बड़ा राजयोग है अधिवक्ता नितिन गडकरी का- 27मई जन्मदिवस पर विशेष
मोदी के बाद भी BJP के पास बहुत नेता हैं जिनके जबरदस्त राजयोग है # 27 मई को 60 वर्ष पूरे होने पर गडकरी को जन्मदिन की बधाई देने राजनीति व सामाजिक क्षेत्र की कई हस्तियां आएंगी हिमालयायूके न्यूज पोर्टल के लिए चन्द्रशेखर जोशी- सम्पादक की रिपोर्ट-
27 मई को नागपुर में भूतल परिवहन मंत्री नितीन गडकरी के जन्मदिन पर भव्य उत्सव मनाया जाएगा। 27 मई को 60 वर्ष पूरे होने पर गडकरी को जन्मदिन की बधाई देने राजनीति व सामाजिक क्षेत्र की कई हस्तियां आएंगी। इस मौके पर बीजेपी की ओर से 61 लाख रुपए की थैली गडकरी को दी जाएगी। गडकरी को विदर्भ भाजपा की ओर से 61 लाख रुपये की थैली सौंपी जाएगी। समारोह में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, कांग्रेस नेता सुशील शिंदे, आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान,छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमण सिंह, गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर समेत अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री उपस्थित रहेंगे। जन्मोत्सव समिति के संयोजक पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले व सह संयोजक पूर्व विधायक गिरीश गांधी है। जब राहुल गॉधी के पीएम बनने की सहमति जताने पर वाले बयान पर घेराबंदी कर रहे थे, उस समय तक राहुल अधिवक्ता नितिन गडकरी के प्रधानमंत्री बनने की संभावना जता रहे थे-
नितिन गडकरी हमेशा अपने वरिष्ठ लागों के प्रिय रहे हैं;
अपने ऊर्जावान व्यक्तित्व और सब को साथ लेकर चलने की ख़ूबी की वजह से नितिन गडकरी हमेशा अपने वरिष्ठ लागों के प्रिय रहे हैं. शायद यही कारण है कि राहुल गांधी ने कहा कि अगले लोक सभा चुनावों में यदि बीजेपी 200 सीटों तक सिमट जाती है तो कोई भी सहयोगी दल नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाने के पक्ष में नहीं होगा. भाजपा के सभी सहयोगी दल चाहेंगे कि नितिन गडकरी या कोई ओर प्रधानमंत्री बने. यही गणित है. वही शरद गडकरी के नाम पर शरद पवार से लेकर शिवसेना तक सहमति दे सकती है, पवार के साथ उनके अच्छेम संबंध है और दोनों एक दूसरे की मदद करते हैं
उन्हें दिसम्बर, 2009 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नौवें राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुना गया। नितिन गडकरी 52 वर्ष की आयु में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बनने वाले पार्टी के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष बने। नितिन गडकरी जब भारतीय जनता पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस पद के लिए उनके नाम पर पहले ही मुहर लगा चुका था. इसलिए उनके अध्यक्ष बनने की घोषणा को सिर्फ़ औपचारिकता माना गया था. वो आरएसएस के चहेते माने जाते हैं क्योंकि वो संघ के एक प्रतिबद्ध और निष्ठावान स्वयंसेवक हैं. उनके पिता जहाँ संघ के एक सामान्य कार्यकर्ता थे वहीं माता एक प्रसिद्ध प्रचारक थीं. उनका जन्म महाराष्ट्र के नागपुर ज़िले में एक ब्रह्मण परिवार में हुआ. वो तीन बच्चों के पिता हैं. उन्होंने एलएलबी और एमकॉम तक की शिक्षा ली है.
