मोदी जन्‍मदिन गुजरात में मनायेगें- किले में सेंध लगने की आश्‍ांका

modi j भाजपा का मजबूत किला ढहने के कगार पर है, इसको महसूस कर सेनापति ने आखिरकार किला मजबुूत करने के लिए समय निकाला, नरेन्‍द्र मोदी के बारे में कहा जा रहा है कि वह गुजरात राज्य को नजरअंदाज कर रहे हैं, तथा गुजरात में भाजपा के किले पर मंडरा रहे खतरे को महसूस किया नरेन्‍द्र मोदी ने,  प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी 17 सितंबर को अपना जन्मदिन गुजरात में मनाएंगे. इस दौरान उनकी योजना प्रदेश में कई कार्यक्रमों में शिरकत करने की है, जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. गुजरात में इस समय हालत यह है कि हर वर्ग नाराज है,  भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अन्‍तर्गत आने वाले डीएवीपी ने लघु एवं मध्‍यम समाचार पत्रों के विरूद्व नीति बनाकर पूरे देश के लघु एवं मध्‍यम समाचार पत्रों को भाजपा सरकार के खिलाफ कर दिया है-  Execlusive Report: www.himalayauk.org (UK Leading Digital Newsportal)

;;;; गुजरात में जिस तरह से बीजेपी बैकफुट पर

पिछले दिनों पाटीदार आंदोलन और दलित आंदोलन के कारण उत्तर गुजरात में जिस तरह से बीजेपी बैकफुट पर आई है, वही गुजरात राज्य में प्रभावी वापसी करते हुए कांग्रेस ने हाल ही में संपन्न हुए नगर निकाय चुनाव में 230 तालुक पंचायत सीटों में से 124 सीटें जीती हैं, जबकि बीजेपी को महज 60 सीटों से संतोष करना पड़ा. कुल 46 तालुकों में खंडित जनादेश रहा; कांग्रेस ने 31 जिला पंचायतों में से 21 में कब्जा किया जबकि बीजेपी महज छह में जीत पाई. गुजरात में बीजेपी के लिए खतरे की घंटी बज चुकी है और आपका लक्ष्य विधानसभा चुनाव से पहले न केवल कांग्रेस बल्कि बीजेपी का बेहतर राजनीतिक विकल्प प्रदान करना है. हम राज्य में बूथ स्तर पर संगठन खड़ा करने पर ध्यान दे रहे हैं.’
गुजरात में बीजेपी को घेरने के लिए कांग्रेस ने दोतरफा हमला करने की रणनीति अपनाई है. वही आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि उसने 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले अपनी प्रदेश इकाई को मजबूत करने का फैसला किया है.
एक तरफ जहां कांग्रेस दलित अत्याचार को खुलकर उठा रही है, वहीं पटेल पाटीदार को मनाने के लिए कांग्रेस ने अपने दरवाजे खोल दिए हैं. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी की रणनीति है कि, जो पटेल पाटीदार नेता सरकार से नाराज हैं उनको कांग्रेस में लाया जाए. पार्टी ने इसके लिए अपने वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और स्थानीय नेता सिद्धार्थ पटेल को जिम्मेदारी दी है. गुजरात के प्रभारी महासचिव गुरुदास कामत से इसकी इजाजत ले ली गई है.गुजरात में बीजेपी को घेरने के लिए कांग्रेस ने दोतरफा हमला करने की रणनीति अपनाई है. एक तरफ जहां कांग्रेस दलित अत्याचार को खुलकर उठा रही है, वहीं पटेल पाटीदार को मनाने के लिए कांग्रेस ने अपने दरवाजे खोल दिए हैं. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी की रणनीति है कि, जो पटेल पाटीदार नेता सरकार से नाराज हैं उनको कांग्रेस में लाया जाए. पार्टी ने इसके लिए अपने वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और स्थानीय नेता सिद्धार्थ पटेल को जिम्मेदारी दी है. गुजरात के प्रभारी महासचिव गुरुदास कामत से इसकी इजाजत ले ली गई है. कांग्रेस में पार्टी में एकजुटता के लिए डिनर डिप्लोमेसी का भी प्रोग्राम बनाया है. पहला डिनर इस हफ्ते सिद्धार्थ पटेल के घर होगा, जिसमें AICC जनरल सेक्रेटरी के साथ पीसीसी चीफ और महत्वपूर्ण नेता होंगे. हर 15 दिनों में इस तरह के प्रोग्राम किए जाएंगे.

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जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी हर साल अपने जन्मदिन की शुरुआत गांधीनगर में अपनी मां हीरा बा से मुलाकात के साथ करते हैं और वह ऐसा कई वर्षों से करते आ रहे हैं.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी अपना 66वां जन्मदिन दक्षिण गुजरात में जनजाति समुदाय के लोगों के साथ मनाएंगे. साथ ही वह सूरत के निकट नवसारी कस्बे में जनजाति क्षेत्र में एक सार्वजनिक रैली को भी संबोधित कर सकते हैं.
जामनगर में 30 अगस्त को महत्वाकांक्षी जल एवं सिंचाई परियोजना के उद्घाटन के मौके पर मोदी ने अपने भाषण में स्वीकार किया था कि वह पहले की तरह अक्सर गुजरात नहीं आ पा रहे हैं.
मोदी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल सहित कई लोगों से शिकायतें मिली थीं कि वह राज्य को नजरअंदाज कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह बार-बार यहां नहीं आ सकते, क्योंकि वह अब दिल्ली में हैं और वहां का काम उनके लिए नया है.
प्रधानमंत्री ने हालांकि कहा कि अब वह अक्सर गुजरात आएंगे. उन्होंने कहा कि राज्य में सरकार चलाते हुए उन्होंने जो सीखा, उसे वह राष्ट्रीय स्तर पर लागू कर रहे हैं.
30 अगस्त को उनकी गुजरात यात्रा अगस्त महीने में उनकी दूसरी यात्रा थी, क्योंकि स्वामीनारायण सम्प्रदाय के प्रमुख स्वामी महाराज को श्रद्धांजलि देने वह 15 अगस्त को सारंगपुर आए थे.
अहमदाबाद में विश्व कबड्डी चैंपियनशिप का उद्घाटन करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नवंबर महीने के प्रथम सप्ताह में गुजरात आने वाले हैं. चैंपियनशिप मणिनगर इलाके में होगा, जो किसी वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्वाचन क्षेत्र था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले साल की शुरुआत में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर सम्मिट के आठवें संस्करण में गुजरात का दौरा कर सकते हैं. इसी पहल ने मोदी की छवि देश भर में उद्योगों के अनुकूल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
आयोजन गांधीनगर में जनवरी 2017 के दूसरे सप्ताह में होने की संभावना है.
गुजरात में अगले साल दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सूत्रों का मानना है कि पाटीदार आंदोलन तथा उना में अत्याचार के खिलाफ दलितों के विद्रोह के मद्देनजर मोदी के गुजरात के बार-बार के दौरे से पार्टी को फायदा होगा.

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