हिंदू नव वर्ष: ज्योतिष पूर्वानुमान: 9 अप्रैल ; राजा चंद्र की अपेक्षा मंत्री शनि की मजबूत स्थिति ;ग्रहों का संकेत ?
सनातन परंपरा के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से नव वर्ष का आरंभ होता है. ब्रह्म पुराण के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही सृष्टि का निर्माण हुआ था। अथर्ववेद में भी इस बात का संकेत मिलता है| इस वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की शुरुआत 8 अप्रैल 2024 को रात्रि 11 बजकर 50 मिनट और 44 सेकंड से होगी| # 9 अप्रैल प्रातः काल से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होगी और 8 अप्रैल को रात्रि 11 : 50 :44 बजे से चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की शुरुआत होगी| हिन्दू नव वर्ष 2024 का राजा चंद्र और मंत्री शनि होगा| चंद्र और शनि दोनों एक दूसरे से भिन्न प्रकृति एवं प्रवृति के ग्रह हैं # हिन्दू नव वर्ष 2024 का राजा चंद्र और मंत्री शनि # वराह मिहिर के अनुसार जिस वर्ष का राजा चंद्र होता है वह वर्ष धरती जलमग्न हो जाती है # संकल्प सिद्धि का वर्ष # समस्त सृष्टि के लिए संभावनाओं का नए द्वार खोलने वाला समय # पंचांग के अनुसार 6 अप्रैल को शनि दोपहर 3 बजकर 55 मिनट पर पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर करेंगे.
By Himalaya UK News (Leading youtube Channel & Leading Newsportal & Daily Newspaper. by Chandra Shekhar Joshi Chief Editor
HIGH LIGHT # हिंदू नव वर्ष: ज्योतिष पूर्वानुमान: भूकंप, बाढ़ और बादल फटने के साथ साथ जल प्लावन की स्थिति के संकेत, & प्राकृतिक उत्पात की घटनाओं में इस वर्ष वृद्धि होगी # महापरिवर्तन की दस्तक, हर स्तर पर व्यापक बदलाव का संकेत # राजा चंद्र की अपेक्षा मंत्री शनि की स्थिति मजबूत होना तथा ग्रहों का आपस में जिस प्रकार का संबंध तैयार हो रहा है वह इस वर्ष क्या संकेत दे रहे हैं? # चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की शुरुआत 8 अप्रैल 2024 को रात्रि 11 बजकर 50 मिनट और 44 सेकंड से होगी # चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को जो वार होता है वही वारेश वर्ष का राजा नियुक्त होता है। 8 अप्रैल को सोमवार है और इसका वारेश चंद्र है, इसलिए इस वर्ष का राजा चंद्र होगा # ध्यान रहे कि हिन्दू कैलेंडर के अनुसार एक सूर्योदय से दूसरे सूर्योदय तक वार नहीं बदलता इसलिए 8 अप्रैल को सोमवार रहेगा और सोमवार का वारेश चंद्र है इसलिए वर्ष का राजा चंद्र होगा।
चूंकि नव संवत्सर की शुरुआत 8 अप्रैल को देर रात्रि में हो रही है इसलिए शक्ति साधना के लिए नवरात्र की शुरुआत 8 तारीख से न होकर 9 अप्रैल प्रातः काल से की जाएगी। 9 अप्रैल प्रातः काल से चैत्र नवरात्र की शुरुआत होगी और 8 अप्रैल को रात्रि 11 : 50 :44 बजे से चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की शुरुआत होगी।
वर्ष प्रतिपदा के दिन ही यानि 8 अप्रैल को सूर्य ग्रहण भी है जो अमेरिका, मेक्सिको, कनाडा में पूर्ण एवं पश्चिमी यूरोप, ग्वाटेमाला, ऐलसालवाडोर, निकारागुआ, पुर्तगाल, आयरलैंड आदि जगहों में आंशिक रूप में देखा जायेगा|
सूर्य के मेष राशि में प्रवेश के अनुसार वर्ष का मंत्री नियुक्त होता है। इसके अनुसार इस वर्ष का मंत्री शनि होगा। हिंदू नव वर्ष 2024 का राजा चंद्र और मंत्री शनि होगा। चंद्र और शनि दोनों एक दूसरे से भिन्न प्रकृति एवं प्रवृति के ग्रह हैं। वर्ष प्रतिपदा की कुंडली में केतु को छोड़कर अन्य सभी ग्रह सिर्फ 65 डिग्री के अंशात्मक दूरी में होंगे। वर्षेश चंद्र जलीय राशि में जलीय ग्रह शुक्र के साथ साथ सूर्य और राहु के साथ नज़दीकी संबंध में होगा।
राजा चंद्र का मीन राशि, रेवती नक्षत्र में, सूर्य, राहु और शुक्र के साथ होगा और मंत्री शनि स्वराशि कुंभ राशि, वायु तत्व राशि में मंगल के साथ होगा। बुध मेष राशि, अग्नि तत्व राशि में वक्री और गंडांत में गुरु के साथ होगा। इसपर वैसे शनि की दृष्टि होगी जो मेष के मालिक मंगल के साथ होगा।
राजा चंद्र की अपेक्षा मंत्री शनि की स्थिति मजबूत होना तथा ग्रहों का आपस में जिस प्रकार का संबंध तैयार हो रहा है वह इस वर्ष क्या संकेत दे रहे हैं?
ज्यातिषीय गणना में ग्रह—सितारों की भूमिका अहम होती है. ब्रह्मांड में उनकी बदलती स्थितियों का असर पृथ्वी, प्रकृति, वातावरण और इंसानों पर होता है. इस बार हिंदू नव वर्ष में जो कुछ घटित होने वाला है उस उसके अनुसार हमारा रहन—सहन, गतिविधियां आदि भी प्रभावित हो जाएंगी.
