महात्मा गांधी के पौत्र ने दिया जवाब अमित शाह की टिप्पणी का
महात्मा गांधी के एक और पोते गोपालकृष्ण गांधी ने भी शाह के बयान पर कमेंट किया है। गोपालकृष्ण ने कहा, “मुझे तो चतुर बनिया बयान पर हंसी आती है। हालांकि ऐसा कहना ठीक नहीं है, यह एक शरारत है।” उधर, हिस्टोरियन रामचंद्र गुहा ने कहा, “अमित शाह का ये कमेंट ओछा और असभ्य है।” कांग्रेस के सख्त एतराज जताने पर शाह ने कहा, “जिस मीटिंग में मैंने गांधी जी को चतुर बनिया कहा था, वहां मौजूद हर कोई जानता है कि मैंने किस मकसद से ऐसा कहा था।”
नई दिल्ली: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पौत्र राजमोहन गांधी ने कहा कि ‘ब्रिटिश शेरों’ और देश में ‘सांप्रदायिक जहर वाले सांपों’ पर जीत हासिल करने वाला शख्स ‘चतुर बनिया’ से कहीं अधिक था.
गांधी फिलहाल अमेरिका में हैं. उन्होंने कहा कि आज महात्मा का लक्ष्य बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से कहीं अलग होता. शाह ने कल रायपुर में एक सभा में महात्मा गांधी को ‘चतुर बनिया’ बताया था.
जीवनीकार और अमेरिका के इलिनॉय विश्वविद्यालय में शोध प्रोफेसर गांधी ने ई-मेल के जरिए समाचार एजेंसी पीटीआई को भेजे गए जवाब में कहा, ‘‘जिस व्यक्ति ने ब्रिटिश शेरों और सांप्रदायिक जहर वाले सांपों पर जीत हासिल की, वह चतुर बनिया से कहीं अधिक था. अमित शाह जैसे लोगों के विपरीत आज उनका लक्ष्य निर्दोष और कमजोर लोगों का शिकार कर रही शक्तियों को पराजित करना होता.’’
शाह के ‘चतुर बनिया’ वाले बयान की निंदा करते हुए विपक्षी पार्टियों ने आज मांग की कि उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए. साथ ही विपक्षी दलों ने इस बात पर जोर दिया कि अपमानजनक बयान को वापस लिया जाना चाहिए. छत्तीसगढ़ दौरे के आखिरी दिन शनिवार को शाह अपने बयान पर जवाब देने से बचते नजर आए। मीडिया ने जब शाह से सवाल किए तो उन्होंने कहा, “मैंने ये बात मैंने कोई पहली बार नहीं कही है।” कांग्रेस स्पोक्सपर्सन पीएल पूनिया ने कहा, “इससे शर्मनाक बात नहीं हो सकती है। गांधी जी जाति, वर्ग और धर्म से ऊपर थे। विश्व ने इसी वजह से उन्हें सम्मान दिया। बीजेपी के लोग सम्मान का दिखावा करते हैं, लेकिन सच्चाई शाह के बयान से सामने आ गई है।
महात्मा गांधी के एक अन्य पौत्र गोपालकृष्ण गांधी ने भी कहा कि गांधी ‘‘चतुर बनिया’’ बताये जाने को हंस कर टाल देते परंतु यह टिप्पणी ‘‘बदमजा है और इसके पीछे छिपी गलत मंशा’’ है.
कांग्रेस स्पोक्सपर्सन रणदीप सुरजेवाला ने कहा, “गांधी जी ने जातिवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, वे राष्ट्रपिता भी थे। इस बयान से सत्तारूढ़ दल और उसके अध्यक्ष का चरित्र और विचारधारा का पता चलता है। शाह को देश से माफी मांगनी चाहिए क्योंकि इन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों, आजादी के आंदोलन और राष्ट्रपिता का अपमान किया है।
अमित शाह छत्तीसगढ़ के 3 दिनों के दौरे पर थे। दौरे के दूसरे दिन 9 जून को शाह ने रायपुर में कहा था, “महात्मा गांधी चतुर बनिया थे, इसीलिए उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को खत्म कर दो।” कांग्रेस में लोकतंत्र की चर्चा करते हुए शाह ने यह भी कहा था, “सोनिया के बाद अध्यक्ष कौन है ये सबको पता है। मेरे बाद कौन होगा ये किसी को पता नहीं है। कांग्रेस का कोई सिद्धांत नहीं है। उसमें लोकतंत्र भी नहीं है। उस पर परिवारवाद हावी है।” “बीजेपी में काम के आधार पर पद तय होता है। मैं 16 साल पहले इस पार्टी से जुड़ा। बूथ अध्यक्ष था। झंडा लगाते-लगाते, डंडा खाते-खाते पार्टी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। देश में केवल दो दलों में लोकतंत्र जिंदा है। एक बीजेपी और दूसरा सीपीआई।” शाह यहीं नहीं रुके। उन्होंने कहा, “नेहरू की नीतियों में पाश्चात्य देशों का असर था। उसमें देश की सुगंध नहीं थी। देश भटक जाता इसलिए तत्कालीन उद्योग मंत्री श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने सरकार से इस्तीफा देकर जनसंघ की स्थापना की।”
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