राहुल गांधी के अध्यक्ष पद के कार्यकाल की शुरुआत एक और हार से
गुजरात में दिसंबर से पहले विधानसभा चुनाव होने हैं, और मौजूदा स्थिति के अनुसार अक्टूबर में राहुल गांधी कांग्रेस की कमान संभालने वाले हैं. जब तक कोई चमत्कार न हो, उनके अध्यक्ष पद के कार्यकाल की शुरुआत एक और हार से हो सकती है.
दिल्ली के नेता संभवत: दो दशकों से राज्य में सत्ता पर काबिज बीजेपी सरकार के खिलाफ सत्ताविरोधी लहर को भुनाने का मौका गंवा रही है. वाघेला ने राहुल गांधी के साथ अपनी नाखुशी खुले तौर पर जाहिर कर दी है. वह राहुल के साथ होने वाली मुलाकातों में नहीं पहुंचे, ट्विटर पर उन्हें अनफॉलो भी कर दिया और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ खुलेआम बात भी की. बीजेपी भी राज्य में कांग्रेस पार्टी को तोड़ने के लिए उत्सुक हैं, क्योंकि गुजरात चुनाव अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई है और कांग्रेस में फूट पड़ने के बाद मिलने वाली यह जीत दोनों के लिए ज्यादा ही मीठी होगी.
बीजेपी के सूत्र दावा करते हैं कि अमित शाह का सपना भी खुद गुजरात का मुख्यमंत्री बनने का है, लेकिन फिलहाल उनके लिए निश्चित रूप से मिशन 2019 से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं है.
किसानों की कर्ज माफी के मुद्दे को लेकर सरकार पर लंबे समय से निशाना साध रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के अब छुट्टी पर जाने की खबरें सामने आ रही हैं। राहुल गांधी किसान आंदोलन में मारे गए किसानों के प्रति सक्रियता दिखाते हुए उनके परिवार से मिलने मंदसौर के लिए रवाना हुए थे। जिसके कारण वह बीते दिनों सुर्खियों में भी रहे हैं। साथ ही उन्होंने मोदी सरकार पर किसानों की अनदेखी करने जैसे आरोप भी लगाए। लेकिन अब छुट्टी पर जाने के कारण विपक्षी दलों के नेताओं समेत सोशल मीडिया पर लोगों ने उनकी चुटकी लेना शुरू कर दिया है। राहुल गांधी ने मंगलवार को ट्वीट करके बताया, “कुछ दिनों के लिए अपनी नानी और अपने परिवार से मिलने जा रहा हूं, उनके साथ कुछ वक्त गुजारुंगा।” बता दें कि राहुल गांधी अपने विदेश यात्राओं को लेकर अक्सर चर्चा में रहे हैं।
राहुल गांधी की विदेश यात्रा पर चुटकी लेते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री और मध्य प्रदेश बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजवर्गीय ने कहा, “हम भी बच्चे थे जब गर्मी की छुट्टियों में ननिहाल जाते थे। अपने अगले ट्वीट में बीजेपी नेता वे लिखा- “राहुल जी से आप देश की या किसान की चिंती की अपेक्षा न करें वो राजनीति करते हैं पिकनिक मनाने के लिए।” बीजेपी नेता के अलावा सोशल मीडिया पर भी उनके इस यात्रा पर लोग फनी कमेंट्स कर रहे हैं। राहुल गांधी की विदेश यात्राओं को लेकर पहले भी कई बार सोशल मीडिया पर यूजर्स चुटकी ले चुके हैं।
गुजरात के एक कांग्रेस नेता ने कहा, ‘यूपी में जहां कि चतुष्कोणीय मुकाबला था, अपनी सारी ऊर्जा खर्च करने की बजाय राहुल गांधी को गुजरात पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए था, जहां बीजेपी के खिलाफ कांग्रेस अकेली पार्टी है, विशेषकर पाटीदार आंदोलन और मेहसाणा में दलितों के प्रदर्शन के बाद.’ राहुल गांधी को साल भर के लिए गुजरात में ही रहना चाहिए था और खुद इन प्रदर्शनों का नेतृत्व करना चाहिए था. हमने उन्हें राजी करने की कोशिश की थी लेकिन नाकाम रहे. इसलिए अब हम परिचित परिदृश्य की ओर देख रहे हैं, यानी – हार.’
गुजरात के एक स्थानीय नेता ने बताया, ‘वास्तव में पाटीदारों के युवा नेता हार्दिक पटेल को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा तब झिड़की मिली थी जब उन्होंने अपने संदेशवाहकों को भेजा था, जिसके बारे में बताया भी नहीं जा सकता.’
उनमें से एक ने व्यंग्यपूर्वक कहा, ‘इस उम्र में भी बापू में सत्ता की जबर्दस्त भूख है. ऐसा लगता है कि हमारे नेताओं में सत्ता पाने की इच्छा ही नहीं है. गोवा के मामले को ही देखें, जहां हमने हार को जीत में बदल दिया.’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कहते हैं, अफवाहें जैसे कि वरिष्ठ पार्टी नेता अहमद पटेल के बेटे फैसल भी गुजरात चुनाव लड़ेंगे, जो कि बिल्कुल गलत है, का भी कांग्रेस द्वारा खंडन नहीं किया जा रहा है. एक कांग्रेसी नेता ने कहा, ‘वे (बीजेपी) इन चीजों का इस्तेमाल हमें वंशवादी पार्टी बताकर खारिज करने के लिए कर रहे हैं और हम उसका माकूल जवाब तक नहीं दे रहे.’
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