किसान आंदोलन के 6 माह- 40 किसान संघों का ऐलान 26 मई को ‘काला दिवस’ – सरकार बात नहीं करेगी, बडा फैसला लेगे-टिकैत
15 May 2021: एनसीआरसंयुक्त किसान मोर्चा का ऐलान- आंदोलन के छह महीने होने पर 26 मई को मनाएगा ‘काला दिवस‘ मनाएंगे किसान … राजेवाल ने कहा कि 26 मई को इस प्रदर्शन के छह महीने हो जाएंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरकार बनाने के सात साल पूरे होने के अवसर पर यह हो रहा है। हम इसे काला दिवस के तौर पर मनाएंगे।
वही दूसरी ओर इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई 2021 को लगने जा रहा है
नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे 40 किसान संघों के प्रधान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने शनिवार को कहा कि दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे प्रदर्शन के छह माह होने पर 26 मई को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाया जाएगा।
इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait, National Spokesperson of Bharatiya Kisan Union) का कहना है कि लगता है केंद्र सरकार किसान संगठनों से बात नहीं करेगी। ऐसे में आगामी 26 मई के बाद कोई बड़ा फैसला लिया जाएगा। राकेश टिकैत ने पिछले दिनों कहा है कि 26 मई को जब किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे होंगे तब संयुक्त किसान मोर्चा एक बड़ा फैसला लेगा।
राकेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा कि 26 तारीख को 6 महीने पूरे हो जाएंगे आंदोलन को। हम पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश से यही कह कर आए थे कि 6 महीने का राशन लेकर किसान दिल्ली की तरफ चले। लेकिन लगता है कि सरकार बातचीत नहीं करेगी तो आगे का प्रोग्राम हमें बनाना पड़ेगा।
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26 मई को इस प्रदर्शन के छह महीने हो जाएंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरकार बनाने के सात साल पूरे होने के अवसर पर यह हो रहा है। हम इसे काला दिवस के तौर पर मनाएंगे। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत पानी की बौछारों और अवरोधकों का सामना करते हुए बड़ी संख्या में किसान 26 नवंबर को दिल्ली की सीमाओं पर आए थे। आगे के महीनों में राजधानी दिल्ली के करीब टीकरी, सिंघु और गाजीपुर बॉर्डर पर देशभर से हजारों किसान आ जुटे।
नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) को लेकर केंद्र (Central Government) के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। दिल्ली के बॉर्डर (Delhi Border) पर कई महीने से अपनी मांगों को लेकर डटे हुए है। वहीं केंद्र ने अभी तक उनकी मांगे नहीं मानी है तो किसान भी अपने घर को वापस नहीं लॉटे है। इस कोरोना महामारी (Corona Pandemic) में भी नियमों का पालन कर विरोध-प्रदर्शन कर रहे है। इसी बीच संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने ऐलान किया है। किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के छह महीने पूरे होने पर 26 मई को ‘काला दिवस’ (26 May Black Day) के रूप में मनाया जाएगा। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में लोगों से 26 मई को अपने घरों, वाहनों, दुकानों पर काला झंडा लगाने की अपील की है।
राजेवाल ने कहा कि सरकार तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को नहीं सुन रही है और उर्वरकों, डीजल और पेट्रोल की कीमतें बढ़ने से खेती करना संभव नहीं रह गया है। उन्होंने लोगों से 26 मई को ‘काला दिवस’ मनाते हुए किसानों का समर्थन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि हम देश के लोगों से अपने मकानों, दुकानों, ट्रकों और अन्य वाहनों पर काले झंडे लगाने की अपील करते हैं। हम विरोध के तौर पर प्रधानमंत्री का पुतला भी जलाएंगे।
उन्होंने कहा कि 26 मई को इस प्रदर्शन के छह महीने हो जाएंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सरकार बनाने के सात साल पूरे होने के अवसर पर यह हो रहा है। हम इसे काला दिवस के तौर पर मनाएंगे। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत पानी की बौछारों और अवरोधकों का सामना करते हुए बड़ी संख्या में किसान 26 नवंबर को दिल्ली की सीमाओं पर आए थे। आगे के महीनों में राजधानी दिल्ली के बॉर्डरों पर हजारों किसान आ जुटे थे।
राकेश टिकैत ने पूर्व की तरह इस बार भी कहा कि केंद्र सरकार प्रदर्शनकारियों का बदनाम कर रही है। भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर के बॉर्डर पर बैठे किसानों के खिलाफ गलत प्रचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा है कि आम जनता के बीच यह गलत जानकारी फैलाई जा रही है कि धरने पर बैठे किसान प्रदर्शनकारी कोविड 19 के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। धरने पर बैठे किसान शारीरिक दूरी के साथ मास्क भी लगा रहे हैं। सरकार जानबूझकर किसानों के खिलाफ यह दुष्प्रचार कर रही है
वही दूसरी ओर इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई 2021 को लगने जा रहा है इस दिन वैशाख पूर्णिमा भी पड़ रही है. इसलिए ये चंद्र ग्रहण काफी महत्वपूर्ण होगा. भारत में ये उपछाया ही रहेगा. चंद्र ग्रहण का विभिन्न राशियों पर प्रभाव पड़ सकता है. नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं।
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