45 साल में पहली बार -एलएसी पर गोलियां चली- “हम तैयार हैं”-रक्षामंत्री राजनाथ सिंह
१६ सितम्बर 20 को केंद्र सरकार ने बुधवार को संसद में कहा है कि पिछले छह महीनों में भारत-चीन सीमा पर कोई घुसपैठ (no intrusion on Indo-China border) नहीं हुई है. राज्यसभा में बीजेपी सांसद अनिल अग्रवाल की ओर से सवाल पूछा गया था कि क्या पिछले छह महीनों में कोई घुसपैठ हुई है और अगर हां तो इसके लिए सरकार क्या कदम उठा रही है. इसपर केंद्र की ओर से लिखित जवाब में यह कहा गया है. गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने पाकिस्तान की ओर से की गई घुसपैठ की कोशिशों पर संसद में जानकारी दी, जो अप्रैल महीने में सबसे ज्यादा देखी गई हैं. लेकिन चीन पर उन्होंने कहा कि ‘पिछले छह महीनों में इंडो-चीन बॉर्डर पर कोई घुसपैठ रिपोर्ट नहीं की गई है.’
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सरकार की इस कोशिश को चीन की गतिविधियों को कम अहमियत देने और यह दिखाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है कि भारत LAC पर अपनी मजबूत स्थिति में बना हुआ है.
वही दूसरी ओर चीन की चालबाजी से जुड़ी एक बड़ी खबर है.7 और 8 सितंबर को भी पूर्वी लद्दाख में पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी किनारे पर चीन की ओर से फायरिंग की गई. सूत्रों से खबर है कि चीन का जवाब देने के लिए, उसकी उकसावे की कार्रवाई को रोकने के लिए भारत की ओर से भी वॉर्निंग शाट्स फायर किए गए. इससे पहले भारतीय सेना ने पैंगॉन्ग के उतरी छोर पर चीन की सेना की संदिग्ध हलचल देखी थी. जिस पर भारतीय सेना ने तैनाती बढ़ा दी थी. 7 और 8 सितंबर को चीन की सेना ने भारतीय पोस्ट की तरफ आने की कोशिश की. तभी दोनों ओर से हवाई फायरिंग की गई.
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी मंगलवार को संसद में एक बयान में कहा था कि चीन लद्दाख में लगभग 38,000 वर्ग किमी क्षेत्र पर अवैध कब्जा किए हुए हैं. उन्होंने बताया कि ‘मई के मध्य में, चीन ने पश्चिमी सेक्टर के हिस्सों में LAC पार करने की कोशिश की थी. इसमें कोंगका ला, गोगरा और पैंगॉन्ग झील का उत्तरी किनारा शामिल थे. किसी को भी देश की सीमाओं की सुरक्षा को लेकर हमारी प्रतिबद्धता पर शक नहीं करना चाहिए. भारत मानता है कि पारस्परिक सम्मान और संवेदनशीलता पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण संबंधों का आधार है.’
लोकसभा में राजनाथ सिंह ने अपने बयान में कहा था कि लद्दाख में स्थिति गंभीर है और चीन LAC की मौजूदा स्थिति को बदलने की कोशिश कर रहा है. राजनाथ ने अप्रैल से अबतक की सभी जानकारी देते हुए कहा कि हम इस विवाद को बातचीत से सुलझाना चाहते हैं लेकिन अगर परिस्थिति बदली तो भारतीय सेना तैयार है.
चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के जवानों ने 29-30 अगस्त की रात को पैंगोंग त्सो झील के इलाक़े में भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश की थी। इसके बाद पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी किनारे पर काला टॉप और हेलमेट टॉप आदि चोटियों पर भारतीय सैनिकों द्वारा कब्जा जमा लेने के बाद चीनी सेना तिलमिलाई हुई है।
लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर हालात तनावपूर्ण है. एलएसी के हालात के बारे में बताते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में कहा कि अभी की स्थिति के अनुसार, चीन ने एलएसी और अंदरूनी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सैनिक टुकड़ियां और गोला बारूद को इकट्ठा किया है. भारतीय सेना ने भी पूरी तैयारी कर ली है. राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि अभी की स्थिति के अनुसार, चीन ने एलएसी और अंदरूनी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सैनिक टुकड़ियां और गोला बारूद को इकट्ठा किया है. पूर्वी लद्दाख और गोगरा, कोंगला का और पेगोंग लेक के उत्तरी और दक्षिणी किनारे पर हालात तनावपूर्ण है. चीनी सेना की तैनाती को देखते हुए भारतीय सेना ने भी अपनी तैनाती बढ़ाई है.