गर्मी सामान्य से अधिक लम्बे समय तक चलेगी। जलवायु परिवर्तन की वजह से स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याओं में वृद्धि होगी। चंद्र और शनि के हाथ में के हाथ में वर्ष का कमान आना और शनि का मजबूत होना महापरिवर्तन की दस्तक, हर स्तर पर व्यापक बदलाव का संकेत दे रहे हैं। कशमकश की स्थिति का बनना, असमंजस की स्थिति का बनना- इसका संकेत दे रहे हैं।
महापरिवर्तन की दस्तक, हर स्तर पर व्यापक बदलाव का संकेत # जल, वायु, समस्त प्राणी, वनस्पति,एवं अन्य सूक्ष्म जीव जंतुओं के बीच के अन्तर्सम्बन्ध के साथ साथ ऋतु की पहचान करते हुए इन सबके साथ तथा आध्यात्मिक शक्तियों के साथ भावनात्मक सम्बन्ध कायम कर ने का महात्म्य है।
6 अप्रैल यानि हिंदू नववर्ष को दोपहर 3:55 पर शनि देव पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में गोचर करेंगे. इससे पहले शनि 24 नवम्बर 2023 को शतभिषा नक्षत्र में गोचर कर चुके हैं. शनि पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में 3 अक्टूबर 2024 दिन गुरुवार तक रहेंगे. शनि के इस नक्षत्र परिवर्तन करने से सभी राशि के जातकों पर सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा लेकिन 4 राशि के जातकों पर शनि की विशेष कृपा रहने वाली है.
भारतवर्ष के सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर में भूकंप, बाढ़ और बादल फटने के साथ साथ जल प्लावन की स्थिति?
नवरात्र का त्योहार माता दुर्गा को समर्पित होता है. इस पर्व का इंतजार लोगों को साल भर से रहता है. पूरे साल में दो बार नवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है पहला चैत्र नवरात्रि और दूसरा शारदीय नवरात्रि. फिलहाल चैत्र महीना चल रहा है और कुछ दिनों में चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ होने जा रहा है. चैत्र नवरात्रि के दौरान कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता है वरना पूर्ण फल की प्राप्ति नहीं होती है. आज हम आपको बताएंगे कि नवरात्रि में किन चीजों को खरीदना नहीं चाहिए. आइए जानते हैं.
चावल न खरीदें ; चैत्र नवरात्रि के 9 दिन चावल खरीदना शुभ नहीं माना जाता है. आप चावल नवरात्रि की शुरुआत होने से पहले खरीद सकते हैं. कहा जाता है कि चावल खरीदने से नवरात्रि में मिलने वाले पुण्य नष्ट हो जाते हैं.
घर न लाएं इलेक्ट्रॉनिक सामान ;ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चैत्र नवरात्रि के 9 दिन किसी भी तरह का इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदना अशुभ माना जाता है. कहा जाता है कि ऐसा करने से कुंडली के ग्रहों पर प्रभाव पड़ता है. इससे आपको ग्रह दोष भी झेलना पड़ सकता है. इस दौरान ये सामान खरीदने से अच्छे परिणास नहीं मिलते हैं. आप नवरात्रि समाप्त होने के बाद इलेक्ट्रॉनिक सामान की खरीदारी कर सकते हैं.
काले कपड़े ; चैत्र नवरात्रि के दौरान भूलकर भी काले कपड़े नहीं खरीदने चाहिए. काले वस्त्र खरीदना अशुभ माना जाता है. इसके अलावा काले कपड़े पहनना अशुभ माना जाता है. कहा जाता है कि काले कपड़े पहनने से सफलता की प्राप्ति नहीं होती हैं और बाधाएं आना शुरू हो जाती है. आप 9 दिन काले कपड़े पहनने और खरीदने से परहेज करें.
लोहे का सामान ; नवरात्रि के 9 दिन लोहे का सामान खरीदने से बचना चाहिए. कहा जाता है कि नवरात्रि के दिन लोहे का सामान खरीदने से आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता
ध्यान रहे यह संकल्प सिद्ध करने का वर्ष है: क्या है यह?
संकल्प का एक इरादा है. इसका मतलब है अपनी चेतना को ब्रह्मांड तक, अनंत तक ले जाना; फिर मन को वर्तमान क्षण में लाना, और अपने मन में उस चीज़ की इच्छा करना जिसकी आप इच्छा करते हैं। इच्छा का अर्थ है कि यह अभी होना है।
शक्ति आपके संकल्प की शक्ति में निहित है । मन संकल्प और विकल्प से भरा है । प्रत्येक कार्य संकल्प से ही सम्पन्न होता है । यहां तक कि हाथ हिलाने की क्रिया भी मन में संकल्प से पहले होती है। कमजोर मन का संकल्प निष्फल होता है । हम साधना और ज्ञान से अपने मन को मजबूत बना सकते हैं । फिर संकल्प भी मजबूत होगा.
हम प्रकृति द्वारा हमें दी गई मानसिक शक्ति का उपयोग नहीं करते हैं। यह हमें दिया गया सबसे बड़ा उपहार है। विचार के दो विद्यालय हैं। एक कहता है कि आप अपने सपने की कल्पना करें और उसके लिए काम करें। दूसरा तुमसे कहता है कि सब कुछ भगवान को समर्पित कर दो; प्रभु तुम्हें जो कुछ भी देता है वह सर्वोत्तम है, और वह हर चीज़ का ध्यान रखेगा।
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