मिशन 2019 ; महागठबंधन तथा बीजेपी की रणनीति का ब्‍लू प्र‍िंट

2019 में होने वाले आम चुनावों के लिए कांग्रेस ने महागठबंधन का ब्‍लू प्र‍िंट तैयार कर लिया है. सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर आ रही है कि कांग्रेस आजादी के बाद से सबसे कम लोकसभा सीटों (तकरीबन 250) पर चुनाव लड़ सकती है. सूत्र बता रहे हैं कि वह ऐसा इसलिए करेगी, ताकि महागठबंधन के जरिए मोदी लहर को रोका जा सके. इस पर स्थानीय स्तर की रिपोर्ट्स आने के बाद एंटनी कमेटी, कांग्रेस अध्यक्ष की सलाह से अंतिम निर्णय लेगी.

वही दूसरी ओर दलितों के साथ पैठ बढ़ाने को ज्यादा महत्व दिया जायेगा- भाजपा ने यह रणनीति अपनाई है-

हिमालयायूके न्यूज पोर्टल

 
लोकसभा चुनाव 2019 से पहले सभी राजनीतिक दलों ने आम जनता से समर्पक साधना शुरु कर दिया है। पहले बीजेपी ने संपर्क फॉर समर्थन अभियान के जरिए देश के प्रसिद्ध लोगों से मुलाकात कर उन्हें मोदी सरकार के पिछले चार सालों की उपलब्धियों के बारे में बता रहे है। वहीं अब कांग्रेस ने भी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर लोगों से समपर्क साधना शुरु कर दिया है। इसी क्रम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तीन लोगों को चिट्ठी लिख मदद की पेशकश की है।
राहुल गांधी ने इस अभियान कि शुरुआत उत्तर प्रदेश से की है। जहां राहुल ने उत्तर प्रदेश से आने वाले तीन लोगों डॉ कफील खान, किसान नेता वीएम सिंह और गाजीपुर के सुनील को पत्र लिख मदद कांग्रेस की तरफ से मदद की पेशकश की है। सुनील उत्तर प्रदेश में वाराणसी-गोरखपुर हाईवे के लिए चल रहे भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे है। राहुल गांधी ने पत्र में कांग्रेस की तरफ से मदद की पेशकश भी की है। वहीं राहुल गांधी द्वारा डॉ कफील को लिखे पत्र में उन्होंने कफील के भाई कासिफ जमील पर हुए हमले की निंदा की है। राहुल की चिट्ठी में बीआरडी कॉलेज में हुए हादसे को लेकर भी जिक्र किया गया है। जिसमें 60 बच्चों की मौत हो गई थी। वहीं राहुल ने किसान नेता वीएम सिंह को लिखे पत्र में उत्तर सरकार द्वारा गन्ना मिल मालिकों को 7000 करोड़ रुपए की राहत देने के कदम की आलोचना की है।

 
सूत्रों के मुता‍बिक, रणनीति के मुताबिक कांग्रेस की वह 44 सीटें किसी को नहीं देगी, जहां पिछले लोकसभा चुनाव में जीती थी. हालांकि बाकी सीटों को वह गठबंधन में रखेगी, लेकिन उन 224 सीटों पर चुनाव लड़ने का जोर गाएगी, जहां वह दूसरे नंबर पर रही थी. इनमें मध्यप्रदेश, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्य शामिल हैं. यहां भाजपा के खिलाफ वही अकेली बड़ी पार्टी है.
इस तरह कांग्रेस करीब 250 सीटों पर लड़ने की रणनीति बना रही है. अगर गठबंधन में कहीं दिक्कत आती है, तो क्षेत्रीय दलों को विधानसभा में ज्यादा सीटें देकर लोकसभा 2019 के लिए समझौते को अंजाम दिया जा सकता है.

वही दूसरी ओर दलितों के साथ पैठ बढ़ाने को ज्यादा महत्व दिया जायेगा- भाजपा ने यह रणनीति अपनाई है-
मिशन 2019 के लिए जहां एक तरफ विपक्ष एकजुट होकर तैयारियों में लग गया है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के लिए आरएसएस भी ताल ठोकने के लिए मैदान में उतरने के लिए तैयार है। आरएसएस ने बीजेपी सरकार के लिए एजेंडा तैयार कर लिया है और अगले महीने से मैदान में अपने वरिष्ठ प्रचारकों को उतारने की तैयारी कर ली है और इसके लिए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से शनिवार यानी आज अपनी रणनीति को लेकर जानकारी दे सलाह की जाएगी। ये एजेंडा हरियाण के सूरजकुंड में तैयार किया गया है और इस बैठक में संघ के सभी वरिष्ठ नेता जुड़ी हुई संगठनों के प्रमुख व भाजपा संगठन के मंत्री उपस्थित रहे। इस बैठक में शामिल हुए एक नेता के मुताबिक आरएसएस सरकार की योजनाओं से तो खुश है लेकिन कई क्षेत्रों को लेकर पार्टी का विरोध है। इसके लिए रणनीति तैयार की गई है जिसमें दलित, आर्थिक क्षेत्र व सरकार की वे योजनाए जो जमीनी स्तर पर नहीं उतर पाई।
2019 के लिए तैयार किए गए एजेंडे में दलितों के साथ पैठ बढ़ाने को ज्यादा महत्व दिया गया है। बैठक के बाद सभी प्रतिनिधियों ने पीएम मोदी के साथ रात्रिभोज भी किया था। वहीं ये भी बताया गया है आज बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के साथ होने वाली चर्चा में दलितों को लुभाने के लिए एक मंदिर, कुआं और एक श्मसान अधियान को युद्धस्तर पर शुरू करने की बात कही जाएगी। संघ एक तरफ ये भी मान रही है कि सरकार के पास कोई बड़ी उपलब्धि नहीं है लेकिन फिर भी उन्हें उम्मीद है कि मध्य वर्ग आज भी उनसे जुड़ा हुआ है। लेकिन फिर भी संघ को डर है कि चुनाव नजदीक आते आते कोई भ्रम पैदा ना हो इसलिए इस वर्ग से पैठ बनाए रखने के लिए कोई बड़ा फैसला लिया जाए।

वही 

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार के लिए बिल्कुल फिट बताया है. तेजस्वी ने यह बयान देकर राहुल गांधी के प्रधानमंत्री उम्मीदवारी को एक बार फिर हवा दे दी है.  तेजस्वी ने न सिर्फ राहुल को निश्चित रूप से समर्थन देने की बात कही, बल्कि उन्हें प्रधानमंत्री के पद के लिए बिल्कुल फिट भी कहा. बता दें कि पिछले महीने संपन्न हुए कर्नाटक चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने बेंगलुरु में एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री पद के लिए दावेदारी जताई थी. उस समय उन्‍होंने कहा था कि अगर कांग्रेस 2019 में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरती है, तो वो यह पद संभालने को तैयार हैं. लेकिन इस रेस में केवल राहुल ही नहीं हैं. विपक्षी पार्टियों के अन्य दिग्गज नेता जैसे ममता बनर्जी, मायावती या अखिलेश यादव भी खुद को इस रेस में उम्मीदवार मानते हैं. ऐसे में राहुल गांधी को इनका समर्थन मिलेगा या नहीं, इस सवाल पर तेजस्वी ने सधे हुए अंदाज में जवाब देते हुए कहा, ‘यह सभी नेता प्रधानमंत्री बनने की क्षमता रखते हैं, लेकिन व्यक्तिगत रूप से मुझे राहुल गांधी से कोई दिक्कत नहीं. अभी सभी लोग साथ हैं और आगे भी ऐसे ही रहेंगे. नेतृत्व से जुड़े सवाल बीजेपी उठा रही है, क्योंकि वो हमारी एकता से नर्वस है.’

हिमालयायूके न्यूज पोर्टल www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal & Print Media ) Publish at Dehradun & Haridwar, Available in FB, Twitter, whatsup Groups & All Social Media ; Mail; himalayauk@gmail.com (Mail us) whatsup Mob. 9412932030; CS JOSHI- EDITOR ; H.O. NANDA DEVI ENCLAVE, BANJARAWALA, DEHRADUN (UTTRAKHAND)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *