कर्नाटक में जीत का सेहरा? – सर्वे के मुताबिक &गैंगरेप से साख पर असर

बीजेपी फ़िलहाल बैकफुट पर खड़ी है.#सिद्धारमैया को खुद भी राज्य के अधिकांश वोटरों ने मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी पहली पसंद माना है.#बडी खबर- हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल   #कर्नाटक चुनाव में बीजेपी फ़िलहाल बैकफुट पर खड़ी है. एक के बाद एक चुनाव हार रही कांग्रेस के लिए कर्नाटक जीतना साख की लड़ाई बन चुकी है. वहीं बीजेपी के आंध्र प्रदेश में टीडीपी के साथ गठबंधन टूट जाना, तमिलनडु में कावेरी मुद्दे को लेकर भड़का गुस्सा और तेलंगाना में भी कभी नरेंद्र मोदी के समर्थन में बोलने वाले केसीआर अब बीजेपी के खिलाफ हो गए है.  
लोकसभा चुनाव 2019 की सियासी शतरंज पर गोटियां बिछनी शुरू हो गईं हैं. आरोप-प्रत्यारोप, तेरे उपवास बनाम मेरा उपवास, तुमसे बड़ा मैं दलित हितैषी, ये सारी हलचल 2019 के महाभारत की शुरुआत है. 2019 के महाभारत से पहले कर्नाटक विधानसभा चुनाव बीजेपी और कांग्रेस के लिए करो या मरो की स्थिति पैदा कर दिया है. बीजेपी जहां कर्नाटक में फिर वापसी के लिए बेचैन है वहीं, कांग्रेस अपने इस किला को बचाकर संघर्षरत पार्टी को मजबूत करना चाहती है. कर्नाटक की रणभेरी में सियासी बयानों की तीर और जीत के दावे दोनों दलों की तरफ से लगातार किये जा रहे हैं.

कर्नाटक में जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा, इसके लिए इंडिया टुडे ने एक सर्वे किया है. सर्वे के मुताबिक, राज्य में किसी को बहुमत नहीं मिल रहा. सीटों के आंकड़ों पर गौर की जाए तो कांग्रेस इस बार भी बीजेपी पर हावी है.
सर्वे के मुताबिक, बीजेपी को 78 से 86 सीट मिलने की संभावना है. वहीं कांग्रेस को 90 से 101 सीट मिल सकती हैं. स्थानीय पार्टी जेडीएस को 34 से 43 सीट मिलने की संभावना है. वोट प्रतिशत की बात करें तो कांग्रेस को 37%, बीजेपी को 35%, जेडीएस को 19% और अन्य को 9 % वोट मिल सकते हैं. राज्य में फिलहाल कांग्रेस सत्ता में और सिद्धारमैया मुख्यमंत्री हैं. 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस के 122, बीजेपी के 43, जेडीएस के 34, बीएसआरसी के तीन, केजेपी के 2, केएमपी के एक और 8 निर्दलीय विधायक हैं. कर्नाटक में एक चरण में 12 मई को वोट डाले जाएंगे, जबकि 15 मई को वोटों की गिनती होगी. अधिसूचना की तारीख 17 अप्रैल है और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 24 अप्रैल है. नामंकन पत्रों की जांच 25 अप्रैल को होगी और नाम वापस लेने की अंतिम तिथि 27 अप्रैल है.

कांग्रेस के हाथ में 5 साल से कर्नाटक की कमान होने से सत्ता विरोधी रूझान के बावजूद ग्रैंड ओल्ड पार्टी इस दक्षिणी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरने जा रही है. हालांकि राज्य में त्रिशंकु विधानसभा आने के आसार हैं. इंडिया टुडे- कार्वी इनसाइट्स ओपिनियन पोल के मुताबिक कांग्रेस जहां बहुमत के आंकड़े से कुछ ही सीट पिछड़ती नज़र आ रही है, वहीं, बीजेपी इस बार अपना घर एकजुट होने की वजह से 2013 विधानसभा चुनाव के मुकाबले कहीं अच्छा प्रदर्शन करने जा रही है. बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर लोगों के रोष से जो नुकसान कांग्रेस को हो रहा था, उसकी काफी हद तक भरपाई मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने मौजूदा कार्यकाल के आखिरी दौर में कई सकारात्मक कदम उठा कर पूरी कर दी है. सिद्धारमैया को खुद भी राज्य के अधिकांश वोटरों ने मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी पहली पसंद माना है.   इंडिया-टुडे कार्वी की ओर से 17 मार्च से 15 अप्रैल के बीच कर्नाटक की सभी 224 सीटों के लिए कराए गए ओपनियन पोल के मुताबिक कांग्रेस 90 से 101 सीटों पर जीत का परचम लहराने जा रही है. ओपिनियन पोल का अनुमान है कि कांग्रेस को 2013 कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 37%  वोट शेयर जितना ही वोट शेयर इस बार भी मिलने जा रहा है. इसके बावजूद कांग्रेस राज्य में बहुमत के लिए जरूरी 113 सीटों के जादुई आंकड़े से कुछ सीट पीछे रह जाएगी. 

