गुजरात विधानसभा चुनाव ; बीजेपी के लिए यह चुनाव एकतरफा नहीं

पहली बार बीजेपी के लिए यह चुनाव एकतरफा नहीं रहा- कई बडी  परीक्षाओ  से गुजरना है मोदी को- 

गुजरात विधानसभा चुनाव में प्रायोजित चुनावी रूझान दिखा रहे है बडे मीडिया घराने पर इस तथ्य को सबने स्वीकार किया है कि महाबलियों को छका दिया नये लडको ने वही हार्दिक पटेल की उम्र अभी इतनी नहीं हुई है कि वे भारतीय संविधान के मुताबिक चुनाव मैदान में उतर सकें, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपना इतना कद जरूर बढ़ा लिया है कि गुजरात विधानसभा चुनाव का जिक्र होते ही उनका नाम सबकी जुबान पर खुद-ब-खुद आ जाता है. पाटीदार अनामत आंदोलन समित (PASS) के संयोजक हार्दिक पटेल कुछ भी बोलते हैं, कुछ भी करते हैं वो सुर्खियां बन जाता है

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गुजरात में 9 दिसंबर को पहले चरण में 19 जिलों की 89 सीटों पर, जबकि दूसरे चरण के लिए 14 दिसंबर को 14 जिलों की 93 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. एक 24 साल का नौजवान जो बीते चार दिनों से पूरे सूबे में लोगों की भीड़ भरी रैली कर रहा है हार्दिक के करीबी सूत्र का कहना था, हम सब अभी बीस-पच्चीस की उम्र के हैं, सो ऐसी कोई हड़बड़ी भी नहीं है.’ वही बीते चार दिनों में हार्दिक ने जो रैलियां की हैं वो कामयाब रही हैं. बीते दो सालों की पिछली रैलियां भी सफल रहीं और इसकी बड़ी वजह है कि पाटीदार समुदाय, खासकर नौजवान तथा मंझोली उम्र के पाटीदार हार्दिक पर भरोसा करते हैं.
सवाल उठ रहा है क्या हार्दिक पटेल ने गुजरात में बीजेपी के किले में सेंध लगा दी है? दिसंबर में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में जोरदार मुकाबला देखने को मिल रहा है। बड़ा सवाल यह है कि कांग्रेस क्या 22 साल बाद गुजरात की सत्ता में वापसी कर पाएगी?

ये भीड़ ही मेरी ताकत है ; हार्दिक पटेल

गुजरात के विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है और इसी के साथ तेजी से घट रही हैं राजनीतिक घटनाएं. लेकिन 22 साल बाद गुजरात का चुनाव पूरी तरह बदला हुआ है. इन बरसों में पहली बार ऐसा लग रहा है कि बीजेपी के लिए यह चुनाव एकतरफा नहीं है. इस बदलाव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने चुनौती खड़ी कर दी है. यह चुनौती एक चुनाव में जीत हार से ज्यादा उनकी छवि के चमकने या बिखरने का है.  हिमाचल तथा गुजरात विधानसभा चुनाव के अलावा यूपी निकाय चुनाव की परीक्षा सर पर आ खडी हुई 

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गुजरात बीजेपी का गढ़ है और वहां से उसे हटाना मुश्किल ही नहीं बल्कि लगभग नामुमकिन है. लेकिन कभी कभी नामुमकिन भी मुमकिन हो जाता है. कभी कभी करिश्मा भी होता है और गुजरात में कांग्रेस को जीतने के लिए किसी करिश्मे की ही जरूरत है.
अमित शाह कल करीब 12 बजे अहमदाबाद के रायपुर इलाके में भजिया की दुकान पर पहुंचे. उन्होंने पहले यहां भजिया खाई फिर लोगों की परेशानियों को सुना और उनसे बात की. बताया जाता है कि अमहदाबाद के इस इलाके में लोग सबसे ज्यादा राजनीतिक चर्चा करते हैं. अमित शाह पिछले छह दिनों से गुजरात में हैं.
वही दूसरी ओर हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीजेपी कार्यकर्ता से फोन पर बातचीत वायरल हुई है. इस ऑडियो में प्रधानमंत्री मोदी गुजराती भाषा में एक सामान्य से बीजेपी वर्कर से बातचीत कर रहे हैं. बातचीत में प्रधानमंत्री पहले तो दिवाली की शुभकामनाएं देते हैं और कांग्रेस पार्टी को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब भी देते हैं.