चीनी विदेश मंत्री के साथ हुई बैठक में एस. जयशंकर ने स्पष्ट रूप से कहा था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सेना द्वारा की गई भारी सैन्य तैनाती के पीछे कोई कारण नहीं था और यह बेहद चिंताजनक है। उन्होंने यह भी कहा था कि एलएसी पर भारी संख्या में चीनी सैनिकों की जमावट 1993 और 1996 के विश्वास निर्माण समझौतों के विपरीत है और इससे संघर्ष की स्थिति पैदा हुई है।
लद्दाख में चीन के साथ जारी विवाद के बीच मोदी सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है. ये बैठक बुधवार को शाम पांच बजे हो सकती है, जिसमें कई राजनीतिक दलों के नेता शामिल होंगे. ये बैठक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के द्वारा चीन के साथ विवाद पर लोकसभा में दिए गए बयान के बाद हो रही है. इस सर्वदलीय बैठक में सरकार की ओर से संसद सत्र के आने वाले दिनों के प्लान की बात होगी. साथ ही विपक्ष के द्वारा उठाई जा रही आपत्तियों पर बात होगी. इसी बैठक में कांग्रेस पार्टी की ओर से LAC के मसले पर मंथन की मांग की जा सकती है. संसद सत्र में सरकार की ओर से बयान दिया गया है, लेकिन विपक्ष की ओर से पूरे विवाद पर विस्तार से चर्चा की बात कही जा रही थी. जिसको लेकर कांग्रेस ने लोकसभा में विरोध भी जताया था. लेकिन अब सरकार की ओर से चर्चा के लिए इस बैठक को बुलाने पर जोर दिया गया है.
भारत की ओर से यह बार-बार कहा गया है कि वह सीमा पर शांति का पक्षधर है लेकिन क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के साथ किसी भी क़ीमत पर कोई समझौता नहीं होगा। मीडिया में आ रही ख़बरों में भी दिखाया जा रहा है कि भारत की ओर से भी चीन को जवाब देने के लिए सीमा पर जवान, युद्ध के साजो-सामान की तैनाती की जा रही है। सीमा पर भारतीय लड़ाकू विमान लगातार उड़ान भर रहे हैं और भारत ने चीन को स्पष्ट संदेश दिया है कि यथास्थिति को बदलने की उसकी किसी भी नापाक हरक़त का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
राजनाथ सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा, ‘चीन को बता दिया गया है कि इस तरह की गतिविधियां एलएसी पर यथास्थिति को बदलने का प्रयास है और यह भारत को किसी भी स्थिति पर मंजूर नहीं है।’ राजनाथ सिंह ने कहा था कि चीन की वजह से कई बार एलएसी के आसपास झड़प की स्थिति पैदा हुई है। उन्होंने कहा कि हालांकि इस बार की स्थिति पहले से बहुत अलग है लेकिन हम फिर भी मौजूदा हालात का शांतिपूर्ण हल चाहते हैं।
वही दूसरी ओर बीजेपी सांसद अनिल अग्रवाल ने संसद में प्रश्न किया था कि क्या बीते 6 महीने के दौरान चीन और पाकिस्तान से घुसपैठ हुई है? यदि हां तो सरकार ने इसे रोकने के लिए क्या किया है? इसके एक दिन पहले यानी मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था,’मध्य मई में चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा का उल्लंघन करने की कोशिश कई बार की। इसमें कोंगका ला, गोगरा और पैंगोंग झील का उत्तरी तट भी शामिल हैं।’
चीन लगातार यह कहता आ रहा है कि वह अपनी सीमा के अंदर है, अपनी ज़मीन पर है। उसका कहना साफ है कि वह एलएसी को नहीं मानता और जहां तक उसकी सेना है, वह ज़मीन उसी की है। वहां से वह वापस नहीं जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कह दिया था, “भारत में न तो कोई घुसा है औ न ही घुस कर बैठा है।”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस और समूचा विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है. राहुल हर रोज ट्विटर के जरिए सरकार पर चीन विवाद पर गुमराह करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर डरने का आरोप लगा रहे हैं. बुधवार को भी राहुल ने सरकार के अलग-अलग बयान दिए जाने का दावा किया. बुधवार को ही राज्यसभा में गृह मंत्रालय ने एक जवाब में कहा कि पिछले 6 महीने में चीन सीमा पर किसी तरह की घुसपैठ नहीं हुई है. जिसपर राहुल गांधी ने भी सवाल खड़े किए. हालांकि, सरकार की ओर से चीन के साथ लद्दाख में जारी विवाद को घुसपैठ ना कहकर LAC का उल्लंघन कहा जा रहा है.