पुरानी करैंसी का हिसाब क्यों नही दे रहेः जनसघर्ष मोर्चा
कितनी पुरानी करैंसी (५००-१००० रू०) जमा हुई, इसका भी हिसाब नहीं
२००० रू० के नोटों की संख्या बताने से है देश की एकता अखण्डता को खतरा, तो ५०० रू० के नोटों की संख्या से क्यों नहीं!
आर०बी०आई० बना कठपुतली, क्यों नहीं बताये जा रहे ऑंकडे।
किसको फायदा पहचाने के लिए आर०बी०आई० खेल रहा ये खेल।
५००/१००० रू० की परानी करैंसी कितनी जमा हुई, वर्तमान में नहीं है कोई आंॅकडा।
देहरादून- स्थानीय होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जी०एम०वी०एन० ने पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि अब देश को अंधभक्त देशवासी नहीं बल्कि मीडिया ही बचा सकता है।
नेगी ने चिन्ता जतायी कि नोटबंदी के दौरान से लगभग-लगभग ०९ माह हो गये हैं तथा इस दौरान अब तक लाखों करोड रूपये मूल्य के २००० रू० के नोट प्रचलन में आ गये हैं यानि जनमानस के पास पहच गये हैं, लेकिन हैरानी की बात यह है कि रिजर्व बैंक द्वारा उनकी छपाई या संख्या से सम्बन्धित कोई ऑंकडे नहीं हैं, जिससे प्रतीत होता है कि देश को कमजोर करने की कोई बडी साजिश रची जा रही है। पी०एम० मोदी आज चंद उद्योग घरानों को फायदा पहचाने के उद्देश्य से ये सारा कुचक्र रच रहे हैं।
आलम यह है कि रिजर्व बैंक से लेकर उसकी इकाईयों तक को २००० रू० के नये नोटों की संख्या का कोई अता-पता नहीं है, ऐसा प्रतीत होता है कि रिजर्व बैंक व उसकी इकाइयाँ आज गुलामी की जंजीरों में जकडी हुई है तथा उनको मुक्त कराने की जरूरत है।
मोर्चा के प्रयास से अभी हाल ही में रिजर्व बैंक द्वारा ५०० रू० के नये नोटों की संख्या/ब्यौरा उपलब्ध कराया गया है, लेकिन २००० रू० के नोटों की संख्या का ब्यौरा उपलब्ध न कराना, मालूम नह होना तथा मनगढंत अवरोध पैदा करना अपने आप में चिंता का विशय है। आर०बी०आई० व उसकी इकाईयाँ इसकी संख्या बताने से देश की एकता, अखण्डता, सम्प्रभुता का खतरा बताकर अपना पल्ला झाडने का काम कर रही है।
आज देश को बचाने के लिए हिन्दुस्तान के अंधभक्तों को ऑंखे खोलनी होगी, लेकिन उनकी ऑंखे सिर्फ मीडिया ही खोल सकता है।
नेगी ने हैरानी जतायी कि आज देश में पुरानी करैंसी पकडी जा रही है, जिससे प्रतीत होता है कि रिजर्व बैंक कोई बडा खेल देश से खेल रहा है तथा अभी भी पुराने नोटों को बदलने का सिलसिला चल रहा है, वरना इन पुराने नोटों (जो रद्दी हो गये हैं) का कोई क्या करेगा! इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सरकार (रिजर्व बैंक) के पास आज तक कितनी पुरानी करैंसी (५००-१००० रू०) जमा हुई, इसका भी हिसाब नहीं है।
नेगी ने मीडिया से अपील की कि निज हित छोडकर देश हित में इस घोटाले का पर्दाफाश करे।
पत्रकार वार्ता में ः- मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, मौ० असद, बागेश पुरोहित, प्रभाकर जोशी, प्रवीण शर्मा आदि थे।
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