हिमालयायूके का सटीक आकलन; सूर्य ग्रहण से पूर्व ही राजनीतिक परिवर्तन ;राज्य सरकार ख़तरे में
हिमालयायूके का सटीक आकलन- सूर्य ग्रहण से पूर्व ही राजनीतिक परिवर्तन संयोग- की भविष्यवाणी सटीक- 18जून 20
बीजेपी के ख़िलाफ़ भी ऑपरेशन लोटस जैसा कुछ हुआ है और उसकी एक राज्य सरकार ख़तरे में आ गई है। मणिपुर में बीजेपी के तीन विधायक इस्तीफ़ा देकर कांग्रेस के साथ चले गए हैं और अब कांग्रेस राज्य में सरकार बनाने की तैयारी कर रही है।
मणिपुर की राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला से मिला कांग्रेस गठबंधन, पेश किया सरकार बनाने का दावा
Presents by Himalayauk Newsportal & Daily Newspaper, publish at Dehradun & Haridwar: Mob 9412932030 ; CHANDRA SHEKHAR JOSHI- EDITOR; Mail; himalayauk@gmail.com
मणिपुर में बीजेपी के तीन विधायक इस्तीफ़ा देकर कांग्रेस के साथ चले गए हैं और अब कांग्रेस राज्य में सरकार बनाने की तैयारी कर रही है। बताया गया है कि कांग्रेस नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ओ. इबोबी सिंह जल्द ही इसे लेकर राज्यपाल से मुलाक़ात करेंगे। उन्होंने राज्य में सरकार बनाने के लिए ज़रूरी विधायकों का आंकड़ा होने का दावा किया है।
इसके अलावा नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने भी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। सरकार को समर्थन दे रहे एक निर्दलीय विधायक और तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक ने भी समर्थन वापस ले लिया है।
2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और उसे 60 सीटों वाली विधानसभा में 28 सीटों पर जीत मिली थी जबकि बीजेपी को 21 सीटें मिली थीं। तब बीजेपी ने गठबंधन सरकार बनाई थी और इसमें एनपीपी के अलावा नगा पीपुल्स फ़्रंट (एनपीएफ़) और लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) भी शामिल हुए थे। एनपीपी और एनपीएफ़ दोनों के पास चार-चार और एलजेपी के पास एक विधायक है।
लेकिन अब गठबंधन सरकार के पास सिर्फ़ 23 विधायकों का ही समर्थन है जबकि राज्य में सरकार चलाने के लिए 30 विधायकों के समर्थन की आवश्यकता है। ऐसे हालात में मणिपुर में कांग्रेस के पास सरकार बनाने का मौक़ा है। बीजेपी के अंदर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और लोक निर्माण विभाग के मंत्री बिश्वजीत सिंह के गुट हैं और वह इस गुटबाज़ी से परेशान है।
बीजेपी ने जब राज्य में सरकार बनाई थी तो कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाया था और कहा था कि बड़ी पार्टी होने के नाते उसे सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया।
हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि उनकी सरकार को गिराने के लिए बीजेपी कांग्रेस विधायकों को करोड़ों-अरबों रुपये का ऑफ़र दे रही है। गहलोत ने कहा था कि सरकार गिराने का जो खेल मध्य प्रदेश में खेला गया, वही राजस्थान में भी खेला जा रहा है।
कांग्रेस की ओर से राज्य के एंटी करप्शन ब्यूरो के प्रमुख को लिखे गए पत्र में कहा गया था कि मध्य प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक की तरह राजस्थान में हमारे और सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों को पैसे की ताक़त का लालच देकर सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है।
ज्ञात हो कि हिमालयायूके ने 21 जून 20 सूर्य ग्रहण के प्रभाव से राजनीतिक परिवर्तन के संयोग के बारे में खबर प्रकाशित की थी- जो इस प्रकार थी
21 जून 2020 को साल का पहला सूर्यग्रहण लगेगा। यह सूर्यग्रहण किन मायनों में खास है और इस सूर्यग्रहण का प्रभाव मौजूदा हालातों पर कैसा रहेगा। 21 जून 2020 के सूर्यग्रहण का देश और समाज पर कैसा पड़ेगा। 21 जून का सूर्यग्रहण निश्चित रूप से चमत्कारिक खगोलिय घटना है। यह खंडग्रास यानी आंशिक सूर्यग्रहण रहेगा। आंशिक का मतलब होता है कि सूर्य का एक भाग ग्रहण से युक्त रहेगा, बाकी भाग खुला रहेगा। ज्योतिष भाषा में इस ग्रहण को कंकडाकृति सूर्यग्रहण कहते हैं, क्योंकि इस समय सूर्य की आकृति कंकड की तरह हो जाती है। यह ग्रहण भारत के अलावा एशिया, अफ्रीका और यूरोप के कुछ भागों में दिखाई देगा। ग्रहण की शुरुआत सुबह 10 बजकर 19 मिनट पर होगी और ग्रहण का मध्यकाल दिन में 12 बजकर 1 मिनट पर होगा। ग्रहण का मोक्ष यानि ग्रहण की समाप्ति 1 बजकर 48 पर होगी। ग्रण का सूतक काल 20 जून रात 9.53 बजे से शुरू हो जाएगा। ग्रहण का सूतक काल 1.48 बजे तक रहेगा। भारत और विदेशों के लिए 21 जून का सूर्यग्रहण बेहत संवेदनशील है। यह ग्रहण मृगशिरा नक्षत्र में है। मृगशिरा नक्षत्र मंगल का नक्षत्र है और मिथुन राशि बुध की राशि है। इस ग्रहण के समय मंगल, जिसकी राशि में यह ग्रहण हो रहा है, वह जलीय राशि मीन में स्थित होकर सूर्य, बुध, चंद्रमा और राहु को देखेंगे, जिससे अशुभ स्थति का निर्माण होगा। जब मिथुन राशि में सूर्य या चंद्रग्रहण होता है तो उच्च पदों पर स्थित महिलाएं, राजा, मंत्री, कला के क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्ति, यमुना नदी के किनारे निवास करने वाले लोग, मध्यप्रदेश के लोग, साकेत और मिथिला के लोग, चम्पा, कौशांभी, कौशिकी, गया और विंध्य पर्वत के आसपास रहने वाले लोगों के लिए यह समय निसंदेह कष्टकारी होता है। इस कष्ट से मुक्ति पाने के लिए आपको पूरे ग्रहण काल में बैठकर के सूर्य के मंत्र ऊँ घृणि सूर्याय नम: का जप करना चाहिए या फिर भगवान राम का तारक मंत्र ॐ रां रामाय नमः का जाप कर सकते हैं। ये सारे मंत्र आपकी मनोकामना को पूर्ण करेंगे और आप पर जो ग्रहण का अशुभ प्रभाव है वह नहीं पड़ेगा।
Yr. Contribution Deposit Here: HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND
Bank: SBI CA
30023706551 (IFS Code SBIN0003137) Br.
Saharanpur Rd Ddun UK