आम जन का एक-एक पाई अब कालाधन हो गया है; कपिल सिब्बल
अंतर्राष्ट्रीय लॉकरों में कालाधन रखा है. #मोदी जी को इतिहास नहीं पता # मोदी जी ने देश एवं पार्टी दोनों को हिला दिया #मोदी जी को याद रखना चाहिए # उनके वैचारिक गुरूओं ने 1947 में क्या किया था.#सरकार को करोड़ों आम लोगों को परेशानी में डालने की बजाय उन ‘मुट्ठी भर अरबपतियों’ पर ध्यान देना चाहिए, # www.himalayauk.org (Web & Print Media)
कांग्रेस ने उसके खिलाफ की गई ‘पार्टी पहले’ संबंधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मेादी की टिप्पणी को लेकर उन पर पलटवार किया है. कांग्रेस ने कहा कि उन्हें यह जानने के लिए इतिहास पढ़ना चाहिए कि देश से पहले पार्टी को कौन रखता है.
कांग्रेस के प्रवक्ता कपिल सिब्बल ने प्रधानमंत्री से कहा, ‘‘मोदी जी ने कहा कि बीजेपी एकमात्र राष्ट्रवादी दल है और सभी अन्य दल राष्ट्र विरोधी हैं. समस्या यह है कि मोदी जी को इतिहास नहीं पता और न ही उनकी इसे जानने में रूचि है. मोदी जी को याद रखना चाहिए कि उनके वैचारिक गुरूओं ने 1947 में क्या किया था.’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ रही थी, तब वे अंग्रेजों के साथ थे और उन्होंने हमारा विरोध किया. उनके लिए संगठन पहले है, देश बाद में. हमारे लिए देश सबसे पहले है. मोदी जी ने देश एवं पार्टी दोनों को हिला दिया है. वह टीवी पर केवल अपनी तस्वीर देखना चाहते हैं.’’
सिब्बल ने नोटबंदी के उनके एकतरफा फैसले को ‘‘राष्ट्र विरोधी एवं जन विरोधी’’ करार दिया. उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार है जब प्रधानमंत्री संसद में नहीं बोले और न ही विपक्ष को बोलने दिया गया. कांग्रेस नेता ने कहा कि यदि मोदी कालेधन के खिलाफ लड़ना चाहते हैं तो उन्हें इसकी शुरूआत अपनी पार्टी से करनी चाहिए.
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार को करोड़ों आम लोगों को परेशानी में डालने की बजाय उन ‘मुट्ठी भर अरबपतियों’ पर ध्यान देना चाहिए, जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय लॉकरों में अपना कालाधन रखा है. नोटबंदी के असर को लेकर हो रही एक परिचर्चा में उन्होंने कहा, ‘‘काला या सफेद धन लोगों पर निर्भर नहीं है बल्कि लेनदेन के तरीके पर निर्भर करता है. कालाधन से लड़ने के लिए मुख्य तौर पर लेनदेन पर ध्यान देना चाहिए ना कि लोगों पर.’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, “कड़ी मेहनत से पीढ़ियों तक बचाया गया एक-एक पाई अब कालाधन हो गया है. भारत के करोड़ों आम लोगों को परेशान करने की बजाय हम उन चंद अरबपतियों पर ध्यान क्यों नहीं दे रहे हैं, जिन्होंने अपना कालाधन अंतर्राष्ट्रीय लॉकरों में रखा है.’’