योगी नवराात्रि मेें पूजा-अर्चना नहीं कर पाएंगे? सितारो की ग्रह चाल
19 सितंबर को UP सरकार के 6 महीने पूरे हो गए। योगी आदित्यनाथ ने 19 मार्च 2017 को नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में शपथ ली थी। 2017 में जनता ने विपक्ष का लगभग सूपड़ा साफ करते हुए 403 से 325 सीटें भाजपा को सौंपी थीं। इस वजह से इस सरकार से उम्मीदें ज्यादा हैं परन्तु एक हालिया सर्वे उनके लिए एअलार्मिंग है।
## इस नवराात्रि मेें सितारो की ग्रह चााल कुछ ऐसी बन रही है कि योगी नवरात्र में आदिशक्ति माता जगदम्बा की पूजा-अर्चना नहीं कर पाएंगे वही हालिया सर्वे उनके लिए एअलार्मिंग आयाा है। हिमालयायूकेे ब्यूरो www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal)
यूपी का सीएम बनने के बाद गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ के लिए यह पहला अवसर होगा। जब वे लगातार गोरक्षपीठ में नियमित रहकर शारदीय नवरात्र में आदिशक्ति माता जगदम्बा की पूजा-अर्चना नहीं कर पाएंगे। इसके कारण सीएम योगी की व्यस्तता बताया जा रहा है। हालांकि नवरात्र के पहले दिन 21 सितम्बर और 29 व 30 सितम्बर को भी गोरखनाथ मंदिर में रहकर परम्पराओं का निर्वहन करेंगे। पुरोहित प्रभारी गोरखनाथ मंदिर एवं वेदाचार्य रामानुज त्रिपाठी ने कहा, ”पीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ इस बार सिर्फ गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर ही नहीं यूपी के सीएम भी है।” ”सीएम होने के कारण ‘सबका साथ सबका विकास’ की बड़ी जिम्मेदारी भी उन पर है इसलिए वे इस बार शुक्लपक्ष के शारदीय नवरात्र में पूरे 10 दिन रहकर अनवरत आदिशक्ति माता जगदम्बा के पूजा नहीं कर सकेंगे।’ ”इस बार शारदीय नवरात्र 21 सितम्बर से शुरू हो रहा है और इसी दिन कलश की स्थापना पीठाधीश्वर के भवन में स्थित शक्तिपीठ में होती है। यहां स्थापना के बाद नवरात्र में रोज सुबह शाम 4 से 6 बजे तक 21 पंडितों द्वारा एवं महंत योगी आदित्यनाथ द्वारा खुद किया जाता रहा है।” ‘महंत योगी आदित्यनाथ 9 दिन तक व्रत, कन्यापूजन, देवाधिदेव महादेव का पूजन, शिवावातारी गोरक्षनाथ भगवान का पूजन अर्चन करने के बाद प्रभु श्रीराम का तिलकोत्सव करने के बाद ही पारण करते है।” ”इस बार लोक कल्याण की जिम्मेदारी भी सीएम योगी पर होने के कारण वे 9 दिन तक व्रत रखेंगे। लेकिन लगातार मंदिर स्थित शक्तिपीठ में रहकर दुर्गासप्तसती का पाठ नहीं कर सकेंगे।” ‘वे 21 सितम्बर को मंदिर आएंगे। शाम 5 बजे से होने वाली कलश स्थापना में शामिल होकर मठ में पूजा का अपना उत्तरदायित्व प्रधान पुजारी बाबा कमलनाथ को सौंपकर लखनऊ लौट जाएंगे।” ‘सीएम योगी 29 सितम्बर को दोबारा गोरखनाथ मंदिर आएंगे। इस दिन वे मंदिर में बटुक और 9 कन्याओं का पांव पखारकर उनकी पूजा करेंगे। प्रेम पूर्वक भोजन कराकर उन्हें दक्षिणा अर्पित कर उनसे आशीर्वाद लेंगे।” ”सीएम 30 सितम्बर को सुबह गौ माता पूजन, नाथ बाबा का पूजन, मंदिर के सभी देवी-देवताओं का पूजन, गुरूओं का पूजन करेंगे। दोपहर में तिलकोत्सव का कार्यक्रम 1 बजे से 3 बजे तक मंदिर में होगा।”
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परन्तु एक सर्वे से यह पता चला कि योगी सरकार के लिए यह सर्वे अलार्मिंग है कि अगर उसने वादे पूरे करने के लिए ठोस फैसले नहीं लिए तो उसकी लोकप्रियता में गिरावट आने से रोका नहीं जा सकेगा। सर्वे में 46.37% लोगों ने कहा कि योगी सरकार सबका साथ-सबका विकास के नारे के मुताबिक नहीं चल रही। 53.57% लोगों ने कहा कि रोजगार के मुद्दे पर योगी का रवैया ढुलमुल है।
योगी की पर्सनल इमेज और उनकी सरकार की इमेज को लेकर लोगों की राय अलग-अलग है। यूपी के लोगों के लिए गवर्नेंस एक बड़ा मुद्दा है। यह सर्वे सोशल मीडिया (फेसबुक-ट्विटर) पर भी किया गया। इसकी खासी चर्चा रही। लोगों ने बढ़-चढ़ कर इसमें हिस्सा लिया। सोशल मीडिया, यूसी न्यूज और ऑनलाइन के अन्य मीडियम से भी 88829 लोगों ने इस सर्वे में हिस्सा लिया। 14.87% लोगों ने सरकार को 10 में से 8 नंबर दिए। वहीं, 11.31% लोगों ने 10 में से 1 नंबर दिए। जबकि 6.76% ने 10 में 5 नंबर दिए। सर्वे में लोगों से यह पूछा गया कि छह महीने में योगी सरकार पब्लिक इंट्रेस्ट के फैसले लेने में कितनी कामयाब रही है? इसके जवाब में 44.36% लोगों ने कहा कि ये सरकार जनहित के फैसले नहीं ले पाई। वहीं, 40.76% लोगों ने कहा कि योगी ने जनहित में फैसले लिए हैं। 14.89% लोगों ने कहा कि अभी इस बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
ये नतीजे इस ओर इशारा करते हैं कि जनता की पहली प्राथमिकता गवर्नेंस ही है। 39.72% लोगों ने कहा कि वे खाली बातें करते हैं। क्राइम को कंट्रोल करने के लिए योगी सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। 49.38% लोग ऐसे भी थे जिनकी राय थी कि क्राइम, नौकरियों और डेवलपमेंट के मुद्दे पर बीते छह महीने में कोई खास बदलाव नहीं हुआ। 6.46% लोगों का यह भी कहना था कि आज भी आम लोगों को करप्शन झेलना पड़ता है।
यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार के बुधवार को छह महीने पूरे हो गए। बीते 6 महीने में पुलिस 400 से ज्यादा एनकाउंटर कर चुकी है। अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई, एंटी रोमियो स्क्वॉड और गोरखपुर में बच्चों की मौत जैसे विवाद भी उठे। योगी के मठ से निकलकर सीएम हाउस पहुंचने के छह महीने में क्या बदला, इस पर योगी कहते है कि ‘मैं योगी के रूप में, सांसद के रूप में और सीएम के रूप में वही कर रहा हूं, जो एक संन्यासी के रूप में करना चाहता हूं। मकसद लोक कल्याण है।”
आप मुख्यमंत्री बने तो लोगों ने सोचा कि यूपी को ट्रेनी सीएम मिला है।
A.”लोकतांत्रिक व्यवस्था लीडरशिप से चलती है। मेरी टीम देख रही है कि मैं 18 घंटे काम कर रहा हूं तो टीम भी करेगी। क्या कोई अधिकारी या मंत्री बैठक से उठकर जाने की हिम्मत करेगा? उन्हें पता है कि निर्देश लागू ही नहीं करने, बल्कि रिजल्ट भी देने हैं। हर हफ्ते फीडबैक लेता हूं। पांच साल में यूपी देश का उभरता हुआ प्रदेश होगा।”
Q. चर्चा है कि यूपी में किसानों के मामूली कर्ज माफ हुए। क्या कोई चूक हुई है?
A. ”चूक नहीं, यह वास्तविकता है कि एक रुपए जिसका माफ हुआ और जिसका एक लाख माफ हुआ, वह भी किसान है। यूपी के किसान इतने स्वावलंबी हैं कि अपने कर्जे खुद चुकता किए। ऐसे कुछ हजार किसान हैं, जिन्हें हम सम्मानित करेंगे।”
Q. गोरखपुर में बच्चों की मौत पर आपके सख्त प्रशासक होने का संदेश नहीं गया।
A. ”ऑक्सीजन के बिना एक भी मौत नहीं हुई। सिर्फ सनसनी फैलाई गई। इससे सरकारी अस्पताल में गरीबों को मिल रही सेवा से भरोसा टूटा। गरीब प्राइवेट के पास जाने को मजबूर हो रहा है। यह जघन्य पाप है।”
Q. ब्यूरोक्रेसी पर बहुत बातें हो रही हैं। क्या अफसर ठीक से काम कर रहे हैं?
A.”15 वर्षों के राजनीतिक नेतृत्व ने ब्यूरोक्रेसी की निर्णय लेने की क्षमता खत्म कर दी। इंडिविजुअल के फायदे के लिए इसे नष्ट किया गया। अच्छा काम करने वालों को अपमानित और दंडित किया जाता था।”
जवाब. ”कुछ समय पहले तक 4-6 घंटे बिजली मिलती थी। हम शहरों को 24 घंटे, तहसीलों को 20 और ग्रामीण क्षेत्रों को 18 घंटे बिजली दे रहे हैं। किसानों को ट्यूबवेल के लिए बिजली दे रहे हैं। फीडरों की क्षमता 17 हजार मेगावाट लोड की है। मांग 20 हजार मेगावाट है। पूरा सिस्टम साथ चलाकर ध्वस्त नहीं कर सकते। 35% लाइनलॉस है, जिसे कम करेंगे।”
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