पाकिस्तान के रक्षा मंत्री की भारत को परमाणु हमले की धमकी
भारत को धमकी- जवाबी कार्रवाई से सहमा पाकिस्तान – अगर पाकिस्तान को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई तो भारत पर परमाणु हमला करने से हम नहीं चूकेंगे-
भारत की जवाबी कार्रवाई से सहमें पाकिस्तान ने भारत को परमाणु हमले की धमकी दी हैं, उत्तरी कश्मीर के उरी शहर में रविवार (18 सितंबर) सुबह भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने एक बटालियन मुख्यालय पर हमला कर दिया जिसमें 17 जवान शहीद हो गए और 19 अन्य घायल हुए हैं। हमला हाल के वर्षों में सेना पर किए गए सबसे घातक हमलों में से एक है।
देश इस समय जबर्दस्त गुस्से में है, केन्द्र सरकार से जवाबी कार्रवाई की मांग कर रही है देश की जनता– (www.himalayauk.org) Newsportal
जम्मू-कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत को परमाणु हमले की धमकी दी है। ख्वाजा ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में साफ-साफ कहा कि अगर हमारी सलामती को खतरा हुआ और किसी ने हमारी जमीन पर कदम रखा तो हम इन हथियारों का इस्तेमाल करने से गुरेज नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई तो भारत पर परमाणु हमला करने से हम नहीं चूकेंगे। इसके साथ ही ख्वाजा ने कहा कि कश्मीर पर हल बातचीत से ही निकल सकता है। शांति के लिए कश्मीर मसले का हल जरूरी है। भारत-पाक संबंधों में कश्मीर के बिना बातचीत का कोई मतलब नहीं है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान ऐसे समय में आया है जब दोनों के बीच लगातार तल्खी बढ़ रही है। हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी की हत्या के बाद से ही दोनों देशों के संबंधों में लगातार खटास आई है।
पाकिस्तान परमाणु भंडारण की होड़ में लगा हुआ है। खबर है कि वो दुनिया का सबसे तेजी से परमाणु भंडारण करने वाला बढ़ता हुआ देश बन गया है। वो इस्लामाबाद से करीब 30 किलोमीटर दूर कहुता में यूरेनियम का एक नया भंडारघर बना रहा है। एक अमेरिकी सैन्य सैटेलाइट से प्राप्त तस्वीरों ने इसकी पुष्टि की है। वैश्विक सुरक्षा पर शोध सामग्री प्रकाशित करनेवाली पत्रिका आईएचएस जेन्स इंटेलिजेंस ने इस सैटेलाइट इमेजरी की व्याख्या की है। ये तस्वीरें 28 सितंबर, 2015 और 18 अप्रैल 2016 को ली गई हैं। शोध में कहा गया है कि पाकिस्तान इस बात को पुख्ता करता है कि कैसे वो परमाणु शस्त्रागार बनाने की होड़ में परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह देशों के सिद्धान्तों से अनुचित समझौता कर रहा है। गौरतलब है कि पाकिस्तान ने साल 1998 में सबसे पहला परमाणु परीक्षण किया था। माना जाता है कि आज की तारीख में उसके पास 120 से ज्यादा परमाणु शस्त्र हैं जो भारत, इजरायल और उत्तरी कोरिया से ज्यादा है।
कैनरीज एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस एंड स्टिमसन सेन्टर द्वारा साल 2015 में प्रकाशित एक शोध में कहा गया था कि पाकिस्तान साल के अंत तक 20 हथियारों से अपने भंडार भर सकता है। इसके साथ ही वो इस दशक के अंत तक दुनिया का तीसरा बड़ा परमाणु भंडारण वाला देश बन जाएगा। आईएचएस जेन्स के प्रसार विशेषज्ञ कार्ल डेवी के मुताबिक यह निर्माणाधीन भंडारगृह संवेदनशील और अतिमहत्वपूर्ण सुरक्षावाले क्षेत्र में स्थित है। जो खान रिसर्च लैबोरेट्रीज में करीब 1.2 हेक्टेयर में दक्षिणी-पश्चिमी हिस्से में फैला हुआ है।
डेवी के अनुसार, जहां भंडारगृह का निर्माण हो रहा है, उस साइट पर यूरोपीय न्यूक्लियर फ्यूल कंपनी ‘यूरेनको’ के समान ही संरचना है। आईएचएस जेन्स के सैटेलाइट इमैजरी एनालिस्ट चार्ली कार्टराइट कहते हैं कि ‘यह संयोग भी हो सकता है क्योंकि पाकिस्तान के न्यूक्लियर प्रोग्राम के जनक ए क्यू खान पाकिस्तान लौटने से पहले यूरेनको में काम कर चुके हैं।’ पाकिस्तान फिलहाल उन 48 देशों के न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप में एंट्री के लिए बेकरार है जो परमाणु सामग्री,तकनीक और उपकरणों के निर्यात को नियंत्रित कर परमाणु प्रसार को रोकने के लिए वचनबद्ध है।