नितिन गडकरी एक मध्यवर्गीय ब्राह्मण परिवार मे २७ मे १९५७ को पैदा हुए, उनका लग्न वृष है, लग्न का स्वामी शुक्र स्वयं लग्न मे ही बैठा है और यह शुक्र अकेले ही नही है वरन चतुर्थेश सूर्य के साथ है यह एक बड़ा राजयोग है, जीवन के आरंभ मे ही उन्हे शुक्र और सूर्य की दशा मिल गयी, यही दशायें थी जो उनको राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के बहुत करीब लाई और वे व्यवसाय मे बहुत आगे बढ़े, नितिन गडकरी का सप्तमेश उनके दूसरे घर मे बैठा है जो उनके पाँचवें और नवें अर्थात भाग्य भाव को देख रहा है दूसरे भाव मे बैठने के कारण मंगल इनसे अाक्रामक कार्य करवाता रहता है नवंस मे यह मंगल लग्नेश होकर लग्न मे ही बैठा है और भाग्येश बृहस्पति से दृष्ट है ! जब की वर्ग कुंडली दशमांश मे यह लग्नेश होकर भाग्य भाव मे ही बैठा है, इसी मंगल की दशा मे वे महाराष्ट्र के लोकनिर्माण मंत्री बने और उन्होने राज्य को बहुत नवीन योजनायें दि.उन्के कार्यकाल को सफल माना जाता है, दिसंबर २००९ मे राहु मे बुध की दशा मे वे भ.ज.पा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गये, यदि हम ज्योतिष् की दृष्टि से देखें तो ऐसा व्यक्ति शांत मस्तिष्क का नही होता, उसके निर्णय कभी कभी पागलपन के स्तर के भी हो सकते हैं चूँकि बुध व्यवसाय का भी कारक है इस लिए उनके व्यवसाय पर उंगलियाँ उनके अध्यक्ष बनते ही उतनी शुरू हो गयी थी ! मगर दशा है राहु की तो उसे केतु का इंतेजार था यह केतु बुध के साथ है ! पराशारी दृष्टि से
देखें तो राहु भी शनि के साथ है ! छठे घर मे यह दोनो ग्रह उन्हे ताक़त तो दे रहे हैं सितंबर २०११ से राहु मे केतु की दशा शुरू हुुुुई तो राहु मे केतु अक्तूबर तक चला, हिंदू ज्योतिष् मे शुक्र मे राहु या राहु मे शुक्र सबसे खराब दशाओं मे माना
जाता है, आदमी बुरी परिस्थिति मे घिरता चला जाता है,
27 May को जन्म दिवस पर हिमालयायूके की विशेष प्रस्तुति-
नितिन गडकरी (जन्म : २७ मई १९५७) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं। जीवन संगी कंचन गडकरी बच्चे निखिल, सारंग और केतकी व्यवसाय वकील, उद्योगपति- जन्म दिवस से उनके सितारे उस दिशा में चलना शुरू कर देगे जब कि विपक्ष में भी वह लोकप्रिय हो जायेगे, यही कारण उनको पीएम की कुर्सी तक पहुंचा सकता है-
वो भाजपा सरकार में सोलहवीं लोक सभा में परिवहन मंत्री हैं। इससे पहले दिसम्बर २००९ में भारतीय जनता पार्टी के नौंवें राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए। बावन वर्ष की आयु में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बनने वाले वे इस पार्टी के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष हैं। उनका जन्म महाराष्ट्र के नागपुर ज़िले में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ। वे कामर्स में स्नातकोत्तर हैं इसके अलावा उन्होंने कानून तथा बिजनेस मनेजमेंट की पढ़ाई भी की है। वो भारत के एक उद्योगपति हैं। गडकरी सफल उद्यमी हैं। वह एक बायो-डीज़ल पंप, एक चीनी मिल, एक लाख २० हजार लीटर क्षमता वाले इथानॉल ब्लेन्डिंग संयत्र, २६ मेगावाट की क्षमता वाले बिजली संयंत्र, सोयाबीन संयंत्र और को जनरेशन ऊर्जा संयंत्र से जुड़े हैं। गडकरी ने १९७६ में नागपुर विश्वविद्यालय में भाजपा की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की। बाद में वह २३ साल की उम्र में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने।[3] अपने ऊर्जावान व्यक्तित्व और सब को साथ लेकर चलने की ख़ूबी की वजह से वे सदा अपने वरिष्ठ नेताओं के प्रिय बने रहे।[4] १९९५ में वे महाराष्ट्र में शिव सेना- भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन सरकार में लोक निर्माण मंत्री बनाए गए और चार साल तक मंत्री पद पर रहे। मंत्री के रूप में वे अपने अच्छे कामों के कारण प्रशंसा में रहे। १९८९ में वे पहली बार विधान परिषद के लिए चुने गए, पिछले २० वर्षों से विधान परिषद के सदस्य हैं और आखिरी बार २००८ में विधान परिषद के लिए चुने गए। वे महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता भी रहे हैं। उन्होंने अपनी पहचान ज़मीन से जुड़े एक कार्यकर्ता के तौर पर बनाई है और वे एक राजनेता के साथ-साथ एक कृषक और एक उद्योगपति भी हैं।
