डिजिधन स्कीम्स विनर्स; भरत सिंह- देहरादून 25 लाख
लकी ग्राहक देहरादून भरत सिंह 25 लाख
PHOTO CURRENT; The Prime Minister, Shri Narendra Modi awarding the Digi-Dhan lucky draw winners, at Indoor Sports Complex, Mankapur, in Nagpur on April 14, 2017. The Union Minister for Road Transport & Highways and Shipping, Shri Nitin Gadkari and the Chief Minister of Maharashtra, Shri Devendra Fadnavis are also seen.
नागपुर. नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को डिजिधन स्कीम्स के विनर्स के नाम डिक्लेयर किए। लातूर की श्रद्धा ने एक करोड़ का इनाम जीता है। उन्हें सिर्फ 1590 रुपए का डिजिटल पेमेंट करने पर यह इनाम मिला है। वह मैकेनिकल इंजीनियरिंग की स्टूडेंट हैं। उसके पिता किराने छोटी-सी दुकान चलाते हैं। इसके अलावा चेन्नई के जीआर राधाकृष्णन को 50 लाख का इनाम मिला। उन्होंने यह पैसा गंगा सफाई के लिए दान कर दिया। नोटबंदी के बाद केंद्र सरकार ने डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए लकी ग्राहक योजना और डिजिधन व्यापारी योजना शुरू की थीं। इनमें लकी ग्राहक योजना कस्टमर्स के लिए थी, जबकि डिजिधन व्यापारी योजना शॉपकीपर्स के लिए थी। 10 अप्रैल को प्रेसिडेंट प्रणब मुखर्जी के हाथों इन स्कीम्स का लकी ड्रा निकालवाया गया था, लेकिन विनर्स के नाम डिक्लेयर नहीं किए गए थे।
लकी ग्राहक योजना के टॉप 3
विनर्स प्राइज नाम कहां के रहने वाले कितने का डिजिटल पेमेंट किया कितना इनाम मिला
फर्स्ट श्रद्धा मेंगशेट्टी लातूर 1590 रुपए 1 करोड़
सेकंड चिमन भाई प्रजापति गुजरात 1100 रुपए 50 लाख
थर्ड भरत सिंह देहरादून 100 रु0 25 लाख
पीएम मोदी ने डिजिधन योजना के मेगा लकी ड्रा के विजेताओं को पुरस्कार बांटे हैं. वहीं आज नागपुर में पीएम ने अंगूठा लगाकर पेमेंट करने वाला भीम आधार ऐप भी लॉन्च कर दिया है. नागपुर में पीएम मोदी ने भीम आधार ऐप भी लॉन्च किया. ये ऐप मुख्य रूप से दुकानदारों के लिए है.
महाराष्ट्र के लातूर की रहने वाली श्रद्धा अब करोड़पति है. सिर्फ 1590 रुपये के डिजिटल पेमेंट ने उन्हें करोड़पति बना दिया है. डिजिधन योजना के तहत श्रद्धा ने 1 करोड़ रुपये का पुरस्कार जीता है. डिजिधन योजना के दूसरे विजेता रहे जी आर राधाकृष्णन ने पुरस्कार में मिले 50 लाख रुपये गंगा सफाई अभियान के लिए दे दिए. 1 करोड़ रुपये का ईनाम जीतने वाली श्रद्धा मीरा मोहन मेंगशेट्ट ने कहा कि उसके पिता की किराने की दुकान है और उसने 1590 रुपये का मोबाइल ईएमआई के लिए ट्रांजेक्शन किया था. उसने कभी सोचा नहीं था कि ऐसा ईनाम मिलेगा.
कैसे काम करेगा BHIM आधार ऐप ?
