लखनऊ लोकसभा सीट- शत्रुघ्न सिन्हा के इस ब्रहमास्त्र का मुकाबला आसान नही
सपा में शामिल हुईं शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम, लखनऊ से लड़ेगी लोकसभा चुनाव
लोक सभा चुनाव जैसे-जैसे पास आ रहे हैं, हर पार्टी में कुछ नए लोग शामिल हो रहे हैं तो कुछ पुराने साथ भी छोड़ रहे हैं. पार्टियों में सबसे ज्यादा शामिल होने वालों की लिस्ट में बॉलीवुड सेलेब्स का नाम जुड़ रहा है. इसी कड़ी में अब एक्टर और नेता शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा भी शामिल हो गई हैं. मंगलवार को पूनम ने समाजवादी पार्टी की नेता डिम्पल यादव से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान ही डिम्पल यादव ने पूनम को समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलाई. पूनम सिन्हा सपा की टिकट पर लखनऊ से बीजेपी नेता राजनाथ सिंह के खिलाफ लड़ेेेगी. अगर ऐसा हुआ अगर ऐसा हुआ तो राजनाथ और पूनम सिन्हा के बीच कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है. पूनम सिन्हा की पहचान सिर्फ शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी के रूप में नहीं की जा सकती क्योंकि जिस वक्त शत्रुघ्न सिन्हा बॉलीवुड में स्ट्रगल कर रहे थे पूनम उस वक्त मॉडलिंग में अपना करियर बना चुकी थीं. पूनम ने साल 1968 में मिस यंग इंडिया का खिताब अपने नाम करने के बाद मॉडलिंग में कदम रखा था. डसके बाद उन्होंने बॉलीवुड में कदम रखा और उनका स्क्रीन नाम कोमल पड़ा.
एक कॉमेडी शो के दौरान शत्रुघ्न सिन्हा ने बताया था कि जब वो पहली बार पूनम के घर रिश्ता लेकर गए थे तो उनकी मां ने उन्हें देखते ही रिजेक्ट कर दिया था. उनका की मां का कहना था कि ये लड़का तो गुंडे जैसा लगता है. उनको लगता था कि उनकी बेटी मिस इंडिया रह चुकी है और ऐसे में दोनों की जोड़ी मैच नहीं करेगी. बाद में सब की रजामंदी से शादी हुई. पूनम सिन्हा और शत्रुघ्न सिन्हा के तीन बच्चे हैं. बेटी सोनाक्षी बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस में से एक हैं. वहीं दो जुड़वां बेटे लव-कुश भी अपनी लाइफ में सेटल हैं.
नई दिल्ली : बीजेपी से बागी तेवर दिखाने के बाद कांग्रेस में शामिल हुए अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है. मंगलवार को पूनम ने समाजवादी पार्टी की नेता डिम्पल यादव से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान ही डिम्पल यादव ने पूनम को समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलाई. पूनम सिन्हा के समाजवादी पार्टी में शामिल होने के बाद सपा-बसपा गठबंधन ने उन्हें लखनऊ लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है. पूनम सिन्हा बीजेपी उम्मीदवार राजनाथ सिंह को टक्कर देंगी. पूनम 18 अप्रैल को लखनऊ में नामांकन दाखिल करेंगी. बता दें कि मंगलवार को ही बीजेपी उम्मीदवार राजनाथ सिंह ने अपना नामांकन दाखिल किया है.
बता दें कि नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 18 अप्रैल है, जबकि वोटिंग 6 मई को होगी. सपा ने अब तक वहां से अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. यही वजह है कि सबकी निगाहें अब लखनऊ पर टिक गई हैं.
नवाबों के इस खूबसूरत शहर पर पिछले 28 साल से भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है और उसमें भी लंबे समय तक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लोकसभा में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. 1991, 1996,1998,1999 और 2004 के लोकसभा चुनावों में इस सीट से वाजपेयी विजयी रहे थे. 2009 में यहां से लाल जी टंडन जीते और 2014 में राजनाथ सिंह इस सीट से भारी मतों से जीतें. इस बार एक बार फिर राजनाथ सिंह यहां से भाजपा के उम्मीदवार हैं.
वही
आगरा के कोठी मीना बाजार में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है. अखिलेश की यह रैली लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मद्देनजर आयोजित की गई थी. आपको बता दें कि अखिलेश ने इस जनसभा में आगरा, मथुरा और फतेहपुर सीकरी से सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशियों को जिताने की अपील भी की.
“कल से बहुत सारे लोग घबरा गए हैं”
मंच से अपने भाषण में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, “कल से बहुत सारे लोग घबरा गए हैं. ऐसे घबराये हैं कि रास्ता ढूंढ़ रहे हैं. ये गठबंधन… ये महागठबंधन बीजेपी को काफी पीछे छोड़ देगा. मनोज सोनी जिन्होंने 2 शपथ ली है वो संविधान के रखवाले बने हुए हैं. जब मशीन बोलेगी तब आवाज उनके कानों तक जाएगी. ये गठबंधन नफरत की दीवार को गिराने वाला गठबंधन है. ये महाबंधन दिलों को जोड़ कर राजनीति कर रहा है. जो आप कह रहे हो क्या आप चौकीदार की चौकी छीनोगे की नहीं. जिन्होंने नोटबंदी की है क्या आप उन्हें वोटबंदी करोगे की नहीं करोगे.”
“ये 1 परसेंट लोगों के प्रधानमंत्री हैं”
अखिलेश ने अपने भाषण में आगे कहा,
“देश के 1
परसेंट लोगों को लाभ करने के लिए
किया गया जीएसटी और नोटबंदी. ये 1 परसेंट लोगों के प्रधानमंत्री हैं. 99
परसेंट के प्रधानमंत्री नहीं हैं.
उन्होंने भी झाड़ू उठाया जिन्होंने ताज महल को सूची से हटा दिया था. बीजेपी का
भाषण शौचालय से शुरू होता है और शौचालय पर खत्म होता है. बीजेपी को काम रोकू
बीमारी है. बीजेपी ने सब भगवानों की जाति बता दी थी.”
महामिलावट पर कुछ यूं दिया जवाब
अखिलेश ने पीएम मोदी के महामिलावट वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा, “अगर तीन दलों का गठबंधन ‘महामिलावट’ है तो हम उनसे पूछते हैं कि पूरे देश में आपके 38 दलों के गठबंधन को क्या कह कर बुलाएं?”