नितिन गडकरी सफल उद्यमी
भाजपा प्रमुख नितिन गडकरी सफल उद्यमी हैं. वह एक बायो-डीजल पंप, एक चीनी मिल, एक लाख 20 हजार लीटर क्षमता वाले इथानॉल ब्लेन्डिंग संयत्र, 26 मेगावाट की क्षमता वाले बिजली संयंत्र, सोयाबीन संयंत्र और को जनरेशन ऊर्जा संयंत्र से जुड़े हैं. दिसंबर, 2001 में भारतीय जनता पार्टी के नौंवें राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए हैं. 52 की आयु में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बनने वाले नितिन इस पार्टी के सबसे कम उम्र के अध्यक्ष हैं. जानकारों की राय में उनके अध्यक्ष के कुर्सी तक जाने की सबसे बड़ी वजह आरएसएस से नजदीकी मानी जाती है.
नितिन गडकरी का शुरुआती जीवन
नितिन गडकरी 27 मई 1957 को हुआ है. उनका जन्म महाराष्ट्र के नागपुर जिले में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ. वे कामर्स में स्नातकोत्तर हैं इसके अलावा उन्होंने कानून तथा बिजनेस मनेजमेंट की पढ़ाई भी की है. गडकरी ने 1976 में नागपुर विश्वविद्यालय में भाजपा की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की, बाद में वह 23 साल की उम्र में भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष बने. अपने ऊर्जावान व्यक्तित्व और सब को साथ लेकर चलने की खूबी की वजह से वे सदा अपने वरिष्ठ नेताओं के प्रिय बने रहे. 1995 में वे महाराष्ट्र में शिव सेना- भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन सरकार में लोक निर्माण मंत्री बनाए गए और चार साल तक मंत्री पद पर रहे. 1989 में वे पहली बार विधान परिषद के लिए चुने गए, पिछले 20 वर्षों से विधान परिषद के सदस्य हैं और आखिरी बार 2008 में विधान परिषद के लिए चुने गए. वे महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता भी रहे हैं.
नितिन गडकरी का राजनीतिक करियर
नितिन गडकरी महाराष्ट्र सरकार में 1995 से 1999 तक महाराष्ट्र सरकार पीडब्लूडी में मंत्री के पद पर रहे. नितिन गडकरी अब भारत के सबसे बड़े विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए हैं. उन्होंने निवर्तमान अध्यक्ष राजनाथ सिंह की जगह ली है.
राजनीतिक गलियारों माना जा रहा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) इस पद के लिए उनके नाम पर पहले ही मुहर लगा चुका था. इसलिए उनके अध्यक्ष बनने की घोषणा को सिर्फ औपचारिकता माना जा रहा था. गडकरी का व्यक्तित्व राष्ट्रीय स्तर पर बहुत जानी पहचानी नहीं है पर वो आरएसएस के चहेते माने जाते हैं क्योंकि वो संघ के एक प्रतिबद्ध और निष्ठावान स्वयंसेवक हैं. उनके पिता जहां संघ के एक सामान्य कार्यकर्ता थे वहीं माता एक प्रसिद्ध प्रचारक थीं. 52 वर्षीय नितिन गडकरी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने से पहले महाराष्ट्र में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे. वो महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य भी रहे.
1995 में वो महाराष्ट्र में शिव सेना- भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन सरकार में लोक निर्माण मंत्री बनाए गए और चार साल तक मंत्री पद पर रहे. 1989 में वो पहली बार विधान परिषद के लिए चुने गए. हालाँकि उससे पहले 1983 में वो चुनाव हारे भी थे. वो पिछले 20 वर्षों से विधान परिषद के सदस्य हैं और आखिरी बार 2008 में विधान परिषद के लिए चुने गए.