आधार पे के लिए आपका बैंक अकाउंट नंबर आधार से जुड़ा होना चाहिए. दुकानदार के स्मार्टफोन में भीम-आधार ऐप होगा, जिसमें बायोमैट्रिक स्कैनर लगा होगा. दुकानदार को अपना आधार नंबर बताकर अंगूठा लगाना होगा. जिसके बाद आपके बैंक अकाउंट से सीधे पैसा कट जाएगा. अगर आपका आधार नंबर एक से ज्यादा बैंक अकाउंट से जुड़ा है, तो पेमेंट करते वक्त किस बैंक अकाउंट से पेमेंट करना चाहते हैं, ये दुकानदार को बताना होगा.खास बात ये है कि भीम आधार ऐप से लोगों को जोड़ने पर ईनाम भी मिलेगा. यदि आप भीम ऐप से किसी को जोड़ते हैं तो संबंधित व्यक्ति की ओर से तीन ट्रांजैक्शंस किए जाने के बाद आपके खाते में 10 रुपये आ जाएंगे. यह स्कीम इस साल 14 अक्टूबर तक जारी रहेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया है कि अंगूठा लगाकर पेमेंट करने की तकनीक दुनिया में सिर्फ भारत के पास ही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागपुर में आज बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 126वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस दौरान एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने भीम ऐप का इस्तेमाल करने पर खास जोर दिया और इसके इस्तेमाल के कई फायदे भी बताए.
इतना ही नहीं पीएम ने बताया कि कैसे आप भीम ऐप के जरिए पैसा भी कमा सकते हैं. मोदी ने कहा कि अगर कोई भीम ऐप दूसरे को सिखाता है तो उसे 10 रुपए मिलेंगे वहीं अगर कोई दुकानदार अपनी दुकान पर भीम ऐप से लेन-देन करेगा तो उसे 25 रुपए मिलेंगे. यह स्कीम 18 अक्टूबर तक जारी रहेगी.
भीम ऐप के जरिए कोई भी व्यक्ति सिर्फ अंगूठा लगाकर अपने अकाउंट से पैसा ट्रांसफर कर सकता है. लेकिन क्या आप जानते हैं भीम ऐप में ऐसी और भी कई खासियतें हैं जो इसे लोकप्रिय बना रही हैं.
जानें क्या हैं भीम ऐप की वो पांच खासियतें:
1 . भीम ऐप की फ़ाइल का साइज बेहद कम रखा गया है, इसका साइज महज 2 MB रखा गया है जिससे किसी भी एंड्रॉयेड फोन में ये आसानी से और जल्दी डाउलोड और इंस्टाल किया जा सके.
भीम ऐप को समझना भी बेहद आसान है. इसके इस्तेमाल के लिए सिर्फ आपका बैंक अकाउंट आपके मोबाइल नंबर से जुड़ा होना चाहिए. साथ ही क्योंकि ये ऐप भारत सरकार की तरफ से चालू किया गया है इसलिए ये ऐप सुरक्षित भी है.
2. भीम ऐप को जब आप अपने फोन में डाउनलोड करेंगे तो इसका एक UPI एड्रेस बन जाएगा. इस UPI नंबर को आप बदल भी सकते हैं और अपने हिसाब से अपना UPI एड्रेस बना सकते हैं. किसी भी भीम ऐप से लेनेदेन में आपको सिर्फ यही एड्रेस बताना होगा.
अगर आर भीम ऐप के जरिए सामने वाले व्यक्ति को पैसे भेजना चाहते हैं और अगर दूसरा व्यक्ति भी भीम ऐप का इस्तेमाल कर रहा है तो आपको बस उसका नंबर इस ऐप में डालना होगा. नंबर डालते ही दूसरे व्यक्ति का नाम आपको दिखाई दे जाएगा उसके बाद आप पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं.
3. अगर आप भीम के जरिए पैसे मंगवाना चाहते हैं तो इसका तरीका भी बेहद आसान है. जिस व्यक्ति से आप पैसे मंगवाना चाहते हैं उसे आप रिक्वेस्ट भेजेंगे और अगर वो व्यक्ति अपना पासवर्ड डालकर उसे ओके कर देगा तो आपके अकाउंट में तुरंत पैसे आ जाएंगे.
4. सरकार ने पैसे की लेनदेन की प्रक्रिया को और आसान करने के लिए इसे आधार से भी जोड़ दिया है. यानी की अगर किसी व्यक्ति ने भीम ऐप डाउनलोड नहीं कर रखा है लेकिन उसका आधार कार्ड उसके बैंक अकाउंट से जुड़ा है तो आप उसका आधार नंबर डालकर भी पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं.
