कोटद्वार : हरक की जीत आसान नही

शैलेन्द्र सिंह रावत तथा एसएस नेगी के गढ में   #कोटद्वार विधानसभा उनके ड्रीम प्रोजक्टों में  शुमार ;स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह  नेगी #कोटद्वार विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्‍याशी हरक सिंह रावत को अपनी पत्‍नी दीप्ति रावत पौडी गढवाल जिला पंचायत अध्यक्ष तथा बिपिन रावत और के प्रमुख अनिल कुमार धस्माना का लाभ चुनाव में मिल पायेगा#स्थानीय भाजपा नेता शैलेन्द्र सिंह रावत को दरकिनार कर भाजपा आलाकमान द्वारा हरक सिंह रावत को हालांकि चुनावी मैदान में उतारा गया   हरक सिंह रावत जितना आसान इस चुनाव को लेकर चल रहें हैं, वास्तव में यह उतना है नहीं.www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal & Print Media) 

नवनियुक्त थल सेना अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत और खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख अनिल कुमार धस्माना दोनों ही पौड़ी जिले के रहने वाले हैं। इससे राज्यवासी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। राजनीतिक गलियारो में यह सवाल गूंज रहा है कि क्‍या पौडी गढवाल जनपद में कमल खिलेगा- वही स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह  नेगी ने कहा कि कोटद्वार विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत उनके ड्रीम प्रोजक्टों में  शुमार मेडिकल कॉलेज बन जाने से आसपास के क्षेत्र में निवास करने वाले होनहार एवं मेधावी छात्रों के लिए कोटद्वार में ही एमबीबीएस की डिग्री हासिल करने का अवसर प्राप्त होगा। इसके अलावा हजारों की संख्या में क्षेत्र वासियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेज को आधुनिक तकनीक के माध्यम से बनाये जाने की भी प्रयास किये जा रहे है, नवीनतम तकनीक के आधार पर मेडिकल कालेज भवन को आगामी डेढ़ साल के अंतराल में पूर्ण कराने का भरसक प्रयास किये जा रहे है।

वही दूसरी ओर देश के नए सेनाध्यक्ष बिपिन सिंह रावत के पैतृक गांव ग्राम सैंणा समेत पूरे क्षेत्र में भाजपा की लहर है जिसका लाभ हरक सिंह को मिल रहा है, आखिर गांव के सपूत पर देश ने भरोसा जताते हुए उन्हें सेना की कमान जो सौंपी है। पौड़ी जिले के द्वारीखाल क्षेत्र की बिरमोली ग्राम पंचायत का तोक ग्राम सैंणा में कमल खिल रहा है, ऐसा प्रेक्षकों का भी मानना है, पौड़ी जिले के प्रमुख शहर कोटद्वार से करीब 50 किमी के फासले पर प्रखंड द्वारीखाल की बिरमोली ग्राम पंचायत का यह तोकग्राम मुख्य सड़क से करीब डेढ़ किमी दूर है। सड़क से गांव को जोड़ने के लिए खड़ंजा मार्ग बना है। सेनाध्यक्ष बिपिन सिंह रावत के इस गांव में शायद ही कोई परिवार ऐसा होगा, जिसका कोई सदस्य सेना से न जुड़ा हो। स्वयं रावत का पूरा परिवार सेना से जुड़ा हुआ है। उनके दादा त्रिलोक सिंह रावत सूबेदार पद से सेवानिवृत्त हुए। उनके पिता ले.ज. (सेनि) लक्ष्मण सिंह रावत भी अपनी योग्यता के दम पर सिपाही से डिप्टी आर्मी चीफ के पद तक पहुंचे। रावत के बड़े भाई विजय रावत आर्मी इंजीनियरिंग कोर से कर्नल पद से सेवानिवृत्त हुए।

वही स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह  नेगी ने जनता से क्षेत्र में विकास कार्यो की गति अनवरत बनाए रखने के लिए कांग्रेस को मजबूत बनाने की अपील की है। ग्राम सिम्मलचौड़ में मिनी नलकूप व ग्राम भीम¨सहपुर में नलकूप के लोकार्पण समारोह में स्वास्थ्य मंत्री नेगी ने कहा कि क्षेत्र में बढ़ती आबादी के अनुरूप जनता को पर्याप्त जल मुहैया कराने के लिए उन्होंने नलकूप व ओवरहैड टैंकों का निर्माण करवाया। उन्होंने क्षेत्र में हुए विकास कार्यो का जिक्र करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा शासनकाल में जहां विकास के नाम पर एक ईट नहीं रखी गई, कांग्रेस के सत्तासीन होने के बाद विकास कार्यो की बाढ़ आ गई। उन्होंने चुनावों में विकास के आधार पर कांग्रेस को पुन: सत्ता में लाने का आह्वान किया।
प्रदेश के स्वास्थ्य, परिवार एवं समाज कल्याण मंत्री सुरेंद्र ¨सह नेगी ने सनेह क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण किया। उन्होंने क्षेत्र के अनवरत विकास के लिए कांग्रेस को मजबूत बनाने का आह्वान किया।
सनेह क्षेत्र के अंतर्गत लालपानी स्वास्थ्य केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में श्री नेगी ने कहा कि उनकी ओर से क्षेत्र में व्याप्त तमाम समस्याओं के निस्तारण को पूर्ण प्रयास किए गए हैं। क्षेत्र में जहां पेयजल समस्या के निराकरण को ठोस प्रयास किए गए, वहीं बरातघरों के निर्माण से उन गरीब परिवारों को तोहफा मिला, जिन्हें अपने पाल्यों का विवाह कराने के लिए परेशानियां झेलनी पड़ती थी। आने वाले समय में बरातघरों का उपयोग कौशल विकास योजनाओं को संचालित करने के लिए किया जाएगा।

