मुख्यमंत्री की सराहनीय पहल पर कुर्माचल परिषद द्वारा साधुवाद
#संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल किये जाने के प्रयास #गढ़वाली व कुमाऊनीं बोली के लिए मुख्यमंत्री की सराहनीय पहल #त्रिवेंद्र द्वारा सोशल मीडिया में भी गढ़वाली, कुमाऊनीं व उत्तराखण्ड की अन्य बोली भाषा में आम-जन से संवाद #मुख्यमंत्री ने लोगों से अपेक्षा की है कि वे समय-समय पर सोशल मीडिया पर गढ़वाली, कुमाऊनीं व उत्तराखण्ड की अन्य बोली भाषा में भी उनसे संवाद स्थापित करेंगे#
कुर्माचल परिषद, देहरादून के केन्द्रीय अध्यक्ष आरएस परिहार तथा केन्द्रीय महासचिव चन्द्रशेखर जोशी द्वारा मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड को इस सराहनीय पहल के लिए साधुवाद प्रेषित –कूर्माचल परिषद के केन्द्रीय महासचिव ने मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री रमेश भटट को इस अभिनव पहल के लिए बधाई दी- ज्ञात हो कि कूर्माचल परिषद देहरादून की एक मजबूत तथा लोकप्रिय संस्था है, जिसे समय समय पर तत्कालीन मुख्यमंत्रियों का पूरा स्नेह व सहयोग मिलता रहा है-
देहरादून 27 जुलाई, 2017(सू.ब्यूरो)
गढ़वाली व कुमाऊनीं बोली के प्रचार-प्रसार हेतु एक अनूठी पहल की गई है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गढ़वाली व कुमाऊनीं बोली को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल किये जाने के प्रयास किये जा रहे है। उन्होंने कहा कि गढ़वाली व कुमाऊनीं बोली को दर्जा दिलाने की मांग पहले भी संसद में भी उठाई जा चुकी है और यह प्रयास जारी है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध लोक गायक श्री हीरा सिंह राणा के परिजनों से फोन पर बात कर उनके स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि श्री राणा के इलाज का पूर्ण खर्चा राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। उन्होंने श्री राणा के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की ईश्वर से कामना की है।
ज्ञातव्य है कि प्रसिद्ध लोक गायक श्री राणा का उपचार रामनगर में एक निजी अस्पताल में चल रहा है
उत्तराखण्ड वासियों की इस इच्छा को सार्थक करने हेतु मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र द्वारा एक नई शुरूआत की गई है। उत्तराखण्ड की लोक भाषा के प्रचार-प्रसार हेतु अब मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र द्वारा सोशल मीडिया में भी गढ़वाली, कुमाऊनीं व उत्तराखण्ड की अन्य बोली भाषा में आम-जन से संवाद स्थापित किया जा रहा है। जिसकी शुरूआत गुरूवार को मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र द्वारा अपने ट्वीटर अकाउंट में गढ़वाली व कुमाऊनीं बोली में ट्वीट कर की गयी है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि हमें सदैव अपनी संस्कृति, बोली/भाषा से जुड़ाव रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज का युवा सोशल मीडिया में अधिक सक्रिय है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में अपनी लोक भाषा गढवाली, कुमाऊनीं व उत्तराखण्ड की अन्य बोली भाषा में संवाद करने से युवा पीढ़ी के साथ-साथ भावी पीढ़ी को भी अपनी बोली व संस्कृति से जुड़ने का मौका मिलेगा। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपेक्षा की है कि वे समय-समय पर सोशल मीडिया पर गढ़वाली, कुमाऊनीं व उत्तराखण्ड की अन्य बोली भाषा में भी उनसे संवाद स्थापित करेंगे।
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