उत्तराखण्ड पर बीजेपी हाईकमान का फैसला
#कोश्यारी और निशंक मज़बूत दावेदार; हाईकमान ने स्वीकार किया # खण्डूरी 75 की उम्र पार होने के कारण मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर #सभी 10 बागी विधायकों को बीजेपी टिकट देगी# सांसद विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेगा # Execlusive Report: www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal)
उत्तराखंड में एक ही चरण में 15 फरवरी को चुनाव होगा. मतगणना 11 मार्च को होगी और इसी दिन दोपहर तक चुनाव परिणाम सबके सामने होगा. उत्तराखंड विधानसभा चुनाव चुनाव के लिए 20 जनवरी से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी. 27 जनवरी को नामांकन का आखिरी दिन होगा. 30 जनवरी को नामांकन वापिस लिया जा सकेगा और 15 फरवरी को मतदान होगा. उत्तराखंड के दंगल में विधानसभा की 70 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना है. बहुमत के लिए 36 सीटों की जरूरत है. मार्च के सियासी संकट के बाद उत्तराखंड का चुनाव और भी महत्वपूर्ण होने जा रहा है.
बीजेपी ने उत्तराखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर ही चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया है. पीएम की हाल में देहरादून में हुई रैली की कामयाबी से उत्साहित बीजेपी ने राज्य में उनका 4 बड़ी रैलियां कराने का फैसला किया है. बाकी बची चार लोकसभा सीटों पर ये रैलियां होंगी. पार्टी सर्जिकल स्ट्राइक और नोटबंदी को राज्य में बड़ा मुद्दा बनाएगी. साथ ही रावत सरकार की कथित नाकामियों को भी निशाना बनाया जाएगा. उत्तराखंड के लिए बीजेपी ने कुछ ख़ास नारे बनाए हैं. वहां पार्टी का एक नारा है, अटल ने बनाया, मोदी संवारेंगे. दूसरा नारा है विकास का डबल इंजन, यानी राज्य और केंद्र दोनों जगह बीजेपी की सरकार होने से तेज़ी से विकास होगा. माना जा रहा है कि कांग्रेस से आए सभी 10 बागी विधायकों को बीजेपी टिकट देगी. पार्टी के आला नेताओं का मानना है कि ये वो सीटें हैं जहां बीजेपी की स्थिति कमजोर है. ऐसे में कांग्रेस से आए ये नेता बीजेपी की मदद कर सकते हैं. बीजेपी की 15 और 16 जनवरी को होने वाली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उम्मीदवारों के नाम तय किए जाने की संभावना है.
उत्तराखंड में बीजेपी अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने में लगी है औरभाजपा किसी को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करके चुनाव में नही जायेगी, मोदी के नाम पर चुनाव होगा, जिते तो सभी विधायकों को हाई कमान का फैसला मानना पडेगा – पार्टी ने वहां मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ कोई सीएम उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है. पार्टी ने यह भी तय किया है कि कोई भी लोकसभा सांसद विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेगा.
ग़ौरतलब है कि राज्य में बीजेपी के तीन पूर्व मुख्यमंत्री राज्य की राजनीति से केंद्र में भेज दिए गए हैं. बीसी खंडूरी, भगत सिंह कोश्यारी और रमेश पोखरियाल निशंक राज्य की अलग-अलग लोकसभा सीटों से सांसद हैं. इनमें खंडूरी तो 75 की उम्र पार होने के कारण मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर हैं, लेकिन कोश्यारी और निशंक मज़बूत दावेदार हैं. 12 जनवरी को को श्यारी को अचानक भाजपा हाई कमान ने दिल्ली बुला लिया
मार्च में सियासी संकट के बाद कांग्रेस के दस विधायकों ने बग़ावत कर भाजपा ज्वॉइन की. उधर बीजेपी से दो विधायकों ने बग़ावत की यानी बारह विधायक सदन से अयोग्य हो गए. इस तरह कुल 70 विधायकों में से सदन में कुल विधायकों की संख्या 58 है.