कूर्माचल परिषद को नही मिल पा रहा अपने संरक्षक त्रिवेन्द्र का साथ
कूर्माचल सांस्कृतिक एवं कल्याण परिषद देहरादून द्वारा ११ फरवरी २०१८ रविवार को ११ बजे से बैठक # कूर्माचल परिषद का खूबसूरत गुलदस्ता संरक्षक मुख्यमंत्री का साथ न मिलने से मुरझा गया #११ फरवरी २०१८ रविवार
कूर्माचल सांस्कृतिक एवं कल्याण परिषद देहरादून द्वारा ११ फरवरी २०१८ रविवार को ११ बजे से बैठक हुई। अध्यक्ष श्री कमल रजवार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कार्यकारिणी द्वारा अनेक महत्वपूर्ण बिन्दुओ पर मंथन हुआ। अध्यक्ष श्री कमल रजवार ने अवगत कराया कि १८ फरवरी को कांवली तथा नत्थनपुर, २४ फरवरी को हाथीबडकला तथा माजरा शाखा तथा २७ फरवरी को गढी कैन्ट शाखा का होली कार्यक्रम आयोजित है, शाखाओ के सांस्कृतिक कार्यक्रम केन्द्रीय परिषद के होली समारोह में भी लिये जायेगें। केन्द्रीय परिषद के होली समारोह में होल्यारो की टीम खडी होली गायेगी, इसके अलावा बैठकी होली आदि के अलावा अनेक रंगबिरंगे कार्यक्रम होगे। संचालन महासचिव चन्द्रशेखर जोशी द्वारा किया गया।
महासचिव चन्द्रशेखर जोशी द्वारा अवगत कराया गया कि मीटिंग में सदस्यो ने कूर्माचल परिषद के पदेन संरक्षक मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड के उपेक्षापूर्ण व्यवहार पर हैरानी भी जतायी। सदस्यो ने कहा कि कूर्माचल परिषद का खूबसूरत गुलदस्ता संरक्षक मुख्यमंत्री का साथ न मिलने से मुरझा गया है।
३ सितम्बर २०१७ को कूर्माचल परिषद द्वारा कूर्माचल भवन, जीएमएस रोड, देदून में आयोजित सुन्दरकाण्ड में बुलावे के उपरांत भी संरक्षक मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड नही आये, इसके उपरात कूर्माचल परिषद द्वारा आयोजित दीपावली मिलन समारोह २०१७ में भी संरक्षक मुख्यमंत्री निमंत्रण देने के उपरांत भी नही आये, इसी तरह अब २५ फरवरी २०१८ को आयोजित होली मिलन समारोह २०१८ को परिषद के संरक्षक के रूप में मुख्यमंत्री जी का कार्यक्रम फाइनल नही हो पाया, इससे कूर्माचल परिषद में एक अच्छा संदेश नही जा रहा है, ज्ञात हो कि इससे पूर्व १७ मार्च २०१७ को श्री त्रिवेन्द्र रावत जी के मुख्यमंत्री बनने के उपरांत कूर्माचल परिषद द्वारा लगातार मुलाकात हेतु समय मांगा गया, परन्तु नही दिया गया। ऐसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है, समझ से परे है।
महासचिव चन्द्रशेखर जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय में जिम्मेदार लोगों को कई बार लिखित में देने के बाद भी परिषद की मुलाकात संभव नही हो पायी, इस पर टविट करके श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत मुख्यमंत्री को संदेश दिया गया है कि आफ मुख्यमंत्री बन जाने के बाद कूर्माचल परिषद की आपसे मुलाकात भी असंभव हो गयी है, ऐसे में आपको टविट कर संदेश दे रहे हैं कि कुर्मांचल परिषद देहरादुन के होली कार्यक्रम में मुख्यमंत्री, उत्तराखंड, पदेन संरक्षक, के पधारने की परम्परा रही है, मुख्यमंत्री कुर्मांचल भवन में पधार कर होलियारों के साथ होली का फाग खेलते है और पूरे प्रदेश को यही से होली का संदेश देते है, परंतु पहली बार यह परम्परा खत्म हो जाएगी, २५ फरवरी २०१८ दिन रविवार को कुर्मांचल परिषद द्वारा आयोजित होली समारोह में आने को टाल दिया है, मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र रावत जी के कुर्मांचल भवन में होली समारोह में आने का प्रोग्राम भरसक प्रयास के बाद भी मुख्यमंत्री कार्यालय फाइनल नही कर पाया, इससे पूर्व विगत सुन्दर काण्ड तथा दीपावली समारोह में भी मुख्यमंत्री जी का कार्यक्रम कुर्मांचल परिषद को नही मिल पाया था, इससे पूर्व कुर्मांचल परिषद के भरसक प्रयास के बाद भी कभी मुलाकात हेतु समय भी नही दिया गया, इससे कुर्मांचल समाज मे निराशा व्याप्त हुई है, और पहली बार एक परम्परा खत्म होगी, देहरादुन में कुर्मांचल परिषद की १० शाखाएं तथा एक केंद्रीय परिषद है, समस्त शाखाएं अलग-अलग स्थानों में होली समारोह मनाती है, इसके उपरांत केंद्रीय परिषद के भव्य होली कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पधारते है, कुर्मांचल परिषद द्वारा मनाये जाने वाले होली कार्यक्रम विख्यात है, परंतु इस बार मुख्यमंत्री जी द्वारा कूर्माचल परिषद के होली कार्यक्रम में न आने से एक अच्छा संदेश नही जाएगाः
