पंचेश्वर बांध ;कुमायूं के 3 जनपद विस्थापित; मरहम की दवा चुफाल मंत्री ?
#कुमायूं के 3 जनपद विस्थापित होगे- आक्रोश शांत करने हेतु चुफाल संभावित मंत्री #कुमायूं को उजाड़ने की तैयारी जोरो पर #पंचेश्वर बाॅध परियोजना से उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़, चंपावत और अल्मोड़ा जनपद प्रभावित #इन जनपदों के 122 गाॅव के 29436 परिवार प्रभावित होगें #भारी पैमाने पर विस्थापित हो रही जनता को मरहम की दवा, इसके लिए बिशन सिंह चुफाल को कैबिनेट मंत्री बनाया जाना तय # टिहरी बांध का दंश अभी भूले भी न थे कि कुमायूं के विस्थापन की तेयारियां पूर्ण कर ली गयी-
#पंचेश्वर बांध परियोजना के बारे मे चन्द्रशेखर जोशी ने विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में कई सालों से आलेख लिखकर इसके विस्थापन के बारे में अवगत कराया था- उत्तराखण्ड में चन्द्रशेखर जोशी ने सबसे ज्यादा और सबसे पहले पंचेश्वर बांध परियोजना के बारे में लिखना शुरू किया था- जिसे समय समय पर कई राज्यों के समाचार पत्र पत्रिकाओं ने प्रमुख स्थान दिया था- – # www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal)
नई दिल्ली: दिनांक 05 अगस्त, 2017 top Breaking :
आज शनिवार को दिल्ली स्थित उद्योग भवन में पंचेश्वर बांध परियोजना हेतु केन्द्रीय वस्त्र राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड के संसदीय कार्य, विधायी, भाषा, वित्त, आबकारी, पेयजल एवं स्वच्छता, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री श्री प्रकाश पंत, एवं क्षेत्रीय विधायक श्री बिशन सिंह चुफाल, श्री पूरन सिंह फत्र्याल, श्री कैलाश गहतोड़ी ने प्रतिभाग किया।
राष्ट्रीय महत्व की पंचेश्वर बहुउद्देशीय परियोजना के सम्बन्ध में केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय के उच्च अधिकारियों द्वारा पर्यावरण प्रभाव आकलन(ई0आई0ए) एवं पर्यावरणीय प्रबंधन योजना(ई0एम0पी0) अध्ययन का प्रस्तुतीकरण किया गया। जिसमें परियोजना के भूमि अधिग्रहण, डूब क्षेत्र सर्वेक्षण, पर्यावरण प्रभाव आकलन एवं पर्यावरणीय प्रबंधन योजना के बारे में बताया गया। पंचेश्वर बांध परियोजना में गहरे नींव स्तर से क्ले कोर सहित 300 मीटर ऊंचा राॅक-फील बाॅंध शामिल होगा जो कि दो भूमिगत पावर हाउस, महाकाली नदी के किनारों पर एक-एक जिसकी कुल संस्थापित क्षमता(2’6’400 मे0वा0) 4800 मेगावाट होगी। भारत और नेपाल में अधिकतम आवश्यकता वाले समय के दौरान ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिये मुख्य बाॅध पर विद्युत संयंत्र को पींकिग केन्द्र के रूप में प्रचालित किया जायेगा, इस परियोजना से उत्तराखण्ड राज्य को 12 प्रतिशत निःशुल्क बिजली(574 मिलियन यूनिट) बिजली एव स्थानीय लोगो के लिये 1 प्रतिशत(53 मिलियन यूनिट) निःशुल्क बिजली प्राप्त होगी। जिससे उत्तराखण्ड राज्य को रूपये 240 करोड़ प्रतिवर्ष लाभ होगा।
पंचेश्वर बाॅध परियोजना से उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़, चंपावत और अल्मोड़ा जनपद प्रभावित होगे। जिससे इन जनपदों के 122 गाॅव के 29436 परिवार प्रभावित होगें उक्त बैठक में उत्तराखण्ड राज्य के वित्त मंत्री और प्रभावित जिलो के विधायकों द्वारा प्रभावित परिवारों के पुर्नवास और पुनस्र्थापन, आजीविका, स्थानीय ़क्षेत्रों के विकास से संबन्धित मुद्दों पर सुझाव दिये गये।
पंचेश्वर बाॅध परियोजना से उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़, चंपावत और अल्मोड़ा जनपद प्रभावित होगे। जिससे इन जनपदों के 122 गाॅव के 29436 परिवार प्रभावित होगें उक्त बैठक में उत्तराखण्ड राज्य के वित्त मंत्री और प्रभावित जिलो के विधायकों द्वारा प्रभावित परिवारों के पुर्नवास और पुनस्र्थापन, आजीविका, स्थानीय ़क्षेत्रों के विकास से संबन्धित मुद्दों पर सुझाव दिये गये। उत्तराखण्ड के वित मंत्री श्री प्रकाश पंत ने कहा कि पुर्नवास और पुनस्र्थापन के सम्बन्ध में व्यावहारिक समाधान किया जाना आवश्यक है, उन्होनें कहा कि उत्तराखण्ड राज्य से संबन्धित विषयों में केन्द्रीय जल ससाधन मंत्रालय को पूर्ण सहयोग दिया जायेगा। उन्होंने पिथौरागढ़ की पेयजल योजना, शमशानघाट, आधारभूत संरचना, आजीविका आदि की व्यवस्था के सम्बन्ध में केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय के आधिकारियों से जानकारी ली व सुझाव दिये। उत्तराखण्ड के वित मंत्री श्री प्रकाश पंत ने कहा कि पुर्नवास के कार्य जन भावना के आधार पर किये जाने आवश्यक है एवं जन सुनवाई के दौरान प्रभावित लोगों के सुझावों एवं समस्याओं को समझा जाये, उन्होनें अधिकारयिों को कहा कि जन सुनवाई के दौरान सभी प्रकार की जनभ्रान्ति को दूर किया जाये एवं स्थानीय लोगों के हितों का ध्यान रखा जायंे।
बैठक में केन्दीय जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारियो ने बताया कि पिथौरागढ़ की जन सुनवाई विकास भवन सभागार में 11 अगस्त, 2017 प्रातः 11 बजे होगी तथा जनपद चंपावत की जनसुनवाई की तिथि 9 अगस्त 2017 और अल्मोड़ा की 17 अगस्त, 2017 को तय की गई है।
उक्त बैठक में स्थानीय जनप्रतिनिधियों के अलावा केन्द्रीय जल संसाधन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
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