कोटद्वार विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्‍याशी हरक सिंह रावत को अपनी पत्‍नी दीप्ति रावत पौडी गढवाल जिला पंचायत अध्यक्ष तथा बिपिन रावत और के प्रमुख अनिल कुमार धस्माना का लाभ चुनाव में मिल पायेगा-
कोटद्वार विधानसभा सीट इस बार भी सूबे में हाट बनने जा रही है. दरअसल कांग्रेस से बागी होकर भाजपा में शामिल हुए हरक सिंह रावत वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस दिग्गज सुरेन्द्र सिंह नेगी को उन्हीं के घर में उनको ललकारने जा रहें हैं. पूर्व भाजपा विधायक शैलेन्द्र सिंह रावत को एक बार फिर से दरकिनार कर भाजपा द्वारा कोटद्वार विधानसभा में हालांकि पैराशूट प्रत्याशी के रुप में उतारा जा चुका है. लेकिन कोटद्वार में जनाधार वाले भाजपा नेता शैलेन्द्र सिंह रावत की निर्दलयी प्रत्याशी के रूप में दहाड़ ने हरक सहित उनके समर्थकों को सकते में डाल दिया है. ऐसे में यदि निर्दलयी प्रत्याशी के रुप में शैलेन्द्र सिंह रावत चुनावी मैदान में उतर गये तो यह हरक सिंह रावत के राजनीतिक जीवन दांव पर लग सकता है.

वर्ष 2012 के विधानसभा चुनावों में तत्कालीन मुख्यमंत्री भुवन चंद खंडूडी की कांग्रेसी दिग्गज सुरेन्द्र सिंह नेगी के हाथों हुई करार हार के बाद से देशभर में चर्चाओं में आई कोटद्वार विधानसभा सीट एक बार फिर से चर्चाओं में है.

दरअसल हरीश रावत सरकार की नाक में दम करने वाले कांग्रेस से बागी होकर भाजपा में शामिल हुए हरक सिंह रावत कोटद्वार विधानसभा से इस बार भाजपा प्रत्याशी के रूप में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

स्थानीय भाजपा नेता शैलेन्द्र सिंह रावत को दरकिनार कर भाजपा आलाकमान द्वारा हरक सिंह रावत को हालांकि चुनावी मैदान में उतार दिया गया है, लेकिन स्थानीय भाजपा नेता और पूर्व विधायक शैलेन्द्र सिंह रावत ने खुद का टिकट कटने के बाद निर्दलयी प्रत्याशी के रुप में ही ताल ठोंकने की बात कहकर हरक सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.

उधर दूसरी ओर कोटद्वार विधानसभा में पिछले 6 माह में घर-घर जाकर आम लोगों तक पहुंच बनाने वाले कांग्रेस नेता सुरेन्द्र सिंह नेगी भी हरक सिंह रावत के चुनावी मुकाबले में उतरने के लिए बेताव हैं.

पूर्व सीएम बीसी खंडूडी को हरा कर सुर्खियों में आने वाले सुरेन्द्र सिंह नेगी की यदि मानें तो उनके द्वारा एक मंत्री के रुप में कोटद्वार विधानसभा में करवायें गये विकास कार्य इस बार भी उनकी जीत का आधार बनेंगे.

कांग्रेस के कद्दावर नेताओं को अपने साथ भाजपा में शामिल करवाने वाले हरक सिंह रावत जितना आसान इस चुनाव को लेकर चल रहें हैं, वास्तव में यह उतना है नहीं.

दरअसल पूर्व विधायक शैलेन्द्र सिंह रावत के निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनावी मैदान में उतरने के बाद राजनीति के जानकारों की यदि मानें तो इससे भाजपा के वोटों का ही धुव्रीकरण होना निश्चित है. इसका लाभ सीधे तौर पर कांग्रेसी नेता सुरेन्द्र सिंह नेगी को पहुंचता दिख रहा है. कुल मिलाकर भाजपा नेता हरक सिंह रावत के लिए कोटद्वार में जीतना फिलहाल कतई आसान नहीं दिख रहा है.

 

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