देहरादून में PM के सम्बोधन का मूल पाठ & मोदी के योग के साइट इफेक्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि योग दुनिया में सबसे ज्यादा शक्तिशाली ‘एकजुट करने वाले बलों’ में से एक बन गया है। वह चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर देहरादून, उत्तराखंड के वन अनुसंधान संस्थान परिसर में बड़ी संख्या में एकत्रित हुए जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने वन अनुसंधान संस्थान परिसर में योग के प्रति उत्साही 50,000 लोगों और स्वयंसेवकों के साथ योगासन, प्राणायाम और ध्यान भी किया।

The Prime Minister, Shri Narendra Modi addressing the gathering on the occasion of the 4th International Day of Yoga 2018, at the Forest Research Institute, in Dehradun, Uttarakhand on June 21, 2018.

INTERNATIONAL YOGA DAY: मोदी के योग के साइट इफेक्ट, हल्द्वानी से नैनीताल जाने वाली बसों में मारामारी

हल्द्वानी: योग दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री जहां एक तरफ देशवासियों को योग का पाठ पढ़ा रहे हैं। तो वहीं उसका साइड इफेक्ट भी देखने मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चौथे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर आज देहरादून के वन अनुसंधान केंद्र के मैदान पर योगाभ्यास किया। मोदी के कार्यक्रम को देखते हुए बुधवार से ही रोडवेज की बसें योग कार्यक्रम में लगा दी गई थी। जिसका नतीजा ये हुआ कि हल्द्वानी से नैनीताल जाने के लिए यात्रियों को बसों में सीटों की मारामारी करते देखा गया।

पुलिस ने निजी वाहनों पर भी लगाई रोक

योग दिवस के कार्यक्रम में बसें लगे होने के कारण हल्द्वानी में रोडवेज बसों का संकट पैदा हो गया । जिस कारण टूरिस्ट सीजन होने की वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बस स्टेशनों पर यात्री सीट के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। वहीं पुलिस की सख्ती के कारण निजी वाहनों को भी नैनीताल नहीं जाने दिया जा रहा है। जिसा कारण दुगना संकट पैदा हो गया है।

गुस्से में टूरिस्ट

प्रशासन की ओर से की जा रही इस ढिलाई से यात्रियों में आक्रोश है। नैनीताल के लिए ना तो बसें मिल रही हैं, और ना ही निजी वाहनों को जाने दिया जा रहा है। जिस कारण यात्रियों में व्यवस्था के खिलाफ खासी नाराजगी है।

 

प्रधानमंत्री ने अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस के अवसर पर पूरे विश्‍व के योग के उत्‍साही लोगों को बधाई देते हुए कहा कि योग प्राचीन भारतीय संतो द्वारा मानवमात्र को दिये गये मूल्‍यवान उपहारों में एक है। प्रधानमंत्री ने कहा है ‘योग केवल शरीर को स्‍वस्‍थ रखने के लिए शारीरिक अभ्‍यास नहीं है। यह स्‍वास्‍थ्‍य आश्‍वासन का पासपोर्ट है, तंदरूस्‍ती और सेहत की कुंजी है। योग केवल सुबह में किया जाने वाला शारीरिक अभ्‍यास नहीं है, परिश्रम और संपूर्ण जागरूकता के साथ की जाने वाली दैनिक गतिविधियां भी योग की प्रकार हैं’। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘’असंयम के विश्‍व में योग नियंत्रण और संयम का विश्‍वास है, मानसिक तनाव से गुजर रही दुनिया में योग शांति प्रदान करता है, विचलित विश्‍व में योग ध्‍यान में सहायता करता है, भय के विश्‍व में योग आशा, शक्ति और साहस का विश्‍वास कराता है’’। अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस के पहले प्रधानमंत्री ने विभिन्‍न योग आसनों की जटिलताओं को सोशल मीडिया पर बताया। उन्‍होंने विश्‍व के अनेक स्‍थानों पर योग आसन कर रहे लोगों की तस्‍वीरें भी साझा की हैं।

The Prime Minister, Shri Narendra Modi participates in the mass yoga demonstration, on the occasion of the 4th International Day of Yoga 2018, at the Forest Research Institute, in Dehradun, Uttarakhand on June 21, 2018.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘दुनिया भर के लोगों के लिए यह गर्व का पल है कि लोग योग के साथ सूर्य के प्रकाश और गर्मी का स्वागत कर रहे हैं। अब देहरादून से डबलिन तक, शांघाई से शिकागो और जकार्ता से जोहानिसबर्ग तक हर जगह योग का प्रसार हो गया है।’
दुनिया भर के योग के प्रति उत्साही लोगों को स्पष्ट संदेश देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया ने योग को हाथोंहाथ स्वीकार किया है और हर साल मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में इसकी झलक देखी जा सकती है। उन्होंने कहा कि बेहतर स्वास्थ्य और कल्याण के लिहाज से योग दिवस सबसे बड़े जनांदोलनों में से एक बन गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर हम चाहते हैं, पूरा विश्व हमारा सम्मान करे तो हमें हमारी विरासत और धरोहर को सम्मान देने में संकोच नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि योग सुंदर है, क्योंकि यह प्राचीन है और आधुनिक भी है, यह स्थायी है और अभी तक विकसित हो रहा है; यह हमारे अतीत और वर्तमान की सर्वश्रेष्ठ पद्धति है और हमारे भविष्य के लिए उम्मीद की किरण भी दिखाता है।
योग की संभावनाओं पर बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि योग में व्यक्तिगत के साथ ही समाज के सामने आने वाली अधिकांश समस्याओं का समाधान मौजूद है। उन्होंने कहा कि योग शांत, रचनात्मक और सुखी जीवन की ओर ले जाता है, तनाव और अनावश्यक चिंता को दूर करता है। उन्होंने कहा, ‘बांटने की बजाय योग एकजुट करता है। शत्रुता के बजाय योग आत्मसात करता है। समस्याएं बढ़ाने के बजाय योग उपचार करता है।’

