मोदी की बडी पहल- अब 4धाम तीर्थयात्रा होगी सुरक्षित
कितने आशीर्वाद दुनियाभर से मिलेंगे, इसका आप अंदाज लगा सकते हो-मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी मंगलवार (27 दिसंबर) को देहरादून में हैं। वह वहां परिवर्तन रैली में हिस्सा लेने के लिए गए हैं। रैली को संबोधित करने से पहले उन्होंने चार धाम के एक प्रोजेक्ट का शीलान्यास भी किया। Execlusive; www.himalayauk.org (HIMALAYA GAURAV UTRRAKHAND) Leading Digital Newsportal & Print Media;
The Prime Minister, Shri Narendra Modi visiting an exhibition during the launch of the Char Dham Rajmarg Vikas Pariyojna, at Dehradun, Uttarakhand on December 27, 2016. The Union Minister for Road Transport & Highways and Shipping, Shri Nitin Gadkari and the Chief Minister of Uttarakhand, Shri Harish Rawat are also seen.
The Prime Minister, Shri Narendra Modi visiting an exhibition during the launch of the Char Dham Rajmarg Vikas Pariyojna, at Dehradun, Uttarakhand on December 27, 2016. The Chief Minister of Uttarakhand, Shri Harish Rawat is also seen.
पीएम मोदी ने कहा कि पहाड़ की जवानी और पहाड़ का पानी वहां के लोगों के ही काम में लाया जाएगा। जिससे वहां के लोगों को शहर में जाकर ना भटकना पड़े। मोदी ने कहा कि जब भी चार धाम की यात्रा के लिए जो 12 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे उसके बाद जैसे श्रवण कुमार को याद किया जाता है वैसे ही लोग आने वाले वक्त में लोग नितिन गडकरी और सरकार को याद करेंगे। पीएम मोदी ने नितिन गडकरी भी तारीफ की। मोदी ने कहा कि नितिन गडकरी काफी अच्छा काम कर रहे हैं। मोदी ने कहा कि चार धाम प्रोजेक्ट उन लोगों को श्रृद्धांजलि है जिन्होंने उत्तराखंड बाढ़ में अपनी जान गंवाई थी। मोदी ने कहा- ये देव भूमि है। ये वीरों की भी भूमि है और इस धरती पर आप मुझे आशिर्वाद देने आए हैं। मैं आपको नमन करता हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देहरादून के इसी ऐतिहासिक परेड ग्राउंड में आज चार धाम यात्रा मार्गों के लिए प्रस्तावित आल वैदर रोड का शिलान्यास किया. ऑल वेदर रोड उत्तराखंड की लाइफ लाइन होगी. इसके बनने से बाद यहां आने वाले लोगों का लैंडस्लाइड के चलते कई कई दिन जाम में फंसना इतिहास की बात हो जाएगी.
इस परियोजना का उद्देश्य चार धाम तीर्थयात्रा केन्द्रों के लिए कनेक्टिविटी में सुधार लाना है ताकि इन केंदों तक यात्रा और सुरक्षित, तेज और सुविधाजनक हो सके. चारधाम परियोजना के तहत उत्तराखंड में कुल 1200 करोड़ रुपये की लागत से 900 किमी. के राष्ट्रीय राजमार्ग का विकास किया जाना है.
ऑल वेदर रोड के इस शिलान्यास कार्यक्रम की अध्यक्षता सूबे के मुख्यमंत्री हरीश रावत को करनी है, लेकिन हरीश रावत की नजर में ये सिर्फ चुनावी जुमला है.
विधानसभा चुनावों से ऐन पहले प्रधानमंत्री मोदी का ये दौरा कई मायनों में अहम माना जा रहा है. नोटबंदी के बाद पीएम मोदी की उत्तराखंड की ये पहली यात्रा है. प्रधानमंत्री ने परिवर्तन महारैली को संबोधित कर विधानसभा चुनाव का बिगुल फूंका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देहरादून के इसी ऐतिहासिक परेड ग्राउंड में उदघोष किया-‘
”एक जमाना था जब गैस का सिलेंडर लेना हो तो नेताओं के चक्कर काटने पड़ते थे। किसी की पहचान निकालनी पड़ती थी ताकि एक कनेक्शन मिल जाए। 2014 के चुनाव में कांग्रेस अधिवेशन होने वाला था। मीडिया आकर खड़ा हो गया। लगा कि बड़ी घोषणा होगी। दिनभर मीटिंग चली। ऐसी हवा भरी जा रही थी कि जिसका वर्णन करते ही बनता है। पीएम का उम्मीदवार कौन होगा, ये नहीं हुई। ये घोषणा हुई तो अगर हमारी सरकार बनेगी तो अभी सालभर में बिना सब्सिडी मिलने वाले 9 सिलेंडर को 12 कर देंगे। जिस देश में सिलेंडर 9 हों या 12 इसकी चर्चा चलती थी। हमारी सरकार आते ही हमने फैसला किया कि गरीबी में जीने वाले 5 करोड़ परिवारों को 3 साल के अंदर-अंदर गैस कनेक्शन दे देंगे। कहां 9 से 12, कहां पांच करोड़ परिवारों में गैस का चूल्हा।”.
हमारे देश में आजादी के इतने साल हुए। 18 हजार गांव ऐसे निकले जहां बिजली नहीं थी। आज भी 18वीं शताब्दी में गुजारा कर रहे थे। बिजली क्या होती है, उस गांव को कभी यह देखने का सौभाग्य नहीं मिला। हमने बीड़ा उठाया। एक हजार दिन में इन 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचाने का वादा किया। अफसर मुझे देखने लगे कि साहब जो काम 70 साल में नहीं हुआ, उसे एक हजार दिन में करने की बात आप कह रहे हो। मैंने कहा- पहले जो हुआ सो हुआ, अब सरकार बदली है, लोगों का मिजाज बदला है। देश भी बदलेगा। अभी हजार दिन होने में देर है। 12 हजार गांवों में बिजली पहुंच चुकी है।
उत्तराखंड में आय का सबसे बड़ा साधन टूरिज्म है। अगर सुविधाएं उपलब्ध हों तो हिंदुस्तान का कौन-सा परिवार ऐसा होगा जो यहां आकर पांच-छह दिन रहने की इच्छा ना करे। 2014 में जब यहां आया था, तब मैंने एक बात कही थी। अाप शायद भूल गए होंगे। लेकिन मैं भूलने के लिए बातें नहीं करता। मैंने आपको कहा था कि पहाड़ों की जिंदगी में ऐसा कहा जाता है कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ को कभी काम नहीं आती। मैंने इस कहावत को बदलने की ठानी है। पहाड़ का पानी पहाड़ को काम आएगा। पहाड़ की जवानी भी पहाड़ को काम आएगी। ऐसा उत्तराखंड बनाएंगे कि यहां के जवानों को हिमालय छोड़कर शहरों की गंदी गलियों में जिंदगी गुजारने को मजबूर नहीं होना पड़ेगा।
जिस दिन से सरकार बनी, मैंने उन्हें ये काम दिया था। लेकिन उन्होंने दुनियाभर में देखा कि ऐसे पहाड़ों से कैसे रास्ता निकालें और ऐसा रास्ता बने कि आने वाले सौ साल तक किसी भी मुश्किल से गुजरा न पड़े। दुनियाभर की कंसल्टिंग एजेंसियों की मदद से ऐसी उत्तम रचना की गई है कि मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि आप जब भी इस यात्रा पर आएंगे आपको अच्छा लगेगा। आने वाले दिनों में जब आप ये यात्रा करोगे तो इस सरकार और नितिनजी को जरूर याद करोगे, ठीक उसी तरह जैसे पहले श्रवण कुमार को याद किया जाता था।
जल्दबाजी करने वाली योजनाअों से राजनीति तो चल सकती है, लेकिन राजनीति नहीं चलती। समाज का भला नहीं होता। इसलिए नितिनजी दुनियाभर में जो अच्छा है, उसे खोजने में लगे रहते हैं। दूर-दूर से भी पता चले कि उसके पास कोई जानकारी है तो उसे समय देकर सुनते हैं। अच्छे से अच्छा कैसे हो, उत्तम से उत्तम कैसे बने, हर पल नितिनजी ये सोचने वाले साथी हैं।
अापको लगता होगा कि माेदीजी आपने आते ही शुरू क्यों नहीं किया। अगर मेरे लिए पॉलिटिकल कार्यक्रम होता, धूल झोंकने वाला कार्यक्रम होता तो पहले ही दिन डामर लगा देता और लोगों को लगता कि चलो काम शुरू हो गया है। ऐसा कई मुख्यमंत्रियों ने किया है। अभी तो कहते हैं कि शायद रोज कर रहे हैं। ये राजनेता समझ लें कि वो जमाना चला गया। जनता है, ये सबकुछ जानती है।
कितने आशीर्वाद दुनियाभर से मिलेंगे, इसका आप अंदाज लगा सकते हो। यात्री का मन परमात्मा में लीन होना चाहिए। यहां उसे चिंता रहती है कि अगले मुकाम पर पहुंच पाएंगे या नहीं। लैंडस्लाइड होगी या नहीं, ब्रेकडाउन तो नहीं होगा। इतनी मुश्किलों के बीच यात्रा होती है। सवा सौ करोड़ का देश, हर व्यक्ति के मन में अपने मां-बाप काे कभी न कभी बद्रीनाथ-केदारनाथ, गंगोत्री-यमुनोत्री की इच्छा होती है। लेकिन देश में ऐसी सरकारें आईं कि इन यात्रियों के लिए जरूरी सुविधाओं का इंतजाम नहीं कर पाईं।”
01:28 PM : ”आज यहां जिस प्रकल्प का शिलान्यास हुआ है। उत्तराखंड के लोगों को खुशी होना स्वाभाविक है। आज ये शिलान्यास उन हजारों लोगों को श्रद्धांजलि है, जो केदारनाथ के हादसे में मारे गए। हिंदुस्तान के हर कोने से किसी न किसी ने जिंदगी गंवा दी थी। ये योजना देश के हर कोने से उस भयंकर हादसे में जो मारे गए, उन्हें तर्पण और श्रद्धांजलि है। ये चारधाम यात्रा के लिए उत्तम मार्ग, अच्छी व्यवस्था है। ये उत्तराखंड के लोगों काे रोजी-रोटी देगी। जिसका सपना बूढ़े मां-बाप को लेकर चार धाम यात्रा पर आने का है, आज का ये प्रकल्प उनके लिए है।’
“हिमालय गौरव उत्तराखण्ड ; Newsportal & Print Media
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Nice reporting.
Dr Devendra Bhasin