5. भीम ऐप के जरिए आप इसका क्यूआर कोड भी जेनरेट कर सकते हैं. इसके आपको किसी दुकानदार को पैसे देने या किसी तरह का बिल चुकाने में आसानी हो जाएगी. बस इसके लिए दुकानदार को इसका प्रिंट आउट निकालकर अपनी दुकान पर चिपकाना होगा. जिस व्यक्ति को पेमेंट करनी है वो इस क्यूआर कोड को स्कैन कर पेमेंट कर सकता है.
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अफगानिस्तान पर अपना सबसे बड़ा नॉन न्यूक्लियर महाबम
नई दिल्ली: आतंक के खिलाफ लड़ाई को लेकर अपनी गंभीरता दिखाते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने गुरुवार देर शाम अफगानिस्तान पर अपना सबसे बड़ा नॉन न्यूक्लियर महाबम गिराया. ट्रंप का ये बम ठीक निशाने पर लगा. अब तक आईएसआईएस के सौ से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की खबर है. इसपर अफगानिस्तान में पूर्व अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि पाकिस्तान में गिराना सही रहता.
पाकिस्तान के लिए ये खतरे की घंटी
जानकारों के मुताबिक पाकिस्तान के लिए ये खतरे की घंटी है. आपको बता दें कि जिस ज़िले में यह बम गिराया गया वहां भारी तबाही तो मची ही साथ ही आस पास के कई ज़िलों में भी भूचाल आ गया. प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक मंज़र इतना भयावह था कि उसको ऐसा लगा धरती तूफान में फंसी एक नाव बन गयी है. शुरूआती जानकारी है कि वहां 100 इस्लामिक स्टेट के आतंकी मारे गए हैं.
अफगानिस्तान के पूर्वी इलाके में गिराया गया ये महाबम दुनियाभर में आतंक के खिलाफ बड़ी खतरे की घंटी है, और अब पाकिस्तान के लिए बड़ी खतरे की घंटी बजनी शुरू हो गयी है. भारतीय और अमेरिकी जानकार बता रहे हैं कि अफगानिस्तान में आतंक पाकिस्तान की वजह से है और वहां के आतंकी अड्डों पर बमबारी के बारे में अमेरिका को सोचना चाहिए.
पाकिस्तानी सीमा से सिर्फ 15 किमी दूर
अमेरिका ने अब तक का सबसे बड़ा गैर परमाणु बम गिराया तो अफगानिस्तान में है लेकिन उसके धमाके ने पाकिस्तान की नींद उड़ा दी है. बम अफगानिस्तान में गिरा लेकिन डर पाकिस्तान को हुआ. अमेरिका ने जहां बम गिराया है वो अफगानिस्तान के अचिन जिले में आता है, ये पूर्वी नंगरहर इलाका है जहां बम ने आईएस आतंकियों का सफाया किया, और ये पाकिस्तानी सीमा से सिर्फ 15 किमी दूर है.
पाकिस्तान का एक बड़ा शहर पेशावर यहां से महज़ 82 किमी है. यानि एक तरह से अमेरिका का ये सबसे बड़ा बम पाकिस्तान के दरवाज़े पर गिरा है. इसे पाकिस्तान के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति की चेतावनी भी कही जा सकती है, क्योंकि ट्रंप सहित पूरी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान ही आतंकियों को पैदा करता है. अमेरिका ने बहुत बड़े पैमाने पर चेतावनी दी है. चीन को, पाकिस्तान को, जो भी दहशतगर्दों के साथ जुड़ेगा और जो भी दुनिया की शांति को चुनौती देगा उसके खिलाफ कार्रवाई अमेरिका करने के लिए तैयार है.
3 किलोमीटर के दायरे में खत्म हो जाती है इंसानों के सुनने की क्षमता
MOAB यानि मदर ऑफ ऑल बॉम्स तीस फीट लंबा और करीब 9700 किलो वजनी है. बम का असर करीब डेढ़ किलोमीटर के दायरे में होता है और जहां ये गिरता है वहां करीब 300 मीटर चौड़ाई का गड्ढा बन जाता है. इसके दायरे में आने वाली इमारतें खाक में मिल जाती हैं. ऑक्सीज़न पलक झपकते खत्म हो जाती है. इंसानों की पल भर में मौत हो जाती है. इतनी गर्मी पैदा होती है कि दायरे में मौजूद पानी भाप बनकर उड़ जाता है. यही नहीं तीन किलोमीटर के दायरे में मौजूद इंसानों के सुनने की क्षमता खत्म हो जाती है.