कांग्रेस ने गुजरात चुनाव में नोटबंदी और जीएसटी को अपना प्रमुख हथियार बनाया है। जीसएटी पर अर्थशास्त्री पूर्व प्रधानमंत्री डा. सिंह के अलावा कांग्रेस अपने पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम को भी गुजरात में चुनाव मैदान में उतारेगी- वही जीएसटी के समर्थन में भाजपा के पास कोई बडा चेहरा मैदान में नही है-

4 वर्षीय हार्दिक ने बोटाद जिले में नुक्कड़ सभाओं के साथ रोड शो में भी हिस्सा लिया. हार्दिक की कोशिश गुजरात के पाटीदार समुदाय को अपने साथ एकजुट रखने की है. बोटाद में हार्दिक के साथ रोड शो में करीब 50 कारों और 200 बाइकर्स का कारवां चला. पाटीदारों की खासी संख्या वाले इस क्षेत्र में, खास तौर पर गांवों में, हार्दिक का उनके समर्थकों ने जमकर स्वागत किया.
बुधवार शाम को हार्दिक ने जुलाई 2015 के मामले में गैर जमानती वारंट रिसीव किया था. ये मामला हार्दिक पर मेहसाणा जिले में बीजेपी नेताओं के दफ्तर में तोड़फोड़ के आरोप से जुड़ा है. इस गैर जमानती वारंट की बाबत हार्दिक ने कहा, ‘अगर वो मुझे गिरफ्तार करते हैं तो हमारे आंदोलन को और तेजी मिलेगी. इस आंदोलन में लाखों हार्दिक मेरे साथ हैं. इससे (गिरफ्तारी) से ये आंदोलन रुकेगा नहीं क्योंकि ये जन आंदोलन है.’ हालांकि गुरुवार को इस मामले में उन्हें जमानत मिल गई. हार्दिक ने कहा, ‘पाटीदार आंदोलन कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि हमारे हक की लड़ाई है. ये आंदोलन अन्याय के खिलाफ लड़ाई है. हम लोगों के सवाल, मुद्दे उठा रहे हैं इसलिए वे हमारे साथ हैं.’

गुजरात में सूबे की पुलिस के एक और सीसीटीवी फुटेज लीक करने के साथ परेशान हाल भारतीय जनता पार्टी और फायरब्रांड पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के बीच एक-दूसरे को शह और मात देने की लड़ाई और ज्यादा संगीन हो गई है. सीसीटीवी फुटेज में हार्दिक पटेल एक लग्जरी होटल में घुसते दिख रहे हैं. कहा जा रहा है कि लग्जरी होटल में हार्दिक पटेल के घुसते वक्त वहां राहुल गांधी ठहरे हुए थे.
साथ ही, उत्तरी गुजरात की एक अदालत ने हार्दिक पटेल और एक अन्य पाटीदार संगठन सरदार पटेल ग्रुप के लालजी दल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. वारंट 2015 की जुलाई के एक मामले में जारी हुआ है. मामला विसनगर शहर में बीजेपी के मौजूदा विधायक के कार्यालय में कथित तोड़फोड़ का है.
गुजरात सरकार ने आनन-फानन में उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल के हाथों एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके कहा कि इस मामले को ‘सियासी रंग देना ठीक नहीं. यह कोर्ट का वारंट है, कोई पुलिस ने गिरफ्तारी वारंट जारी नहीं किया. सरकार का इस मामले से कुछ लेना देना नहीं है.’

