SIT करे जज लोया की मौत की जांच ; राष्ट्रपति से मिले विपक्षी पार्टियों के नेता
United Opposition Led by Rahul Gandhi Takes Judge Loya’s Death Probe Demand to President
SIT करे जज लोया की मौत की जांच
राष्ट्रपति से मिले विपक्षी पार्टियों के नेता, राहुल बोले-
पूर्व जज लोया की मौत को लेकर राजनीति आज भी गर्म है. आज कांग्रेस समेत विपक्ष की पार्टियों के नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलने पहुंचे. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जज लोया की मौत की एसआईटी से जांच की मांग की है. राहुल गांधी ने कहा, ”15 दलों के 114 सांसदों ने ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं. उनकी (जज लोया की) मौत का मामला संदेहजनक नजर आता है. इस मामले पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संतोषजनक प्रतिक्रिया दी है.” उन्होंने आगे कहा, ” संसद के दोनों सदनों में इस मामले को लेकर कई सांसदों की मांग है कि इस मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया जाए.”
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सीबीआई जज लोया की संदिग्ध हालत में मौत के मसले पर राहुल गांधी और विपक्षी दलों के नेताओं ने शुक्रवार (9 फरवरी) को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। उन्होंने जज लोया की मौत की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने की मांग की। राष्ट्रपति ने ट्वीट कर बताया कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में सांसदों का एक दल राष्ट्रपति भवन आया था। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कहा, ‘लोकसभा और राज्यसभा के कई सांसद जज लोया की मौत से बेहद अशांत हैं। वे समझते हैं कि मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की जानी चाहिए। एक जज की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इस मामले की उचित तरीके से जांच उनके परिजनों के प्रति सच्ची संवेदना होगी। पंद्रह दलों के 114 सांसदों ने इससे जुड़े ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। जज लोया के साथ ही दो और जजों की संदिग्ध स्थिति में मौत हुई है। राष्ट्रपति ने इस मामले में सकारात्मक रुख दिखाया।’ राहुल और आजाद के अलावा प्रतिनिधिमंडल में कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, पी. चिदंबरम, सीपीएम के डी. राजा, टीएमसी के इदरिश अली, मनीष गुप्ता, संजय सिंह और बजरुद्दीन अजमल भी शामिल थे।
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जज लोया केस की जांच की मांग को लेकर राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस समेत पांच विपक्षी दलों का प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिलने पहुंचे थे.
इन नेताओं में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा और सीपीआई के डी राजा, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, तृणूल कांग्रेस के इदरीस अली और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के नेता बदरूद्दीन अजमल शामिल थे.
जज लोया की एक दिसंबर 2014 को नागपुर में दिल का दौरा पड़ने से उस समय मौत हो गई थी, जब वह अपनी एक सहकर्मी की बेटी की शादी में शामिल होने के लिए जा रहे थे. यह मामला तब सामने आया जब उनकी बहन ने भाई की मौत पर सवाल उठाए थे. बहन के सवाल उठाने के बाद मीडिया की खबरों में जज लोया की मौत और सोहराबुद्दीन केस से उनके जुड़े होने की परिस्थितियों पर संदेह जताया गया था.
गुजरात में सोहराबुद्दीन शेख, उनकी पत्नी कौसर बी और उनके सहयोगी तुलसीदास प्रजापति के नवंबर 2005 मंा हुई कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में पुलिसकर्मी समेत कुल 23 आरोपी मुकदमे का सामना कर रहे हैं. बाद में यह मामला सीबीआई को सौंपा गया और मुकदमे को मुंबई ट्रांसफर किया गया.
वहीं, नागपुर पुलिस के मुताबिक, जज लोया की मौत हार्ट अटैक से हुई थी. पुलिस के मुताबिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी मौत का कारण हार्ट अटैक ही बताया गया था. विसरा रिपोर्ट में जज लोया के शरीर में किसी तरह का जहर नहीं पाया गया था. जज लोया के बेटे अनुज लोया ने भी पिछले दिनों कहा था कि उन्हें जज की मौत पर कोई संदेह नहीं है.
विपक्षी पार्टियां जज लोया की मौत पर पहले ही निष्पक्ष जांच की मांग कर चुकी हैं। सुप्रीम कोर्ट के चार जजों ने प्रेस कांफ्रेंस में भी इस मुद्दे को उठाया था। बाद में राहुल गांधी ने अलग इसे इस पर मीडिया से बात की थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के चारों वरिष्ठतम जजों की आपत्ति को बेहद अहम बताया था। सुप्रीम कोर्ट में जज लोया से जुड़ी याचिका पर मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई कर रही है। पिछली सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि वह सिर्फ जज लोया की मौत से जुड़े मामले पर ही सुनवाई करेंगे। शीर्ष अदालत ने इस मामले से जुड़ी अन्य याचिकाओं को भी हाई कोर्ट से अपने यहां मंगा लिया था।
Representatives from 15 opposition parties led by Congress president Rahul Gandhi submitted a memorandum to President Ram Nath Kovind on Friday, demanding the formation of a Special Investigation Team (SIT) to probe the death of CBI judge BH Loya.
The memorandum, signed by 114 parliamentarians, asked for a Supreme Court-monitored probe, but asserted that officials of the CBI or the NIA should not be a part of the investigation team. “We know how the CBI and the NIA function,” Congress leader Kapil Sibal said.
Gandhi, holding a press conference after meeting the President, said there was a sense of discomfort in the House over the direction of the case and they met Kovind to give him that sense.
“A judge died under suspicious circumstances. It will be an ode to him and his family that the investigation takes place properly. We just want investigation to be done by an independent body as we feel suspicious. We want a proper investigation and a proper outcome. We got a positive response from the President,” he told mediapersons.
Sibal echoed the words of the Congress president and said that if a Special Investigation Team can be formed for the 2G case, then one can also be formed for a probe into Judge Loya’s death. “We don’t believe in the CBI or the NIA,” he said.
When asked about the need for demanding a separate probe as the SC is already hearing a Public Interest Litigation on the issue, Sibal said that such matters cannot be decided through PILs. “There is no investigation in the Supreme Court,” he said.
While the Congress has demanded a SC-monitored probe in the case earlier too, this is the first time that the opposition has come together to put pressure on the government. “It is in the interest of the people of the country we need independent investigation,” Left’s D Raja said.
Special CBI judge Loya, who was hearing the Sohrabuddin fake encounter case, had died of a heart attack in November 2014 in Nagpur when he had gone to attend the wedding of a colleague’s daughter. Later, political parties, including the Congress, alleged that he died in mysterious circumstance and demanded an investigation into it.
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