योगी-योगी -योगी = दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है क्रेज

बीजेपी  परेशान #मौर्य ने भी हिंदू युवा वाहिनी के बढ़ते कद के प्रति विरोध जताया  #  पूर्वांचल से लेकर पश्चिम तक वाहिनी की धमक  #हिंदू युवा वाहिनी का बढ़ता कद # लोकप्रिय होता जा रहा है# युवाओं में वाहिनी से जुडऩे की मानों होड़ मच गई  # Top Report: www.himalayauk.org 

बीजेपी  परेशान- हिन्दू युवा वाहिनी एक हिंदूवादी संगठन हैं, जिसके संस्थापक सांसद योगी आदित्यनाथ हैं। वर्ष २००२ के अप्रैल माह में श्री राम नवमी के पर्व पर योगी आदित्यनाथ ने महानगर से कुछ राष्ट्रवादी नवयुवकों को संगठित कर हिन्दु युवा वाहिनी की आधारशिला रखी। ९ वर्षों में इसका विस्तार उत्तर प्रदेश के सभी ७२ जनपदों के ८६ इकाईयों में हुआ है 

उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल इलाक़े में योगी आदित्यनाथ की जितनी चर्चा होती है, उससे कहीं ज़्यादा चर्चित उनका संगठन हिंदू युवा वाहिनी है. साल 2002 में गोरखपुर के तत्कालीन सांसद और उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब इसका गठन किया था तो इसे उन्होंने एक सांस्कृतिक संगठन बताया था. उस समय इस संगठन का काम था, गांवों और शहरों में जाकर कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी और हिंदू विरोधी गतिविधियों को रोकना. लेकिन कई लोग इसके पीछे कुछ और ही मक़सद मानते हैं. गोरखनाथ मठ के महंत और उग्र हिंदू संगठन हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाकर संघ परिवार ने गुजरात के बाद उत्तर प्रदेश को हिंदुत्व की दूसरी प्रयोगशाला बनाने की शुरुआत कर दी है. क्या उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी को मिली ज़बरदस्त चुनावी सफलता से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) हिंदू राष्ट्र के अपने मक़सद के एक क़दम और नज़दीक पहुँच गया है?
हिंदू युवा वाहिनी ने नई सदस्यता अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दी है। योगी आदित्य नाथ के संगठन हिंदू युवा वाहिनी के बढ़ते कद से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) परेशान है। हिंदू युवा वाहिनी का बढ़ता कद बीजेपी के लिए परेशान करने वाला इसलिए भी है क्योंकि यह संगठन राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) से ना जुड़े होने के बावजूद लोगों के बीच लोकप्रिय होता जा रहा है। हिंदू युवा वाहिनी को योगी आदित्यनाथ ने तब बनाया था जब वह गोरखपुर के सांसद बने थे। पहले हिंदू युवा वाहिनी पूर्वांचल और पूर्वी यूपी के क्षेत्र में मशहूर था लेकिन योगी के सीएम बनने के बाद स्थिति बदल गई। योगी के सीएम बनने के बाद हिंदू युवा वाहिनी के सदस्यों की संख्या में जैसे बाढ़ सी आ गई। 

