UK; स्वास्थ्य मंत्री डेंगू के बिगडे हालात के सबसे बडे गुनहगार
आज की खबर आज- केवल न्यूज पोर्टल में- स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी है प्रदेश में डेंगू के बिगडे हालात के सबसे बडे गुनहगार : अनूप नौटियाल डेंगू के मरीजों और मृतको की संख्या की सरकार को नहीं है सही जानकारी, कई गुना बढ़ी है डेंगू की विकराल समस्या भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि हालात इतने खराब हैं कि पूरा प्रदेश बीमार पड़ गया है और मुख्यमंत्री भी अपने पद पर रहने का अधिकार खो चुके हैं.;हरीश रावत की ओर से इस संबंध में दिए गए बयान की भी आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था कि डेंगू अपने तय समय से दो महीने पहले आ गया. 8 सित0 2016 www.himalayauk.org (UK Leading Digital Newsportal & Daily Newspaper) CS JOSHI- EDITOR
जिलाधिकारी देहरादून ने राजधानी में हालात खराब होने पर औपचारिकता निभायी, प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ वाई.एस थपलियाल को निर्देश दिये कि डेंगू की रोकथाम के लिए व्यापक प्रबन्ध किये जाएं तथा जिन क्षेत्रों में डेंगू रोगियों के लक्षण वाले रोगी मिल रहे है ऐसे क्षेत्रों में स्वाथ्य टीम भेजकर परीक्षण करने तथा नगर स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम डाॅ कैलाश गंुज्याल को नगर को निर्देश दिये कि शहर में लगातार फागिंग करें
वही समाज सेवी अनूप नौटियाल ने प्रदेश में डेंगू के बढ़ते मरीजों के लिए सुरेन्द्र सिंह नेगी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होने कहा कि सरकार जो आंकड़े प्रस्तुत कर रही है वह पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि आने वाले दो महीनों तक राज्य में डेंगू की शिकायत रहेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय मंे मौसम जिस तरह बदल रहा है उससे चिकनगुनिया के लक्षण मिल रहे है। उन्होंने कहा कि सरकारी आकड़े बता रही है वह पूरी तरह से गलत है।
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डेंगू पर नियंत्रण पाने में विफलता के कारण मरीजों की बढ़ रही संख्या के लिए उत्तराखंड सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए भाजपा ने स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी से तत्काल पद से इस्तीफा देने को कहा. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने कहा कि यह सरकार डेंगू की रोकथाम के लिए समय पर आवश्यक प्रबंध करने में विफल रही और इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डेंगू के 756 मामले बताए गए हैं, जिसमें से अकेले राजधानी देहरादून में ही 709 मामले सामने आए हैं.
भाजपा नेता ने कहा कि इसके अलावा निजी अस्पतालों में भी बहुत सारे मरीज भर्ती हैं जबकि कई लोग घर में रह कर ही इलाज करवा रहे हैं. उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों की स्थिति की तो अभी जानकारी ही नहीं मिली है.
भट्ट ने कहा कि प्रदेश में न तो खून की जांच की समुचित व्यवस्था है और ना ही जीवन रक्षा के लिए प्लेटलेटस उपलब्ध हैं.
उन्होंने कहा कि स्थिति की गंभीरता का पता इसी से चलता है कि सरकारी दून मेडिकल कालेज के एक डाक्टर सहित 14 कर्मचारी भी डेंगू का शिकार हो गये हैं. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने स्वास्थ्य मंत्री नेगी के इस बयान को भी गैर जिम्मेदाराना बताया कि डेंगू पर नियंत्रण अकेले सरकार की जिम्मेदारी नहीं है और कहा कि उन्हें अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहने के लिए तत्काल पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
उन्होंने मुख्यमंत्री हरीश रावत की ओर से इस संबंध में दिए गए बयान की भी आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था कि डेंगू अपने तय समय से दो महीने पहले आ गया.
भट्ट ने कहा कि हालात इतने खराब हैं कि पूरा प्रदेश बीमार पड़ गया है और मुख्यमंत्री भी अपने पद पर रहने का अधिकार खो चुके हैं.
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यह बात समाज सेवी अनूप नौटियाल और उनके साथियो ने फालतुलाइन स्थित एक होटल में पत्रकार वार्ता के दौरान कहीं। उन्होंने कहा की सरकार दावा कर रही है की डेंगू से अभी तक पूरे प्रदेश में एक मृत्यु हुई है I इसकी विपरीत उन्होंने बताया कि बीते दिन सर्वे के दौरान लक्खीबाग के पुजारी अनिल शर्मा से जानकारी मिली कि पिछले एक महीने में डेंगू के चार मरीजों का दाह संस्कार किया गया है। इसकी भले ही वैज्ञानिक पुटि नहीं की जा सकती किन्तु शहर मंे केवल लक्खीबाग ही नहीं प्रेमनगर, गढ़ी कैंट, चन्द्रबनी, नाला पानी में भी दाह संस्कार होता है I इसके अलावा कब्रिस्तान और नदियों के घाटों पर भी दाह संस्कार होते हैं I इस आधार पर डेंगू के मृतको का कुछ हद तक अनुमान लगाया जा सकता है I उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार 750 मरीजों का दावा कर रही है जबकि सही जांच की जाये तो पता चलेगा कि असल मंे आकड़े इससे कई गुना अधिक है। सरकारी अस्पताल, उच्च प्राइवेट अस्पताल, छोटे प्राइवेट अस्पताल और छोटे छोटे क्लीनिक में जांच की जाए तो सही जानकारी मिल सकेगी।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी प्रदेश और देहरादून शहर में बिगड़े डेंगू के आकड़ों के लिए जिम्मेदार हैं। अनूप नौटियाल ने कहा कि डेंगू की समस्या दून में ही नहीं बल्कि प्रदेष के पहाड़ी क्षेत्रो में ही है। चकराता, उत्तकाशी, मसूरी मंे भी डेंगू के मरीजों की तादाद लगातार बढ़ रही है। प्रदेश में बढ़ते डेंगू के मरीजों की संख्या को देखते हुए ब्लड को लेकर भी मारामारी हो रही है। जिससे अस्पतालों में ब्लड के लिए तीमारदारों को भी घंटो इंतजार करना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से निम्न मांग उठाई जिनमे:-
1. स्वास्थ्य मंत्री अपने राजनैतिक दौरो को छोड़कर सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों की जांच करवा उचित आंकड़े एकत्र करें। उनहे डेंगू की रोकथाम के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करने के ज़रूरत है I
2. राज्य में जागरूकता अभियान चलाये जाने की आवश्यकता है जिसे देखते हुए सरकार को चाहिए कि अखबारों और संचार के सभी माध्यमांे के इस्तेमाल से विज्ञापनों का प्रचार कर प्रदेष में जागरूकता अभियान चलाए।
3. प्रदेश में सभी सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालो में डंेगू की जांच की उचित सुविधा मुहैया करायी जाये।
4. प्रदेश के सभी इलाकों में युद्धस्तर पर फाॅगिग की जाये।
5. गरीब व बीपीएल परिवारों को उचित सुविधायंे दी जाये।
अनूप नौटियाल ने कहा कि वे और उनके साथी समेत जरूतमंद और गरीबों को उचित स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए अपनी आवाज बुलंद रखेगे। उन्होंने कहा की भविष्य में भी स्वास्थ्य और जनता से सीधे जुडे हुए अन्य मुद्दों पर निरंतर आंदोलन जारी रहेगा I प्रेस वार्ता के दौरान रणबीर चौधरी, च्नद्र मोहन लूथरा, सुनीता सिंह, अब्दुल रहमान और गिरीश ध्यानी उपस्थित रहे I