The Prime Minister, Shri Narendra Modi participates in the mass yoga demonstration, on the occasion of the 4th International Day of Yoga 2018, at the Forest Research Institute, in Dehradun, Uttarakhand on June 21, 2018.

योग दिवस पर देहरादून में प्रधानमंत्री के सम्बोधन का मूल पाठ

मंच पर उपस्थित सभी वरिष्ठ महानुभाव और इस विशाल, सुंदर मैदान में उपस्थित मेरे सभी साथियों। मैं देवभूमि उत्तराखंड की इस पावन धरती से दुनियाभर के योग प्रेमियों को चौथे अंतराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं देता हूं।

मां गंगा की इस भूमि पर, जहां चारधाम स्थित हैं, जहां आदि शंकराचार्य आए, जहां स्वामी विवेकानंद कई बार आए, वहां योग दिवस पर हम सभी का इस तरह एकत्रित होना, किसी सौभाग्य से कम नहीं।

उत्तराखंड तो वैसे भी अनेक दशकों से योग का मुख्य केंद्र रहा है। यहां के ये पर्वत स्वत: ही योग और आयुर्वेद के लिए प्रेरित करते हैं।

सामान्य से सामान्य नागरिक भी जब इस धरती पर आता है, तो उसे एक अलग तरह की, एक दिव्य अनुभूति होती है। इस पावन धरा में अद्भुत स्फूर्ति है, स्पंदन है, सम्मोहन है।

साथियों,

ये हम सभी भारतीयों के लिए गौरव की बात है कि आज जहां-जहां उगते सूर्य के साथ जैस-जैसे सूरज अपनी यात्रा करेगा,  सूरज की किरण पहुंच रही है, प्रकाश का विस्तार हो रहा है, वहाँ – वहाँ लोग योग से सूर्य का स्वागत कर रहे हैं।

देहरादून से लेकर डबलिन तक, शंघाई से लेकर शिकागो तक, जकार्ता से लेकर जोहानिसबर्ग तक, योग ही योग , योग ही योग है।

हिमालय के हजारों फीट ऊंचे पर्वत हों या फिर धूप से तपता रेगिस्तान, योग हर परिस्थिति में, हर जीवन को समृद्ध कर रहा है।

जब तोड़ने वाली ताकतें हावी होती है तो बिखराव आता है।  व्‍यक्तियों के बीच समाज के बीच  देशों के बीच बिखराव आता है। समाज में दीवारें खड़ी होती है, परिवार में कलह बढ़ता है और यहाँ तक कि व्यक्ति अंदर से टूटता है और जीवन में तनाव बढ़ता जाता है।

इस बिखराव के बीच योग जोड़ता है। जोड़ने का काम करता है

आज की आपाधापी और तेज़ भागती ज़िंदगी में योग मन, शरीर और बुद्धि आत्‍मा को जोड़कर व्यक्ति के जीवन में शांति लाता है।

व्यक्ति को परिवार से जोड़कर परिवार में ख़ुशहाली लाता है।

परिवारों को समाज के प्रति संवेदनशील बना कर समाज में सद्भावना लाता है।

समाज राष्ट्र की एकता के सूत्र बनते है।

और ऐसे राष्ट्र विश्व में शांति और सौहार्द लाते है। मानवता, बंधुभाव से पल्लवित और पोषित होती है।

यानी योग व्यक्ति-परिवार-समाज-देश-विश्व और सम्पूर्ण मानवता को जोड़ता है।

जब यूनाइटेड नेशन्‍स में योग के लिए प्रस्‍ताव रखा और ये यूनाइटेड नेशन्‍स का रिकॉर्ड है, ये पहला ऐसा प्रस्‍ताव था जिसको दुनिया के सर्वाधिक देशों ने कॉस्‍पान्‍सर किया। ये पहला ऐसा प्रस्‍ताव था जो UN के इतिहास में सबसे कम समय में स्‍वीकृति हुआ और ये योग आज विश्‍व का हर नागरिक, विश्‍व का हर देश योग को अपना मानने लगा है और अब हिन्‍दुस्‍तान के लोगों के लिए एक बहुत बड़ा संदेश है कि हम उस महान विरासत के धनी है, हम उन महान परम्‍परा की विरासत को संजोय हुए है।