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनका संगठन काफी प्रसिद्ध हो रहा है. बड़ी संख्या में लोग हिंदू युवा वाहिनी के सदस्य बनना चाहते हैं. संगठन को नए लोगों को सदस्य बनाने के लिए कई नए नियम भी बनाने पड़े हैं. हिंदू युवा वाहिनी का सदस्य बनने की चाहत रखने वालों में सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की है. कथित तौर पर प्रत्येक दिन लगभग पांच हजार लोग वाहिनी से जुड़ने के लिए आवेदन कर रहे हैं.
पिछले महीने देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद से ही योगी आदित्य नाथ का क्रेज दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि योगी आदित्यनाथ की हिन्दू युवा वाहिनी का सदस्य बनने के लिए लोगों में अलग ही क्रेज है। गोरखपुर हेडक्वार्टर के एक सीनियर पदाधिकारी ने कहा कि हर दिन करीब 5000 से ज्यादा लोग इसका सदस्य बनने के लिए एप्लाई कर रहे हैं। इससे पहले एक महीने में 500 से 1000 ऐप्लिकेशन ही मिल पाती थीं। इस हिन्दुत्ववादी संगठन को योगी आदित्य नाथ ने सन् 2002 में स्थापित किया था। पहले तक, हिन्दू युवा वाहिनी का सदस्य बनने के लिए कोई नियम या कानून नहीं थे, हालांकि अब इसका सदस्य बनने के लिए कुछ दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
नए गाइडलाइंस को वाहिनी के स्टेट इंचार्ज पीके माल ने जारी किया है, जिसके मुताबिक पहले उम्मीदवार के बैकग्राउंड को चेक और वैरिफाई किया जाएगा कि क्या उसका किसी राजनीतिक पार्टी की ओर झुकाव तो नहीं, फिर उम्मीदवार को एक साल की जांच प्रक्रिया से होकर गुजरना होगा। यह सर्कुलर सभी जिला और मंडल इकाइयों को भेज दिया गया है और चेतावनी दी गई है कि किसी भी व्यक्ति को सदस्य बनाने से पहले पूरी सावधानी बरती जाए। हिन्दू युवा वाहिनी में एक भी महिला सदस्य नहीं है। सर्कुलर में लिखा है, “कई लोग संगठन से इसलिए जुड़ना चाहते हैं ताकि वो इसे बदनाम कर सकें। इसलिए उम्मीदवार के बैकग्राउंड के साथ उसकी गतिविधियों को भी जांच लिया जाए। संगठन से जुड़ने के बाद नए सदस्य को कम से कम छह माह तक एक सामान्य कार्यकर्ता के तौर पर काम करना होगा, इसके बाद ही उसे कोई पद दिया जाएगा।” अभी तक आवेदक को मेंबरशिप के लिए 11 रुपए का शुल्क देना होता था, जिसकी रसीद तुरंत दे दी जाती थी। इस प्रक्रिया को अब बंद कर दिया गया है। अब मेंबरशिप के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा और सिर्फ ऑनलाइन आवेदन ही स्वीकार किए जाएंगे।

गौरतलब है कि हिंदुत्ववादी संगठन हिंदू युवा वाहिनी को योगी आदित्यनाथ ने साल 2002 में बनाया था. हिंदू युवा वाहिनी के गोरखपुर मुख्यालय के वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक, हर दिन हजारों की संख्या में आवेदन आ रहे हैं. संगठन के मुताबिक करीब पांच हजार लोग हर दिन सदस्य बनने के लिए आवेदन कर रहे हैं. जबकि इससे पहले हर महीने मात्र 500 से 1000 आवेदन ही आया करते थे.

हिंदू युवा वाहिनी (हियुवा) के मुखिया आदित्यनाथ योगी द्वारा सूबे की कमान संभालते ही युवाओं में वाहिनी से जुडऩे की मानों होड़ मच गई है। मंडल व जिला प्रभारियों से इसके लिए आए दिन गुहार भी लगाई जा रही है लेकिन तत्काल स्थाई सदस्यता पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। नई व्यवस्था के तहत ऑनलाइन आवेदन ही स्वीकार किए जा रहे हैं। बीते सप्ताह जारी गाइड लाइन के अनुसार चार चरणों की जांच से गुजरने के बाद ही आवेदक को सदस्यता मिलेगी। इस प्रक्रिया में करीब छह माह लगेंगे।

योगी आदित्यनाथ के प्रयासों का ही परिणाम है कि पूर्वांचल से लेकर पश्चिम तक वाहिनी की धमक दिखने लगी है। इन सबके बीच भाजपा ने जैसे ही योगी को यूपी का सीएम बनाया, वाहिनी से जुडऩे की होड़ मच गई। इसे संज्ञान में लेते हुए बीते गुरुवार से ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है, पहले इसके लिए 11 रुपए देय थे।
आवेदन के बाद पहले संभाग प्रभारी या प्रदेश स्तरीय नेता फिर मंडल प्रभारी द्वारा अपने स्तर से उस व्यक्ति के बारे में जांच की जाएगी, उसके राजनीतिक मिजाज का झुकाव भी परखा जाएगा। हिंदू युवा वाहिनी के वाराणसी मंडल प्रभारी अंबरीष सिंह भोला के अनुसार हिंदू युवा वाहिनी से उन्हीं को जोड़ा जाएगा, जिसकी छवि साफ-सुथरी होगी। आवेदन फार्म को प्रदेश स्तर के नेताओं के साथ मंडल प्रभारी भी जांचेंगे। बाद में जिला व मंडल प्रभारियों की संस्तुति पर ही उस व्यक्ति को स्थाई सदस्यता मिलेगी।

दस गुना ज्यादा लोग कर रहे आवेदन
अंबरीष के अनुसार बीते दिनों में हियुवा की सदस्यता पाने को 500 से 700 के बीच आवेदन प्रतिदिन आते थे। यह आंकड़ा अब 5000 प्रतिदिन को भी पार कर रहा है, इनमें करीब 500 महिलाएं भी शामिल हैं, बाकी वर्गीकरण अभी बाद में किया जाना है। अभी उत्तर प्रदेश से ही आवेदन आ रहे हैं, वाहिनी का सदस्यता अभियान आगे अन्य प्रांतों में भी विस्तार पाएगा।

