अगले 5 माह में पीएम फेस में होगे या लालू से दूर, मोदी के करीब

# पीएम पद का उम्मीदवार; सभी सेक्युलर पार्टियां बना सकती है# छवि देशभर में एक “प्रोग्रेसिव और दूरदर्शी” नेता की है  #कांग्रेस सहित सारे विरोधी दलों के नेता अगर सर्वसम्मति से पीएम फेस के रूप में अगले चुनाव(2019) के लिए  स्वीकार करते हैं तो ठीक, नहीं तो दोबार एनडीए के करीब # Top News; www.himalayauk.org (Leading Didital Newsportal & Daily Newspaper) publish at Dehradun & Haridwar;

सभी सेक्युलर पार्टियां इनको बना सकती है पीएम पद का उम्मीदवार। इनकी छवि देशभर में एक प्रोग्रेसिव और दूरदर्शी नेता की है। कांग्रेस सहित सारे विरोधी दलों के नेता अगर सर्वसम्मति से पीएम फेस के रूप में अगले लोकसभा चुनाव (२०१९) के लिए  स्वीकार करते हैं तो ठीक, नहीं तो दोबार एनडीए के करीब जा सकते हैं, ऐसी संभावना जतायी जाने लगी है। यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजे ने नीतीश कुमार को भीतर से काफी मजबूत किया है। जो वो चाहते थे वही हुआ।

अब वे अपने को मोदी के विकल्प रूप में खडा करने के लिए जी तोड मेहनत करेंगे। गुप-चुप तैयारी की जा रही है कि पीएम फेस नहीं घोषित होने की स्थिति में ६६ वर्षीय नीतीश कुमार अपने पुराने घर एनडीए में लौट जाएं और बिहार के सीएम बने रहें और सुशासन के बल पर बिहार को एक मॉडल स्टेट बनाएं।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उनकी पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) ने आधिकारिक तौर पर २०१९ के लोकसभा चुनाव के लिए पधानमंत्री पद का उम्मीदवार प्रोजेक्ट करना शुरू कर दिया है। वहीं उनकी जीत के लिए पार्टी चाहती है कि सभी सेक्युलर पार्टियां उनके सपोर्ट में आएं।  वहीं खबर के मुताबिक, जदयू प्रवक्ता भारती मेहता ने कहा कि नीतीश कुमार की छवि देशभर में एक प्रोग्रेसिव और दूरदर्शी नेता की है। बिहार के सीएम पद पर रहते हुए उन्होंने कई विकास कार्य किए हैं। उन्होंने महिलाओं के लिए सिविक बॉडीज में आरक्षण, छात्राओं के लिए साइकिल योजना और पूरे राज्य में शराबबंदी की। उनके सात निश्चय विकास की एक नई मिसाल पेश करते हैं। इन सात निश्चयों में हर घर को मुफ्त बिजल और मुफ्त पानी के कनेक्शन भी हैं। इसके अलावा राज्य की सरकारी नौकरियों में ३५प्रति० आरक्षण भी दिया गया है। इसके बाद उन्होंने यह भी कहा कि सभी सेक्युलर और समाजवादी ताकतों को एकजुट होकर नीतीश को पीएम के लिए प्रोजेक्ट करना चाहिए।

इससे पहले भी नीतीश कुमार को २०१९ के लिए पीएम उम्मीदवार घोषित करने को लेकर कई खबरें सामने आई थीं। नीतीश के एक करीबी सांसद ने कहा था कि कांग्रेस सहित सारे विरोधी दलों के नेता अगर सर्वसम्मति से पीएम फेस के रूप में अगले चुनाव(२०१९) के लिए नीतीश कुमार को स्वीकार करते हैं तो ठीक, नहीं तो हमलोग कोई दूसरा रास्ता खोजने का काम शुरू करेंगे। वहीं राजनीतिक गलियारों में कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि नीतीश, दोबार एनडीए के करीब पहुंच सकते हैं। यह कयास उनके हाल ही में पटना में अपने आवास पर एक आधिकारिक भोज का आयोजित कराने के बाद लगाए जा रहे हैं, जिसमें बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। 

      आप लोग सिर्फ पांच महीने महीने और सांस रोके रखिए। तब देखिए मेरे नेता व प्रिय सीएम का खेल। देश की तमाम विपक्षी पार्टियां पधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बढती लोकप्रियता से त्रस्त हैं। अब धीरे-धीरे क्रिस्टल क्लियर हो रहा है कि मोदी के रथ को एक ही वीर रोक सकता है और वो शख्स हैं माननीय नीतीश कुमार। 

वैसे कुछ करीबी मीडियाकर्मियों को भी नीतीश कुमार इशारों में बता चुके हैं गर्मियों के बाद कुछ घरों में सिआसी अकाल पडने वाला है। २२ मार्च को बिहार दिवस समारोह के आमंत्रण पत्र पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव का नाम नहीं होना किसी भी एंगल से मानवीय भूल नहीं हो सकता है। राजनीतिक गलियारे में आमंत्रण पत्र की घटना को लालू प्रसाद यादव के घर में आने वाली सिआसी अकाल की आहट के रूप में देखा जा रहा है। करीब एक सप्ताह पहले लगभग दो दर्जन अधिकारियों, जिसमें छपरा के जिलाधिकारी भी शामिल हैं, का तबादला हुआ था। इस तबादले में लालू प्रसाद यादव की एक न चली। उनके पैरवी को बेदर्दी से नजरअंदाज किया गया।

‘‘साहब ने बताया कि लालू जी केवल यादव व मुस्लिम अफसरों का ही नाम भेजते हैं। आप लोग उनके द्वारा भेजे नामों को कट कीजिए लेकिन सहूलियत के लिए उसी जाति, वर्ग और सम्पदाय से आनेवाले मेरे अधिकारियों को उनके द्वारा सुझाए जगहों पर पार्सल कीजिए। और ऐसा ही किया गया। एसडीओ रैंक के एक अधिकारी ने आगे बताया कि ‘‘अधिकारियों के ट्रान्सफर पोस्टिंग की जिम्मेवारी फिर से पुराने वाले अफसर-कम-नेता, जो जूनियर सीएम के रूप में जाने व पूजे जाते हैं, के हाथ में दे दिया गया है।

एक मंत्री का कहना है कि ‘‘आप रूमाल में गिरह बांध कर रख लीजिए कि मेरा भाजपाई प्रतिद्वंदी जिसे मैंने करीब ३००० मतों से हराया है और जो सीएम बनने का ख्वाब देख रहा था, अगले विधानसभा चुनाव में मेरा प्रचार करेगा।

सम्भवतः इन्हीं तैयारियों को ध्यान में रखकर दल के सारे पवक्ताओं को सख्त निर्देश दिया गया है कि लालू प्रसाद यादव और उनके कुनबे द्वारा की जा रही राजनीतिक व शासकीय गलतियों को ज्यादा डिफेन्ड नहीं करें। साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर बयान देते समय काफी सावधानी बरतें।

File Photo; Nitish Kumar & Sarad Yadav: CHANDRA SHEKHAR JOSHI-EDITOR & his Friend Mukesh Sharma & Pramod Sharma & Others; 

 

 

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