गौरतलब है कि ख्वाजा इससे पहले भी भारत को कई बार धमकी दे चुके हैं लेकिन उरी में हुए आतंकी हमले के बाद जहां भारत में गुस्सा है वहीं उनके इस बयान के बाद केंद्र सरकार क्या प्रतिक्रिया देती है यह देखने वाली बात होगी। आपको बता दें कि उरी में सेना के ब्रिगेड मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले की पीएम मोदी ने कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि इसके पीछे के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अपना विदेश दौरा रद्द करते हुए रविवार को अपने घर पर आपात बैठक की ।
इस बैठक में एनएसए अजीत डोभाल सहित कई उच्चाधिकारी मौजूद थे। वहीं रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर श्रीनगर पहुंच गए हैं और सेना प्रमुख उरी पहुंच चुके हैं। रक्षा मामलों से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि यह हमला पिछले 2 दशकों में सबसे बड़ा हमला है।
जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में आतंकवादी हमले की निंदा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि जो भी इस वीभत्स घटना के पीछे हैं उन्हें इसका परिणाम भुगतना होगा और ‘हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग थलग करने के लिए कूटनीतिक प्रयास’ शुरू करेंगे।
जम्मू-कश्मीर में एक सैन्य शिविर पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने इस्लामाबाद पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि पाकिस्तान एक ‘आतंकवादी देश’ है और उसे अलग-थलग किया जाना चाहिए। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कड़े शब्दों में कहा कि उरी में आर्मी ब्रिगेड हेडक्वार्ट्स पर हमला करने वाले आतंकवादी बहुत अधिक प्रशिक्षित और भारी हथियारों से लैस थे। उन्होंने साथ ही संकल्प जताया कि उन्हें नहीं छोड़ा जाएगा जो इस घटना के पीछे हैं। पाकिस्तान द्वारा प्रत्यक्ष तौर पर आतंकवाद और आतंकवादी समूहों को समर्थन जारी रखने पर गहरी निराशा व्यक्त करते हुए सिंह ने कहा, ‘पाकिस्तान एक आंतकवादी देश है और इसे पहचाना जाना चाहिए एवं अलग-थलग किया जाना चाहिए।’ उरी में हुई घटना को लेकर एक घंटे तक चली समीक्षा बैठक के बाद सिंह ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बैठक में हुई चर्चा के बारे अवगत करा दिया है।
बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल समेत गृह और रक्षा मंत्रालय एवं सेना और अर्धसैनिक बलों के शीर्ष अधिकारियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा, ‘इस बारे में ठोस और निष्कर्षात्मक संकेत हैं कि उरी हमले को अंजाम देने वाले उच्च प्रशिक्षित तथा विशेष हथियारों से लैस थे।’ गृह मंत्री ने कहा कि इस आतंकी घटना के पीछे शामिल लोगों को कानून के दायरे में लाया जाएगा। सिंह ने कहा कि वह आतंकी हमले और 17 सैनिकों के शहीद होने से बहुत अधिक दुखी हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं शहीद सैनिकों के परिजन के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं। घायल लोगों के जल्द ठीक होने के लिए प्रार्थना कर रहा हूं।’
आतंकी हमले में 17 जवान शहीद:
उत्तरी कश्मीर के उरी शहर में रविवार (18 सितंबर) सुबह भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने एक बटालियन मुख्यालय पर हमला कर दिया जिसमें 17 जवान शहीद हो गए और 19 अन्य घायल हुए हैं। इसके साथ ही चार आतंकवादी भी मारे गए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सुबह करीब चार बजे हुए आतंकी हमले के साथ ही विस्फोटों की आवाज सुनाई दी और मुठभेड़ शुरू हो गई। हमले की चपेट में आया स्थल यहां से 102 किलोमीटर और सेना के ब्रिगेड मुख्यालय से कुछ ही मीटर की दूरी पर स्थित है। सूत्रों ने बताया कि हमले के समय डोगरा रेजीमेंट के जवान एक तंबू में सोए हुए थे जिसमें विस्फोट के चलते आग लग गई। आग पास स्थित बैरकों तक भी फैल गई।
राजनाथ सिंह ने रद्द किया रूस-अमेरिका दौरा:
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने उरी में हुए हमले और कश्मीर में अशांति के मद्देनजर अपना रूस और अमेरिका दौरा रद्द कर दिया है। राजनाथ ने उरी में आतंकी हमले से उत्पन्न स्थिति पर जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से भी बात की। गृहमंत्री को रविवार (18 सितंबर) को रात चार दिन की रूस यात्रा पर रवाना होना था। इसके बाद भारत-अमेरिका आंतरिक सुरक्षा वार्ता के लिए 26 सितंबर से छह दिन के लिए अमेरिका जाने का कार्यक्रम था। राजनाथ ने यहां एक बयान में कहा, ‘जम्मू कश्मीर की स्थिति को ध्यान में रखते हुए और उरी में हुए आतंकी हमले के मद्देनजर मैंने अपना रूस और अमेरिका जाने का कार्यक्रम स्थगित कर दिया है।’
जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने उरी आतंकवादी हमले की तीखी निंदा करते हुए रविवार (18 सितंबर) को कहा कि इसका मकसद राज्य में नए सिरे से हिंसा फैलाना और क्षेत्र में ‘युद्ध जैसी’ स्थिति पैदा करना है। इस हमले में सेना के 17 जवान शहीद हो गए। महबूबा ने यहां एक बयान में कहा, ‘मैं हमले की तीखी निंदा करती हूं और ऐसा प्रतीत होता है कि इसका मकसद नए सिरे से हिंसा भड़काना और क्षेत्र में युद्ध, जैसी स्थिति पैदा करना है।’ उन्होंने कहा कि उरी हमले के आलोक में बढ़े तनाव से भारत-पाक संबंधों में बढ़ते मतभेदों के बीच जम्मू कश्मीर के आसपास माहौल के और प्रभावित होने की आशंका है। उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से, जम्मू कश्मीर के लोग पहले से ही पीड़ादायक स्थिति में घिरे हैं और राज्य में हिंसा भडकाने तथा नए रक्तपात के लिए किए जा रहे प्रयासों का अधिकतम आघात सहन करना होगा।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू कश्मीर हमेशा भारत-पाक कटुता का सबसे ज्यादा शिकार रहा है और छह दशकों से लोग उसकी भारी कीमत चुका रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिंसा के साजिशकर्ताओं को यह समझना चाएि कि ऐसे प्रयास विगत में भी फलदायक नहीं रहे हैं और भविष्य में भी उनका कोई फल नहीं निकलेगा, सिवाय लोगों की दुश्वारियां बढ़ाने के। महबूबा ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी और घायलों के जल्द ठीक होने की कामना की। उन्होंने शोकसंतप्त परिवारों के प्रति संवेदना भी जताई। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी इस हमले की निंदा की। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘उरी से भयानक खबर, 17 सैनिकों की मौत और कई घायल। दिवंगत आत्मा को शांति मिले। उनके परिवारों तथा घायलों के लिए प्रार्थनाएं।’
यहां भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ आगामी चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर बैठक करने आये वित्त मंत्री अरूण जेटली ने रविवार (18 सितंबर) शाम संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘पंजाब के पठानकोट के बाद अब उरी में आतंकवादी हमले हुए हैं। ये आतंकी हमले देश की एकता तथा सुरक्षा को पडोसी की तरफ से मिली एक बडी चुनौती है।’ वित्त मंत्री ने कहा, ‘आजादी के बाद से पड़ोसी पाकिस्तान ने यह कभी स्वीकार नहीं कर सका कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और यही कारण है कि उनके समर्थन से देश में आतंकवाद की घटना होती रहती है।’
उन्होंने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को पूरी तरह अलग थलग करने के लिए अब कूटनीतिक प्रयास किया जाएगा ताकि उनका सच दुनिया के सामने आए। जिन लोगों ने हमले को अंजाम दिया है उन लोगों को इसका परिणाम और सजा भुगतना होगा।’ उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में आज सुबह एक सैन्य अड्डे पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया जिससे इसमें 17 जवान शहीद हो गए हैं और 19 अन्य घायल हो गए हैं। घायलों में कई लोगों की हालत नाजुक है।
जेटली ने कहा, ‘उरी में सैन्य अड्डे पर हुए आज के आतंकवादी हमले बाद अब हमें ओर सुरक्षा बलों को और चौकन्ना तथा और अधिक तैयार रहना चाहिए ताकि फिर किसी ऐसे हमले को अंजाम नहीं दिया सके, क्योंकि सीमा पार से ताकतें अस्थिरता पैदा करने के लिए आतंकवादी हमलों का सहारा लेती रहती हैं।’ उन्होंने कहा, ‘इस हमले को बिना राजनीतिक रंग दिये देश के प्रत्येक नागरिक को एक साथ इसकी निंदा करनी चाहिए। हमारे सुरक्षा बलों ने पहले भी ऐसी ताकतों को जवाब दिया है और अब भी उन्हें माकूल जवाब दिया जाएगा।’
पाक की ओर से परमाणु युद्ध करने की धमकी के बारे में जेटली ने कहा, ‘पाकिस्तान का यह बयान बिल्कुल गैर जिम्मेदराना है। दुनिया का कोई भी हिस्सा (देश) इसको स्वीकार नहीं कर सकता है।’ यह पूछने पर कि हमला संकेत करता है कि सुरक्षा व्यवस्था में कोई न कोई चूक है जिसके कारण ऐसा हुआ है जेटली ने कहा, ‘मैंने पहले ही कहा है कि ये सब हमारी सुरक्षा और एकता के समक्ष पडोसी की ओर से पेश की गई एक चुनौती है और पूर्व कांग्रेस की सरकार से मौजूदा सरकार बहुत बेहतर है।’