इतने बड़े बम का इस्तेमाल पहली बार किया गया है, यही नहीं ट्रंप ने इस बम के ज़रिए साफ कर दिया है कि अब ओबामा शासन वाली नरमी नहीं चलेगी बल्कि आतंकियों पर ऐसे बड़े हमले बार-बार होते रहेंगे. अगर आप देखें कि पिछले आठ हफ्तों में वहां पर क्या हुआ और इसकी तुलना आप पिछले आठ सालों में उठाए गए कदमों से करें तो आपको एक बड़ा बदलाव नजर आएगा, बड़ा बदलाव.
पहले भी ड्रोन के ज़रिए हमला करता रहा है अमेरिका
पाकिस्तान के उत्तरी इलाकों में अमेरिका पहले भी ड्रोन के ज़रिए हमला करता रहा है, लेकिन ट्रंप ने पाक सीमा के बेहद करीब सबसे बड़े बम को गिराकर संदेश दे दिया है कि आतंकियों को पाकिस्तान ने नहीं रोका तो बम गिराने का अगला नंबर उसका भी हो सकता है. इस बॉम्बिंग से फायदा नहीं होगा जबतक पाकिस्तान के ऊपर कड़ा रवैया नहीं अपनाया जाएगा, तबतक आतंकवाद पर लगाम नहीं मिलेगी, क्योंकि इन्हें वहीं से ट्रेनिंग मिलती है और वहीं से हथियार मिलता है.
अमेरिका ने मदर ऑफ ऑल बॉम्स का पहला परीक्षण इराक युद्ध के दौरान 2003 में किया था, बाद में रूस ने इससे चार गुना ज्यादा ताकतवर बम बनाया जिसे FOAB यानि ‘फादर ऑफ ऑल बॉम्स’ कहा जाता है, लेकिन सवाल फिर भी बना हुआ है कि क्या दरवाजे पर बम फटने से पाकिस्तान के होश ठिकाने आएंगे.
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व्हाट्सएप – मैसेज भेजने के बाद भी एडिट या डिलीट
इंस्टेंट मैसेजिंग एप व्हाट्सएप के पिछले कई महीने से रिवोक (revoke) फीचर पर काम करने की खबर सामने आती रही हैं. अब खबर है कि इस फीचर को व्हाट्सएप के वेब वर्जन पर शुरु कर दिया गया है. रिवोक एक ऐसा फीचर होगा जिससे मैसेज भेजने के बाद भी एडिट या डिलीट हो सकेगा. व्हाट्सएप से जुड़े स्क्रीनशॉट्स लीक करने के लिए आना जाने वाला @WABetaInfo ट्वीट के जरिए एक तस्वी शेयर की है जिसमें रिवोक फीचर नजर आ रहा है. इसके साथ ही दावा किया जा रहा है कि यूजर मैसेज भेजेने के पांच मिनट के अंदर इसे अनसेंड कर सकते हैं. इसके अलावा WABetaInfo ने एक और स्क्रीन शॉट लीक किया है जिसमें एंड्रॉयड बीटा यूजर्स वर्ज़न 2.17.148 पर नए फॉन्ट शॉटकट जोड़ने की खबर भी है. WABetaInfo का दावा है कि इस वर्जन में टाइपिंग के दौरान टेक्स्ट को बोल्ड करने या इटैलिक बनाने के लिए टेक्स्ट में सिंबल लगाने की जरूरत नहीं होगी. बल्कि डायरेक्ट ऑप्शन मिलेगा. ये बीटा टेस्टर्स के लिए हैं ऐसे में इसे ऑफिशियली लॉन्च होने में वक्त लग सकता है.
