मुसलमान, दलित और पटेल वोटर अगर एकजुट हो गये तो
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने गांधीनगर में एक रैली को संबोधित किया. राहुल गांधी ने जय भीम के नारों के साथ भाषण की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी और बीजेपी पर जमकर तीखा वार किया. राहुल ने ये रैली ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर के साथ की.
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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज एक बार फिर वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी को लेकर मोदी सरकार पर कडा प्रहार किया और कहा कि जिस अंदाज में इसे लागू किया गया है उससे यह ‘गब्बर सिंह टैक्स’ बन गया है। गांधी ने आज गुजरात की राजधानी गांधीनगर के रामकथा मैदान में आयोजित एक रैली में कहा कि जीएसटी कांग्रेस पार्टी की है। पार्टी इसे पूरे देश में एक कर की संकल्पना के तहत लायी। इसे सरल रखना चाहती थी। 18 प्रतिशत की सीमा में। पर इनकी जो जीएसटी है वह जीएसटी नहीं बल्कि जीएसटी यानी गब्बर सिंह टैक्स है। इससे देश को नुकसान हो रहा है।
राहुल गांधी ने कहा
गुजरात में जनता की सरकार नहीं चल रही, बल्कि 5 से 10 उद्योगपतियों की सरकार चल रही है. नोटबंदी के पीएम मोदी ने रोते हुए कहा था कि मुझे चौराहे पर फांसी लगा देना. टाटा को दिए 35 हजार करोड़ रुपए कहां गए, कितनी नैनो बनीं, सड़कों पर मुझे नैनो कहीं नहीं दिखाई देती ; गुजरात में आज 30 लाख बेरोजगार युवा हैं. बीजेपी सरकार ‘गुजरात की आवाज’ को खरीदने की कोशिश कर रही है. ; मोदी जी अमित शाह के बेटे के बारे में कम से कम एक लाइन तो कह दीजिए. मोदी जी कहा करते थे ना खाऊंगा ना खाने दूंगा. लेकिन खुद ही खिलाना शुरू कर दिया ; गुजरात में उद्योगपतियों का कर्ज माफ होता है गरीबों का नहीं. – जीएसटी यानी गब्बर सिंह टैक्स.
उन्होंने कहा कि मोदी जी ने देश पर पहले ही नोटबंदी की कुल्हाडी चला कर अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया था और दूसरी कुल्हाडी जीएसटी की चला दी। हमने उन्हें इसे सरल रखने की गुजारिश की थी और इसे धीरे से लागू करने को कहा था। मै अब भी कह रहा हूं 28 प्रतिशत की सीमा, महीने में तीन फार्म भरने वाली इस जीएसटी को बदलना पड़ेगा। इसे सरल बनाना पड़ेगा। यह करना ही पड़ेगा नहीं तो देश को जबरदस्त नुकसान होगा। गांधी ने अपने संबोधन की शुरूआत जय माता जी जय सरदार और जय भीम के नारे के साथ की। ये तीनो नारे गुजरात में ओबीसी, पाटीदार और दलित समुदाय के लोगों के हैं। कांग्रेस ने ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर को आज विधिवत इसी रैली में पार्टी में शामिल किया जबकि पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी को निमंत्रण दिया है।
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मुसलमान, दलित और पटेल वोटर अगर बीजेपी के खिलाफ एकजुट हो गये तो
बीजेपी का परम्परागत वोटर फिलहाल नाराज;
पिछले चुनाव के दौरान गुजरात में करीब 4 करोड़ वोटर थे, जिनमे से करीब 2 करोड़ 70 लाख वोट पोल हुए थे। यह कुल मतदान का 71.50 प्रतिशत था। इसके के अनुपात में एससी और एसटी सीटों पर 75 प्रतिशत मतदान हुआ। गुजरात में कुल 13 एससी और 26 एसटी सीटें हैं जिन पर 2012 में 80 लाख वोटर थे इनमे से करीब 60 लाख वोटरों ने मताधिकार का प्रयोग किया था। इन सीटों पर हुआ मतदान कुल मतदान करीब 22 फीसदी रहा था। जिग्नेश और अल्पेश ठाकोर की सक्रियता के चलते अब इन सीटों पर फोकस बढ़ गया है। भाजपा के लिए परेशानी का एक कारण यह भी है कि 2014 की सुनामी के बीच भी कांग्रेस ने 7 एसटी सीटों पर बढ़त हासिल कर ली।