पहचान व पैनी नजर भी
शीर्षस्थों से प्राप्त निर्देश के बाद जहां भी हिंदू युवा वाहिनी का कार्यक्रम हो रहा है वहां जिला या ब्लॉक प्रभारी के अनुमोदन पर पुराने कार्यकर्ताओं को पहचान पत्र भी जारी किया जा रहा है। इसका उद्देश्य बाहरी व्यक्ति को वाहिनी के अंदरुनी मामलों में दखल देने से बचाना है। इसी कड़ी में रविवार शाम वाराणसी पहुंचे प्रदेश संयोजक डा. राकेश राय ने कार्यकर्ताओं को अनुशासन का पाठ पढ़ाया था।

यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी हिंदू युवा वाहिनी के बढ़ते कद के प्रति विरोध जताया था। वाहिनी का नाम लिए बिना मौर्य ने कहा था कि ‘आउटसाइडर’ के बढ़ते प्रभाव को बर्दाशत नहीं किया जाएगा। मौर्य विश्व हिंदू परिषद के पुराने सदस्य हैं। खबर के मुताबिक, जब योगी को यूपी का सीएम चुना गया था तब भी बीजेपी के सीनियर नेताओं ने सवाल खड़े किए थे कि संघ की जगह हिंदू युवा वाहिनी जैसे स्वंतत्र संगठन से किसी को कैसे चुना जा सकता है। लेकिन बाद में यह कहकर सबको राजी कर लिया गया कि संगठन धीरे-धीरे संघ में भी मिल जाएगा।
लेकिन हिंदू युवा वाहिनी और योगी आदित्य नाथ के गुरु योगी अवेद्यनाथ अपनी अलग पहचान रखने के लिए जाने जाते रहे हैं। 2002 में गोरखपुर से योगी आदित्य नाथ ने राधा मोहन दास अग्रवाल को सपोर्ट किया था। उस जगह से बीजेपी ने भी उम्मीवार उतारा था। हालांकि, राधा मोहन चुनाव जीतकर बीजेपी में शामिल हो गए थे। 
फिलाहल हिंदू युवा वाहिनी ने एक साल तक कोई नया सदस्य नहीं बनाने का एलान किया है लेकिन यह साफ नहीं है कि इससे भाजपा और संघ की नाराजगी दूर होगी या नहीं।

#हिन्दू युवा वाहिनी की देखादेखी नमो सेना का गठन
राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करना योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल की पहली बैठक के एजेंडा में होगा। अब देखना यह होगा कि पहले वाहिनी के घोषणापत्र को तवज्‍जो मिलेगी या भाजपा के- वही
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की हिन्दू युवा वाहिनी बिहार में भी अपने संगठन को मजबूत करेगी. इसके लिये हिन्दू युवा वाहिनी बिहार के सभी जिलों में अपने कार्यकर्ताओं को बहाल करने के लिए अभियान चलाएगी. वाहिनी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष पंकज राय ने बिहार सरकार से मांग करते हुए कहा कि यूपी की तरह बिहार में भी एंटी रोमियो फोर्स बहाल किया जाए और साथ ही बिहार से बूचड़खानों को भी बंद किया जाये. उन्होंने बताया कि संगठन को मजबूत करने के लिए वाहिनी के नए पदाधिकारियों का मनोनयन किया गया है. संगठन जून में योगी आदित्यनाथ को बिहार बुलाने की तैयारी कर रही है ताकि पार्टी को और सक्रिय बनाया जा सके.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हिन्दु युवा वाहिनी के तर्ज पर बेतिया मे भाजपा कार्यकर्ताओ ने नमो सेना का गठन किया है. अभी यह सेना सिर्फ प.चम्पारण जिले में ही काम करेगी लेकिन आने वाले दिनो में इसका विस्तार पूरे बिहार में किया जाएगा. नरेन्द्र मोदी को 2019 मे देश का पीएम बनाने व नरेन्द्र मोदी की नीतियों को जन जन तक पहुंचाने के लिए ही नमो सेना का गठन किया गया है. भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष संजय कुमार पांडेय के नेतृत्व मे इस सेना का गठन किया गया है. इस सेना की बुधवार को पहली बैठक आयोजित की गई. जून में नमो सेना का एक राज्य स्तरीय अधिवेशन भी होगा.सबसे दिलचस्प बात यह है कि नमो का गठन करने वालो में सभी वैसे कार्यकर्ता हैं जिन्हें नवगठित जिला कार्यसमिति या प्रदेश कार्यसमिति मे कोई स्थान नहीं मिला है.

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