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  उन्नाव और कठुआ गैंगरेप से भाजपा की साख पर असर

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में नाबालिग लड़की के साथ रेप और उसके पिता की पुलिस हिरासत में मौत को लेकर राजनीति चरम पर है। वहीं कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ रेप के बाद हत्या को लेकर विपक्ष द्वारा भाजपा सरकार पर जमकर सवाल उठाए जा रहे हैं। 

मोदी जी बोलिए भारत इंतजार कर रहा है 
उन्नाव और कठुआ गैंगरेप को लेकर जहां पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. वहीं राजनीति भी गर्म हो गई है. इन मामलों पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है और पूछा है कि महिला अपराधों पर पीएम मोदी चुप क्यों हैं. वहीं इस मामले पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि इन मामलों में जो भी दोषी होगा उसे कड़ी सजा मिलेगी. राहुल गांधी ने आज ट्वीट किया, ‘’महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हो रही हिंसा पर आपकी चुप्पी अस्वीकार्य है, भारत को आपके बोलने का इंतजार है.’’ राहुल ने आगे कहा, ‘’महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा के बारे में आप क्या सोचते हैं? और क्यों राज्य संरक्षित बलात्कारियों और हत्यारों को बचा रहे हैं?

कांग्रेस ने शुक्रवार को देश के राज्यों में महिलाओं और बच्चों पर हो रहे हत्याचार को लेकर पीएम मोदी सरकार पर ट्विटर के जरिए जमकर करारा हमला बोला है। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा की पीएम मोदी की चुप्पी अस्वीकार्य है।   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनाव जीतने के लिए ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ जैसे आकर्षक नारे का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। लेकिन वे असामान्य रूप से चुप हो जाते हैं जब बेटियों के साथ बलात्कार, क्रूरता और हत्या कर दी जाती है। उन्होंने आगे लिखा की मिस्टर मोदी और कितने हत्याचार होंगे अब तो बोलिए। 1. महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध बढ़ती हिंसा के बारे में आप क्या सोचते हैं?  2. क्यों राज्य में संरक्षितों पर बलात्कार और हत्या के आरोप हैं?  उन्होंने आगे लिखा मोदी जी बोलिए भारत इंतजार कर रहा है।

 
समाजवादी पार्टी के उपाध्यक्ष किरनमय नंदा ने कहा, ‘यह सरकार एक दिन भी नहीं रहनी चाहिए. अनुच्छेद 356 लागू होना चाहिए और प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि पूरे देश ने देखा कि पीड़िता के पिता को बर्बरता से पीटा गया. पुलिस कैसे कह रही है कि कोई सबूत नहीं है. ऐसे पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए. नंदा ने दावा किया कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गयी है. महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े हैं और शासन प्रशासन इसे रोकने में नाकाम रहा है.
समाजवादी पार्टी ने आज मांग की कि उत्तर प्रदेश की लगातार बिगड़ती कानून व्यवस्था खासकर उन्नाव बलात्कार प्रकरण के मद्देनजर राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए. उधर मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का नारा अर्थहीन हो गया है. अपर्णा यादव ने कहा कि अगर किसी विधायक, सांसद या सरकारी अधिकारी के खिलाफ किसी पीड़ित महिला ने संगीन आरोप लगाया है तो उसके खिलाफ कार्रवाई ठीक उसी तरह होनी चाहिए, जैसे आम आदमी के मामले में होती है.

परन्‍तु बीजेपी नेताओ की चुप्‍पी से नुकसान का दूरगामी असर होना तय है- बीजेपी के वरिष्ठ नेता कुछ भी बोलने से बच रहे हो लेकिन पार्टी के कुछ नेता ऐसे भी है जो खुलकर इस मामले में अपनी राय सामने रख रहे हैं. असम से बीजेपी सांसद आरपी शर्मा ने कहा है कि बलात्कारी के साथ किसी भी रहम नहीं किया जाना चाहिए. असम के सोनितपुर जिले की तेजपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के सांसद राम प्रसाद शर्मा ने उन्नाव गैंगरेप मामले में बीजेपी विधायक की संलिप्तता के सवाल पर कहा है कि गुनहगार कोई भी हो उसे सरेआम फांसी दी जानी चाहिए. आरपी शर्मा ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए कहा, ‘अपराधी को सरेआम से सूली पर चढ़ा देना चाहिए या गोली मार देनी चाहिए. बलात्कारी के साथ किसी भी प्रकार का रहम नहीं किया जाना चाहिए. चाहे अपराधी बीजेपी का ही सदस्य क्यों ना हो, उसे सरेआम मौत की सजा देनी चाहिए ‘

विपक्ष ने कठघरे में खडा कर दिया
राष्ट्रीय जनता दल ‘आरजेडी’ के प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने उन्नाव और कठुआ में बलात्कार को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधा है। तेजस्वी यादव ने ट्वीट करके पीएम मोदी और अमित शाह पर निशान साधते हुए लिखा कि अगर उन्नाव बलात्कार पीड़िता बहन और कठुआ बलात्कार मृतक 8 वर्षीय मासूम बच्ची मनुष्य योनि (औरत) की जगह अगर पशु योनि (गाय) में जन्म लेती तो शायद मोदी जी और अमित शाह की जोड़ी उनके इंसाफ के लिए जरूर कुछ कदम उठाती। उन्होंने आगे लिखा कि लेकिन दुर्भाग्य से वो बलात्कार पीड़ित बहनें और बेटियां गाय नहीं है। कि श्रीमान जी, बलात्कारियों का प्रधान चौकीदार कौन है? बलात्कारियों का प्रधान सेवक कौन है? बलात्कारियों का प्रधान रक्षक कौन है? बलात्कारी किस धर्म के राक्षस है? सरकारी प्रधान पार्टी का सरकारी प्रधान कौन है? योग और जोग से भाजपाईयों को कौन बचा रहा है? बोलिए।

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