हाईकोर्ट बार एसो0 का फैसला; केस लडा तो सदस्यता रदद
वकील के खिलाफ कार्रवाई होगी; www.himalayauk.org (LeadingWeb & Print Media
विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर ने कहा है कि “भारत कुलभूषण जाधव को न्याय दिलाने की कोशिश कर रहा है, जिन्हें पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है.”
लाहौर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने कहा है कि वह भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को अपनी सेवाएं देने वाले वकील के खिलाफ कार्रवाई करेगा. पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जाधव को मौत की सजा सुनाई है.
लाहौर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव आमेर सईद रान ने बार की बैठक के बाद आज कहा, ‘‘लाहौर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया है कि जो भी वकील भारतीय जासूस कुलभूषण जाधव को अपनी सेवाएं देगा उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी.’’ उनके मुताबिक बार ने सरकार से कहा है कि जाधव के मामले में वह किसी भी विदेशी दबाव के आगे ना झुके.
उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने जाधव को अपना बेटा घोषित किया है और वह उसकी रिहाई के लिए पाकिस्तान सरकार पर दबाव बना रहा है. हमारी मांग है कि पाकिस्तानियों के जीवन से खेलने वाले भारतीय जासूस को बख्शा नहीं जाना चाहिए और सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसे फांसी दी जाए.’’
इससे पहले, सैन्य प्रमुख जनरल कमर बाजवा के तहत पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य कमांडरों ने यह स्पष्ट कर दिया कि इस किस्म की ‘‘राष्ट्र विरोधी गतिविधियों’’ पर कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा.
फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल ने 46 वर्षीय जाधव को पाकिस्तान में ‘‘जासूसी और तोड़फोड़’’ करने का दोषी पाया था जिसके बाद सैन्य प्रमुख जनरल बाजवा ने उनकी मौत की सजा की पुष्टि की थी.
भारत ने स्वीकार किया था कि जाधव नौसेना में काम कर चुके हैं. लेकिन सरकार के साथ उनके किसी भी तरह के संपर्क से इनकार किया था.
PAK के फॉरेन अफेयर्स एडवाइजर सरताज अजीज ने कहा, “इस बात में कोई दो राय नहीं है कि जाधव RAW के लिए काम कर रहा था। हमने अपने देश के कानून के हिसाब से काम किया है। सरताज अजीज ने कहा, “जाधव को फंसाने के आरोप गलत हैं। वो जासूस है, कारोबारी नहीं। उसके पास दो पासपोर्ट थे। एक बेगुनाह आदमी के पास दो पासपोर्ट क्यों हैं? एक हिंदू के नाम से और दूसरा मुस्लिम के नाम से? कुलभूषण जाधव को फंसाए जाने के भारत के आरोप गलत हैं।” जाधव के सामने ऑप्शन हैं। वो पाकिस्तान प्रेसिडेंट के सामने दया याचिका (मर्सी पिटीशन) दायर कर सकता है। जाधव इंडियन नेवी में था और इसके बाद वो एंटी-पाकिस्तान एक्टिविटीज में शामिल हो गया। पूछताछ में उसने तमाम आरोप कबूल किए हैं।
इंडियन नेवी के पूर्व अफसर कुलभूषण जाधव को फांसी दिए जाने के मामले में भारत के हाई कमिश्नर गौतम बम्बावले ने PAK फॉरेन सेक्रेटरी तहमीना जंजुआ से मुलाकात की। बम्बावले ने कहा, “मैंने कुलभूषण यादव केस में चार्जशीट और फैसले की कॉपी मांगी है। उन लोगों ने जाधव से मिलने की हमारी रिक्वेस्ट 13 बार ठुकराई। मैंने एक बार फिर फॉरेन सेक्रेटरी से रिक्वेस्ट की है कि हमें जाधव से मिलने दिया जाए, ताकि हम अपील कर सकें।” इससे पहले PAK के फॉरेन अफेयर्स एडवाइजर सरताज अजीज ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान में सभी सियासी पार्टियां इस बात पर राजी हैं कि कुलभूषण जाधव को फांसी देनी चाहिए, क्योंकि लीगल प्रॉसेस भी पूरी हो चुकी है।
वही भारत के विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर ने कहा है कि “भारत कुलभूषण जाधव को न्याय दिलाने की कोशिश कर रहा है, जिन्हें पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है.”
अकबर ने कहा, “जाधव के साथ अन्याय किया गया है. एक कंगारू कोर्ट ने यह आरोप लगाए हैं. इन सभी के बावजूद, हम उन्हें न्याय दिलाने की कोशिश कर रहे हैं. हम उनकी वापसी को इच्छुक हैं.” अकबर ने कहा कि “इस मामले पर सरकार का रुख विदेश मंत्री सुषमा स्वराज एवं गृह मंत्री राजनाथ सिंह स्पष्ट कर चुके हैं.”
एक सैन्य अदालत ने 46 वर्षीय जाधव को जासूसी एवं तोड़फोड़ के आरोपों में मौत की सजा सुनाई है.
राजनाथ सिंह ने कल कहा था कि भारत जाधव को न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेगा.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा, “भारत को कुलभूषण के स्थान एवं स्थिति की कोई जानकारी नहीं है. हम उन्हें वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं लेकिन हम इस दिशा में उठाए गए कदमों का खुलासा नहीं कर सकते.”
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