हार्दिक पटेल के नेतृत्व में साल 2015 में पाटीदारों ने आरक्षण के लिए आंदोलन शुरू कर दिया। हार्दिक पटेल की अगुवाई वाले आंदोलन में करीब 8 लाख लोग शामिल हुए थे। इस आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया था। आदोलन की उग्रता को देखकर पीएम मोदी को शांति-व्यवस्था की अपील करनी पड़ी थी। राज्य में पटेल सीएम और मंत्रिमंडल कई अहम पदों पर पटेलों के होने के बावजूद बीजेपी सरकार के खिलाफ हुए आंदोलन से इस चर्चा को बल मिला की बीजेपी के वफादार वोटर माने जाने वाले पटेल उससे दूर भी जा सकते हैं। हार्दिक पटेल अभी भी बीजेपी के खिलाफ काफी सक्रिय हैं। मुसलमान, दलित और पटेल वोटर अगर बीजेपी के खिलाफ एकजुट हो गये तो पार्टी को आगामी चुनाव में बड़ी मुश्किल हो सकती है। गुजरात में विधानसभा की कुल 82 सीटों में से 70 पर पटेल समुदाय का प्रभाव है। गुजरात में पटेल समुदाय करीब 20 फीसदी है। जो सत्ता बनाने और बिगाडऩे की ताकत रखता है। राज्य की 182 विधानसभा सीटों में से 70 सीटों पर पटेल समुदाय का प्रभाव है। पिछले दो दशक से राज्य का पटेल समुदाय बीजेपी का परम्परागत वोटर रहा है, जो फिलहाल नाराज माना जा रहा है. इसी का नतीजा रहा कि 2015 में हुए जिला पंचायत चुनाव में से सौराष्ट्र की 11 में से 8 पर कांग्रेस विजयी रही और बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा।
गांधी ने कहा कि आज गुजरात में हर जाति और समाज आंदोलन कर रहा है और ऐसा इसलिए है क्योंकि राज्य में पिछले 22 साल के भाजपा शासन में जनता की सरकार नहीं बल्कि पांच दस उद्योगपतियों की ही सरकार चली है। इसीलिए आज पूरा गुजरात सडकों पर उतर गया है। उन्होंने बेरोजगारी को लेकर मोदी सरकार पर अपने आरोप दोहराए और कहा कि हार्दिक और जिग्नेश समेत राज्यय के करोडों युवा हर समाज में है जो शांत नहीं रह सकते क्योंकि मोदी जी ने इन्हें बहुत तंग किया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने पाटीदार आंदोलन के नेता नरेंद्र पटेल की ओर से भाजपा पर एक करोड रूपए देने का आरोप लगाए जाने की घटना का परोक्ष जिक्र करते हुए कहा,‘ हार्दिक हैं जिग्नेश हैं वो भी शांत नहीं हो सकते उनके दिल में भी एक आवाज है। वह सिर्फ युवाओं में नहीं हर गुजराती के दिल में है।
उन्होंने कहा कि यह गुजराती आवाज कोई मामूली आवाज नहीं। इस आवाज को न दबाया जा सकता है ना खरीदा जा सकता है। जितना भी पैसा लगाए एक करोड़ दस करोड़ हजार करोड़ हिन्दुस्तान का पूरा बजट लगा दो दुनिया का पूरा पैसा लगा दो गुजरात की आवाज को दबा नहीं पाओगे खरीद नहीं पाओगे। अब इतना डर गए हैं कि अब गुजरात की आवाज को खरीदना चाहते हैं। मोदी जी इसकी कोई कीमत नहीं और आप इसको खरीद नहीं सकते। उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की कंपनी के मामले को एक बार फिर उठाते हुए कहा न खाऊंगा ना खाने दूंगा की बात करने वाले मोदी जी ने लगता है अब खाना शुरू कर दिया। वह गुजरात के दौरों पर लंबे भाषण देते हैं पर 2014 में कुछ ही माह में 50 हजार से 16 हजार गुना यानी 80 करोड़ तक कमाई बढाने वाली अमित शाह के बेटे की कंपनी के बारे में कुछ नहीं कहते। उनका मेक इन इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया फेल हो गया पर जय शाह की कंपनी आसमान में रॉकेट की तरह उठ गई।