागठबंधन को 115-125 सीटें मिल सकती हैं जबकि एनडीए को 110-120 सीटें हासिल हो सकती हैं। इसके पोल में लोक जनशक्ति पार्टी 3-5 सीटें हासिल करती दिख रही हैं।
रिपब्लिक-जन की बात ने जो एग़्जिट पोल किया है, उसके अनुसार, महागठबंधन को साफ बढ़त मिल दिख रही है। इसके मुताबिक़, महागठबंधन को 118-138 सीटें हासिल हो सकती है। दूसरी ओर, एनडीए को 91-117 सीटें मिलने का अनुमान है। लेकिन लोक जनशक्ति पार्टी को सिर्फ 5-8 सीटें ही मिल सकती हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन ने 178 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया था और एनडीए के हाथ सिर्फ 58 सीटें लगी थीं। लेकिन उस गठबंधन में जनता दल युनाइटेड था। 2017 में नीतीश कुमार महागठबंधन से अलग होकर एनडीए में चले गए थे।
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की चौथी पारी खेल रहे शिवराज सिंह के लिए भी उपचुनाव के नतीजे बेहद अहम रहने वाले हैं। सिंधिया के बाद उनका चेहरा इन उपचुनावों में सबसे आगे रहा है।
MP; इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया का एग्जिट पोल कहता है कि बीजेपी को 28 में से 16-18 जबकि कांग्रेस को 10-12 सीटें मिल सकती हैं। इसका सीधा मतलब यह है कि शिवराज सिंह चौहान की सरकार बची रहेगी क्योंकि अपनी सरकार के बहुमत के लिए उन्हें 8 सीटों पर जीत चाहिए। मध्य प्रदेश विधानसभा में बीजेपी के पास अभी 107 सीटें हैं। जबकि कांग्रेस के पास 87 सीटें हैं। बीएसपी के पास दो, एसपी के पास एक और चार विधायक निर्दलीय हैं। उपचुनाव के बीच में कांग्रेस के एक और विधायक राहुल सिंह लोधी ने इस्तीफा दिया है। इसलिए अभी जोर-आजमाइश 229 सीटों के हिसाब से होगी। ऐसे में स्पष्ट बहुमत का आंकड़ा 115 है।
इस हिसाब से बीजेपी को आठ सीटें मिल गईं तो भी वह बहुमत में आ जायेगी। वैसे बीजेपी ने बीएसपी के दो, एसपी के एक और चारों निर्दलीय विधायकों को कमलनाथ सरकार के गिरने के बाद से ही साध रखा है। लेकिन अपने विधायकों के दम पर सरकार चलाने के लिए 8 विधायकों को जिताना ज़रूरी है। राज्य की जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हुआ, उनमें से साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने से 27 सीटें हासिल की थीं। सिर्फ़ आगर सीट बीजेपी के खाते में गई थी।