‘बीजेपी ने अपना इंतजाम कर इकोनॉमिक इमरजेंसी लगाई- किसने कहा ?
चेहरे पर हवाईयां उड रही है राजनेताओं की- जो अकूत सम्पत्ति को विधानसभा चुनावों में झोंकने को तैयार थे- मायावती ने कहा- ‘बीजेपी ने अपना इंतजाम कर लिया तो देश में इकोनॉमिक इमरजेंसी लगा दी वही प्रधानमत्री ने ‘ब्लैक राजनीति’ भी हो जाएगी सफेद- इस धारणा के साथ साहसिंक कदम उठाया-हिमालयायूके न्यूज पोर्टल की प्रस्तुति-
पीएम नरेंद्र मोदी का मास्टरस्ट्रोक- 500, 1000 के वर्तमान नोट किये बंद, जारी होंगे 500 व 2000 रूपये के नए नोट- वही 500 और 1000 के नोट पर रोक लगाए जाने के बाद से देशभर में हलचल का माहौल है. लेकिन मोदी सरकार के इस कदम का क्या असर होगा और उससे आम लोगों को कितना फायदा होगा,
मायावती ने ये भी कहा- हर नागरिक भ्रष्टाचार से परेशान है। जनता कानून का राज चाहती है, जिसकी लाठी उसकी भैंस नहीं चाहती।
मायावती ने 500 और 1000 रुपए के नोट बंद किए जाने पर कहा, ‘बीजेपी ने अपना इंतजाम कर लिया तो देश में इकोनॉमिक इमरजेंसी लगा दी। अगर सही में कालेधन-भ्रष्टा चार पर अंकुश लगाना चाहते तो ढाई साल तक इंतजार न करते।’ मायावती ने आरोप लगाया कि मोदी की इस पहल से गुजरात और मुंबई के लोगों को फायदा होगा। इससे गरीब को परेशानी और अमीरोंं को फायदा होगा। “500 और 1000 के नोट बंद करने के लिए केंद्र सरकार के फैसले को इकोनॉमिक इमरजेंसी करार दिया है।”
अरुण जेटली ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा अभी लोगों को भले ही दिक्कत हो रही है। लेकिन इसका भविष्य में फायदा मिलेगा। इकोनॉमिक अफेयर्स सेक्रेटरी शक्तिकांत दास ने कहा है कि अगले कुछ महीनों में नए कलर और डिजाइन में 1000 रु. के नए नोट जारी किए जाएंगे। आरबीआई के 2-3 लोग इन नोट्स की डिजाइन तय कर रहे हैं। दास ने ये भी कहा कि बाद में 50 और 100 रु. के नोट में भी बदलाव किए जाएंगे। सरकार इसकी भी तैयारी कर रही है। बड़ी वैल्यू के जाली नोट बाजार में बढ़ गए थे। आम लोग जाली नोट का पता नहीं लगा पा रहे थे। देशविरोधी गतिविधियों में इन नोटों का इस्तेमाल हो रहा था। भारत कैश बेस्ड इकोनॉमी है। अभी पूरी तरह कैशलेस नहीं हुई है। लिहाजा, नोटों के मामलों में सिक्युरिटी जरूरी थी। इसलिए यह फैसला हुआ। 8 नवंबर से पहले देश में चल रहे 500 और 1000 रुपए के नोट बंद हो गए हैं। इन नोटों के जरिए ट्रांजैक्शन नहीं हो सकता।
आप बैंक ब्रांचेज या RBI के दफ्तरों में जाकर जो भी नोट देंगे, उसके बदले में उतनी ही रकम के दूसरे नोट आपको मिलेंगे। एक दिन में नोट बदलवाने शुरुआती लिमिट 4000 रुपए की रखी गई है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, RBI और सरकार के अफसरों ने बताया कि ईमानदार टैक्स पेयर्स को परेशान नहीं किया जाएगा। साथ ही, ईमानदारी से घर में बचत करने वाली हाउसवाइव्स और किसानों को भी डरने की जरूरत नहीं है। किसानों और आम लोगों की सालाना इनकम अगर टैक्स छूट के दायरे में है तो वे 2.5 लाख रुपए भी बैंक में जमा करा सकते हैं। टैक्स अथॉरिटीज सिर्फ बड़ी रकम जमा कराने वालों के पैसे के सोर्स पर नजर रखेगी। अगर पैसे का सोर्स जायज है और आप बैंक खातों के जरिए ये साबित कर सकते हैं कि ये पैसा आपने हालिया वक्त में अपने अकाउंट से ही निकाला था, तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है।
मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 के नोट बंद किए जाने के फैसले का विरोध करते हुए मायावती ने कहा कि सरकार का काम अपने वायदों से ध्यान बंटाने वाला नहीं होना चाहिए. प्रधानमंत्री का काम राजनीति से प्रेरित मालूम होता है. विधानसभा चुनाव के ठीक पहले अपने वादे से ध्यान हटाने के लिए बीजेपी की सरकार ने काम किया है. इमरजेंसी जैसा माहौल पैदा किया जा रहा है. जैसे कांग्रेस इमरजेंसी लगाई थी वैसे ही बीजेपी अघोषित आर्थिक इमरजेंसी लगा रही है. मायावती ने कहा कि समाज में गरीबी और बेरोजगारी पहले जैसी ही बनी हुई है. ढाई साल साल में सरकार ने इन की बेहतरी के लिए कोई काम नहीं किया. छोटे व्यापारी और दुकानदार काफी दुखी और परेशान हैं. जैसे ही यह फैसला हुआ, उसके बाद कालाबाजारी शुरू हो गई. कहते हैं कि बीजेपी के लोगों ने कहा कि कुछ घंटों के लिए जितना कमाना है कमा लो कुछ कमीशन हमें भी देना.
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि अगर नोट बंद करने के फैसले को देखा जाए तो वह इस मानक पर खरा नहीं उतरता कि ये किसके लिए किया गया है. चारों तरफ अफरा-तफरी और घबराहट का माहौल है. जब यह फैसला आया तो लोग ऐसे घरों से बाहर निकल आएं जैसे भूकंप आया हो. मोदी सरकार ने तमाम ऐसे फैसले किए हैं, जिससे बड़े-बड़े पूंजीपतियों को फायदा हुआ है. पीएम मोदी की इस पहल से सिर्फ गुजरात और मुंबई के लोगों को फायदा होगा.
मायावती ने कहा कि देश की सुरक्षा खतरे में पड़ी हुई और सीमा पर लगातार संघर्ष हो रहा है. हमारे सैनिक रोज शहीद हो रहे हैं. मायावती पर हमला बोलते हुए केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि बहन मायावती को नोटों की मालाओं को छिपाने में परेशानी हो रही है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपए के नोट की वैधता अचानक खत्म किये जाने पर सवाल खड़े करते हुए इसे जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया। उन्होंने आज आशंका जतायी कि हो सकता है कि प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ऐसा किया गया है। मुख्यमंत्री ने यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार ने जिस तरह से 500 और 1000 रुपए के नोटों का चलन बंद किया है, उससे लोगों को अभूतपूर्व संकट का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार ने जल्दबाजी में फैसला लिया है। प्रधानमंत्री इस कदम को उठाने से पहले संसद में इस पर चर्चा कर सकते थे।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम भी काले धन के खिलाफ हैं। यह :500 और हजार के नोटों का चलन बंद करना: कोई स्थायी समाधान नहीं है। हो सकता है कि यह उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव को देखकर ऐसा किया गया हो। उनकी तैयारी पूरी है नहीं। लोकसभा का सत्र भी होने वाला है।’ अखिलेश ने कहा, ‘‘पॉल्यूशन, करप्शन और कालाधन में जब तक जनता का सहयोग नहीं मिलेगा तब तक कुछ नहीं होगा।’ इसके पूर्व, अखिलेश ने एक ‘ट्वीट’ में भी कहा था कि इन दिनों शादियों का मौसम है। ऐसे में बड़ी नोट की वैधता खत्म किये जाने से लोगों पर मुसीबत आन पड़ी है, लिहाजा केंद्र सरकार को विवाह के खर्च के लिये 500 और 1000 के नोट के चलन को मंजूरी देनी चाहिये। इस बीच, देश में 500 और 1000 के करेंसी नोट की वैधता समाप्त होने के बाद उपजे अभूतपूर्व हालात और कानून-व्यवस्था के लिये उभरी अजीबोगरीब चुनौतियों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश पुलिस को खासकर बैंक शाखाओं और पेट्रोल पम्प समेत विभिन्न संवेदनशील स्थानों पर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिये गये हैं।