लोकसभा चुनावों में लगातार दूसरी बार हार के बाद भाजपा में जो उथल पुथल है उससे उबारने के लिए आरएसएस ने पार्टी के शीर्ष पदाधिकारियों के बदलने की बात कही. जब संघ ने यह कहा कि नया अध्यक्ष दिल्ली से नहीं होगा तो नेता की तलाश हुई जिसमें उनके साथ गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पारिक्कर का भी नाम उभरा, पर आडवाणी के बारे में पारिक्कर के विवादास्पद बयान ने उनका पत्ता काट दिया और इस तरह उनके रास्ते अधिक आसान हो गए. आखिर में लालकृष्ण आडवाणी की राय पर नितिन गडकरी के नाम पर आरएसएस ने अपनी मुहर लगा दी थी. शनिवार, 19 दिसंबर को भाजपा के संसदीय बोर्ड में उन्हें सर्वसम्मति से नया अध्यक्ष चुनने के लिए सहमति बन गई.
एनआरआरडीसी के चेयरमैन
केंद्रीय सरकार ने नेशनल रूरल रोड डेवलपमेंट कमेटी (एनआरआरडीसी) का चेयरमैन बनाया. लंबे समय की बैठकों और शोध के बाद नितिन गडकरी ने अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को दी और प्रधानमंत्री के सामने अपना प्रेजेंनटेशन दिया. उनकी नई रिपोर्ट को स्वीकृति मिल गई थी और अब उनकी नई ग्रामीण सड़क स्कीम प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के रूप में जानी जाती है. यह योजना 60,000 करोड़ की है.
इंडस्ट्रीयल करियर
नितिन गडकरी कभी अपना भविष्य एक राजनीतिज्ञ के रूप में नहीं देखते थे. वह एक व्यवसायी हैं और उसमें उनकी बहुत अच्छी पकड़ है. गडकरी एक अच्छे कृषक भी हैं. उनकी रुचि वॉटर मैनेजमेंट और सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट में भी है. उन्हें अच्छी जानकारी है कि वर्तमान समय में खेती में किस तरह के आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. उन्होंने हाल ही में विदेशों में केतकी ओरसीज ट्रेन कंपनी के नाम से फलों का निर्यात भी शुरू किया है.
– पॉली सैक इंडस्ट्रीयल सोसायटी लिमिटेड : संस्थापक और अध्यक्ष
– निखिल फर्निचर्स एंड एप्लाइंसेस प्राइवेट लिमिटेड : निदेशक और प्रमोटर
– अंतोदय ट्रस्ट : संस्थापक और सदस्य
– एम्प्रेस एम्प्लॉइज को-ऑपरेटिव पेपर मिल्स लिमिटेड : फांउडर और चेयरमैन
गडकरी की जासूसी कौन करवा रहा था-
नरेन्द्र मोदी सरकार में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के आवास की कथित जासूसी मामले में खूब हल्ला मचा था। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के घर से जासूसी के डिवाइस मिले हैं। गडकरी के घर में मिला उपकरण इतनी उच्च तकनीकी क्षमता का था कि कहीं दूर बैठा व्यक्ति भी बेडरूम में होने वाली सारी बातें सुन सकता था। आमतौर पर पश्चिमी देशों में ऐसे उपकरणों का इस्तेमाल होता है।
अंग्रेजी वीकली ‘ द संडे गार्जियन’ की खबर के मुताबिक गडकरी के 13 तीन मूर्ति लेन स्थित आवास में हाई पावर लिसनिंग डिवाइसेस मिले हैं। जासूसी यंत्र के घर में पाए जाने की सूचना के बाद शुरूआती जांच में पता चला है कि विदेशी एजेंसी ने गडकरी के घर में बग्स प्लांट किए थे। विदेशी एजेंसियों के ऑपरेटिव्स ही परिष्कृत लिसनिंग डिवाइस का इस्तेमाल करती है। खासतौर पर सीआईए और नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी। नितिन गडकरी की जासूसी का मामला सामने आने के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की जासूसी का मामला सामने आया था
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