उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रपति के लिए नया नाम सुझाया
”उल्टा बीजेपी के नेता कांग्रेस से उम्मीदवार का नाम पूछ रहे: कांग्रेस #केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और एम. वेंकैया नायडू आज राष्ट्रपति चुनाव पर चर्चा के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिले। हालांकि बैठक जल्द ही खत्म हो गई। नायडू और राजनाथ ने सोनिया गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की, हालांकि मीटिंग आधे घंटे तक भी नहीं चली।
भाजपा नेताओं से सोनिया की मीटिंग के बाद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि भाजपा नेताओं ने सोनिया के समक्ष राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए कोई नाम नहीं रखा बल्कि हमसे नाम के बारे में पूछते रहे। www.himalayauk.org
राष्ट्रपति चुनाव के लिए बीजेपी सभी दलों की आम सहमति से उम्मीदवार चुनना चाहती है. इसे लेकर राजनीतिक दलों से चर्चा के लिए बीजेपी ने तीन सदस्यों की एक कमेटी गठित की है. बीजेपी की इस कमेटी ने आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. सोनिया से गृह मंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री वैंकया नायडू ने मुलाकात की है. इस मुलाकात के बाद कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी के पास राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए कोई नाम नहीं है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने मीडिया को बताया, ”सोनिया से बीजेपी के नेताओं ने मुलाकात की है. लेकिन इस बैठक में बीजेपी की ओर से कोई ऐसा नाम नहीं बताया जा सका जिस पर आम सहमति बन सके.” आजाद ने कहा, ”उल्टा बीजेपी के नेता कांग्रेस से उम्मीदवार का नाम पूछ रही थी.”
शिवसेना नेता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि यदि राष्ट्रपति उम्मीदवार पर बीजेपी मोहन भागवत के नाम पर सहमत नहीं है तो वह एमएस स्वामीनाथन के नाम पर विचार कर सकती है. उद्धव ठाकरे ने भागवत के साथ ही स्वामीनाथन का नाम बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को भेजा है.
उद्धव ठाकरे लगातार कहते आ रहे हैं कि बीजेपी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए. शिवसेना का कहना है कि हिंदू राष्ट्र के सपने के लिए संघ प्रमुख का राष्ट्रपति बनना जरूरी है. अब शिवसेना ने स्वामीनाथन का नाम आगे किया है.
एमएस स्वामीनाथ का जन्म 7 अगस्त 1925 को तमिलनाडू में हुआ था. वह जेनेटिक वैज्ञानिक हैं और हरित क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए जाने जाते हैं. साल 1966 में उन्होंने मैक्सिकों के बीजों को पंजाब की घरेलू किस्मों के साथ मिलाकर उच्च उत्पादकता वाले गेंहूं के संकर बीज विकसित कए थे.
स्वामीनाथन की तरफ से शुरू की गई सदाबहार क्रांति ने उन्हें विश्व नेता का दर्जा दिलाया. विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में उनके काम को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें 1967 में पद्मश्री, 1972 में पद्मभूषण और 1989 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया.
साल 2004 में केंद्र सरकार ने स्वामीनाथन की अध्यक्षता में नेशनल कमीशन ऑन फॉर्मर्स का गठन किया. इसे स्वामीनाथन आयोग के नाम से जाना जाता है. हालांकि, 4 अक्टूबर 2006 को रिपोर्ट सौंपने के बाद भी अब तक इसकी सिफारिशें लागू नहीं की गई हैं.
राष्ट्रपति चुनाव की बढ़ती सुगबुगाहट के बीच बीजेपी अध्यतक्ष अमित शाह द्वारा नियुक्त, तीन सदस्यी2य टीम के राजनाथ सिंह और वेंकैया नायडू ने कांग्रेस अध्य क्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की है. मीटिंग के बाद कांग्रेस ने कहा कि सरकार की तरफ से कोई नाम पेश नहीं किया गया. इसलिए जब तक सरकार की तरफ से नाम नहीं आएगा तब तक आम राय कैसे बनेगी. कांग्रेस ने कहा कि हमसे ही उम्मी दवार का नाम मांगा गया. मीटिंग में सोनिया गांधी के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठस नेता गुलाम नबी आजाद और मल्लिकार्जुन खड़गे भी मौजूद थे. इस मुलाकात के बाद बीजेपी नेताओं के शुक्रवार दोपहर सवा तीन बजे माकपा नेता सीताराम येचुरी से मिलने की संभावना है.
कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि वह आम सहमति वाले राष्ट्रपति उम्मीदवार को प्राथमिकता देगी और बेहतर होगा कि सरकार भी इसे समझ ले. कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा, कांग्रेस पार्टी ने प्रत्येक महत्वपूर्ण निर्णय पर आम सहमति कायम करने का प्रयास किया है. किंतु राष्ट्रपति चुनाव को लेकर तस्वीर अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि सरकार इस मुद्दे पर सर्वसम्मति की आवश्यकता को समझे. बेहतर हो कि आम सहमति बने. किन्तु अभी मैं कुछ नहीं कह सकता.
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रणब मुखर्जी के उत्तराधिकारी को लेकर कोई सहमति बनने के आसार हैं, शर्मा ने कहा, मैं नहीं कह सकता कि सरकार क्या सोच रही है किन्तु मैं उनकी मानसिकता समझ रहा हूं जो देश के खिलाफ है. सरकार क्या सोच रही है, मेरे लिए यह बता पाना मुश्किल है.
दरअसल विपक्ष की तरफ से आम सहमति वाला उम्मीलदवार बनाए जाने की मांग हो रही है. विपक्ष की तरफ से इस काम की सारी जिम्मेदारी कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी के कंधों पर डाली जा चुकी है. उसी सिलसिले में बीजेपी के नेताओं ने कांग्रेस अध्यकक्ष से मुलाकात की. अब सवाल उठता है कि सत्ताधारी दल के पास ऐसा कौन नेता है जिसके नाम पर विपक्ष को तोड़कर समर्थन जुटाया जा सकता है.
सरकार की तरफ से सूत्रों के मुताबिक इस पद के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ सामाजिक न्याय मंत्री थावर चंद गहलौत, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू के नाम प्रमुख हैं. हालांकि अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही करना है. इस पर लालू प्रसाद यादव टिप्पणी भी कर चुके हैं कि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का नाम प्रधानमंत्री के पेट में है, बाकी सब आंख में धूल झोंकने जैसा है.
बीजेपी द्वारा राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का नाम बीजेपी कोर ग्रुप और प्रधानमंत्री की बैठक के बाद ही तय किया जाएगा. हालांकि सत्तारूढ़ एनडीए ने नए राष्ट्रपति पद के लिए प्रत्याशी के नाम का ऐलान 23 जून को करने की बात कही है. विपक्ष ने शुरू में आरोप लगाया था कि सरकार इस मुद्दे पर आम सहमति के लिए कदम नहीं उठा रही है.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के द्वारा गठित राजनाथ सिंह, अरुण जेटली और वेंकैया नायडू की इस कोर कमेटी में अलग-अलग दलों की सहमति जुटाने की जिम्मेदारी दी गई है. वेंकैया नायडू को दक्षिण भारत के दलों, वित्त मंत्री पर समाजवादी पार्टियों और राजनाथ सिंह पर शिवसेना, टीएमसी, उत्तरपूर्व के दलों से बात करने की जिम्मेदारी दी गई है. वेंकैया नायडू छह पार्टियों से बात कर चुके हैं.
टीडीपी प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू पहले ही कह चुके हैं कि वे प्रधानमंत्री के निर्णय के साथ हैं. हालांकि विपक्ष पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वह गैर संघी पृष्टभूमि और संविधान का सम्मान करने वाले उम्मीदवार का समर्थन करेगा. विपक्षी दलों का कहना है कि उम्मीदवार ऐसा होना चाहिए जिसके आदेश का सम्मान हो, आखिरकार राष्ट्रपति तीनों सेनाओं का प्रमुख भी तो होता है.
राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली और केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू को कमेटी में नियुक्त किया था, जिससे कि राष्ट्रपति चुनाव में सर्वसम्मत उम्मीदवार चुनने के लिए विपक्षी दलों से बात की जा सके.
कमेटी ने अभी तक कांग्रेस, बीएसपी, एनसीपी, टीडीपी, सीपीआई (एम) और एआईएनसी (एनआर) से संपर्क किया है. औपचारिक रूप से बातचीत शुक्रवार को शुरू होगी जब वेंकैया नायडू और राजनाथ सिंह कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और सीपीआई (एम) महासचिव सीताराम येचुरी से मिलेंगे.
राष्ट्रपति चुनाव: नायडू ने की शरद पवार और टीडीपी प्रमुख से बात
केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने गुरुवार को विपक्ष के नेता और एनसीपी प्रमुख शरद पवार और एनडीए के घटक टीडीपी प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू से राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बातचीत की. चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि वह राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्णय का समर्थन करेंगे. वहीं पवार ने कोई आश्वासन नहीं दिया और कहा कि वह कुछ दिनों में राजधानी आयेंगे और इस बारें में और बातचीत करेंगे.
दरअसल कांग्रेस, लेफ्ट, एनसीपी सहित नौ विपक्षी दलों के एक समूह यह कह चुका है कि वह अपना रूख तभी स्पष्ट करेंगे जब बीजेपी नीत एनडीए राष्ट्रपति उम्मीदवार का खुलासा कर देगा. इस समूह में एसपी, बीएसपी, जेडीयू और आरजेडी शामिल हैं.
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