मुख्यमंत्री के कला संस्कृति परिषद के गठन के भी निर्देश
देहरादून 06 अगस्त, 2016 (सू.ब्यूरो)
#पुस्तक “विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याएं एवं समाधान” # राज्य सरकार इस वर्ष युवाओं को 30000 नौकरियाॅ देने जा रही है #अपने आप में एक रिकार्ड #राज्य में शीघ्र गठित होगी संस्कृति एवं कला परिषद #बोली भाषा संस्थान का शीघ्र तैयार होगा ढ़ांचा #स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रगीत के साथ ही गाया जायेगा राज्य गीत #जागर महाविद्यालय की भी होगी शीघ्र स्थापना# www.himalayauk.org (UK Leading Digital Newsportal)
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश की बोली, भाषा, लोक कला, लोक संस्कृति के संवर्धन के लिए प्रभावी प्रयासों की जरूरत बतायी है। उन्होंने बोली भाषा संस्थान की शीघ्र स्थापना के लिये इसके ढ़ांचे को शीघ्र अंतिम रूप देने के साथ ही इस क्षेत्र से जुड़े लोगो का इसमें सहयोग लेने को कहा। उन्होंने प्रदेश में कला संस्कृति परिषद के गठन के भी निर्देश दिये। इसमें साहित्य, कला एवं संस्कृति से जुडे लोगों को शामिल किया जाए।
शनिवार को बीजापुर हाउस में संस्कृति विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने बोली, भाषा संस्थान की स्थापना में शीघ्रता के निर्देश दिये। इसके लिये आवश्यक पदों के सृजन आदि का प्रस्ताव भी शीघ्र कैबिनेट में लाने के निर्देश उन्होंने दिए। उन्होंने कहा कि राज्य की विलुप्त हो रही बोली, भाषा को संरक्षित किया जाना जरूरी है अन्यथा इनका विलुप्त होने का भय है। राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने पर भी उन्होंने बल दिया। उन्होने जागर महाविद्यालय की स्थापना मे भी तेजी लाने को कहा तथा इसमें परम्परागत जागर गायको को सहयोगी बनाने को कहा ताकि जागर की परम्परागत पहचान बनी रह सके।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में राष्ट्रगीत के साथ ही राज्य गीत को भी शामिल किया जाए। दो मिनट के इस राज्य गीत को शीघ्र संगीतबद्ध कर इसे आकर्षक धुन प्रदान की जाय। उन्होंने निर्देश दिए कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्य की सांस्कृतिक विविधता को पहचान दिलाने के लिए कुमाऊनी, गढ़वाली, जौनसारी के साथ ही रॅ संस्था, रवांई आदि क्षेत्रों के लोक संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किये जाए।
इस अवसर पर सचिव संस्कृति शैलेश बगोली, निदेशक संस्कृति बीना भट्ट, प्रसिद्ध लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी आदि उपस्थित थे।
राज्य सरकार इस वर्ष युवाओं को 30000 नौकरियाॅ देने जा रही है जो कि अपने आप में एक रिकार्ड
देहरादून 06 अगस्त, 2016 (सू.ब्यूरो) राज्य सरकार खुशहाल उत्तराखण्ड बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। देहरादून का नियोजित विकास सुनिश्चित किया जायेगा। शहरी नियोजन के लिए 400 करोड़ रूपये का काॅरपस फंड स्थापित किया जायेगा। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दिवगंत सांसद मनोरमा डोबरियाल शर्मा द्वारा स्वीकृत तथा राज्यसभा सांसद राजबब्बर द्वारा सांसद निधि से स्वीकृत विभिन्न सड़कों तथा टयूबवेल के कौलागढ़ में शनिवार को लोकापर्ण के अवसर पर उक्त बात कही।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने स्थानीय जनता को सम्बोधित करते हुए कहा कि देहरादून का विस्तार बहुत तेजी से हो रहा हैैै यह शहरी नियोजन के लिए एक चुनौती है। नई मानवीय बसावटों को नियोजित करने की आवश्यकता है। मलिन बस्तियों को और अधिक मलिन होने से बचाना होगा। राज्य सरकार द्वारा इनके नियमतिकरण का निर्णय लिया गया है। राज्य सरकार शीघ्र ही शहरी नियोजन के लिए 400 करोड़ का काॅरपस फंड बनायेगी। देहरादून को नियोजित विकास की आवश्यकता है। राज्य सरकार ने रिवर फ्रन्ट डेवलपमेन्ट योजना भी बनायी है साथ ही रिवर फ्रन्ट डेवलपमेन्ट आॅथोरिटी बनाने का निर्णय भी लिया है। हम सभी को आपस में मिलकर यह कार्य पुरे करने होंगे। राज्य सरकार द्वारा बिन्दाल, सौंग, रिस्पना आदि सभी नदियों को जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने सभा में उपस्थित सभी अभिभावकों से अपील की कि वह अपने बच्चों कि शिक्षा पर पर्याप्त ध्यान दे क्योंकि माॅं व परिवार ही बच्चे की प्रथम पाठशाला है। उन्होंने जनता से यह भी अपील की कि वह अपने घरों का के कूड़े का प्रबन्धन घर पर ही करने का प्रयास करे इसमें विशेषकर प्लास्टिक या पाॅलिथीन जो आसानी से अपघटित नही होते है उन्हें अपने घरों में ही रोके क्योंकि इनके कारण नालियाॅं अवरूद्ध होती है।
