योग की उत्पत्ति योगियों द्वारा भारत में हुई
योग एक प्राचीन कला है जिसकी उत्पत्ति भारत में लगभग 6000 साल पहले हुई थी। योग की उत्पत्ति प्राचीन समय में, योगियों द्वारा भारत में हुई थी। योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द से हुई है, जिसके दो अर्थ हैं – एक अर्थ है; जोड़ना और दूसरा अर्थ है – अनुशासन। योग का अभ्यास हमें शरीर और मस्तिष्क के जुड़ाव द्वारा शरीर और मस्तिष्क के अनुशासन को सिखाता है। यह एक आध्यात्मिक अभ्यास है, जो शरीर और मस्तिष्क के संतुलन के साथ ही प्रकृति के करीब आने के लिए ध्यान के माध्यम से किया जाता है। यह पहले समय में, हिन्दू, बौद्ध और जैन धर्म के लोगों द्वारा किया जाता था। यह व्यायाम का ही एक अद्भुत प्रकार है, जो शरीर और मन को नियंत्रित करके जीवन को बेहतर बनाता है। योग हमेशा स्वस्थ जीवन जीने का एक विज्ञान है। यह एक दवा की तरह है, जो हमारे शरीर के अंगों के कार्यों करने के ढ़ंग को नियमित करके विभिन्न बीमारियों को धीरे-धीरे ठीक करता है।
दैनिक जीवन में योग का अभ्यास करना हमें बहुत सी बीमारियों से बचाने के साथ ही भयानक बीमारियों; जैसे- कैंसर, मधुमेह (डायबिटीज़), उच्च व निम्न रक्त दाब, हृदय रोग, किडनी का खराब होना, लीवर का खराब होना, गले की समस्याओं और अन्य बहुत सी मानसिक बीमारियों से भी बचाव करता है।
हम योग से होने वाले लाभों की गणना नहीं कर सकते हैं, हम इसे केवल एक चमत्कार की तरह समझ सकते हैं, जिसे मानव प्रजाति को भगवान ने उपहार के रुप में प्रदान किया है। यह शारीरिक तंदरुस्ती को बनाए रखता है, तनाव को कम करता है, भावनाओं को नियंत्रित करता है, नकारात्मक विचारों को नियंत्रित करता है और भलाई की भावना, मानसिक शुद्धता, आत्म समझ को विकसित करता है साथ ही प्रकृति से जोड़ता है। HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND
वास्तव में, योग वह क्रिया है, जो शरीर के अंगों की गतिविधियों और सांसों को नियंत्रित करता है। यह शरीर और मन, दोनों को प्रकृति से जोड़कर आन्तरिक और बाहरी ताकत को बढ़ावा देता है। यह केवल शारीरिक क्रिया नहीं है, क्योंकि यह एक मनुष्य को मानसिक, भावनात्मक और आत्मिक विचारों पर नियंत्रण करने के योग्य बनाता है। इसका अभ्यास लोगों के द्वारा किसी भी आयु में किया जा सकता है, जैसे- बचपन, किशोरावस्था, वयस्क या वृद्धावस्था। इसके लिए नियंत्रित सांस के साथ सुरक्षित, धीमें और नियंत्रित शारीरिक गतिविधियों की आवश्यकता होती है। योग और इसके लाभों के बारे में दुनियाभर के लोगों को जागरुक करने के लिए वार्षिक रुप से एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर (अंतरराष्ट्रीय योग दिवस या विश्व योग दिवस) कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
पहले समय में, लोग अपने दैनिक जीवन में योग और ध्यान, पूरे जीवनभर स्वस्थ और ताकतवर बने रहने के लिए किया करते थे। फिर भी, इस भीड़ वाले व्यस्त वातावरण में योग करना दिन प्रति दिन कम होता जा रहा है। योग बहुत ही सुरक्षित क्रिया है और किसी के भी द्वारा किसी भी समय की जा सकती है, यहाँ तक कि इससे बच्चे भी लाभ ले सकते हैं। योग वह क्रिया है, जिसके अन्तर्गत शरीर के विभिन्न भागों को एक साथ लाकर शरीर, मस्तिष्क और आत्मा को सन्तुलित करने का एक अभ्यास है। पहले समय में, योग का अभ्यास ध्यान की क्रिया के साथ किया जाता था।
योग शरीर और मस्तिष्क को एक साथ सन्तुलित करके प्रकृति से जुड़ने का सबसे सुरक्षित माध्यम है। यह व्यायाम का एक प्रकार है, जिसमें शरीर के संतुलन और आहार, सांस की क्रिया के साथ ही शारीरिक आकृति को भी नियंत्रित करना आवश्यक है।यह शरीर और मस्तिष्क को ध्यान से जोड़ता है और जिसके माध्यम से शरीर को आराम मिलता है। यह शरीर और मस्तिष्क के ऊपर नियंत्रण रखने के साथ ही तनाव और चिन्ता को कम करके शरीर और मस्तिष्क के अच्छे स्वास्थ्य को प्राप्त करने में मदद करता है।
योग किसी के भी द्वारा विशेषरुप से किशोरों और वयस्कों द्वारा जीवन के लिए आवश्यक सक्रियता के लिए दैनिक आधार पर व्यायाम के रुप में किया जा सकता है। यह जीवन के कठिन समय, स्कूल, मित्र, परिवार और पड़ोसियों के दबाव को कम करने में मदद करता है। योग के माध्यम से एक व्यक्ति दूसरों के द्वारा दी जाने वाली समस्याओं और तनावों को गायब कर सकता है। यह शरीर, मस्तिष्क और प्रकृति के बीच में आसानी से संपर्क स्थापित कराता है।
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