फाइल फोटो- उत्तराखण्ड के तत्कालीन मुख्यमंत्री – कूर्माचल परिषद की टीमो के साथ शानदार होली मनाते रहे हैं, त्रिवेन्द्र जी रावत ने दूरी बनाई
महासचिव चन्द्रशेखर जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय में जिम्मेदार लोगों को कई बार लिखित में देने के बाद भी परिषद की मुलाकात संभव नही हो पायी, इस पर टविट करके श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत मुख्यमंत्री को संदेश दिया गया है कि आफ मुख्यमंत्री बन जाने के बाद कूर्माचल परिषद की आपसे मुलाकात भी असंभव हो गयी है, ऐसे में आपको टविट कर संदेश दे रहे हैं कि कुर्मांचल परिषद देहरादुन के होली कार्यक्रम में मुख्यमंत्री, उत्तराखंड, पदेन संरक्षक, के पधारने की परम्परा रही है, मुख्यमंत्री कुर्मांचल भवन में पधार कर होलियारों के साथ होली का फाग खेलते है और पूरे प्रदेश को यही से होली का संदेश देते है, परंतु पहली बार यह परम्परा खत्म हो जाएगी, २५ फरवरी २०१८ दिन रविवार को कुर्मांचल परिषद द्वारा आयोजित होली समारोह में आने को टाल दिया है, मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र रावत जी के कुर्मांचल भवन में होली समारोह में आने का प्रोग्राम भरसक प्रयास के बाद भी मुख्यमंत्री कार्यालय फाइनल नही कर पाया, इससे पूर्व विगत सुन्दर काण्ड तथा दीपावली समारोह में भी मुख्यमंत्री जी का कार्यक्रम कुर्मांचल परिषद को नही मिल पाया था, इससे पूर्व कुर्मांचल परिषद के भरसक प्रयास के बाद भी कभी मुलाकात हेतु समय भी नही दिया गया, इससे कुर्मांचल समाज मे निराशा व्याप्त हुई है, और पहली बार एक परम्परा खत्म होगी, देहरादुन में कुर्मांचल परिषद की १० शाखाएं तथा एक केंद्रीय परिषद है, समस्त शाखाएं अलग-अलग स्थानों में होली समारोह मनाती है, इसके उपरांत केंद्रीय परिषद के भव्य होली कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पधारते है, कुर्मांचल परिषद द्वारा मनाये जाने वाले होली कार्यक्रम विख्यात है, परंतु इस बार मुख्यमंत्री जी द्वारा कूर्माचल परिषद के होली कार्यक्रम में न आने से एक अच्छा संदेश नही जाएगाः
वही मीटिंग में जलपान समिति में श्री सीपी जोशी- अधिवक्ता, श्री उत्तम सिंह अधिकारी, श्री आरएस बिरौरिया को रखा गया जिनके द्वारा कार्यक्रम उपरांत अतिथियों, उपस्थित जनो को होली के विशेष रूप से बनायी जा रही गुजिया खिलायी जायेगी। श्री राजेश पाण्डे उपाध्यक्ष ने किसी भी तरह की जिम्मेदारी सौंपी जाने पर पूर्ण करने का आश्वासन दिया।
वही कूर्माचल भवन में सहयोग कराने वाले दानदाताओं को होली में आमंत्रित किया गया है, कूर्माचल भवन को बनाने वाली तकनीकी टीम में इंजीनियर सुरेश पंत, इंजीनियर श्री देवेन्द्र शाह, इंजीनियर श्री प्रकाश लोशाली, इंजीनियर श्री रमेश जोशी को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। इंजीनियर सुरेश पंत द्वारा बैठकी होली के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला, और परिषद हित में कोई भी कार्य सौंपे जाने पर स्वीकृति दी।
विशेष रूप से सांस्कृतिक कार्यक्रमो की रिहर्सल उनके देखने आदि की जिम्मेदारी केन्द्रीय सांस्कृतिक सचिव डा० हरीश चन्द्र शाह, श्रीमती उमा जोशी के साथ तदर्थ रूप से बनायी कमेटी जिसमें श्री कमल रजवार, श्री सुष्मिता मनराल, बबीता लोहनी, वन्दना ठाकुर, जीवन सिंह बिष्ट, दीपा शर्मा, ललित मोहन जोशी आदि को रखा गया है जो कूर्माचल परिषद की समस्त १० शाखाओ से कार्यक्रमो को केन्द्र के लिए चुनेगें। इसके अलावा अन्य कोई भी इच्छुक प्रतिभागी २३ फरवरी तक अपने नाम परिषद के पदाधिकारियों को दे सकता है, अंतिम क्षण में सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए नाम नही लिये जायेगें।
आज की मीटिग में डा० हरीश शाह, आरएस परिहार, सीपी जोशी, सोबन सिंह ठठोला, केसी जोशी, राजेश पाण्डे, केएन पंत, संतोष कुमार जोशी, भगवान सिंह मनोला, वीरेन्द्र काण्डपाल, इ०एससी पंत, उमा जोशी, दीपा शर्मा, ललित मोहन जोशी, उत्तम सिंह अधिकारी, आरएस बिरौरिया, वन्दना बिष्ट, मंजू देउपा, बंशीधर जोशी, कमल रजवार, चन्द्रशेखर जोशी समेत अनेक सदस्य उपस्थित थे।
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