मुख्यंमत्री श्री रावत ने उपस्थित महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज राज्य सरकार जन्म से वृ़द्धावस्था तक प्रत्येक स्तर पर उनके साथ है। राज्य सरकार कन्या जन्म पर निर्धन परिवारों को 5000 रूपये प्रदान करती है। बालिकाओं की शिक्षा के प्रोत्साहन के लिए गौरादेवी योजना संचालित है, गर्भावस्था में उनकों पौष्टिक अनाज व अन्य सहायता उपलब्ध करवायी जा रही है इनमें आंगनबाड़ियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। 60 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को राज्य सरकार द्वारा पेंशन उपलब्ध करवायी जा रही है। वृद्ध महिलाओं को रोडवेज की बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा दी गयी है साथ ही मेरे बुर्जुग मेरे तीर्थ योजना के अन्र्तगत उन्हें चारधाम यात्रा निःशुल्क करवायी जा रही है। राज्य सरकार द्वारा कमजोर बच्चों को आंगनबाडी के माध्यम से पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने महिलाओं से अनुरोध किया कि कमजोर बच्चों को आंगनबाड़ी में ले जाया जाय। उन्होंने उपस्थित जनता से अनुरोध किया कि वह पीने के लिए उबले पानी का ही प्रयोग करे जिससे अनेक बीमारियों की रोकथाम में सहायता मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सराकर राज्य में महिला सशक्तिकरण पर विशेष बल दे रही है। राज्य में महिला उद्यमिता के विकास, महिला मंगल दला तथा स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस वर्ष पुलिस में महिलाओं की 1000 से अधिक भर्तियाॅं कि गयी। होमगार्ड व पीआरडी में 30 प्रतिशत महिलाऐ भर्ती की जायेगी। राज्य सरकार 2017 से पहले सरकार के चार विभागों में सिर्फ महिलाओं की भर्ती सुनिश्चित करेगी।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने बताया कि राज्य सरकार इस वर्ष युवाओं को 30000 नौकरियाॅ देने जा रही है जो कि अपने आप में एक रिकार्ड है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि यह प्रसन्नता कि बात है कि आज उत्तराखण्ड राज्य 13-14 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से विकास कर रहा है तथा आशा है कि 2018-19 तक यह वृद्धि दर 18 प्रतिशत से अधिक हो जायेगी। श्री रावत ने जनता से अपील कि हम सभी को आपसी मतभेदों को भुलाकर गरीबी, शिक्षा व पिछडे़पन के खिलाफ लड़ना है। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने शहीदों के परिवारजनों को सम्मानित किया तथा जनता की समस्याओं को सुना।
कार्यक्रम में पूर्व विधायक भीमलाल आर्य, आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा, अनिल मिश्रा, अनिल नेगी, नवीन जोशी, दीप वोहरा, गंगा क्षेत्री, जगदीश धीमान, चरणजीत कौशल, राजकुमार अग्रवाल, भगवाल सिंह थापा, अमुता गुरुंग, कमला शर्मा, सरदार हरजीत सिंह मिन्टू, नरेन्द्र थापा, अनिल ग्रोवर, सरदार गुरबक्श सिंह, प्रदीप डोभाल, अशेक तमांग सहित सैकड़ों लोगों ने शिरकत की।
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पुस्तक “विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याएं एवं समाधान”
देहरादून 06 अगस्त, 2016 (सू.ब्यूरो) विद्युत उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करती पुस्तक “विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याएं एवं समाधान” को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जनजागरूकता का बेहतरीन प्रयास बताया है। शनिवार को बीजापुर भवन में मनीष ओली की पुस्तक का विमोचन करते हुए उन्होंने इसे उपभोक्ताओं के साथ ही बिजली विभाग के कर्मचारियों के लिए भी उपयोगी बताया।
उन्होने कहा कि अधिकांश विद्युत उपभोक्ताओं को नियमों की जानकारी रहती नहीं है। ऐसे में यदि एक पुस्तक में उपभोक्ता से संबंधित समस्त जानकारियां एक साथ उपलब्ध हों तो वह काफी फायदेमंद है। उन्होने विद्युत उपलब्धता एवं उपभोग के क्षेत्र मे परस्पर समन्वय की जरूरत बताई, तथा जरूरत के अनुसार बिजली के उपयोग पर ध्यान दिये जाने पर बल दिया।
इस अवसर पर विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच के सदस्य व पुस्तक के लेखक मनीष ओली ने कहा कि पुस्तक एक आम आदमी की भाषा में लिखी गई है। कार्यक्रम का संचालन प्रो. राम विनय ने किया। इस दौरान पूर्व विधायक भीमलाल, अपर निदेशक उद्योग, सुधीर नौटियाल, राज्य वित्त आयोग के पूर्व सदस्य अविकल थपलियाल, वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत, अनूप गैरोला, जितेन्द्र अंथवाल, हिमांशु बहुगुणा, शशि शेखर, पुस्तक के प्रकाशक कीर्ती नवानी आदि उपस्थित थे।