शांत नहीं हो रहा मणिपुर – बीएसपी मुख्यालय पर लगीं तीन बड़ी प्रतिमाएं हटा दी & Top News 21 June 2023
21 JUNE 2023# HIGH LIGHT# जान से मारने की धमकी, दिल्ली पुलिस के पास आई कॉल # मणिपुर में दो महीनों से इंटरनेट सेवाएं बंद क्यों है? # कांग्रेस पार्टी ने 9-4-1 के फार्मूले पर 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी # झारखंड में कांग्रेस पहले से काफी मजबूत # जीतन राम मांझी अमित शाह से मुलाकात करने के लिए उनके आवास पर पहुंचे # Former Bihar CM Jitan Ram Manjhi and Hindustani Awam Morcha President, Santosh Suman meet Union Home Minister and BJP leader Amit Shah in Delhi# राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल होने की घोषणा की# पश्चिम बंगाल में 8 जुलाई को पंचायत चुनाव के लिए वोटिंग #बंगाल राज्य की विपक्षी पार्टियां भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और CPIM ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. इसमें कहा गया था कि कुछ उम्मीदवारों के नाम कैंडिडेट्स की लिस्ट से गायब हो गए हैं. इसपर बुधवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई की और सीबीआई जांच के आदेश दिए गए # लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी के मुख्यालय पर लगीं तीन बड़ी प्रतिमाएं हटा दी गईं हैं. पार्टी ऑफिस के बड़े प्लेटफॉर्म पर कांशीराम, डॉ. बीआर अंबेडकर और बसपा प्रमुख मायावती की प्रतिमाएं मौजूद रहती थीं, जो अब नहीं दिख रही हैं. हालांकि अभी प्रतिमाएं हटाने की वजह स्पष्ट नहीं है. बीएसपी चीफ मायावती कई मौकों इन प्रतिमाओं के पास पहुंचकर पुष्प अर्पित करती रहीं हैं. # इंडियन आइडल फेम जाकिर हुसैन का हृदयाघात की वजह से निधन
By Chandra Shekhar Joshi Chief Editor www.himalayauk.org (Leading Web & Print Media) Publish at Dehradun & Haridwar. Mail; himalayauk@gmail.com Mob. 9412932030
जान से मारने की धमकी, दिल्ली पुलिस के पास आई कॉल
प्रधानमंत्री को जान से मारने की धमकी मिली है. बुधवार (21 जून) को दिल्ली पुलिस के आऊटर डिस्ट्रिक पीसीआर को रिसीव हुए कॉल में कहा गया है कि पीएम मोदी को बिहार के सीएम ननीतीश कुमार को और देश के गृहमंत्री को जान से मारने की धमकी दी गई. पीएम-गृहमंत्री और बिहार के सीएम को धमकी मिलने के बाद तुरंत एक्टिव हुई दिल्ली पुलिस ने इस मामले में एक टीम का गठन किया और मामले की जांच शुरू कर दी.
दिल्ली पुलिस ने बताया कि आऊटर जिले की पुलिस को आज सुबह एक शख्स ने पीसीआर कॉल कर बिहार सीएम को जान से मारने की धमकी दी. कुछ देर बार दूसरी कॉल में पीएम और गृह मंत्री को भी जान से मारने की धमकी दी. दिल्ली पुलिस के मुताबिक युवक की पहचान हो गयी है, उसका नाम संजय वर्मा है और वह दिल्ली के मादीपुर इलाके का रहने वाला है. परिवार वालों ने बताया कि संजय कल रात से ही शराब पी रहा है और दिल्ली पुलिस संजय की तलाश कर रही है.
पीएम मोदी तीन दिवसीय अमेरिका के राजकीय दौरे पर गए हुए हैं और वह वहां पर एसपीजी और अमेरिका की सीक्रेट सर्विस के सुरक्षा घेरे में हैं. वहीं गृहमंत्री अमित शाह दिल्ली में है. गृहमंत्री अमित शाह की सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ को है. उनके प्रोटोकॉल के मुताबिक उनको जेड कैटगरी सुरक्षा मिली हुई है, ऐसे में कहा जा सकता है कि वह सुरक्षा में है और उनके सुरक्षा चक को भेद पाना किसी के भी बस की बात नहीं है.
बिहार के सीएम नीतीश कुमार की सुरक्षा की जिम्मेदारी बिहार पुलिस के एसएसजी (स्पेशल सिक्योरिटी ग्रुप) की है, और उनके प्रोटोकॉल के मुताबिक उनको जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है. हालांकि उनकी सुरक्षा के साथ कई बार खिलवाड़ हो चुका है. हाल ही में सुबह मार्निंग वॉक के दौरान रेसिंग मोटरसाइकिल चलाने वाले ग्रुप उनके रूट पर आ गया.
मणिपुर में दो महीनों से इंटरनेट सेवाएं बंद क्यों है?
मणिपुर में लगातार छिटपुट हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं. इस बीच मणिपुर सरकार ने मंगलवार 20 जून को 10वीं बार 25 जून तक के लिए इंटरनेट पर प्रतिबंध बढ़ा दिया. कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इस पर केंद्र सरकार पर जुबानी हमला बोला है. थरूर ने सवाल उठाया है कि मणिपुर में दो महीनों से इंटरनेट सेवाएं बंद क्यों है. कुकी समुदाय के लोग मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और उनकी पुलिस पर सवाल उठा रहे हैं तो वहीं मैतेई समुदाय के लोग असम राइफल्स पर आरोप लगा रहे हैं.
असम कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन बोराह ने मांग की थी कि कूकी उग्रवादियों की मदद लेने के लिए हिमंता बिस्व सरमा को एनएसए के तहत कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार किया जाना चाहिए. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, सरमा ने मणिपुर के दौरे पर 11 जून को कूकी समुदाय के कुछ उग्रवादी संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी
असम के सीएम हिमंता बिस्व सरमा ने मंगलवार (20 जून) को उन पर लगाए जा रहे कूकी उग्रवादी समूह से संबंधों के आरोपों को खारिज किया. कांग्रेस पर सियासी हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से उनके खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे हैं.
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, “भारत में बैंकिंग से लेकर ई-गवर्नेंस तक तमाम कामों के लिए इंटरनेट का इस्तेमाल किया जाता है. भारत को अपनी इंटरनेट तकनीकी पर गर्व है. तो फिर मणिपुर में दो महीनों से इंटरनेट सेवाएं बंद क्यों है जबकि हिंसा की घटनाओं पर कोई असर नहीं पड़ा है? इंटरनेट पर प्रतिबंध हटना चाहिए. शायद हमने धरती पर सबसे ज्यादा बार और सबसे लंबे समय तक इंटरनेट बैन का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया है.”
मणिपुर में इसी साल 3 मई की रात हिंसा की पहली घटना हुई थी. इसके बाद प्रशासन ने चार मई को इंटरनेट सेवा पर रोक लगा दी थी. तब से इंटरनेट सेवा बंद है. प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ कुछ लोगों ने मणिपुर हाईकोर्ट ने एक याचिका दायर कर रखी है. हाईकोर्ट से राज्य में इंटरनेट बहाली का निर्देश देने की मांग की गई है.
असम प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष मीरा बोरठाकुर गोस्वामी ने आरोप लगाया था कि कूकी उग्रवादियों के एक समूह ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक चिट्ठी लिखी है, जिसमें कहा गया है कि 2017 के मणिपुर विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी की मदद की थी.
मणिपुर हाईकोर्ट के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि एक अंतरिम आदेश में उच्च न्यायालय ने राज्य के अधिकारियों को राज्य के अधिकारियों के नियंत्रण में कुछ निर्दिष्ट स्थानों पर जनता को सीमित इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने का निर्देश दिया है. अब इस मामले पर 23 जून को सुनवाई होनी है.
उधर कांग्रेस मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर भी सवाल उठा रही है. कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि संकट के समय में जानबूझकर मणिपुर की अनदेखी कर वह प्रधानमंत्री का अपना कर्तव्य निभाने में पूरी तरह से विफल रहे हैं.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक ट्वीट में निशाना साधते हुए कहा, ”प्रधानमंत्री के अमेरिका दौरे की तमाम खबरों के बीच आइए हम खुद को याद दिलाएं कि आज मणिपुर में दर्द, संकट और पीड़ा का लगातार 50वां दिन है. दु:ख की बात है कि अनेकों मुद्दों पर ज्ञान देने वाले प्रधानमंत्री ने राज्य की इतनी बड़ी त्रासदी पर एक शब्द भी नहीं बोला है. उन्होंने मिलने के लिए समय मांगने वाले राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को समय नहीं दिया. न ही इस बात को लेकर कोई संकेत दिया कि वह इस मामले में क्या कर रहे हैं या उन्हें कोई चिंता या परवाह है भी कि नहीं.
असम के सीएम की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हाल ही में सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए मणिपुर के कुछ भूमिगत नेताओं के साथ संबंधों के कुछ आधारहीन आरोप लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि ये दोहराया जाता है कि ऐसे किसी भी तत्व से हमारा संबंध नहीं है. पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मीरा बोरठाकुर गोस्वामी ने इस आरोप से संबंधित एक ज्ञापन राज्य के डीजीपी को दिया है, जिसमें मांग की गई है कि इन आरोपों की गहराई से जांच की जाएं.
हिमंता बिस्व सरमा और राममाधव ने 2017 के मणिपुर चुनाव में कुछ कूकी समूहों से मदद ली. उस समय सरमा और माधव ही उत्तर-पूर्वी राज्यों का काम देख रहे थे.
इंडिया टुडे एनई (नॉर्थ ईस्ट) की रिपोर्ट के अनुसार, यूनाइटेड कूकी लिबरेशन फ्रंट (यूकेएलएफ) के चेयरमैन एसएस हाओकिप ने 2019 में अमित शाह को चिट्ठी लिखी थी, जिसमें दावा किया गया कि हिमंता बिस्व सरमा और राममाधव ने 2017 के मणिपुर चुनाव में कुछ कूकी समूहों से मदद ली. उस समय सरमा और माधव ही उत्तर-पूर्वी राज्यों का काम देख रहे थे.
हाओकिप ने अमित शाह को लिखे इस पत्र में उसके खिलाफ चल रहे हथियारों की खरीद के एक मामले से नाम हटाने की मांग की थी. बागी नेता ने इसके लिए अतीत में की गई मदद का हवाला दिया. यूकेएलएफ एक हथियारबंद संगठन है, जिसके साथ सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन समझौता हुआ है.
हिमंता बिस्व सरमा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि ये समझौता 2008 में कूकी, जोमी और हमार समुदायों के साथ किया गया था, जब कांग्रेस सत्ता में थी. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर चलाई जा रही अपील एक समूह के चेयरमैन का लिखा पत्र है, जो 2018 के एक हथियार खरीद मामले से जुड़ा है. ये अपील उसने खुद को बचाने के लिए की है. इसे किसी से जोड़ना आधारहीन है.
मैतेई और कुकी समुदाय आरक्षण के मुद्दे पर आमने-सामने
बीते 3 मई से ही वहां मैतेई (Meitei) और कुकी (Kuki) समुदाय आरक्षण के मुद्दे पर आमने-सामने हैं. कुकी समुदाय, पहाड़ी क्षेत्रों में रहता है, जबकि मैतेई समुदाय, पहाड़ की तलहटी वाले क्षेत्र में बसा हुआ है. दोनों समुदायों के बीच अनुसूचित जनजाति में शामिल करने या ना करने को लेकर विवाद चल रहा है. कुकी समुदाय का मानना है कि मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल नहीं किया जाना चाहिए. मणिपुर के चुराचांदपुर में इस मुद्दे पर 3 मई को एक प्रदर्शन हुआ था, जिसके बाद हिंसा का जो दौर शुरू हुआ, वो अभी तक जारी है. 3 मई के बाद से अब तक राज्य में 100 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं जबकि 50 हजार से ज्यादा लोग अपना घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं. प्रदेश के ज्यादातर जिलों में कर्फ्यू लागू है
न तो हिंसा रुक रही है और न ही मौतों की संख्या, दो दिन पहले ही वहां एक गांव में संदिग्ध उद्रवादियों के हमले में 9 लोगों की जान चली गई जबकि 10 से ज्यादा लोग घायल हो गए. दो कॉम्युनिटीज के बीच इस विवाद में अब उग्रवादी संगठनों की एंट्री का भी दावा किया जा रहा है. प्रदेश सरकार की मानें तो करीब 300 हथियार बंद उग्रवादी म्यामांर से मणिपुर के विष्णुपुर में दाखिल हो चुके हैं और वो कुकी आबादी वाले चुराचांदपुर की तरफ बढ़ रहे हैं.
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह भी हिंसा के लिए इन घुसपैठियों और उग्रवादियों को जिम्मेदार बता रहे हैं, उनके अनुसार हिंसा, कुकी उग्रवादियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई लड़ाई का नतीजा है. हालांकि इस मुद्दे पर सेना का रुख उनके ठीक उलट है, क्योंकि सेना पहले ही कह चुकी है कि मणिपुर में मौजूदा हिंसा का उग्रवाद से कोई लेना-देना नहीं है और ये दो जातियों के बीच संघर्ष है.
कांग्रेस पार्टी ने 9-4-1 के फार्मूले पर 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी
लोकसभा चुनाव में झारखंड कांग्रेस (Jharkhand Congress) 2019 संसदीय चुनाव के मुकाबले दो सीटें ज्यादा लड़ना चाहती है. मिली जानकारी के अनुसार, पार्टी ने 9-4-1 के फार्मूले पर 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. दरअसल, 9 सीटें कांग्रेस अपने पास रखना चाहती है, जबकि 4 सीटें झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और मात्र एक सीट राजद (RJD) को देने के पक्ष में है. हालांकि, झामुमो या राजद से कांग्रेस की अभी सीट शेयरिंग पर बात नहीं हुई है, लेकिन पार्टी के सीनियर नेताओं ने महागठबंधन की बैठक में यह संकेत दे दिया है.
सीटों के बंटवारे को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि, 23 जून को पटना में बैठक है. इसके बाद झारखंड में सीट शेयरिंग पर निर्णय होगा. वैसे हम पिछली बार से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने के पक्ष में हैं. राजेश ने दावा किया कि, झारखंड में कांग्रेस पहले से काफी मजबूत हुई है
कांग्रेस की पसंद की सीटों में हजारीबाग, पश्चिम सिंहभूम, चतरा, गोड्डा, धनबाद, रांची, खूंटी, लोहरदगा और कोडरमा हैं. वहीं अभी मात्र पश्चिम सिंहभूम ही एकमात्र ऐसी संसदीय सीट है, जिस पर कांग्रेस का कब्जा है. यहां गीता कोड़ा ने पिछले चुनाव में बीजेपी के लक्ष्मण गिलुवा को शिकस्त दी थी. 2019 लोकसभा चुनाव की बात करें तो महागठबंधन में कांग्रेस, जेएमएम, जेवीएम और राजद थे. इसमें जेएमएम ने चार सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से राजमहल सीट पर उसकी जीत हुई थी. पार्टी प्रमुख शिबू सोरेन खुद दुमका से चुनाव हार गए थे. इसके साथ ही जेवीएम व राजद प्रत्याशी भी दोनों चुनाव हार गए थे. वहीं यूपीए गठबंधन में अगर इस बार वाम दलों की इंट्री हुई, तो तस्वीर बदल सकती है, क्योंकि भाकपा के राष्ट्रीय महासचिव डी. राजा ने हजारीबाग से चुनाव लड़ने की इच्छा जता दी है. दरअसल, 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सात सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे. गठबंधन में कांग्रेस को कुल नौ सीटें मिली थीं, जिनमें से उसने अपने हिस्से की दो सीटें कोडरमा और गोड्डा जेवीएम को दी थी.
तत्कालीन जेवीएम प्रमुख बाबूलाल मरांडी कोडरमा से और प्रदीप यादव ने गोड्डा से चुनाव लड़ा था, पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. कांग्रेस इस बार इन दोनों सीटों को अपने पास रखना चाहती है. जबकि, 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 13 सीटों पर चुनाव लड़ कर 11 सीटें जीती थीं. वहीं उसकी सहयोगी आजसू पार्टी ने गिरिडीह सीट पर चुनाव लड़ा था और उस पर जीत हासिल की थी. महागठबंधन में कांग्रेस ने सात सीटों पर, जेएमएम ने चार सीटों पर, जेवीएम ने दो और आरजेडी ने एक सीट पर चुनाव लड़ा था.
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल होने की घोषणा की
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन ने भारतीय जनता पार्टी वाले गठबंधन (एनडीए) का दामन थाम लिया है. नीतीश कुमार का साथ छोड़ने के बाद दोनों नेताओं ने आज दिल्ली में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और इस मुलाकात के बाद संतोष कुमार सुमन ने एनडीए में शामिल होने का ऐलान कर दिया.
हाल ही में जीतन राम मांझी ने बिहार में महागठबंधन की सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. उनके बेटे संतोष सुमन ने बिहार कैबिनेट से इस्तीफा देकर मंत्री पद त्याग दिया था. जानकारी के मुताबिक, मांझी पर इस बात का दबाव था कि वो अपनी पार्टी का जेडीयू में विलय कर लें.
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के संरक्षक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी बुधवार (21 जून) को केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी नेता अमित शाह से मुलाकात करने के लिए उनके आवास पर पहुंचे. दोपहर करीब साढ़े तीन बजे हुई इस मुलाकात में जीतन राम मांझी के बेटे और ‘हम’ प्रमुख संतोष सुमन भी शामिल रहे. बैठक के बाद संतोष सुमन ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल होने की घोषणा की. पिता और पुत्र दिल्ली में दो दिन से इस मुलाकात के लिए इंतजार कर रहे थे लेकिन गृह मंत्री अमित शाह को समय नहीं मिल पा रहा था. इसके बाद बुधवार को उनकी मुलाकात संंभव हो पाई.
पिता और पुत्र दिल्ली में दो दिन से इस मुलाकात के लिए इंतजार कर रहे थे
गृह राज्य मंत्री और बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता नित्यानंद राय भी अमित शाह के आवास पर मौजूद थे. ‘हम’ संरक्षक जीतन राम मांझी 19 जून को बिहार के सत्तारूढ़ महागठबंधन से अलग हो गए थे. इसके बाद सभी विकल्पों पर विचार करने की बात कहकर वह बेटे संतोष सुमन के साथ दिल्ली आ गए थे.
नीतीश कुमार ने कहा था कि जीतन राम मांझी बिहार सरकार में सहयोगी रहते हुए बीजेपी के लिए जासूसी कर रहे थे.
19 जून को बिहार से दिल्ली के लिए निकलने से पहले पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए संतोष सुमन ने कहा था, ”हम लोगों पर दबाव डाला गया था कि अपनी पार्टी को मर्ज कर लें. इसके बाद पार्टी की कोर कमेटी की बैठक की गई. बैठक में सभी ने एक सुर में बोला कि पार्टी को मर्ज नहीं करना है, अपनी पार्टी की स्थिति बनाकर रखना है.” सभी के विचार जानने के बाद हमने फैसला किया कि हमें मंत्रिपरिषद से अलग हट जाना है और 13 तारीख को हम अलग हटे. उसके बाद सवाल था कि आगे क्या करें? इसीलिए ये बैठक रखी गई. संतोष सुमन ने कहा था, ”बैठक में बहुत सारे बिंदुओं पर चर्चा हुई, चाहे पार्टी का विस्तार हो, आने वाले समय में हम किस और जाएंगे, हमारा गठबंधन किससे हो, हम अकेले चुनाव लड़ें या थर्ड फ्रंट बनाकर लड़ें, सब बातों पर विस्तार से चर्चा हुई है… सब सदस्यों का एक ही विचार आया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष और संरक्षक महोदय का जो विचार होगा, सभी कार्यकर्ता उसे मानेंगे.” हम लोग दिल्ली जा रहे हैं, दिल्ली में ऐसा नहीं है कि हम लोगों ने फैसला ले लिया है, हमारे विकल्प खुले हुए हैं. अगर एनडीए से बुलावा आया तो उनके नेताओं से भी बात करेंगे. हम थर्ड फ्रंट की बात करेंगे, समान विचारधारा वाले दलों, एनजीओ और कार्यकर्ताओं से भी बातचीत करेंगे
इंडियन आइडल फेम जाकिर हुसैन का हृदयाघात की वजह से निधन
कोरबा। इंडियन आइडल फेम जाकिर हुसैन का हृदयाघात की वजह से निधन हो गया है। उनके निधन की खबर से संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। कोरबा अंचल के प्रसिद्ध गायक कलाकार अमूल स्टार वाइस आफ इंडिया फेम मोहम्मद जाकिर हुसैन का मंगलवार को एक निजी अस्पताल में आकस्मिक निधन हो गया। अपनी आवाज के जादू से लोगों के दिलों में राज करने वाले जाकिर हुसैन परिवार के साथ बिलासपुर गए हुए थे।
बिलासपुर आये हुए जाकिर हुसैन का यहा अचानक उनकी तबीयत कुछ बिगड़ी और थोड़ी देर में अंतिम सांस ले ली। कुछ समझ पाते उसके पहले ही बताया जा रहा है कि उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ा था। वह अपने पीछे पत्नी और बच्चों सहित भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। पुरानी बस्ती वार्ड क्रमांक चार रानी रोड धनवार पारा स्थित निवास पर उनका पार्थिव देह पहुंच गया है। बुधवार को अंतिम संस्कार कोरबा में किया जाएगा।