जी रये जागी रये, यो दिन यो बार भेंटने रये। घी-त्यार उत्तराखंड का प्रमुख लोकपर्व – 17 अगस्त 2022 बुधवार- सभी राशियों पर सूर्य का असर- वृश्चिक और मीन राशि अच्छे बदलाव होने की संभावना

जी रये जागी रये, यो दिन यो बार भेंटने रये। दुब जस फैल जाए, बेरी जस फली जाईये। हिमाल में ह्युं छन तक, गंगा ज्यूँ में पाणी छन तक,यो दिन और यो मासभेंटने रये।। आप आसमान के बराबर ऊँचे हो जाओ , धरती के जैसे चौड़े हो जाओ। आपका बुद्धि चातुर्य सियार जैसा तीव्र हो। आपके शरीर मे चीते की जैसी ,ताकत और फुर्ती हो। आप सदा जीते रहे, खुश रहें और हमारी मुलाकात सदा यू ही होती रहें।- By Chandra Shekhar Joshi Editor; www.himalayauk.org (Leading Newsportal & Print Media) Mob. 9412932030 Mail; himalayauk@gmail.com सूर्य के राशि परिवर्तन का 12 राशियों पर असर (डॉ. गणेश मिश्र के मुताबिक)

ghee sankranti 2022 में घी संक्रांति 17 अगस्त 2022 को बुधवार के दिन– उत्तराखंड की लोक मान्यता के अनुसार इस दिन घी खाना जरूरी होता है। कहते हैं, जो इस दिन घी नही खाता उसे अगले जन्म में घोंघा( गनेल) बनना पड़ता है। घी त्यार के दिन खाने के साथ घी का सेवन जरूर किया जाता है, और घी से बने पकवान बनाये जाते हैं। इस दिन सबके सिर में घी रखते हैं। बुजुर्ग लोग जी राये जागी राये के आशीर्वाद के साथ छोटे बच्चों के सिर में घी रखते हैं। और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में घी, घुटनो और कोहनी में लगाया जाता है।

सभी राशियों पर सूर्य का असर

17 अगस्त, बुधवार को सूर्य अपनी राशि में यानी सिंह राशि में आ जाएगा। इससे सूर्य का शुभ प्रभाव और बढ़ जाएगा। इस राशि में ये ग्रह अगले महीने 16 सितंबर तक रहेगा। इस दौरान सभी राशियों पर सूर्य का असर पड़ेगा। सूर्य के सिंह राशि में आने से इसे सिंह संक्रांति कहा जाएगा। सूर्य के शुभ प्रभाव से मिथुन, तुला, वृश्चिक और मीन राशि वाले लोगों के जीवन में अच्छे बदलाव होने की संभावना है। वहीं वृष, कन्या और मकर राशि वाले लोगों को संभलकर रहना होगा। इनके अलावा मेष, कर्क, सिंह, धनु और कुंभ राशि वाले लोगों पर सूर्य का मिला-जुला असर रहेगा। पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के मुताबिक 16 जुलाई से सूर्य कर्क राशि में है और अपने शत्रु ग्रह यानी शनि से दृष्टि संबंध बना रहा है। इस अशुभ योग के कारण कई लोग पिछले एक महीने से परेशान चल रहे हैं। लेकिन 17 अगस्त को सूर्य के राशि बदलने पर कई लोगों को इस अशुभ योग से राहत मिलने लगेगी।

आज के दिन घी खाने का महत्व है. उत्तराखंड में ये मान्यता है कि आज जो घी नहीं खाता वो घोंघा यानी गनेल के रूप में जन्म लेता है. ये भी मान्यता है कि इस दिन घी खाने से राहु-केतु के अशुभ प्रभाव से बच जाते हैं पूर्वजों के अनुसार मान्यता है कि अखरोट का फल घी-त्यार के बाद ही खाया जाता है. इसी वजह से घी त्यार मनाया जाता है. उत्तराखंड के सभी लोक पर्वो की तरह घी संक्रांति भी प्रकृति एवं स्वास्थ्य को समर्पित त्योहार है. पूजा-पाठ करके इस दिन अच्छी फसलों की कामना की जाती है. जीवन में प्रगति करनी है तो चुस्ती-फुर्ती जरूरी है. इसलिए शायद ये मान्यता है कि घोंघा न बनना पड़े लोग इस संक्रांति पर घी का सेवन करते हैं. इस दिन घी से पकवान बनाए जाते हैं. इस दिन सबके सिर में घी लगाते हैं. बुजुर्ग लोग जी रये जागी रये के आशीर्वाद के साथ छोटे बच्चों के सिर में घी लगाते हैं. कई जगह घी, घुटनों और कोहनी में भी लगाया जाता है.

