समाचार पत्रों ने भ्रामक व तथ्यहीन खबर छापी- राजभवन उत्तराखण्ड
कुछ समाचार पत्रो ने झूठी एवम् तथ्यहीन खबर छापी; राजभवन ने इन समाचार पत्रो की झूठी खबर का खण्डन किया;राजभवन नेे स्पष्ट कहा- कतिपय समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार भ्रामक व तथ्यहीन
राजभवन सूचना परिसर, उत्तराखण्ड द्वारा “हिमालयायूके” को भेजे गए मेल में उक्त तथ्य से अवगत कराया तथा राजभवन भेजे गये, विधान सभा से पारित विधेयकों की मंजूरी की स्थिति बताई;
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राजभवन देहरादून 06 दिसम्बर, 2016
17 व 18 नवम्बर को गैरसैण में आयोजित दो दिवसीय विधान सभा सत्र में पारित विधेयकों की राजभवन से मंजूरी के संदर्भ में कतिपय समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार भ्रामक व तथ्यहीन हंै। राजभवन के समक्ष आज की तारीख तक मात्र 16 विधेयकों की पत्रावलियां मंजूरी हेतु प्रस्तुत की गई जिसमें से 12 (बारह ) को मंजूरी दी जा चुकी है चार पर कार्यवाही गतिमान है।
विधान सभा में पारित उत्तराखण्ड चिकित्सा चयन बोर्ड (संशोधन) विधेयक 2016, उत्तराखण्ड परिवहन और नागरिक अवस्थापना उपकर (संशोधन) विधेयक 2016, उत्तराखण्ड जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था, उत्तराखण्ड कूड़ा फेंकना एवं थूकना प्रतिषेध, उत्तराखण्ड विनियोग (2016-2017) का प्रथम अनुपूरक, उत्तराखण्ड मदरसा शिक्षा परिषद, (संशोधन) उत्तराखण्ड चलचित्र (विनियम) (संशोधन) विधेयक 2016 की मंजूरी सम्बंधी सात पत्रावलियां राजभवन को 25 नवम्बर की सायं 6.15 मिनट पर प्राप्त हुई थी। जिन पर मंजूरी सम्बंधी प्रक्रिया पूर्ण कर पत्रावली विधान सभा को लौटा दी गई।
28 नवम्बर को सायं 4.00 बजे राजभवन को प्राप्त उत्तराखण्ड कृषि उत्पाद मंडी (विकास एवं विनियमन), हिमालयन गढ़वाल निजी वि.वि. विधेयक, 2016, उत्तराखण्ड राज्य किसान आयोग, उत्तराखण्ड विद्यालयी शिक्षा (संशोधन), उत्तराखण्ड जिला योजना समिति (संशोधन सम्बंधी) पाँच विधेयकों की पत्रावलियों की मंजूरी सम्बंधी प्रक्रिया पूर्ण कर विधान सभा को वापस भेजी जा चुकी हैं।
30 नवम्बर को प्राप्त उत्तराखण्ड अधिवक्ता कल्याण निधि (संशोधन) विधेयक तथा 28 नवम्बर को प्राप्त भगवंत ग्लोबल निजी विश्वविद्यालय कोटद्वार, रासबिहारी बोस सुभारती विश्वविद्यालय तथा सरदार भगवान सिंह विश्वविद्यालय उत्तराखण्ड विधेयक 2016 से सम्बंधित चार विधेयकों की मंजूरी से पूर्व कुछ बातें स्पष्ट करने की दृष्टि से सम्बधित अधिकारी से वार्ता की कार्यवाही गतिमान है।