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निर्वाचन आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से कथित छेड़छाड़ के मुद्दे पर निर्वाचन आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए उस पर भारतीय जनता पार्टी के प्रति पक्षपात का आरोप लगाया, साथ ही उन्होंने इस ओर इशारा किया कि ईवीएम बनाने वाली कंपनियां भी मशीनों की ‘छेड़छाड़’ में शामिल हो सकती हैं.ईवीएम की विश्वसनीयता पर अपनी आवाज बुलंद करने वाले आम आदमी पार्टी के नेता केजरीवाल ने कहा कि जब तक लोग ‘ईवीएम पर बीजेपी के नियंत्रण’ के खिलाफ उठ खड़े नहीं होते, लोकतंत्र को बचाया नहीं जा सकता.
केजरीवाल ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, “ईवीएम से छेड़छाड़ करने के कई तरीके हैं. मैं आईआईटी से इंजीनियर हूं, मैं आपको 10 तरीके बता सकता हूं कि कैसे ईवीएम से छेड़छाड़ कर सकते हैं. निर्वाचन आयोग इसे जानबूझकर कर रहा है, वे आरोपों से क्यों पल्ला झाड़ रहे हैं. निर्वाचन आयोग बीजेपी को जीत दिलाने के सभी प्रयास कर रहा है.”
केजरीवाल ने कहा, “दो अलग-अलग कंपनियों द्वारा बनाई गई चिप्स को एक बग या ट्रोजन हार्स (एक वायरस/यह एक कंप्यूटर को हैक करने वाले मैलेशियस कंप्यूटर प्रोगाम के इस्तेमाल से) के जरिए चिप्स में डाला जा सकता है.” उन्होंने यह भी कहा कि सूचना का अधिकार के तहत एक जवाब में निर्वाचन आयोग ने कहा है कि उसके पास यह क्षमता नहीं है कि वह ईवीएम की चिप में पड़े कोड को पढ़ सके. निर्वाचन आयोग की तुलना महाभारत के धृतराष्ट्र से करते हुए केजरीवाल ने आयोग को ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोपों पर अपने निष्कर्ष को सार्वजनिक करने की चुनौती दी. उन्होंने कहा, “देश में जहां कहीं भी ईवीएम में खराबी आती है, केवल एक ही दिक्कत पेश आती है-आप चाहे जो बटन दबाओ वोट बीजेपी को ही जाएगा. और हर बार आयोग यही कहता है कि ईवीएम के साथ कोई दिक्कत नहीं है.” केजरीवाल ने कहा, “आयोग हर चीज को छिपाने में क्यों लगा है. अगर आयोग ने कोई तकनीकी जांच कराई होती और उसके निष्कर्ष सार्वजनिक किए होते, तो लोगों का उस पर विश्वास बहाल हो जाता.” केजरीवाल ने कहा, “इस बात के ठोस सबूत हैं कि कैसे ईवीएम सिर्फ बीजेपी के लिए वोट करते हैं, इस वजह से हम मामले को उठा रहे हैं.” केजरीवाल ने कहा, “अब मैं देख रहा हूं कि किस प्रकार के ईवीएम वे इस्तेमाल कर रहे हैं…वे कबाड़खाने से ईवीएम को वापस ला रहे हैं. इससे पहले ईसी ने कहा कि वे 2006 से पहले के ईवीएम स्वीकार नहीं करेंगे और अब वे इन्हीं मशीनों को चुनावों में लाने जा रहे हैं.”
केजरीवाल ने कहा कि यदि ईवीएम को दुरुस्त नहीं किया गया, तो ‘हमारा लोकतंत्र नहीं बच पाएगा.’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह ईसी के ईवीएम हैक करने की खुली चुनौती को स्वीकारेंगे? केजरीवाल ने कहा, “आप इंतजार कीजिए और देखिए. अगले 10 दिनों में क्या होता है.” विपक्षी पार्टियां पांच राज्यों के विधानसभा के 11 मार्च के नतीजे के बाद से ईवीएम की प्रमाणिकता को लेकर सवाल उठा रही हैं.
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Himalaya Gaurav Uttrakhand (www.himalayauk.org) Leading Digital Newsportal & Daily Newspaper; publish at Dehradun & Haridwar. Mail; csjoshi_editor@yahoo.in Mob. 9412932030