सिद्धू को भाजपा में रोकने की हरसंभव कोशिश- राजदूत का आॅफर
नवजोत सिंह सिद्धू को अब भी भाजपा में रोकने की हरसंभव कोशिश हो रही है,परन्तु वही सिद्वू के इस आरोप को बल मिला है जिसमें भाजपा उनको पंजाब से दूर रखना चाहती है,मीडिया में जारी चर्चा के अनुसार भाजपा हाईकमान ने पंजाब के भाजपा नेताओं को उनको टटोलने के लिए मोर्चे पर लगाया है, मनपसंदेश देश में राजदूत का भी आफर दिया है, यानि पंजाब से दूर हो जाओ, जो चाहो ले लो- पंजाब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विजय सांपला मध्यस्थता व सुलह की कोशिश में लगे है- सांपला को सीधे नरेन्द्र मोदी जी को रिपोर्ट करने की अनुमति दी गयी है- एक्सक्लुसिव रिपोर्ट- हिमालयायूुके डॉट ओआरजी न्यूज पोर्टल- प्रस्तुति-
भाजपा नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार (25 जुलाई) को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह बता दिया कि उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा क्यों दिया, लेकिन यह नहीं बताया कि क्या उन्होंने भाजपा भी छोड़ दी है और अगर छोड़ दी है तो नया राजनीतिक ठिकाना किस पार्टी को बनाएंगे? बताया जा रहा है कि अभी सिद्धू ने भाजपा से नाता नहीं तोड़ा है और पार्टी उन्हें किसी न किसी तरह अपने साथ जोड़े रखना चाहती है। सिद्धू की प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म होते ही दिल्ली में पंजाब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विजय सांपला ने संसद भवन परिसर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। राजनीतिक हलकों में ऐसी चर्चा है कि सांपला ने मोदी को एक रास्ता सुझाया ताकि सिद्धू को भाजपा छोड़ कर जाने से रोका जा सके। बताया जाता है कि भाजपा के कुछ लोगों को इस बात के लिए सिद्धू का मन टटोलने की जिम्मेदारी दी गई है कि क्या वह पंजाब चुनाव के बाद कनाडा या ब्रिटेन का राजदूत बन कर जाना चाहेंगे? हालांकि, अभी उन्हें इस सवाल का कोई जवाब नहीं मिला है।
भाजपा चाहती है कि सिद्धू को किसी तरह रोका जाए, ताकि भाजपा छोड़ने की स्थिति में उन्हें लेकर आप फायदा नहीं उठा सके। आप नेताओं ने सिद्धू का स्वागत तभी से करना शुरू कर दिया है जब उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दिया था। सिद्धू की पत्नी ने भी कहा है कि अब उनके पति के लिए आप ही एक विकल्प है। लेकिन खुद सिद्धू ने कभी इस बारे में बात नहीं की है। सोमवार को जब वह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, तो वहां भी इसे लेकर पत्ते नहीं खोले।
चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- मैंने राज्यसभा से इस्तीफा क्यों दिया? क्योंकि मुझसे कहा गया था कि आप पंजाब की तरफ मुंह नहीं करोगे। मुझसे पंजााब छोड़ने के लिए कहा गया था। आप कहते हो नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब छोड़ कर चला जाए। अरे कसूर तो बताओ। राष्ट्रभक्त पंछी अपना पेड़ नहीं छोड़ता तो मैं पंजाब कैसे छोड़ सकता हूं। सिद्धू ने आरोप लगाया कि उसने कहा गया था कि वे कुरुक्षेत्र से चुनाव लड़ लें, फिर पश्चिमी दिल्ली का प्रस्ताव दिया गया। सिद्धू के मुताबिक उन्होंने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि, ‘मैं अपने लोगों को धोखा नहीं दूंगा।’
सिद्धू से जब पूछा गया कि अब आप कहां जाएंगे, तो उन्होंने कहा- जहां पंजाब का हित होगा, आप सिद्धू को वहां पाओगे। उन्होंने कहा- कोई पार्टी पंजााब से ऊपर नहीं। हालांकि, उन्होंने आगे की राजनीतिक रणनीति साफ नहीं की। उन्होंने कहा, ”दुनिया की कोई पार्टी पंजाब से ऊपर नहीं, कोई पार्टी पंजाब से बड़ी नहीं। कोई पक्षी अपना घोसला नहीं छोड़ता, वो वापस वहीं लौटकर आता है तो फिर सिद्धू कैसे अपना घर, अपने लोगों को छोड़ दें? मैं क्यों पंजाब के बारे में नहीं सोच सकता।”
सिद्धू ने कहा कि अगर यह पहली बार होता तो वह किसी तरह सहन कर भी लेते लेकिन यह तीसरी-चौथी बार हो रहा है। हालांकि सिद्धू ने अपनी प्रेस कॉ न्फ्रेंस में यह साफ नहीं किया कि उन्होंने भाजपा छोड़ दी है, या आप ज्वाइन कर ली है। उन्होंने पंजाब में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी की अटकलों पर भी कुछ नहीं कहा।