मिनी मुख्यमंत्री की विधानसभा- एक बैड में 2 गर्भवती महिलाा भर्ती
मिनी मुख्यमंत्री के नाम से मशहूर रही इंदिरा हदयेश की विधानसभा में स्वास्थ्य सेवाओं केे यह हाल है- एक बेड में दो मरीज भर्ती किये जा रहे हैं# वही सरकारी विज्ञापन में गर्भवती महिेलाओं के लिए बढ चढ कर किये जा रहे दावे सरकारी अस्पतालों की पोल खोल रहे हैं- हल्द्वानी विधानसभा क्षेत्र में बदहाली के कगार पर हल्द्वानी का महिला अस्पताल# एक बैड में 2 गर्भवती महिलाओं को किया जा रहा है भर्ती.#राज्य महिला आयोग ने जताई नाराजगी.#हल्द्वानी में सरकारी महिला अस्पताल के यह हालात है- अंदाजा लगाया जा सकता है कि पर्वतीय क्षेत्र के अस्पतालों के क्या हालात होगें- वही दूसरी ओर राजधानी देहरादून के सरकारी अस्पताल डेगू का इलाज करनेे में असफल साबित हुए हैं, यहां डेगू के खून की जांच कई कई दिन तक नही की जा रही है, डेगू के मरीज को शरीर दर्द की दबाExeclusive Report: www.himalyauk.org (UK Leading Digital Newsportal & Daily Newspapers) publish at Dehradun & Haridwar
मोहन जोशी,हल्द्वानी:-
हल्द्वानी:-राष्ट्रीय स्वास्थय मिशन में करोड़ों रुपये बहाकर सरकार के लाख दावों के बावजूद सरकारी अस्पतालों में मरीज़ों की भारी फजीहत हो रही है, कुमाऊँ के सबसे बड़े महिला बेस अस्पताल की स्थिति इतनी दयनीय हो गई है कि एक बेड़ में दो-दो गर्भवती एंव प्रसूता महिलाओं को भर्ती होना पड़ रहा है, एक बेड में 2 प्रसूताएं उनके बच्चे व तीमारदार आखिर कैसी मजबूरी में आंसू बहाकर समय गुजार रहे है यह सोचनीय विषय है अव्यवस्थाओं का आलम यह है कि इतनी उमसभरी गर्मी में जनरेटर खराब होने से मरीजों व उनके तीमारदारों को अस्पताल किसी कैदख़ाने की तरह नजर आता है
- राज्य महिला आयोग ने जताई नाराजगी…॥
हल्द्वानी-राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अमिता लोहनी ने एक बैड में 2 गर्भवती महिलाओं को भर्ती किए जाने पर स्वास्थ्य विभाग के प्रति गहरी नाराजगी जताई है श्रीमती लोहनी ने कहा इस तरह की लापरवाही से महिला व बच्चों में इंफेक्शन का खतरा बढने से उनकी जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है उन्होंने कहा वह अस्पताल का शीघ्र निरीक्षण कर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कारवाई करेगीं।
–उल्लेखनीय है कि महिला बेस अस्पताल में जनपद नैनीताल के अलावा पहाड़ के दूरदराज़ व ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं डिलीवरी के लिए भर्ती होती हैं मरीजों की बढती संख्या के बावजूद अस्पताल के विस्तारीकरण व व्यवस्थाओं को दुरस्त करने की ओर किसी भी जनप्रतिनिधियों का ध्यान नही है अस्पताल में भर्ती महिलाओं मे सबसे अधिक संख्या जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों हल्दूचौड़, बिन्दुखत्ता, गौलापार, चोरगलिया आदि की होती है जिसका मुख्य कारण इन बड़ी आबादी वाले क्षेत्रों में कहीं भी महिला अस्पतालो का न होना है। एक ओर जहां केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव करवाने का ढिंढोरा पीटा जाता है वही ग्रामीण क्षेत्रों में महिला अस्पताल के अभाव में शहर में स्थित एक-दो अस्पतालों की स्थिति बेहद खराब होते जा रही है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन द्वारा जहां प्रसव उपरांत महिलाओ को 1500 रुपये देकर अस्पतालों में प्रसव के लिए प्रेरित किया जा रहा है दूसरी तरफ़ सरकारी अस्पतालों में प्रसव भी किसी जोखिम से कम नही रह गया है।+
X वही दूसरी ओर राजधानी देहरादून के सरकारी अस्पताल डेगू का इलाज करनेे में असफल साबित हुए हैं, यहां डेगू के खून की जांच कई कई दिन तक नही की जा रही है, डेगू के मरीज को शरीर दर्द की दबा दी जा रही है, जिससे मरीजों की हालत खराब होती जा रही है, थक हारकर परिजन उन्हें फिर सिनर्जी में भर्ती करा रहे हैं, जहां डेगू के इलाज में 3 से 4 लाख तक का खर्चा वसूला जा रहा है
राजधानी देहरादून में लगातार डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. जहां राजधानी देहरादून में 384 डेंगू के मरीजों की संख्या पहुंच चुकी है. वहीं पूरे प्रदेश में अभी तक 397 डेंगू के मरीज मिल हैं.
पूरे प्रदेश में अभी तक संदिग्ध डेंगू के 5218 मरीजों ने अपने ब्लड सैंपल मेडिकल जांच के लिए दिये हैं. बताया जा रहा है कि राजधानी देहरादून के दर्जनों इलाकों में डेंगू अपने डंक से लगातार हमला कर रहा है. जिसकी वजह से रोजाना शहर में 10 से 15 नये डेंगू के मरीज मिल रहे हैं.
वहीं दून मेडिकल कॉलेज में 15 मरीजों का इलाज चल रहा है लोगों का कहना है कि सरकार को मेडिकल मेडिकल कॉलेज के साथ दूसरे अस्पतालों में डेंगू के इलाज का इंतजाम करना चाहिए. जिससे डेंगू के मरीजों का जल्द से जल्द और बेहतर इलाज हो सकें. फिलहाल हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंहनगर में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है.
वहीं स्वास्थ्य महकमे का कहना है कि डेंगू की रोकथाम के लिए हर संभव इंतजाम किये जा रहे हैं, जिससे मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके. फिलहाल डेंगू की रोकथाम को लेकर जन जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है.