नए भारतीय नोटों को कैसे कानूनी मान लें?” नेपाल

#‘जाने माने अर्थशास्त्री’ मनमोहन सिंह की बात गंभीरता से ले मोदी- शिवसेना# नए भारतीय नोट एक्‍सचेंज नहीं किए जा सकते ; नेपाल # शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गुरुवार (24 नवंबर) को इस कदम को ‘आम आदमी से लूट’ बताया # भाजपा से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बात को गंभीरता से लेने को कहा क्योंकि वह ‘जाने माने अर्थशास्त्री’ हैं। #www.himalayauk.org (Newsportal)
#एक तरफ जहां नेपाली नागरिक 500 और 1,000 रुपए के बंद किए गए नोटों को एक्‍सचेंज कराने में परेशानी उठा रहे है, वहां के केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को भारत के 500 व 2,000 रुपए के नए नोटों के एक्‍सचेंज पर प्रतिबंध लगा दिया। नेपाल राष्‍ट्र बैंक ने कहा है कि जब तक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) फॉरेन एक्‍सचेंज मैनेजमेंट एक्‍ट के तहत नई अधिसूचना जारी नहीं करता, नए भारतीय नोट एक्‍सचेंज नहीं किए जा सकते। ऐसी नोटिफिकेशन के बाद ही विदेशी नागरिकों को एक निश्चित मात्रा में भारतीय करंसी रखने की अनुमति मिलती है।#

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25 नवंबर से बैंकों में 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट नहीं बदले जाएंगे। पुराने नोट बैन किए जाने के मामले में दी गई बाकी सारी छूट 15 दिसंबर तक के लिए लागू रखने का फैसला किया गया है। इसमें पानी और बिजली का मौजूदा या बकाया बिल जमा करने की सुविधा भी शामिल है। विदेशी नागरिकों को हर सप्ताह 5000 रुपए कीमत की विदेशी मुद्रा बदलने की छूट होगी। इस बारे में जानकारी उनके पासपोर्ट में दर्ज की जाएगी। 2 दिसंबर तक नेशनल हाइवे पर टोल फ्री रहेगा। ऐसे में तीन दिसंबर से 15 दिसंबर तक टोल प्लाजा पर 500 रुपए के पुराने नोट टैक्स के रूप में दिए जा सकते हैं। सेंट्रल, स्टेट, म्यूनिसिपलिटी और स्थानीय निकाय की स्कूलों में प्रति छात्र 2000 रुपए की फीस से ऊपर होने पर 500 रुपए के पुराने नोट स्वीकार किए जाएंगे।
सरकार ने सार्वजनिक सेवाओं के लिये पुराने नोट के उपयोग की अवधि 15 दिसंबर तक बढ़ाई है। प्रीपेड मोबाइल के टॉप अप के लिए भी 500 का पुराना नोट इस्तेमाल किया जा सकता है। पुराने नोटों के इस्तेमाल के लिए मिली छूट की किसी भी श्रेणी में 1,000 का नोट अब स्वीकार नहीं किया जाएगा। 500 और 1000 रुपए के पुराने नोट 30 दिसंबर 2016 तक बैंकों के खातों में जमाए कराए जा सकते हैं।
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बिराटनगर के व्‍यापारी समुदाय को नेपाल राष्‍ट्र बैंक के पूर्वी क्षेत्र प्रमुख, रामू पोदेल ने बताया है कि नए भारतीय नोट ‘गैरकानूनी’ माने जा रहे हैं और जब तक भारत की तरफ से इंतजाम नहीं किए जाते, उन्‍हें एक्‍सचेंज नहीं किया जा सकता। पोदेल ने कहा, ”अभी के लिए, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के साथ हमारे समझौते के अनुसार एक नेपाली नागरिक 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोटों में 25,000 रुपए तक रख सकता है। अभी इन पुराने नोटों का क्‍या होगा, यही तय नहीं है, हम बाजार में आ रहे नए भारतीय नोटों को कैसे कानूनी मान लें?”
नेपाल में बड़े पैमाने पर भारतीय करंसी का इस्‍तेमाल होता है। ऐसे में कई नेपालियों को 500 व 1000 के पुराने नोट बदलवाने में खासी परेशानी हो रही है। दोनों देशों के बीच खुली सीमा होने की वजह से, नए भारतीय नोट नेपाल भी पहुंच गए हैं। नेपाल और भारत के बीच में अभी तक नेपाली नागरिकों के पास रखे पुराने नोटों के एक्‍सचेंज का मॉडल तय नहीं हो पाया है। पोदेल ने कहा कि दोनों केंद्रीय बैंक इस मुद्दे को निपटाने के लिए संपर्क में हैं, मगर अभी तक कोई रास्‍ता नहीं निकल सका है।
नेपाल के राष्‍ट्र बैंक ने पुराने भारतीय करेंसी नोटों को एक्‍सचेंज करने की गाइडलाइंस तैयार करने के लिए एक टास्‍ट फोर्स बनाई गई है। इसकी तरफ से कुछ गाइडलाइंस काठमांडू में भारतीय दूतावास की तरफ से भारत को सौंपी गई हैं।
अधिकारियों ने कहा कि नेपाल ने सुझाव दिया है कि अधिकारी नेपाली नागरिकों के पास मौजूद 500 व 1000 के पुराने नोट जमा कर लें और फिर उन्‍हें आरबीआई के पास वेरिफिकेशन और नेपाली करेंसी में एक्‍सचेंज होने के लिए भेज दें।

वही नई दिल्‍ली संसद में
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने गुरुवार (24 नवंबर) को नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जिस तरह से इसे लागू किया गया है, वह ‘प्रबंधन की विशाल असफलता’ है और यह संगठित एवं कानूनी लूट-खसोट का मामला है। सरकार द्वारा 500 रुपए और 1000 रुपए के नोटों को अमान्य किए जाने के बाद उत्पन्न हालात को लेकर इस कदम के विरोध में विपक्ष की मुहिम तेज करते हुए सिंह ने राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में कहा कि इस फैसले से सकल घरेलू उत्पाद में दो फीसदी की कमी आएगी जबकि इसे नजरअंदाज किया जा रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री सिंह ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री एक व्यावहारिक, रचनात्मक एवं तथ्यपरक समाधान निकालेंगे जिससे आम आदमी को नोटबंदी के फैसले से उत्पन्न हालात के चलते हो रही परेशानी से राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि जो परिस्थितियां हैं उनमें आम लोग बेहद निराश हैं।

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब लोगों की आंखों में आंसू है ऐसे वक्त में मोदी के भावुक होने का कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा, ‘एक व्यक्ति 125 करोड़ लोगों के लिए फैसला नहीं ले सकता। नकदी बंद करने का फैसला लेने के पहले लोगों को विश्वास में लेना चाहिए था।’ ठाकरे ने कहा, ‘पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जाने माने अर्थशास्त्री हैं। इसलिए उनकी बातों और विचार को गंभीरता से लेना चाहिए। जिस तरह रकम जमा करवायी जा रही है लगता है कि आम आदमी से धन लूटा जा रहा है। बहुत सारी आकांक्षाओं के साथ आपको सत्ता में लाने वाले लोगों की आंखों में आपने आंसू ला दिये।’

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