CM शपथ को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
बीजेपी के पास बहुमत नहीं है. दूसरे नंबर पर आने वाली पार्टी को सरकार बनाने का कोई अधिकार नहीं – वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा – गोवा में मनोहर पर्रिकर की सीएम की शपथ से पहले एक पेंच फंस गया है. कांग्रेस ने पर्रिकर के शपथ को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी है. कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट से तुरंत सुनवाई की गुजारिश की है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में कल सुनवाई करेगा. मणिपुर और गोवा में जोड़तोड़ कर सरकार बनाने का आरोप – बीजेपी के पास 13 सीटें हैं. बीजेपी छोटे और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाने की तैयारी कर रही है. कांग्रेस 17 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी है. बावजूद इसके कांग्रेस सरकार नहीं बना पा रही है इसीलिए कांग्रेस ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है.
गोवा विधानसभा में 40 सदस्य हैं, जिसमें से पार्रिकर को 21 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. बीजेपी के 13 विधायक है. उसे गोवा फॉरवर्ड पार्टी व महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी के तीन-तीन विधायकों और दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिला है.
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कांग्रेस के राज्यसभा सांसद हनुमंत राव ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर निशाना साधा है। राव का कहना है कि चिदंबरम के बेटे पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, इसिलए वे पीएम मोदी की तारीफ कर रहे हैं।
गोवा में कांग्रेस विधायकों का एक समूह नाराज हैं और राज्य विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद सरकार बनाने में नाकाम रहने के लिये पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया है। वालपोई विधानसभा से कांग्रेस विधायक विश्वजीत राणे ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘गोवा विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद मैं स्थिति से निपटने के लिये अपनी पार्टी नेताओं के तरीके से बहुत दुखी हूं। चुनाव परिणाम में सरकार बनाने के लिए हम सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरे हैं। पार्टी नेताओं के कामकाज पर निराश हूं, जो सही
समय पर सही निर्णय नहीं ले सके।’’ उन्होंने कहा कि पार्टी नेताओं ने कांग्रेस विधायक दल का नेता का चयन करने में ‘देरी’ की और इसे जमीनी स्तर पर ‘कुप्रबंधन’ करार दिया। उन्होंने कहा कि वह पार्टी नेताओं की देरी और कुप्रबंधन से आहत हैं। उल्लेखनीय है कि गोवा में कांग्रेस को 17 सीटें मिली हैं, जो सरकार बनाने के लिए बहुमत के जादुई आंकड़ें से
मात्र चार सीट कम है।
त्रिशंकु विधानसभा का परिणाम आने के तुरंत बाद स्वतंत्र प्रत्याशी रोहन खुंटे ने पार्टी के प्रति अपना समर्थन जताया था। इसके अलावा शनिवार को गोवा फारवर्ड पार्टी के तीन अन्य स्वत्रंत विधायकों के साथ औपचारिक बातचीत जारी थी। भाजपा सत्ता में कब्जा नहीं करने के लिये बहुमत की संख्या नहीं जुटा सकी और उसने उन लोगों को प्रतिद्वंद्वियों को अपनी ओर मिला लिया।
चिदंबरम ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट के माध्यम से कहा, “दूसरे नंबर पर आने वाली पार्टी को सरकार बनाने का कोई अधिकार नहीं है. बीजेपी ने गोवा और मणिपुर में सरकार बनाने के लिए जोड़तोड़ की है.” गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने रविवार को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को गोवा के नए मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया. साथ ही उन्हें गोवा विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा है. गोवा विधानसभा में 40 सदस्य हैं, जिसमें से पार्रिकर को 21 विधायकों का समर्थन प्राप्त है. बीजेपी के 13 विधायक है. उसे गोवा फॉरवर्ड पार्टी व महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी के तीन-तीन विधायकों और दो निर्दलीय विधायकों का समर्थन मिला है. संभावना है कि मणिपुर में राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला सरकार गठन के लिए सोमवार को बीजेपी नेताओं को आमंत्रित करेगी. मणिपुर में 60 विधानसभा सीटें हैं जिसमें बीजेपी को 32 विधायकों का समर्थन मिल रहा है. बीजेपी ने रविवार को राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया. मणिपुर में बीजेपी ने विधानसभा में 21 सीटें जीती है. वहीं नागा पीपुल्स फ्रंट और नेशनल पीपल्स फ्रंट के चार-चार विधायकों तथा एआईटीसी, लोजपा के एक-एक और एक निर्दलीय विधायक का बीजेपी को समर्थन मिला है.
बीजेपी की सरकार के समर्थन के बदले महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी के नेता सुदिन धवलिकर गोवा के उप मुख्यमंत्री हो सकते हैं. इस पार्टी के पास 3 विधायक हैं. मनोहर पर्रिकर के रक्षा मंत्री के पद से इस्तीफा दे देने के बाद से ये पद खाली हो गया है. मनोहर पर्रिकर के रक्षा मंत्री बनने से पहले रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार अरुण जेटली के पास था गोवा विधानसभा चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर कांग्रेस उभरी लेकिन वो सरकार बनाने का दावा नहीं पेश कर सकी. चुनाव नतीजों के मुताबिक 40 सदस्यीय विधानसभा सभा में कांग्रेस को 17, बीजेपी को 13 सीटें मिलीं. अन्य छोटी पार्टियों और निर्दलियों के खाते में 10 सीटें गईं. कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए 4 सीटों की दरकार थी, लेकिन वो बहुमत का जुगाड़ कर पाने में नाकाम रही है.
वही दूसरी ओर
मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने कांग्रेस के मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह से इस्तीफा देने के लिए कहा है ताकि राज्य में अगली सरकार बनने की प्रक्रिया शुरू हो सके. यह खबर राजभवन के सूत्रों के हवाले से पीटीआई ने दी है. साथ ही मणिपुर राजभवन ने फिलहाल किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए बुलाने की खबरों से इनकार किया है.
इससे पहले बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने सरकार बनाने का दावा ठोका. बीजेपी के अगली सरकार बनाने की संभावना बढ़ गई जब नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और एलजेपी ने औपचारिक तौर पर उसे समर्थन देने की घोषणा की.
दोनों पार्टियां केंद्र में एनडीए के घटक दल हैं. दोनों पार्टियों ने एक-एक सीट पर जीत हासिल की है. इससे बीजेपी को 26 विधायकों का समर्थन हासिल हो जाएगा जो सरकार बनाने के 31 के जादुई आंकड़े से पांच कम है. बीजेपी ने नगा पीपुल्स फ्रंट के समर्थन का भी दावा किया है जिसके पास चार सीटें हैं.
बाद में कांग्रेस के एक विधायक और तृणमूल कांग्रेस के एकमात्र विधायक भी बीजेपी के समर्थन में आ गए. इस तरह पार्टी ने 32 सीटों का आंकड़ा हासिल कर लिया है.
उधर, कांग्रेस ने बीजेपी पर ‘लोकतंत्र की हत्या’ का आरोप लगाया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘संविधान और नियमों के मुताबिक सबसे बड़ी पार्टी को हमेशा ही सरकार बनाने का न्योता दिया जाता है, मोदी सरकार अपनी कठपुतली की तरह काम कर रहे राज्यपालों के जरिए कानून व लोकतंत्र का गला घोंट रही है.’
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अब सीआईएसएफ और हवाईअड्डा अधिकारियों का इस्तेमाल निर्दलीय विधायक अशाबउ्दीन को अगवा करने और बंधक बनाने में कर रही है. उन्होंने कहा कि यह विधायक निवर्तमान मंत्री अब्दुल नासिर के साथ सफर कर रहे थे.
भाजपा 60 सदस्यीय विधानसभा में 21 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है. कांग्रेस के पास 28 सीटें हैं.