हरीश और हरक की लडाईः शह-मात का खेल
हरीश और हरक की लडाईः शह-मात का खेल Execlusive Report: www.himalayauk.org (UK Leading Digital Newsportal)
सीएम हरीश रावत के खिलाफ हरक सिंह की मुखरता से उत्तराखण्ड की राजनीति में भूचाल आया है। दोनों का विवाद इतना बढ गया है कि राजनीतिक गलियारे से लेकर कानून की चौखट तक शह-मात का खेल जारी है। दोनों की लडाई वर्चस्व की जंग बन चुकी हैं, हरक सिंह हर संभव वार हरीश रावत पर चल रहे हैं, जबकि हरीश रावत ने अपने कई अस्त्र चुनावों के दौरान के लिए सुरक्षित रखे हैं। नैनीताल हाईकोर्ट में भी एक दूसरे को घेरने में कोई कसर नहीं छोडी जा रही है। हरदा और हरक की राजनीतिक जंग अब कानून के दरवाजे पर है। शतरंज की चाल की तरह कानून के दांव-पेंच आजमाये जा रहे हैं। ये नेता हरसंभव दांव-पेंच आजमा रहे हैं लेकिन कानून अपने मुताबिक काम कर रहा है। हाईकोर्ट अपना फैसला तमाम सबूत और संविधान के नियम कायदों के मुताबिक ही सुनायेगा जिस पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं। वही जागेश्वर विधानसभा के दन्या में की गई. रैली में भाजपा नेता हरक सिंह रावत, बलवंत भौर्याल, बिशन सिंह चुफाल सहित कई नेताओं की मौजूदगी रही पर रैली में हरक सिंह रावत ने स्पीकर गोविन्द सिंह कुंजवाल और मुश्यमंत्री हरीश रावत पर जमकर हमला बोला। भारतीय जनता पार्टी ने कुमांऊ के कांग्रेस की सीटों में पर्दाफाश रैली निकाली। फर्दाफाश रैली समाप्त कर हरक सिंह रावत ने कहा कि स्पीकर गोविन्द सिंह कुंजवाल को आगामी चुनावों में जनता उखाड फैकेगी। भाजपा की सरकार प्रदेश में बनने के बाद स्पीकर गोविन्द सिंह कुंजवाल की जगह विधानसभा में नहीं बल्कि देहरादून जेल में होगी।
उत्तराखंड के मुख्यमन्त्री हरीश रावत और कांग्रेस से बागी होकर भगवा चोला ओढने वाले हरक सिंह रावत के बीच खिंची तलवारे हर मोर्चे पर एक दूसरे को घेरने में कोई कसर नहीं छोड रही हैं। फिर चाहे राजनीति का मैदान हो या फिर कानून के दांव पेंच में हाईकोर्ट की चौखट.नैनीताल हाईकोर्ट की एकलपीठ में सुनवाई के मद्देनजर दोनों के बीच विवाद की चर्चा फिर आम हो गयी है। हरक सिंह रावत की शिकायत पर हरीश रावत के स्टिंग मामले की सीबीआई जांच चल रही है. साथ ही मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा है। हरीश रावत कैबिनेट के फैसले को आधार बनाकर सीबीआई जांच निरस्त किये जाने की मांग कर रहे हैं तो हरक कैबिनेट के फैसले को चुनौती दे रहे हैं।
हरीश रावत की ओर से महाधिवक्ता से लेकर कई जाने-माने वकील पैरवी कर रहे हैं तो हरक भी कोई कसर नहीं छोड रहे हैं। पिछली सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें पेश की थीं। दरअसल हाईकोर्ट के दरवाजे तक पहुंची ये अदावत अब पुरानी हो चुकी है. फर्क सिर्फ इतना है कि कानून की चौखट पर भी शह-मात का खेल जारी है। दोनों के बीच दांव-पेंच का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिस कैबिनेट बैठक के प्रस्ताव को आधार बनाकर हरीश रावत ने सीबीआई जांच निरस्त करने की मांग की है, उसी कैबिनेट के फैसले को हरक सिंह रावत ने चुनौती देते हुये नई याचिका दाखिल कर दी है।