लव लेटर मत लिखिए; नीतीश की मोदी पर चुटकी

नीतीश कुमार के खिलाफ चार प्रदेश अध्यक्षों की बगावत  ; पार्टी ने निलंबित कर दिया – जेडीयू के राष्ट्रीय परिषद की बैठक के दूसरे और आखिरी दिन अपने अध्यक्षीय भाषण में नीतीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने की किसी भी तरह की कार्रवाई में वह और उनकी पार्टी केंद्र सरकार के साथ है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब दीजिए, लव लेटर मत लिखिए ,हमारी पार्टी आपके के साथ खड़ी है। www.himalayauk.org (UK Leading Digital Newsportal)

##4  प्रदेश अध्यक्ष अपने-अपने प्रदेश में संगठनात्मक चुनाव कराने में असफल रहे हैं। इसलिए पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया है।
बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष नीतीश कुमार के खिलाफ उनकी पार्टी के चार प्रदेश अध्यक्षों ने बगावत कर दी है। इन लोगों ने आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार असंवैधानिक तरीके से पार्टी के अध्यक्ष बन गए हैं। पांच महीने पहले ही अप्रैल में नीतीश कुमार जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं। उनसे पहले शरद यादव पार्टी अध्यक्ष थे। शुक्रवार को इन चारों नेताओं ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार संगठनात्मक चुनाव कराए बिना ही पार्टी अध्यक्ष बन गए जो असंवैधानिक है।
बगावत करनेवाले चार प्रदेश अध्यक्षों में मध्य प्रदेश के गोविंद यादव, पश्चिम बंगाल के अमिताभ दत्ता, उत्तराखंड के प्रमोद शर्मा और दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष बलबीर सिंह हैं। इन चारों प्रदेश अध्यक्षों की नुमाइंदगी करते हुए गोविंद यादव ने संघर्ष का एलान करते हुए कहा, “जेडीयू में आंतरिक लोकतंत्र की बहाली कराना उनका प्रमुख मकसद है।” इसके उलट जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव के सी त्यागी ने कहा है कि ये चारों प्रदेश अध्यक्ष अपने-अपने प्रदेश में संगठनात्मक चुनाव कराने में असफल रहे हैं। इसलिए पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया है।
नीतीश कुमार के लिए कई तरह से मुश्किलों भरा दिन रहा। पटना हाईकोर्ट ने उनके ड्रीम प्रोजेक्ट शराबबंदी के कानून को संविधान के प्रावधानों के अनुरूप नहीं होने का हवाला देते हुए निरस्त कर दिया। मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और न्यायमूर्ति नवनीति प्रसाद सिंह की खंडपीठ ने राज्य में शराब की खपत और इसकी बिक्री पर रोक संबंधी राज्य सरकार की पांच अप्रैल की अधिसूचना को निरस्त कर दिया। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि पांच अप्रैल को जारी अधिसूचना संविधान के अनुरूप नहीं है इसलिए यह लागू करने योग्य नहीं है। सुप्रीम कोर्ट से जमानत रद्द किए जाने के बाद आरजेडी नेता शहाबुद्दीन ने भी उन्हें अगले चुनाव में अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है।
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उन्होंने कहा कि हमलोग अगर मगर में विश्वास नहीं करते, राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद से निबटने और विदेश नीति के मामले में पूरी तरह केंद्र के साथ हैं। ब्रिक्स सम्मेलन में पीएम के आतंकवाद के मसले पर कही गयी बातों का समर्थन करते हुए नीतीश ने कहा कि पीएम जैसा जरूरत समझें हम उनके साथ हैं।
सर्जिकल स्ट्राइक और सेना की कार्रवाई को समर्थन देते हुए नीतीश ने कहा, “गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इसकी जानकारी दी थी। हमने पूछा कि ऑपरेशन सफल हुआ और उनका जवाब हां में आया तो हमने बधाई दी लेकिन हम पीएम से अनुरोध करते हैं कि वह किसी भी राजनीतिक दल को इसका श्रेय लेने या इस संबंध में होर्डिग लगाने से रोकें। यह काम ठीक नहीं है। इसे देशभक्ति नहीं कहा जा सकता।” उन्होंने बीजेपी का नाम लिए बिना कहा कि जो पार्टी ऐसा कर रही है उन्हें आप रोकिए। नीतीश ने कहा, “आप देश के प्रधानमंत्री हैं, अकेले भाजपा के नेता नहीं, पूरा राष्ट्र एक है, यदि कोई इस मसले को देश का अंदरूनी राजनीति का हिस्सा बनाना चाहता है तो उसे आप रोकिए।”
इस दौरान नीतीश ने पीएम पर चुटकी भी ली। उन्होंने कहा कि आप जय श्री राम बोलिए, मुझे कोई आपत्ति नहीं है लेकिन आपके बोलने के तुरंत बाद प्रवीण तोगड़िया ने मंदिर बनवाने की मांग भी कर दी। प्रधानमंत्री मोदी का नाम लिए बिना नीतीश ने कहा कि जिस मुद्दे पर आपको वोट मिले, उस पर काम कीजिए, देश का फायदा कॉमन सिविल कोड, धारा 370 और मंदिर निर्माण जैसे मुद्दे से नहीं होगा, सबके विकास से होगा। देश का राष्ट्रीय विकास दर सात प्रतिशत पर पहुंच गया है। किसान निराश हो रहे हैं, रोजगार नहीं मिल रहा है। सालाना दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य कहीं नहीं रहा। किसानों की मजबूरी इस बात से समझी जा सकती है कि जाट, पट्टेदार और मराठा जैसी सशक्त खेतिहर वर्ग भी अब आरक्षण की मांग कर रहा है।
नीतीश ने कहा कि देश क्राइसिस के दौर से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री को इसे देखना होगा। उन्होंने कहा, “एग्रेगेरियन क्राइसिस का दौर है, जीएम सरसों को लाया जा रहा है, हमने पहले की सरकार में भी इसका विरोध किया था, वे लोग मान गये अब जीएम सरसों थोपा जा रहा है, जबकि राज्यों की सहमति के बिना इसे लागू नहीं होना चाहिए। हम बिहार में किसी भी कीमत पर इसे लागू नहीं होने देंगे। जीएम सरसों का असर शहद पर भी पड़ेगा।” नीतीश ने कहा कि देश अधिक दिनों तक इन चीजों को स्वीकार नहीं करेगा।

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