मध्यप्रदेश में 24 जून से प्रवीण तोगड़िया का किसान आंदोलन
रतलाम: मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन में सभी सियासी रंग देखने को मिल रहे हैं. विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया इंदौर आए जहां पर उन्होंने प्रेस से चर्चा करते हुए कहा कि आने वाले समय में वह हिंदुत्व मुद्दे के साथ-साथ किसानों के लिए भी लड़ेंगे और किसानों को उनका अधिकार दिलाएंगे.
प्रवीण तोगड़िया को पहले राम मंदिर के लिए और हिंदुत्व के मुद्दे के लिए जाना जाता था. लेकिन अब तोगड़िया किसानों के लिए भी आंदोलन शुरु करने वाले हैं जिसकी शुरुआत वह 24 जून से करेंगे.
देश में किसान अपनी मांगों को लेकर दस दिन का आंदोलन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ उनकी फसल का नुकसान खुलेआम हो रहा है. मध्य प्रदेश के दमोह में गुरुवार को हुई बारिश में सरकार ने चना की समर्थन मूल्य पर खरीदी करने के लिए जो केंद्र खोले है उनमें रखा किसानो का हजारों क्विंटल चना बर्बाद हो गया है. जिला मुख्यालय सहित हटा बटियागढ़ पथरिया और जबेरा इलाके में अचानक तेज आंधी के साथ बारिश हुई में खरीदी केंद्रों पर रखा चना पानी की भेंट चढ़ गया. बारिश के पानी में बोरियों में रखा चना भीगा तो अब इस लायक भी नहीं बचा की किसान उसे सुखाकर बेच सकें. वहीं एजेंसी ANI पर बात करते हुए अधिकारियों का कहना है कि ज्यादा नुकसाना नहीं हुआ है. लेकिन सामने आईं तस्वीरें कुछ और ही कहानी बयां कर रही हैं. दरअसल इन हालातों के लिए मंडियों सहित दूसरे खरीदी केंद्रों में फसलों को सहजने के इंतजाम की कमी सामने आई है. मंडियों में बड़े पैमाने पर किसान अपना चना लेकर कई दिनों से इस बात का इंतज़ार कर रहे है कि उनकी फसल की तुलाई होगी लेकिन पांच दिनों से डेरा डाले किसानों के हाथ कुछ भी नहीं लगा. किसानों का आरोप है कि चार तारीख से लगातार वो बारदाना की मांग कर रहे है लेकिन दलालों के कब्जे में होने के कारण अनाज माफियाओं को तो बोरियां मिल रही है पर किसानो को नहीं. इंतजार के बाद बारिश ने भी किसानों की सारी मेहनत पर पानी फेर दिया है. इन केंद्रों में थोड़ा बहुत नहीं बल्कि तकरीबन पांच से सात लाख क्विंटल तक चना खुले आसमान के नीचे रखा है. अकेले हटा कृषि उपज मंडी में एक लाख क्विंटल से ज्यादा चना खुले में रखा है और इस पूरे चने पर पानी का प्रहार हुआ है. ———–-हिमालयायूके न्यूज पोर्टल
प्रवीण तोगड़िया ने बताया कि पूरे भारत में किसानों की हालत बहुत खराब हो चुकी है और इसका कारण सिर्फ और सिर्फ सरकार की नीतियां हैं. किसान को उसकी लागत से बढ़कर मुनाफा नहीं मिल पा रहा. फसल बीमा योजना का लाभ भी किसानों को नहीं मिला. प्राइवेट कंपनी फसल बीमा योजना के नाम पर किसानों का पैसा लूट रही है, जिसके लिए वह अब आवाज उठाएंगे. प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि उनके साथ पूरे देश के किसान खड़े हैं. तोगड़िया ने आगे कहा कि किसान के ऊपर 12 लाख करोड़ का कर्ज है. देश का किसान अन्न उगाता है लेकिन वह दुखी है जिस कारण भारत खुश कैसे रह सकता है. सरकार के पास माल्या को पैसे देने का टाइम है लेकिन किसान के लिए कोई टाइम नहीं. तोगड़िया ने कहा कि आने वाले समय में वह हिंदुत्व के साथ ही किसानों की योजनाओं का लाभ उन तक पहुंचाने के लिए लड़ेंगे. तोगड़िया ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के RSS के सम्मेलन में जाने पर कहा कि प्रणब मुखर्जी का भाषण गांधी और नेहरू की विचारधारा वाला था. तोगड़िया ने कहा कि किसान को बिजली का खंभा लगाने के लिए भी हजारों रुपये की राशि सरकार को देनी पड़ती. यहां के मुख्यमंत्री तो स्वयं किसान के लड़के है. उन्हें इसकी जानकारी होनी चाहिए इतना पैसा कहां से कोई लाकर देगा. किसान को फायदा नहीं पहुंच रहा है जिस कारण किसान परेशान है. प्रवीण तोगड़िया इंदौर से मंदसौर गए जहां पर वह भारतीय मजदूर किसान संघ के प्रोग्राम में गोलीकांड में मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देंगे.
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