भारतीय थलसेना ने पूरी ब्रिगेड ही दक्षिण कश्मीर में भेजी
कश्मीर घाटी में जारी उथल-पुथल के बीच भारतीय थलसेना ने अपनी एक पूरी ब्रिगेड ही दक्षिण कश्मीर में भेज दी है। आतंकवादियों के सफाये और प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए चलाए जा रहे आॅपरेशन ‘काम डाउन’ के तहत थलसेना ने यह ब्रिगेड भेजी है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इलाके में ‘जंगल राज’ जैसे हालात कायम होने की खुफिया सूचनाएं मिलने के बाद करीब 4,000 अतिरिक्त सैनिकों को स्थिति सामान्य बनाने के काम में लगाया गया है। हालांकि, उन्हें स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे बल प्रयोग कम से कम करें। सूत्रों ने बताया कि इलाके में हालात ऐसे हैं कि आतंकवादी और उनसे हमदर्दी रखने वाले लोग हावी हैं, वे प्रदर्शन कर रहे हैं और सड़कें जाम कर रहे हैं। दक्षिण कश्मीर के चार जिलों – पुलवामा, शोपियां, अनंतनाग और कुलगाम – में सैनिकों को तैनात कर दिया गया है। घाटी में हिंसा के मौजूदा दौर में दक्षिण कश्मीर के जिले ही सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। बीते आठ जुलाई को हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की एक मुठभेड़ में हुई मौत के बाद से ही घाटी में हिंसक विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है । वानी दक्षिण कश्मीर क्षेत्र से ही ताल्लुक रखता था।
कश्मीर में सुरक्षा बलों और पत्थर फेंक रहे प्रदर्शनकारियों के बीच ताजा संघर्षों में मंगलवार को दो युवकों की मौत हो गयी जबकि कई अन्य घायल हो गये। अधिकारियों ने कश्मीर के सभी 10 जिलों में कर्फ्यू लगा रखा है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बांदीपुरा में ईद की नमाज समाप्त होने के तुरंत बाद प्रदर्शनकारियों के समूह ने सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। इस पर जवाबी कार्रवाई करते हुये सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले और पैलेट गन चलाए।
उन्होंने बताया कि 20 वर्षीय मुर्तजा अहमद को आंसू गैस का गोला लगा जिसके परिणामस्वरूप उसकी मौत हो गयी। बांदीपुरा शहर में सुरक्षा बलों की कार्रवाई में कई अन्य घायल हो गये।
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जम्मू कश्मीर के पुंछ में लगभग 60 घंटों से चल रही मुठभेड़ आखिर खत्म हो गई। सुरक्षा जवानों ने वहां छिपे दो आतंकियों को मार गिराया। ये मुठभेड़ पुंछ के मिनी सचिवालय में चल रही थी। यह बिल्डिंग निर्माणधीन थी। सुरक्षा जवानों ने अंदर जाने के लिए IED की मदद से एक धमाका भी किया था। यह धमाका बिल्डिंग की दीवार पर किया गया था ताकी वहां एक सुराख बन जाए जिसकी मदद से सुरक्षा जवान अंदर दाखिल हो सकें। सुरक्षा जवान मुख्य दरवाजे से अंदर नहीं जा सकते थे क्योंकि उसे बम लगाकर बंद किया गया था। अगर उसे खोलने की कोशिश की जाती तो धमाका हो जाता। सुरक्षा जवानों का बम की मदद से सुराख करने का प्लान सफल रहा और ऑपरेशन भी। जिस बम से सुरक्षा जवानों ने धमाका किया वह 60 किलो विस्फोटक सामग्री से बना था। वहां आसपास रहने वाले लोग भी इस ऑपरेशन को देखने के लिए छतों पर चढ़े हुए देखे गए। सुराख होने के तुरंत बाद सुरक्षा जवान बिल्डिंग में दाखिल हो गए। इस बिल्डिंग में आतंकियों को ढूंढना इतना आसान नहीं था। क्योंकि इसमें 87 कमरे, 25 बाथरूम और 8 अंडरग्राउंड पानी के टैंक हैं।
यह मुठभेड़ रविवार से लगातार चल रही थी। रविवार से अबतक कुल 6 आतंकी मारे गए। 6 में से दो आंतकी आर्मी के हेडक्वाटर के पास जोगिंदर पैलेस में मारे गए थे। पठानकोट हमले के बाद यह दूसरी सबसे लंबी मुठभेड़ थी। वह मुठभेड़ एक हफ्ते तक चली थी।
लोगों ने मनाई खुशी: ऑपरेशन खत्म होते ही हजारों की संख्या में हिंदू और मुस्लिम लोग इस बिल्डिंग में घुस गए और उन्होंने ‘आर्मी जिंदाबाद’, ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने शुरू कर दिए थे। ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के भी नारे लगे। ऑपरेशन के सफल होने का जश्न मना रहे लोगों को संभालना वहां की पुलिस के लिए आसान नहीं रहा।
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सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल :सीआरपीएफ: और जम्मू-कश्मीर पुलिस की सहायता से थलसेना के जवान बारीकी से इलाके की घेराबंदी कर रहे हैं और प्रदर्शनकारियों की ओर से किया गया सड़क जाम हटा रहे हैं ताकि लोगों को आने-जाने में कोई परेशानी नहीं हो। सड़कों पर पेड़ गिराकर, बिजली के खंभे गिराकर, बड़े-बड़े पत्थर रखकर और वाहनों को आग के हवाले करके प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम किया है। पुलवामा के करीमाबाद इलाके से जाम हटवाने के बाद सेना के जवान शोपियां और कुलगाम की ओर रवाना हुए हैं। सूत्रों ने बताया कि बकरीद के मद्देनजर कुछ समय के रोकी गई यह प्रक्रिया त्योहार के बाद फिर से शुरू की जाएगी। सेना के अतिरिक्त जवानों को भी इस काम में लगाया जा सकता है। यह फैसला ऐसी खुफिया सूचनाएं मिलने के बाद किया गया कि डंडों, पत्थरों और पेट्रोल बमों से लैस कश्मीरी नौजवान राष्ट्रीय राजमार्ग की तरफ जाने वाली सड़कों पर गश्त कर रहे हैं और लोगों को उनके घरों से निकलने या श्रीनगर की तरफ जाने से रोक रहे हैं। ऐसी सूचना थी कि वानी की मौत के बाद पैदा हुई अशांति के बाद से अब तक करीब 100 आतंकवादी दक्षिण कश्मीर में दाखिल हो चुके हैं।
शोपियां जिले के हेफ्फ-श्रीमल, पुलवामा जिले के सम्बूरा, लिल्लाहर, पुलवामा कस्बे, त्राल और काकपुरा, कुलगाम जिले के कैमूह एवं रेधवानी और अनंतनाग जिले के रेधवानी जैसे इलाकों में आतंकवादियों के छुपे होने की आशंका है। अधिकारियों ने कहा कि चिनार और देवदार के पेड़ों से भरे जंगल आतंकवादियों को नए लड़कों को प्रशिक्षित करने का मनमाफिक माहौल मुहैया कराते हैं। ऐसी सूचना थी कि शोपियां जिले के कमला जंगल में आतंकवादियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है, लेकिन जब वहां छापेमारी की गई तो कोई नहीं मिला। खबरों के मुताबिक, मध्य कश्मीर के बड़गाम जिले के पाखरपुरा से आतंकवादी दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में दाखिल हो गए और बाद में वे अन्य इलाकों में फैल गए।