हार्दिक ने बीजेपी की ओर से उन्हें ‘कांग्रेस की B-टीम’ या ‘कांग्रेस का एजेंट’ बताए जाने पर कहा, ‘उन्हें बताना चाहिए कि कांग्रेस का एजेंट कौन है? मैं या पूरा पाटीदार समुदाय? बीजेपी किसी भी मुद्दे पर राज्य में साफ नहीं बोल रही है. मैं देश में कई शीर्ष राजनेताओं से मिल चुका हूं. मैं खुले तौर पर नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे से मिला, हर कोई ये जानता है. मैं राहुल गांधी से भी शीघ्र मिलूंगा.’
ये पूछे जाने पर कि सीसीटीवी फुटेज सामने आई है जिसमें वे कथित तौर होटल में आते और जाते दिख रहे हैं, हार्दिक ने जासूसी गतिविधियों में शामिल रहने के लिए बीजेपी पर प्रहार किया. उन्होंने कहा, ‘वो कैसे इस तरह की फुटेज जारी कर सकते हैं? ये मेरी प्राइवेसी में अतिक्रमण है. ये बीजेपी का काम है कि सारी जासूसी गतिविधियां कराए. उन्होंने अतीत में संजय जोशी और कुछ अऩ्य के साथ भी ये किया.’ बता दें कि इस सीसीटीवी फुटेज को उसी होटल का बताया जा रहा है जहां कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस के कुछ अऩ्य नेता ठहरे हुए थे.
बीजेपी आरोप लगा रही है कि जब हार्दिक होटल में कांग्रेस नेताओं से मिलने गए थे तो उनके पास एक बैग था. इस पर हार्दिक ने कहा, ‘उस सीसीटीवी फुटेज में ये भी देखा होगा कि मैंने कपड़े बदले थे. मैं जब अंदर गया था तो मैंने हॉफ शर्ट पहनी थी और जब बाहर आया तो फुल शर्ट में था. जाहिर है उस बैग में मेरे कपड़े थे.’

जहां एक तरफ है एक 24 साल का नौजवान जो बीते चार दिनों से पूरे सूबे में लोगों की भीड़ भरी रैली कर रहा है तो दूसरी तरफ हैं सूबे के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी, उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष जीतूभाई बघेला जो समाचारों में बने रहने के लिए एक-दूसरे से तकरीबन धक्का-मुक्की करते दिख रहे हैं और कह रहे हैं तो बस इतना कि, ‘देखिए, यह जो हार्दिक पटेल है ना वो कांग्रेस का एजेंट है’ या फिर इन नेताओं की अदा यह जताने की है तो ‘हम कहते ना थे, वही हो रहा है जो हमने कहा था. ‘

हार्दिक ने पाटीदार नेता नरेंद्र पटेल के बीजेपी पर उस आरोप पर भी मुंह खोला कि नरेंद्र पटेल को बीजेपी में शामिल होने के लिए एक करोड़ रुपए की रिश्वत की पेशकश की गई थी. बता दें कि अन्य पाटीदार युवा नेता वरूण पटेल और रेशमा पटेल के साथ नरेंद्र पटेल ने भी बीजेपी में शामिल होने का एलान किया था. लेकिन कुछ ही घंटों बाद उन्होंने बीजेपी पर पैसे के दम पर पाटीदार नेताओं को तोड़ने का आरोप लगाया. साथ ही नरेंद्र ने कहा कि उन्होंने बीजेपी को बेनकाब करने के लिए पार्टी में शामिल होने का नाटक किया था. हार्दिक ने इस मुद्दे पर कहा, ‘बीजेपी ने नरेंद्र पटेल को खरीदने की कोशिश की लेकिन नाकाम रही, कुछ और के मामले में उसे कामयाबी मिली. लेकिन आगे से अब ऐसा नहीं होगा.’
ओपिनियन पोल्स बता रहे हैं कि बीजेपी के पास गुजरात में सरकार बनाने के लिए खासी बढ़त है, लेकिन अगर हार्दिक खुले तौर पर कांग्रेस के साथ हाथ मिलाते हैं तो बीजेपी के हाथ से कुछ सीटें खिसक सकती हैं. ओपिनियन पोल्स पर हार्दिक ने कहा, ‘वे हमेशा गलत साबित होते हैं. ये भीड़ ही मेरी ताकत है और मैं उनके लिए ल़ड़ता रहूंगा क्योंकि मैं उनका एजेंट हूं.’

पटेल ने  बताया, ‘बीजेपी पुलिस बल का इस्तेमाल करके लोगों के निजता के अधिकार में दखलंदाजी कर रही है.’ हार्दिक का कहना था, ‘एक बार वह वक्त भी आया जब उन्होंने एक महिला आर्किटेक्ट का शिकार फांसने के चारे की तरह इस्तेमाल किया, अपने वरिष्ठ नेता संजय जोशी का वीडियो लीक किया और अब उनकी पुलिस मेरे पीछे पड़ी है. आखिर उन्हें इतनी चिंता क्यों लगी है कि मैंने राहुल गांधी से मुलाकात की या नहीं? जब मुझे जरूरत होगी तो मैं राहुल जी से मिलूंगा और वैसे नहीं मिलूंगा जैसे कि नवाज शरीफ से मोदी जी मिले थे यानी आधी रात को.’

 

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