अगर हम अपनी विरासत पर गर्व करना शुरू करें जो कालबाह्यी है उसे छोड़ दें और वो टिकता भी नहीं है। लेकिन जो समय के अनुकूल है, जो भविष्‍य के निर्माण में उपकारक है ऐसी हमारी महान विरासत को अगर हम गर्व करेंगे तो दुनिया गर्व करने में कभी भी हिचकिचाहट नहीं अनुभव करेगे। लेकिन अगर हमें, हमारी शक्ति, सामर्थ्‍य के प्रति भरोसा नहीं होगा, तो कोई स्‍वीकार नहीं करेगा। अगर परिवार में परिवार ही बच्‍चे को हमेशा नकारता रहे और अपेक्षा कि मोहल्‍ले वाले बच्‍चे को सम्‍मान करे, तो वह संभव नहीं है। जब मां, बाप, परिवार, भाई, बहन बच्‍चे को जैसा भी हो स्‍वीकार करते है तब जा करके मोहल्‍ले के लोग भी स्‍वीकार करना शुरू कर देते है।

आज योग ने सिद्ध कर दिया है कि जैसे हिन्‍दुस्‍तान ने फिर से एक बार योग के सामर्थ्‍य के साथ अपने साथ जोड़ दिया दुनिया अपने आप जुड़ने लग गई।

योग आज दुनिया की सबसे Powerful Unifying Forces में से एक बन गया है।

मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि यदि आज पूरी दुनिया में योग करने वालों के आंकड़े जुटाए जाएं तो अद्भुत तथ्य विश्‍व के सामने आएंगे।

अलग-अलग देशों में, पार्कों में, खुले मैदानों में, सड़कों के किनारे, दफ्तरों में, घरों में, अस्पतालों में, स्कूलों में, कॉलेजों में, ऐतिहासिक विरासतों के सानिध्य में, योग के लिए जुटते सामान्य लोग, आप जैसे लोग, विश्व बंधुत्व के भाव और  Global Friendship को और ऊर्जा दे रहे हैं।

साथियों, योग ने दुनिया को illness से wellness का रास्ता दिखाया है।

यही वजह है कि दुनिया भर में योग की स्वीकार्यता इतनी तेजी से बढ़ रही है।

कॉवेन्ट्री यूनिवर्सिटी और रैडबाउड यूनिवर्सिटी के अध्ययन में भी सामने आया है कि योग सिर्फ शरीर को आराम ही नहीं देता बल्कि ये हमारे DNA में होने वाले उन Molecular Reactions को भी उलट सकता है जो हमें बीमार करते हैं और डिप्रेशन को जन्म देते हैं।

यदि हम आसन और प्राणायाम का नियमित अभ्यास करते हैं तो हम अच्छे स्वास्थ्य के साथ-साथ अनेक रोगों से अपना बचाव भी कर सकते हैं। नियमित योग का सीधा प्रभाव किसी भी परिवार के मेडिकल खर्चों पर पड़ता है।

राष्ट्र निर्माण की हर प्रक्रिया से, हर Activity से जुड़ने के लिए हम सभी का स्वस्थ रहना आवश्यक है और निश्चित तौर पर इसमें योग की भी बड़ी भूमिका है।

इसलिए आज के दिन मेरा आग्रह है कि जो लोग योग के साथ जुड़े हैं, वो नियमितता लाएं और जो अब भी योग से नहीं जुड़ पाएं हैं, वो एक बार प्रयास जरूर करें।

साथियों, योग के बढ़ते प्रसार ने विश्व को भारत के और भारत को विश्व के ज्यादा निकट ला दिया है। हम सभी के निरंतर प्रयासों से आज योग को दुनिया में जो स्थान मिला है, वो समय के साथ और मजबूत होगा।

स्वस्थ और खुशहाल मानवता के लिए, योग के बारे में समझ को और अधिक विकसित बनाना हमारी जिम्मेदारी है। आइए, अपनी इस जिम्मेदारी को समझते हुए अपने प्रयास तेज करें।

एक बार फिर मैं इस देवभूमि से दुनिया भर के योग प्रेमियों अपनी शुभकामनाएं देता हूं।

उत्‍तराखंड की सरकार को भी बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, इस महान कार्य की योजना के लिए।

बहुत बहुत धन्यवाद।

हिमालयायूकेन्यूज पोर्टल www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal & Print Media ) Publish at Dehradun & Haridwar, Available in FB, Twitter, whatsup Groups & All Social Media ; Mail; himalayauk@gmail.com (Mail us) whatsup Mob. 9412932030; CS JOSHI- EDITOR ; H.O. NANDA DEVI ENCLAVE, BANJARAWALA, DEHRADUN (UTTRAKHAND) हिमालयायूके में सहयोग हेतु-
Yr. Contribution: HIMALAYA GAURAV UTTRAKHAND A/C NO. 30023706551 STATE BANK OF INDIA; IFS Code; SBIN0003137

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *