‘दंगल’ फिल्म ; सब परफेक्ट

हरियाणा के पहलवान  पर आधारित फिल्म # स्टार कास्ट: आमिर खान, सांक्षी तवर, फातिमा सना शेख, सान्या मल्होत्रा, ज़ायरा वसीम, सुहानी भटनागर, अपारशक्ति खुराना
डायरेक्टर: नितेश तिवारी रेटिंग: ****

खेल पर बहुत सारी फिल्में बनी हैं लेकिन ‘दंगल’ फिल्म सबसे अलग है. इसे फिल्म को ज्यादा फिल्मी ना बनाते हुए डायरेक्टर नितेश तिवारी ने इस तरह परदे पर उकेरा है कि हर सीन, हर एक्सप्रेशन, हर डायलॉग सब परफेक्ट है. करीब दो घंटे 50 मिनट की ये फिल्म आपको बांधे रखती है. फिल्म के हर सिचुएशन के साथ आप खुद को जोड़कर देखने लगते हैं. फिल्म में कॉमिक टाइमिंग इतनी सटीक है कि आप हंसते भी हैं और इमोशनल सीन में रोते भी हैं. दंगल’ हरियाणा के पहलवान महावीर सिंह फोगट के जीवन पर आधारित फिल्म है. एक बेटे के इंतजार में महावीर सिंह फोगट की चार बेटियां पैदा हो जाती हैं. महावीर सिंह को बेटा चाहिए क्योंकि वो अपना सपना अपने बेटे से साकार करना चाहता है. लेकिन सारे टोटके आजमा चुके फोगाट को उस समय जिंदगी में ‘किक’ मिलती है जब उसकी बेटियां अपने दांव-पेच से एक लड़के को पीट देती हैं. (ये एकदम वही वाली किक है जो सलमान खान अपनी फिल्म में ढ़ूढ रहे होते हैं.) इसके बाद ही महावीर सिंह अपनी बेटियों गीता और बबीता को कुश्ती के गुर सिखाकर उन्हें रेसलिंग का चैंपियन बनाता है.

लेकिन इस बीच किन उतार-चढ़ाव से उसे गुजरना पड़ता है और कितनी जलालत झेलनी पड़ती है ये भी दिखाया गया है. जैसा कि एक डायलॉग आपने ट्रेलर में देखा होगा कि ‘मेडलिस्ट पेड़ पर नहीं उगते, उन्हें बनाना पड़ता है  प्यार से, मेहनत से, लगन से….’. इस फिल्म की ये एक लाइन अपने आप में सारे दर्द बयां कर जाती है. बाप-बेटी के रिश्ते पर बनी ये फिल्म उनके प्यार, तकरार और फटकार तक सब कुछ दिखाती है. इस फिल्म में अपनी मंझी हुई और बेहतरीन एक्टिंग से आमिर खान ने ये साबित कर दिया है कि उन्हें मिस्टर परफेक्शनिस्ट यूं ही नहीं कहा जाता. इस भूमिका को जीवंत करने के लिए आमिर खान ने महावीर सिंह की जिंदगी को जिया है. उनकी तरह दिखने के लिए आमिर ने अपना वजन बढ़ाया है, उनकी तोंद निकली हुई है. ये सब देखकर आप फिल्म देखते समय ये भूल जाते हैं कि आप एक सुपरस्टार को देख रहे हैं.

फिल्म में रेसलिंग के कुछ ऐसे सीन हैं, शॉट्स हैं, जिन्हें देखते समय आप अपनी सांसे रोक लेते हैं. एक मध्यमवर्गीय परिवार अगर अपनी बेटियों को पहलवान बनाने की सोचे तो उसे किस स्थिति का सामना करना पड़ेगा, ये सब फिल्म के फर्स्ट हाफ में दिखाया गया है. लेकिन इंटरवल के बाद फिल्म ऐसी रफ्तार पकड़ती है कि में स्टेट लेवल से लेकर गोल्ड जीतने तक की दर्शक दिल थाम कर सिर्फ फिल्म देखता है ये डायरेक्टर की चतुराई ही है कि फिल्म में रेसलिंग की कुछ बारीक बातें ऐसे बता दी गई है जिससे दर्शकों को भी समझने में परेशानी ना हो. जैसे कि रेसलिंग में कब कितने प्वाइट्स मिलते हैं. फिल्म में बारीक चीजों पर भी मेहनत की गई है ताकि सीन परफेक्ट बनाया जा सके. करीब दो घंटे 50 मिनट की इस फिल्म में आप कही भी बोरियत महसूस नहीं करेंगे.

अभिनय

इस फिल्म में गीता और बबीता के बचपन का रोल जायरा वसीम और सुहानी भटनागर ने किया है तो वहीं बड़े होने के बाद की भूमिका फातिमा सना शेख और सान्या मल्होत्रा ने किया है. यहां अगर ज़ायरी की बात ना करें तो बेमानी होगी. ज़ायरा ने गीता को भूमिका को मजबूती दी है तो फातिमा ने उसे दमदार बना दिया है. ज़ायरा अपने रौबदार एडिट्यूड से गीता की भूमिका को और भी धाकड़ बना देती हैं.

इस फिल्म में सिर्फ आमिर खान परफेक्ट नहीं बल्कि उन्हीं की तरह इन चारों छोरियों ने भी अपना परफेक्शन दिखलाया है. इस रोल के लिए इन्होंने कई महीनों तक ट्रेनिंग ली है और वो मेहनत पर्दे पर साफ झलकती है.

इस फिल्म में सांक्षी तवर ने पास जितना कुछ भी है उन्होंने अच्छा किया है. इसमें महावीर सिंह फोगट के भतीजे की भूमिका में अपारश्कित खुराना ने जान भर दी है.

 

(www.himalayauk.org) HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND

world wide Web Media

Lading Digital Newsportal & Daily Newspaper

publish at Dehradun & Haridwar; CS JOSHI- EDITOR- 9412932030

mail; csjoshi_editor@yahoo.in

(www.himalayauk.org) HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND

world wide Web Media

Lading Digital Newsportal & Daily Newspaper

publish at Dehradun & Haridwar; CS JOSHI- EDITOR- 9412932030

mail; csjoshi_editor@yahoo.in

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *