शिवराज सिंह चौहान को घेरने की रणनीति है- किसान आंंदोलन

दुखी होकर कहा ‘मैं पत्थर दिल नहीं हूं-शिवराज सिंह  # शांति बहाली के लिए मैंने फैसला किया है कि कल से मैं वल्लभ भवन (मंत्रालय) में नहीं बैठूंगा. मैं भोपाल के भेल दशहरा मैदान पर कल पूर्वाह्न 11 बजे से अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठूंगा. तब तक बैठूंगा, जब तक शांति बहाल न हो जाए’#’अराजक तत्वों से निपटेंगे. जनता को सुरक्षा देंगे. राजधर्म का पालन किया जाएगा’ – शिवराज सिंह # शिवराज ने अपनी सरकार को किसानों की सरकार बताते हुए कहा कि जब तक मेरी सांस चलेगी मैं जनता और किसान के लिए काम करता रहूंगा## शिवराज सिंह के उपवास से प्रदेश में सुलगता किसान आंदोलन खत्म हो जाएगा?  #बीजेपी और संघ के असंतुष्ट लोगों ने किसान आंदोलन को भड़काया # 

2018 में विधानसभा चुनाव में फतह के साथ ही शिवराज सिह भाजपा के मजबूत क्षत्रपां में गिने जाने लगेगे, अंदरखाने की रणनीति की चरम पराकाष्‍ठा तो नही किसान आंदोलन; बडा सवाल- असंतुष्‍ट अब अडानी के शिष्‍य कमलनाथ को म0प्र0 का मुख्‍यमंत्री देखना चाहते है- जबकि शिवराज की साफ सुथरी छवि मानी जाती है, कई मायने में तो भाजपा के सबसे कददावर नेताओं में से है वो

मध्य प्रदेश में चल रहे किसानों के उग्र आंदोलन को थामने में अब तक नाकाम रहे मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब उपवास करेंगे. शिवराज सिंह ने एलान किया है कि शनिवार 11 बजे से वो भोपाल के दशहरा मैदान में अनिश्चितकालीन उपवास शुरू करेंगे, जहां वो किसानों से भी बात करेंगे. सीएम ने आंदोलन कर रहे किसानों को बातचीत का न्यौता देते हुए कहा कि बातचीत से ही समाधान निकलेगा. मुख्यमंत्री आवास से लगभग 8 किलोमीटर दूर भेल दशहरा ग्राउंड में शिवराज ने केवल उपवास करेंगे बल्कि सरकार भी वहीं से चलाएंगे. जानकारी के मुताबिक उपवास के दौरान वो केवल जल ग्रहण करेंगे और रात को भी वहीं रुकेंगे.

 
बीजेपी और संघ के असंतुष्ट लोगों ने किसान आंदोलन को भड़काया- शिवराज सिंह ने कहा, ‘कुछ लोगों ने 18 से 22 साल के बच्चों के हाथ में पत्थर थमाने का काम किया है. कई जगह चक्काजाम की स्थिति होती है और वे (बच्चे) नजर आते हैं. मुझे तकलीफ इस बात से होती है कि पत्थर वाले हाथ भी अपने बच्चों के हैं और उनको नेतृत्व देने वाला तंत्र भी अपना है’. इनमें जो लड़के बीजेपी के समर्थक थे उनसे जब पूछा कि अपनी पार्टी के खिलाफ प्रदर्शन क्यों ? तो उन्होंने कहा कि अभी वो सिर्फ किसान हैं और किसान बहुत परेशान हैं. लड़कों ने बताया कि गमछा इसलिए लपेटा है ताकि आंसू गैस से बच सकें. इससे साफ जाहिर है कि किसान आंंदोलन  एक रणनीति के तहत भडकाया गया 

जानकारी के मुताबिक मंच के साथ में कॉन्फ्रेंस के लिए एक केबिन भी बनाया जाएगा जहां सीएम किसानों से या अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के उपवास के ऐलान के साथ ही मैदान में टेंट लगाने की तैयारियां शुरू हो गई. दिलचस्प बात ये है कि लगभग 3 साल पहले भी शिवराज ने इसी दशहरा ग्राउंड में किसानों के मुद्दे पर उपवास का एलान किया था लेकिन बाद में अपना फैसला बदल लिया था.
सीएम चौहान ने शाम में आज शाम अपने सरकारी निवास पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर कहा कि ‘मैं भोपाल के भेल दशहरा मैदान पर कल सुबह 11 बजे से अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठूंगा. तब तक बैठूंगा, जब तक मेरे प्रदेश में शांति बहाल नहीं हो जाएगी. जब-जब किसान पर संकट आया है, मैं सीएम हाउस में नहीं बैठा रहा हूं. आइए, दशहरा मैदान पर चर्चा के जरिए इस समस्या का शांतिपूर्ण समाधान खोजें. शांति बहाली के लिए मैंने फैसला किया है कि कल से मैं वल्लभ भवन (मंत्रालय) में नहीं बैठूंगा. उन्होंने आगे कहा, ‘मैं भोपाल में दशहरा मैदान में किसानों की समस्याओं के समाधान हेतु चर्चा के लिए उपलब्ध रहूंगा और वहीं से सरकार चलाऊंगा.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कथित तौर पर किसान आंदोलन को भड़का रहे लोगों को चेतावनी भी दी. ‘अराजक तत्वों से निपटना चुनौती है, कानून और व्यवस्था की स्थापना ही एमपी सरकार की प्राथमिकता है. इसके लिए जो भी करना होगा वो किया जाएगा. कुछ लोगों ने युवाओं को पत्थर सौंपे हैं और स्थिति बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है.’

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा कांग्रेस पर किसान आंदोलन में हिंसा फैलाने के लगाये गये आरोप को विपक्षी पार्टी ने आज खारिज करते हुए पलटवार किया और कहा कि बीजेपी और संघ के असंतुष्ट लोगों ने किसान आंदोलन को भड़काया और इसमें हुयी हिंसा के लिये भी यही लोग जिम्मेदार हैं.
महात्मा गांधी के अहिंसा के सूत्र को मानने वाली पार्टी है कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने संयुक्त पत्रकार वार्ता में बीजेपी और मुख्यमंत्री चौहान द्वारा कांग्रेस पर किसान आंदोलन भड़काने के लगाये गये आरोप को सिरे से नकारते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस महात्मा गांधी के अहिंसा के सूत्र को मानने वाली पार्टी है और यह कभी हिंसा में शामिल नहीं हो सकती है.’’
यादव ने इन्दौर जिले की बेटमा नगर पंचायत अध्यक्ष एवं बीजेपी नेता बब्बी दरबार की हिंसा में शामिल होने की अखबारों में छपी तस्वीर दिखाते हुए कहा कि बीजेपी नेताओं द्वारा लोगों को डंडे बांटते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया में प्रसारित हो रहा है. उन्होंने दावा किया, ‘‘दरअसल किसान आंदोलन को बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के लोगों ने भड़काया है और इसमें हिंसा के लिये भी यही लोग जिम्मेदार हैं.’’

मुख्यमंत्री चौहान का कांग्रेस पर आरोप
अजय सिंह ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री चौहान का कांग्रेस पर आरोप लगाना आसान है, लेकिन मेरा सवाल है, जब मुख्यमंत्री उज्जैन में किसान नेताओं से समझौता करते हैं, तो कांग्रेस कहां थी. जब किसानों पर गोली चली और उनकी मौत हुई तो उसके बाद आरोप कांग्रेस पर लगाया जाता है, यह किस तरह की राजनीति है.’’
उन्होंने कहा कि यदि मुख्यमंत्री सही में किसान हितैषी होते और किसान आंदोलन की गंभीरता को समझते तो पहले ही सर्वदलीय बैठक बुलाकर इस पर चर्चा करके सर्वसम्मत हल निकालने का प्रयास करते.
किसान आंदोलन में हिंसा का दौर जारी है. आज किसानों ने सीहोर में गाड़ियां फूंकी, पुलिस पर हमला किया. जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और हवा में फायरिंग की. इस पूरी हिंसा के बीच अब एक के बाद एक एमपी के कांग्रेस नेताओं के भड़काऊ बयान वाले वीडियो सामने आ रहे हैं. बीजेपी पहले ही आरोप लगा चुकी है कि किसानों को भड़काने के पीछे कांग्रेस का हाथ है.
जिन नेताओं के भड़काऊ भाषण के वीडियो वायरल हो रहे हैं उनमें शिवपुरी से कांग्रेस विधायक शकुंतला खटीक, रतलाम के कांग्रेस नेता डी पी धाकड़ शामिल हैं. शकुंतला खटीक कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की करीबी मानी जाती हैं. वीडियो में शकुंतला खटीक पुलिस थाने को जलाने के लिए लोगों को उकसाती दिख रहीं हैं.
वहीं एक और वीडियो में रतलाम के कांग्रेस नेता डी पी धाकड़ दिख रहे हैं. धाकड़ ने तीन जून को उन्होंने किसानों के बीच भड़काऊ भाषण दिया था. धाकड़ के भाषण के अगले दिन रतलाम में हंगामा हुआ और पुलिस की तीन गाड़ियां जला दी गईं. रतलाम में हिंसा के बाद से डी पी धाकड़ फरार हैं और पुलिस ने उनपर दस हजार के इनाम का एलान भी कर रखा है.
मंदसौर में फायरिंग में किसानों की मौत के बाद से बीजेपी लगातार कांग्रेस पर किसानों को हिंसा के लिए भड़काने का आरोप लगा रही है. कांग्रेस नेताओं के भड़काऊ बयान वाले वीडियो सामने आने के बाद बीजेपी के आरोपों को बल मिल रहा है. अभी तक इन वायरल वीडियो पर कांग्रेस की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी है.

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