भारतीय बैंकों का अडानी ग्रुप पर करीब 80,000 करोड़ रुपये का कर्ज- अडानी समूह को अरबों का फटका -हिंडनबर्ग रिसर्च ने अब तक 16 कंपनियों को डुबोया!
31 JAN 2023 High Light : High Light : भारतीय बैंकों का अडानी ग्रुप पर करीब 80,000 करोड़ रुपये का कर्ज है, जो ग्रुप के कुल कर्ज का 38 फीसदी है। बैंक अधिकारियों के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों ने बैंकों से अडानी ग्रुप पर उनके एक्सपोजर के बारे में जानकारी मांगी है।
अडानी ग्रुप के शेयरों में हाहाकार—#भारतीय बैंकों ने अडानी ग्रुप की कंपनियों को करीब 80,000 करोड़ रुपये का कर्ज# बड़ौदा बैंक #PNB #SBI ने भारी कर्जा दिया है#PNB का अडानी समूह को 7000 करोड़ कर्ज # इसकी एक वजह अडानी ग्रुप के बारे में आई रिपोर्ट है। अडानी ग्रुप की टॉप पांच कंपनियों पर पिछले चार साल में कर्ज दोगुना हो गया हैहै # वित्त वर्ष 2022 में अडानी ग्रुप पर दो लाख करोड़ रुपये का कर्ज था जिसमें करीब 80,000 करोड़ रुपये बैंकों का थाथा # उन लोगों का पैसा डूबने के कगार पर पहुंच गया है जिन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई एलआईसी और एसबीआई PNB में निवेश की # अमेरिका की निवेश अनुसंधान फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg) ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें अडानी समूह पर शेयरों में हेर-फेर और अकाउंटिंग में धोखाधड़ी करने का आरोप# एक रिपोर्ट से भारत और एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति को करीब 48000 करोड़ का नुकसान, हाहाकार
By Chandra Shekhar Joshi Chief Editor www.himalayauk.org (Leading Web & Print Media) Publish at Dehradun & Haridwar. Mail; himalayauk@gmail.com Mob. 9412932030
एलआईसी ने हाल में अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी टोटल गैस और अडानी ट्रांसमिशन में अपना निवेश बढ़ाया है। अडानी एंटरप्राइजेज में एलआईसी का निवेश 30 सितंबर, 2022 को 4.02 फीसदी था जिसका मूल्य 17,966 करोड़ रुपये था। इसी तरह अडानी टोटल गैस में एलआईसी की 5.77 फीसदी, अडानी ट्रांसमिशन में 3.46 फीसदी और अडानी ग्रीन एनर्जी में 1.15 फीसदी हिस्सेदारी है। इसी तरह अडानी पोर्ट्स में एलआईसी की हिस्सेदारी 11.9 फीसदी है। आज इसमें से कई कंपनियों के शेयरों में 20 फीसदी तक गिरावट आई। इससे एलआईसी को 16,300 करोड़ का नुकसान हुआ है। अडानी ग्रुप की सात कंपनियों में एलआईसी का निवेश है।
हिंडनबर्ग ने ऑडिट फर्म को लेकर भी अडानी ग्रुप पर सवाल उठाए थे
इस बीच मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) भी इस मामले में सतर्क हो गया है। रॉयटर्स की एक खबर के मुताबिक सेबी पिछले साल अडानी ग्रुप द्वारा किए गए हरेक सौदे की बारीकी से जांच करेगा। अडानी ग्रुप ने हाल में कई बड़े सौदे किए हैं। इनमें अंबूजा सीमेंट्स और एसीसी लिमिटेड का अधिग्रहण शामिल है। साथ ही अमेरिका की शॉर्ट सेलर कपनी Hindenburg Research की रिपोर्ट की भी स्टडी की जाएगी। इस रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। हालांकि अडानी ग्रुप ने इस आरोपों का खंडन करते हुए अमेरिका कंपनी के खिलाफ कोर्ट जाने की बात कही है।
अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप (Adani Group) से 88 सवाल पूछे थे हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप की कंपनियों को ओवरवैल्यूड बताया था. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है. इसके बाद अडानी ग्रुप ने 413 पन्नों में हिंडनबर्ग के सवालों के जवाब दिया है. साथ ही अडानी समूह ने 88 में से 68 सवालों के फर्जी बताया. अडानी समूह की ओर से कहा अडानी ग्रुप ने 413 पन्नों में हिंडनबर्ग के सवालों के जवाब दिया है. साथ ही अडानी समूह ने 88 में से 68 सवालों के फर्जी बताया. अडानी समूह की ओर से कहा गया कि 88 सवालों में से 68 प्रश्न फर्जी और भ्रामक हैं. कंपनी की तरफ से कहा गया है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ‘गलत जानकारी और झूठे आरोपों’ के आधार पर बनी है
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद अडानी समूह की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं. हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी समूह को पहले ही अरबों का फटका लग चुका है. लेकिन अब अडानी समूह को कर्ज देने वाले बैंकों ने भी अपने बांटे गए लोन का आकलन करना शुरू कर दिया है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट बताती है कि इन बैंकों का कहना है कि जरूरत पड़ने पर वे सभी जरूरी कदम उठाएंगे. अडानी समूह पर बैंकों का 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज है. देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक के मुताबिक अडानी समूह के लिए बैंक का एक्सपोजर आरबीआई के मानकों जैसे लार्ज एक्सपोजर फ्रेमवर्क (एलईएफ) से कम है. लार्ज एक्सपोजर फ्रेमवर्क के तहत ये तय होता है कि एक कारपोरेट घराने को बैंक अधिकतम कितना कर्ज बांट सकते हैं. इसी तरह से दूसरा मानक मसलन टीआरए यानी ट्रस्ट और रिटेंशन अकाउंट से मिलान किया जाये तो बैंक की संपत्ति सुरक्षित है और अडानी समूह से उधार वसूलने में कोई दिक्कत नहीं होगी.
एसबीआई के एक अधिकारी ने कहा, “हम अडानी समूह के ऊपर लगे आरोपों पर नजर रख रहे हैं. इस मामले पर हमारी पलपल नजर बनी हुई है. जब भी इस तरह के मामले सामने आते हैं जो बैंक जोखिम को प्रभावित कर सकती हैं, तो हमारे पास उस कंपनी के वर्तमान जोखिम का मूल्यांकन करने और कुछ उपाय करने की प्रक्रिया होती है. हम कितने सुरक्षित हैं और इसका किस तरह का प्रभाव हो सकता है. अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं.” एसबीआई के प्रबंध निदेशक (कॉर्पोरेट बैंकिंग स्वामीनाथन जे इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि परसेंटवाइज देखें तो पिछले दो-तीन सालों में अडानी समूह भारत के बैंकों से कम कर्ज ले रहा है. इसी अवधि के दौरान अडानी समूह के कुल डेट टू इबिटा में सुधार आ रहा है. स्वामीनाथन ने कहा, “जैसा कि हमें पता है कि अडानी समूह ज्यादातर अधिग्रहण विदेशी बैंकों से कर्ज लेकर कर पूरे कर रहा है इसलिए कर्ज के मामले में भारत के बैंकिंग सिस्टम के लिए कोई जोखिम नहीं है.” इनवेस्टमेंट फर्म सीएलएसए (CLSA) की एक रिपोर्ट के अनुसार अडानी समूह की टॉप 5 कंपनियों जैसे अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स, अडानी पावर, अडानी ग्रीन और अडानी ट्रांसमिशन पर कुल 2.1 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है. अडानी समूह का जितना कुल कर्ज है उसमें से सिर्फ 40 फीसदी कर्ज से भी कम लोन भारतीय बैंकों से लिया गया है.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली है. पिछले तीन कारोबारी दिनों में अडानी समूह की कंपनियों का मार्केट कैप करीब 5.8 लाख करोड़ रुपये साफ हो चुका है. अडानी समूह की लिस्टेड कंपनियों जैसे अडानी टोटल गैस लिमिटेड और अडानी ट्रांसमिशन के शेयरों में आज (30 जनवरी) सबसे ज्यादा करीब 20 फीसदी की भारी गिरावट देखने को मिली. इसका असर कंपनी के चेयरमैन गौतम अडानी की संपत्ति पर भी पड़ा है. फोर्ब्स के मुताबिक गौतम अडानी दुनिया के अमीरों की लिस्ट में खिसककर आठवें नंबर पर आ गए हैं. अडानी समूह की कंपनियों में आई इस गिरावट की वजह से आम निवेशकों के अलावा देश की सबसे बड़ी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी यानी LIC को भी अच्छा खासा नुकसान हुआ है. पिछले तीन दिनों में एलआईसी को करीब 19 हजार करोड़ रुपये की चपत लग चुकी है.
दरअसल एलआईसी ने अडानी ग्रुप की कंपनियों में अपना काफी पैसा निवेश कर रखा है. 30 सितंबर, 2022 तक के आंकड़ों के मुताबिक एलआईसी का कुल इक्विटी पोर्टफोलियो 10.27 लाख करोड़ रुपये का था. इसमें से अडानी ग्रुप की कंपनियों में एलआईसी का निवेश करीब सात फीसदी के आसपास था. हालांकि अडानी ग्रुप में मचे हाहाकार के बीच LIC ने सोमवार सफाई दी है. एलआईसी ने प्रेस रिलीज कर कहा कि अडानी ग्रुप की कंपनियों में उसका निवेश कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) का महज एक फीसदी के आसपास है. कंपनी ने कहा कि अडानी ग्रुप की कंपनियों में शेयर और डेट के रूप में उसकी कुल हिस्सेदारी दिसंबर अंत तक करीब 36 हजार करोड़ रुपये थी. आपको बता दें हिंडन बर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं. कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी समूह की कंपनियां गले तक कर्ज में डूबी हुई हैं. साथ ही ये भी कहा गया है कि अडानी समूह दशकों से स्टॉक मैनिपुलेशन और अकाउंटिंग फ्रॉड में शामिल है. अडानी समूह ने 29 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों का जवाब 413 पेज की रिपोर्ट जारी कर दिया है. वहीं हिंडनबर्ग रिसर्च ने भी अडानी समूह पर भी पलटवार किया है.