पॉलिथीन मुक्त महाकुंभ का शंखनाद के साथउद्घोष & कुम्भ में आने वाले संतो ने गनर मांगे
हरिद्वार: हरिद्वार कुंभ से पहले संतों को भी असुरक्षा महसूस हो रही हो रही है. शायद इसी वजह से संत अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस में गनर की डिमांड कर रहे हैं. तकरीबन दर्जन भर संतों ने मेला पुलिस में सुरक्षा के लिए गनर के लिए आवेदन किये हैं. जबकि, कुंभ में मेला पुलिस द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं.
आपने सुरक्षा गार्डों के साथ अधिकांश नेताओं को चलते देखा होगा, लेकिन हरिद्वार कुंभ से पहले संत भी सुरक्षा गार्ड की डिमांड कर रहे हैं. कुंभ में भीड़ भी खूब होगी, इस लिहाज से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. बावजूद इसके संतो को भी अपनी सुरक्षा का खतरा नजर आने लगा है, इसलिए कई संतों ने मेला पुलिस में गनर के लिए आवेदन किए हैं, जबकि मेला पुलिस ने कुंभ के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स को तैनात किया है
. इतना ही नहीं सरकार ने फरवरी 2020 में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और महामंत्री को कुंभ के दौरान वाई श्रेणी की सुरक्षा दी है और सभी 13 अखाड़ों के 26 प्रतिनिधियों को अपने खर्चे पर गनर देने का भी ऐलान किया है, और जब भी यह प्रतिनिधि हरिद्वार पहुंचते हैं तो इन्हें गनर उपलब्ध कराया जाता है. इसके अलावा महंत नरेंद्र गिरि महाराज, महंत हरी गिरी महाराज, जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी, निरंजनी अखाड़े के सचिव रविंद्रपुरी महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्रपुरी को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है. इसके अलावा अब तक तकरीबन दर्जन के करीब संत अपनी सुरक्षा के लिए मेला पुलिस में गनर के लिए आवेदन कर चुके हैं.
हरिद्वार में इस बार कुंभ सिर्फ एक महीने तक चलेगा. वीवीआइपी से लेकर तमाम लोग कुंभ में स्नान करने आएंगे, जिनके पास अपनी तो सुरक्षा होगी, साथ ही मेला पुलिस भी उन्हें सुरक्षा मुहैया कराएगा. लेकिन मेला पुलिस के सामने दूसरे संतों को भी सुरक्षा देने की चुनौती खड़ी हो गई है, जबकि कुछ संत ऐसे हैं जो सुरक्षा गार्ड को लेना सही नहीं मानते. उनका कहना है कि साधु संतों को सुरक्षा गार्डों की क्या जरूरत है, क्योंकि वह तो मोह माया छोड़ कर अकेले जीवन जीते हैं, लेकिन अब कुछ संत ऐसे हो गए हैं, जिनकी करोड़ों की संपत्ति है, उन्हें इसकी जरूरत पड़ जाती है.
कुंभ में सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की जा रही है. चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा रहेगा. ऐसे में साधु संतों द्वारा भी सुरक्षा गार्डों के आवेदन करने पर सवाल खड़े होते हैं. हालांकि, ये उनकी निजी सुरक्षा का मामला है फिर भी पुलिस प्रशासन के सामने कुंभ के दौरान हर किसी संत को सुरक्षा मुहैया कराना बड़ी चुनौती है
वही हरिद्वार से विकास झा वरिष्ठ पत्रकार की रिपोर्ट के अनुसार
हरिद्वार । पर्यावरण संरक्षण समिति महाकुंभ 2021 के संयोजक प्राचीन अवधूत मंडल पीठाधीश्वर महंत रूपेन्द्र प्रकाश महाराज ने कहा कि दिनांक 24 फरवरी, दिन बुधवार को दोपहर 3 बजे हर की पैड़ी पर बड़ी संख्या में साधु संत इकट्ठा होंगे और पॉलिथीन मुक्त महाकुंभ का शंखनाद के साथउद्घोष करेंगे। उन्होंने बताया कि इस मौके पर साधु समाज के लोग अपने हाथ में गंगाजल लेकर प्रतिज्ञा करेंगे कि वे पॉलिथीन का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करेंगे और कुंभ में आने वाले अपने भक्तों से भी पॉलिथीन का प्रयोग नहीं करने की अपील करेंगे।
महंत रूपेंद्र प्रकाश ने बताया कि इस बार कुंभ को हम पॉलिथीन मुक्त और पर्यावरण युक्त कुंभ मनाएंगे, सारे साधु संत अपने भक्तों को कहेंगे कि कुंभ में आएंगे तो अपना थैला अपने साथ लेकर आए और जहां पर भी पॉलिथीन दिखती है उसको उठाएंगे और पानी की बोतल में भरकर इको ब्रिक बनाएंगे, जिसको हरिद्वार में नजदीकी सेंटर पर देंगे या अपने साथ घर ले जाएंगे, इसमें 30 से 40 महिलाएं पॉलीथिन कवर ला कर देगी, जिसे साधु संत प्लास्टिक की बोतल में डालेंगे और पॉलिथीन युक्त जिनको बोतल में बंद करेंगे,उन्होंने कहाँ की हर की पैड़ी से यह संदेश संपूर्ण विश्व में जाएगा कि सभी साधु संतों कुम्भ मेले में पवित्र हर की पौड़ी से पॉलिथीन मुक्त और पर्यावरण युक्त कुंभ बनाने का संकल्प लिया है, अपने भक्तों को भी यह संकल्प दिलाया है। हरिद्वार के सभी पूज्य संत श्री महंत महामंडलेश्वर एवं सभी अखाड़ों के आशीर्वाद और सहयोग से महाकुंभ 2021 पर्यावरण युक्त और पॉलिथीन मुक्त होगा जिसमें हरिद्वार के सभी धार्मिक सामाजिक मीडिया एवं प्रशासन सहित सभी संस्थाओं का सहयोग अपेक्षित है पूज्य संतों के दिशा निर्देश में ही यह शंखनाद पूरे विश्व को पॉलिथीन मुक्त करने का संकल्प साकार होगा
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