घी संक्रान्ति के दिन , बड़े बुजुर्ग अपने से छोटो के सिर में और नवजात बच्चों के तलवो में घी लगाते हुए आशीष वचन जी राये जागी राये बोल कर अपना आशीर्वाद देते हैं। घी संक्रांति की शुभकामनाएं देते हैं।

घी-त्यार भारतीय राज्य उत्तराखण्ड का एक लोक उत्सव है। यह त्यौहार भी हरेले की ही तरह ऋतु आधारित त्यौहार है। हरेला जहाँ बीजों को बोने और वर्षा ऋतु के आगमन का प्रतीक त्यौहार है, वहीं घी-त्यार फसलों में बालियों के लग जाने पर मनाया जाने वाला त्यौहार है।

घी संक्रांति उत्तराखंड का प्रमुख लोकपर्व है। घी संक्रांति, घी त्यार ,ओलगिया या घ्यू त्यार प्रत्येक वर्ष भाद्रपद माह की सिंह संक्रांति के दिन मनाया जाता है। 2022 में घी संक्रांति 17 अगस्त 2022 को बुधवार के दिन मनाई जाएगी। इस दिन से सूर्य भगवान सिंह राशी में विचरण करेंगे।

भगवान सूर्यदेव जिस तिथि को अपनी राशी परिवर्तन करते है। उस तिथि को संक्रांति कहा जाता है। और उत्सव मनाए जाते हैं। उत्तराखंड में मासिक गणना के लिए सौर पंचांग का प्रयोग होता है। प्रत्येक संक्रांति उत्तराखंड में माह का पहला दिन होता है, और उत्तराखंड में पौराणिक रूप से और पारम्परिक रूप से प्रत्येक संक्रांति को लोक पर्व मनाया जाता है। इसीलिए उत्तराखंड में कहीं कही स्थानीय भाषा मे त्यौहार को सग्यान (संक्रांति ) कहते हैं।

सूर्य के राशि परिवर्तन का 12 राशियों पर असर (डॉ. गणेश मिश्र के मुताबिक)

पौराणिक मान्यताओं एवं आयुर्वेद के अनुसार घी संक्रांति के दिन घी का सेवन करने से निम्न लाभ होते है –

घी संक्रांति के दिन घी का सेवन करने से ग्रहों के अशुभ प्रभावों से रक्षा होती है। कहा जाता है, जो इस दिन घ्यू (घी ) का सेवन करते हैं,उनके जीवन मे राहु केतु का अशुभ प्रभाव नही पड़ता है। घी को शरीर मे लगाने से, बरसाती बीमारियों से त्वचा की रक्षा होती है। सिर में घी रखने से सिर की खुश्की नही होती। मनुष्य को चिंताओ और व्यथाओं से मुक्ति मिलती है। अर्थात सुकून मिलता है। बुद्धि तीव्र होती है। इसके अलावा शरीर की कई व्याधियां दूर होती हैं। कफ ,पित्त दोष दूर होते है। शरीर बलिष्ठ होता है।

घी संक्रांति या घी त्यार के दिन दूध दही, फल सब्जियों के उपहार एक दूसरे को बाटे जाते हैं। इस परम्परा को उत्तराखंड में ओग देने की परम्परा या ओलग परम्परा कहा जाता है। इसीलिए इस त्यौहार को ओलगिया त्यौहार, ओगी त्यार भी कहा जाता है। यह परम्परा चंद राजाओं के समय से चली आ रही है, उस समय भूमिहीनों को और शासन और समाज मे वरिष्ठ लोगों को उपहार दिए जाते थे। इन उपहारों में काठ के बर्तन ( स्थानीय भाषा मे ठेकी कहते हैं ) में दही या दूध और अरबी के पत्ते और मौसमी सब्जी और फल दिये जाते थे। अंग्रेजी शासन काल में बड़े दिन की डाली के रूप में दी जाने वाली भेंट के सामान ,एक ठेकि दही ,मुट्ठीभर गाबा ( अरबी की कोपलें ) भुट्टे खीरे आदी दिए जाते थे। बड़े दिन का उपहार भाद्रपद के इस दिन नियत किया गया था। क्युकी इस दिन या इस महीने उपहार के सारे सामान आसानी से उपलब्ध हो जाते थे। यही परम्परा आज भी चली आ रही है। (ghee sankranti 2022 ) इस दिन अरबी के पत्तों का मुख्यतः प्रयोग किया जाता है। सर्वोत्तम अरबी के पत्ते और मौसमी फल सब्जियां और फल अपने कुल देवताओं को चढ़ाई जाती है। उसके बाद गाँव के प्रतिष्ठित लोगो के पास ( पधान जी ) उपहार लेकर जाते हैं। फिर रिश्तेदारों को दिया जाता है।

इस शुभ दिन पर हर वर्ष मुलाकात करते रहना। जैसी दूर्वा अपनी मजबूत पकड़ के साथ धरती में फैलती जाती है, वैसे आप भी सम्रद्ध होना। बेरी के पौधों की तरह आप भी विपरीत परिस्थितियों में भी फलित, और फुलित रहना। जब तक हिमालय में बर्फ रहेगी,और जब तक गंगा जी मे पानी रहेगा, अर्थात अन्तन वर्षो तक तुमसे मुलाकात होती रहे ,ऐसी कामना है ।

सूर्य के राशि परिवर्तन का 12 राशियों पर असर (डॉ. गणेश मिश्र के मुताबिक)

मेष: सूर्य के राशि बदलने से मेष राशि वाले लोगों की योजनाएं पूरी होंगी। फायदे वाला समय रहेगा। लेकिन लव लाइफ के लिए समय ठीक नहीं है। अनबन होने के योग बन रहे हैं। झूठे वादे करने से बचना होगा। नौकरीपेशा लोगों की योजनाएं पूरी होंगी। हर काम सावधानी से करना होगा। ऑफिस में होने वाली राजनीति से खुद को दूर रखना होगा।..

वृष: सूर्य के प्रभाव से सरकारी प्रॉपर्टी से जुड़े विवाद होने की आशंका है। मानसिक तनाव और गुस्सा बढ़ सकता है। माता की सेहत को लेकर चिंता रहेगी। नौकरीपेशा और बिजनेस करने वाले लोगों के कामकाज में रुकावटें आने के योग बन रहे हैं।

मिथुन: सरकार से फायदा मिल सकता है। पारिवारिक जीवन अच्छा रहेगा। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। राजनीति से जुड़े लोगों को सफलता मिल सकती है। मेहनत बढ़ेगी लेकिन सफलता के योग हैं। लेखन या मीडिया से जुड़े लोगों के लिए अच्छा समय रहेगा।

कर्क: पारिवारिक जीवन के लिए समय शुभ रहेगा। आमदनी बढ़ सकती है। दांपत्य जीवन के लिए समय शुभ है। नौकरी और बिजनेस में आगे बढ़ने के मौके मिलेंगे। सेविंग खत्म हो सकती है। गुप्त बातें भी उजागर होने की आशंका है।सिंह: लीडरशीप और मैनेजमेंट क्वालिटी बढ़ेगी। अधिकारियों से मदद मिलेगी। प्रमोशन के योग हैं। रोजमर्रा के कामों में सफलता मिलने के योग हैं। लेकिन दांपत्य जीवन में तनाव बढ़ सकता है। आत्मविश्वास बढ़ेगा। रुके हुए और बड़े काम पूरे हो जाएंगे।कन्या: कामकाज में चुनौतियां बढ़ सकती हैं। फालतू खर्चा बढ़ने के योग हैं। आंखों से संबंधित परेशानी हो सकती है। वाहन चलाते समय सावधान रहना होगा। चोट लगने की आशंका है। आलस्य के कारण असफल हो सकते हैं।तुला: दोस्तों और भाइयों से मदद मिलेगी। नौकरीपेशा और बिजनेस करने वाले लोगों के लिए अच्छा समय है। अधिकारियों से मदद मिल सकती है। आगे बढ़ने के मौके मिल सकते हैं। दांपत्य जीवन के लिए अच्छा समय है।

वृश्चिक: नौकरीपेशा लोगों के काम से अधिकारी खुश होंगे। नई जिम्मेदारी मिलेगी। कामकाज की तारीफ होगी। प्रॉपर्टी में फायदा मिलेगा। रुका हुआ पैसा मिल सकता है। सुख बढ़ेगा। बिजनेस में फायदा बढ़ सकता है।

धनु: किस्मत का साथ मिलेगा। मेहनत का फायदा भी मिलेगा। भाइयों और दोस्तों से मदद मिल सकती है। मेहनत बढ़ेगी। नए काम शुरू होंगे और पूरे भी हो जाएंगे। भाइयों और दोस्तों से भी विवाद हो सकते हैं। सेहत अच्छी रहेगी।

मकर: दुश्मनों के कारण परेशान हो सकते हैं। रहने या कामकाज करने की जगह में बदलाव के योग हैं। जीवन में अनचाहे बदलाव हो सकते हैं। सेहत को लेकर सावधान रहना होगा। यात्राओं में नुकसान हो सकता है।

कुंभ: दांपत्य जीवन के लिए समय ठीक नहीं है। पारिवारिक मामलों में विवाद हो सकता है। वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। सेहत में सुधार होने के योग हैं। रोजमर्रा के कामकाज समय से पूरे होंगे।

मीन: सेहत के लिए अच्छा समय है। दुश्मनों पर जीत मिल सकती है। कोर्ट-कचहरी के कामों में सफलता मिल सकती है। मानसिक शांति मिलेगी। दूर स्थानों की यात्रा होने के योग बन रहे हैं। नौकरी या बिजनेस में बदलाव में सफलता के योग हैं।

by Chandra shekhar Joshi Editor Mob. 9412932030

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *